जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के मानविकी संकाय द्वारा 25/09/2024 को हिंदी दिवस सह दिनकर जयंती का आयोजन माननीय कुलपति महोदया प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता की अध्यक्षता में सिदगोड़ा कैंपस के सुवर्णरेखा सभागार में आयोजित किया गया। दीप प्रज्वलन द्वारा कार्यक्रम की शुभारंभ हुआ।
मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ सुधीर कुमार साहु ने अपने स्वागत संबोधन में कवि दिनकर के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला साथ ही मुख्य वक्ता डॉ. विजय शर्मा के साहित्य, फिल्म और अनुवाद आदि कई क्षेत्रों में सक्रिय योगदान को रेखांकित भी किया । माननीय कुलपति प्रो. डॉ. अंजिला गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में हिंदी की महत्ता , उससे जुड़े विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय अवसरों की भी जानकारी छात्राओं को दी, साथ ही हिंदी साहित्य के प्रति अपने विशेष अनुराग को भी बताया और दिनकर के साहित्यिक व सांस्कृतिक योगदान को भी रेखांकित किया ।
इस दौरान हिंदी विभाग की छात्राओं द्वारा कई प्रस्तुतियां दी गई जिनमें स्नातकोत्तर तृतीय सत्र की छात्रा काजल सिंह कुंटिया के द्वारा दिनकर की ओजपूर्ण कविता कलम या कि तलवार का पाठ किया गया तत्पश्चात रश्मिरथी के तृतीय सर्ग का ओजपूर्ण पाठ स्नातक प्रथम वर्ष की छात्रा वर्षा पति ने किया एवं रश्मिरथी के पंचम सर्ग में निहित कर्ण कुंती संवाद पर आधारित श्रुति नाटक का प्रस्तुतिकरण छात्राओं द्वारा किया गया जिसमें कर्ण की भूमिका स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा मोंद्रिता चटर्जी, कुंती की भूमिका स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा कुमारी निशा एवं सूत्रधार की भूमिका स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा संतोषी नाथ ने निभाई । मुख्य वक्ता के रूप में समालोचक एवं लेखिका डॉ. विजय शर्मा मैम ने अपने वक्तव्य में हिंदी दिवस एवं दिनकर जयंती की शुभकामनाएं देते हुए इस बात को सहर्ष बताया कि हिन्दी का अपना महत्व है इसे भुलाया नहीं जा सकता उन्होंने दिनकर के जन्म तथा संघर्षपूर्ण साहित्यिक यात्रा को बताते हुए उनके ओजपूर्ण व्यक्तित्व की ओर सबका ध्यानाकर्षित किया ।