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Saubhagya Bharat News

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शनिवार, 28 जून 2025

बोकारो के प्रवासी मजदूर की गुजरात में मौत, शव लाने के लिए ग्रामीणों ने श्रमदान कर बनायी सड़क

बोकारो :बोकारो के गोमिया प्रखंड के चुटे पंचायत में शुक्रवार को एक प्रवासी मजदूर का शव घर पहुंचा. इससे गांव में मातम पसर गया. मृतक गुजरात की एक कंपनी में काम करता था. महज 3 दिन के अंतराल पर दो प्रवासी मजदूरों का शव चुटे पंचायत पहुंचा है. इससे पूर्व कनार्टक से एक प्रवासी मजदूर का शव यहां पहुंचा था.

बोकारो के एक प्रवासी मजदूर की गुजरात में मौत हो गयी थी. मृतक के घर तक सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस से उसका शव घर तक नहीं आ पा रहा था. ऐसे में ग्रामीणों ने श्रमदान कर सड़क बनाई, जिसके बाद एंबुलेंस से प्रवासी मजदूर का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा. हालांकि, यह चुटे पंचायत में प्रवासी मजदूर का शव पहुंचने का दूसरा मामला है.

गुजरात में हुई मौत

जानकारी के अनुसार, बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत चुटे पंचायत के जमुवा बेड़ा गांव के रहने वाले प्रवासी मजदूर करमा बासके का 35 साल की उम्र में निधन हो गया. दो दिन पहले गुजरात में एक नदी में नहाते वक्त बासके की मौत हो गयी. मृतक गुजरात की एक कंपनी में मजदूरी का काम करता था. शुक्रवार को सुबह करीब 10:00 बजे करमा बासके का शव गांव के पास तो पहुंचा. लेकिन सड़क नहीं होने की वजह से घर तक नहीं पहुंच सका.

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श्रमदान कर बनायी सड़क

इस पर गांव वालों ने श्रमदान कर सड़क बनवाई और एंबुलेंस को मृतक बासके के आवास तक ले जाया गया. मृतक का शव घर पहुंचते ही परिवार और गांव में मातम पसर गया. परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. प्रवासी मजदूर के साथ इस प्रकार की घटना होने से इलाके के लोगों में काफी. लोगों का कहना है की उनके इलाके में अगर रोजगार मिलता, तो इस तरह विभिन्न प्रदेशों में प्रवासी मजदूरों की मौत नहीं होती.

कंपनी ने अंतिम संस्कार के लिए दिये 50 हजार

वहीं, बासके का शव आने की सूचना मिलने पर पंचायत के मुखिया मोहम्मद रियाज ,पंचायत समिति सदस्य अजय रविदास एवं बाबू चंदू आदि ग्रामीण पहुंचे. इन्होंने शोकाकुल परिवार से मिलकर उन्हें धैर्य और ढाढस बंधाया. मुखिया रियाज ने कहा की शव लेकर आए एंबुलेंस के चालक ने बताया की कंपनी के द्वारा मृतक का संस्कार के लिए 50 हजार रुपये कैश दिये गये हैं.

इंश्योरेंस का मिलेगा लाभ

इधर, करमा बासके जिस कंपनी में काम करता था, उसके अधिकारियों ने बताया कि मृतक को श्रम विभाग के कानून के तहत किए गए इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा. जबकि, झारखंड में मिलने वाला लाभ परिवार के सदस्यों को मिलेगा. मालूम हो कि दो दिन पहले भी चुटे पंचायत में कर्नाटक से एक प्रवासी मजदूर का शव आया था.








शनिवार, 19 अक्टूबर 2024

बीएसएल में 29 अक्तूबर को नहीं होगी हड़ताल, जिला प्रशासन ने लगायी रोक

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ ने दिया था हड़ताल का नोटिस, कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा : अध्यक्ष
बोकारो, बीएसएल प्रबंधन ने अपने सारी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हड़ताल पर रोक लगा दी है. हम अंत तक लड़े. अब चूंकि जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है, तो हड़ताल नहीं की जायेगी. शुक्रवार की रात लगभग आठ बजे बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ (बीएकेएस) अध्यक्ष हरिओम ने इन्हीं शब्दों के साथ हड़ताल वापस लेने की घोषणा की. अब बीएसएल में 19 अक्तूबर को हड़ताल नहीं होगी. कारण, प्रशासन ने हड़ताल पर रोक लगा दी है. 

बोनस, एरियर सहित अन्य मांग को लेकर हड़ताल आहूत थी. बीएकेएस ने हड़ताल का नोटिस दिया था. झारखंड में आचार संहिता लागू होने की वजह से हड़ताल पर रोक लगा दी गयी है. हरिओम ने कहा कि कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा. आचार संहिता हटने के बाद आंदोलन जारी रहेगा. इससे पहले हड़ताल को लेकर त्रिपक्षीय वार्ता असफल रही. हरिओम ने कहा कि सेल प्रबंधन द्वारा बोनस, वेज रीविजन, एरियर, कर्मचारियों के ट्रांसफर व यूनियन चुनाव पर मनमाना रवैया अपनाने पर बीएसएल कर्मी काफी आक्रोशित हैं. हरिओम ने कहा कि कर्मियों ने खुद का यूनियन बना कर अलग-अलग मुद्दों पर 200 से अधिक पत्र प्रधानमंत्री, इस्पात मंत्री, श्रम मंत्री को लिखा. कहीं से भी न्याय नहीं

 मिलने पर अंत में हड़ताल करने का निर्णय लिया. वार्ता में सेल प्रबंधन की तरफ से सीजीएम हरिमोहन झा, जीएम प्रभाकर व आरिफ हुसैन शामिल थे. वहीं, यूनियन के तरफ से अध्यक्ष हरिओम, महासचिव दिलीप कुमार अन्य लोग थे. मीटिंग विफल होने के बाद यूनियन पदाधिकारी को अचानक प्रशासन की ओर से सूचित किया गया कि आप हड़ताल नहीं कर सक हैं. आचार संहिता लागू