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गुरुवार, 26 जून 2025

उपायुक्त की अध्यक्षता में NCORD समिति की बैठक सम्पन्न...

"नशा मुक्त समाज की दिशा में प्रशासनिक प्रतिबद्धता स्पष्ट" – उपायुक्त, सरायकेला-खरसावां

समाहरणालय स्थित सभागार में जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में NCORD (Narco Coordination Centre) समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लूणायत, उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हसदा, अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार सहित विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक के आरंभ में 10 से 26 जून तक चल रहे राज्यव्यापी “नशा मुक्त झारखंड अभियान” के समापन के अवसर पर उपायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मियों को मादक पदार्थों के दुरुपयोग से स्वयं को दूर रखने तथा समाज को जागरूक करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि नशे के विरुद्ध जन-जागरूकता, सक्रिय रणनीति और कड़ी कार्रवाई, तीनों स्तरों पर ठोस पहल अनिवार्य है।

उपायुक्त ने जिले के कुछ क्षेत्रों में अवैध अफीम की खेती एवं नशा कारोबार पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को संगठित रणनीति और समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

*बैठक में उपायुक्त द्वारा विभिन्न बिन्दुओ पर विस्तृत चर्चा कर निम्नलिखित निर्देश दिए गए 👇🏼*

🔸 अवैध अफीम की खेती वाले क्षेत्रों की सटीक पहचान कर तत्काल एकीकृत कार्य योजना बनाई जाए।

🔸 संलिप्त किसानों को वैकल्पिक कृषि के लिए बीज, उपकरण व सहायता उपलब्ध कराते हुए उन्हें बरसा हरित ग्राम योजना, पशुपालन, KCC जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए ताकि नशा नहीं, नवविकास हो।

🔸 इन संवेदनशील क्षेत्रों में एलईडी प्रचार वाहन, पोस्टर, रैलियों और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से यह संदेश दिया जाए कि मादक पदार्थों का सेवन एवं उसका उत्पादन एक गंभीर दंडनीय अपराध है।

🔸 युवाओं को लक्षित कर विद्यालयों व महाविद्यालयों में विशेष कार्यक्रम – जैसे निबंध प्रतियोगिता, स्लोगन लेखन, जागरूकता गोष्ठी – आयोजित किए जाएं ताकि वे नशा से दूर स्वस्थ जीवन अपनाएं।

बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लूणायत ने कहा कि आदित्यपुर, गम्हरिया एवं कपाली क्षेत्रों में अफीम की खरीद-बिक्री और सेवन से जुड़ी लगातार सूचनाएं मिल रही हैं। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु सूचना तंत्र को मज़बूत कर संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने सभी बीडीओ, सीओ एवं थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे प्रभावित गांवों में नियमित रूप से भ्रमण कर स्थानीय जनों से संवाद स्थापित करें, उन्हें प्रेरित करें तथा योजनाओं का लाभ दिलाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ें।

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