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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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गुरुवार, 3 जुलाई 2025

मानसून में सांपों से कैसे बचें: जानें जरूरी सावधानियां और उपचार


 मानसून के दौरान तेज बारिश से सांपों के बिलों और छिपने की जगहों में पानी भर जाता है। इस वजह से सांप सूखी और सुरक्षित जगहों की तलाश में बाहर निकलते हैं, और घरों, दुकानों और खेतों में पहुंच जाते हैं। सांपों के घरों में आने की एक बड़ी वजह यह भी है कि बारिश में खुले में शिकार नहीं मिलता, और वे छोटे जीवों जैसे चूहे और कीड़े-मकोड़ों की तलाश में घरों तक पहुंच जाते हैं।

भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल 30-40 लाख लोग सर्पदंश का शिकार होते हैं, जिनमें से 50,000 से ज्यादा लोग जान गंवा देते हैं। यह आंकड़ा दुनिया भर में सर्पदंश से होने वाली मौतों का आधे से ज्यादा है। खासकर मानसून में सांप काटने के मामले बढ़ जाते हैं।

सांपों से बचने के उपाय :

मच्छरदानी का इस्तेमाल करें : अगर आप जमीन पर सोते हैं तो मच्छरदानी का उपयोग करें। इससे सांपों और कीड़ों से सुरक्षा मिलती है।

घर के आसपास सफाई रखें : कचरा, घास, और लकड़ी जमा न होने दें। ये सांपों के छिपने की जगह बन सकते हैं।

लॉन्ग बूट्स पहनें : खेतों या जंगल में जाते समय हमेशा पैरों को ढंककर रखें। लॉन्ग बूट्स पहनने से सांप के काटने से बचा जा सकता है।

सांपों के छिपने वाली जगहों से दूर रहें : झाड़ियों, गड्ढों या लकड़ी के ढेर में हाथ न डालें, क्योंकि ये सांपों के छिपने की जगह हो सकती हैं।

सांप के काटने पर क्या करें : अगर सांप काट ले तो पीड़ित को तुरंत लिटाकर रखें, ताकि जहर शरीर में फैलने से रोका जा सके। अंगूठी, कड़ा, घड़ी जैसी चीजें उतार दें। सांप की प्रजाति का पता नहीं चलने पर इलाज डॉक्टर द्वारा लक्षणों के आधार पर किया जाएगा।

घर में सांप दिखे तो क्या करें?

घबराए बिना सांप से थोड़ी दूरी बनाएं और उसे डिस्टर्ब न करें।

हल्का सा केरोसिन या फिनाइल छिड़कने से सांप भाग सकते हैं।

सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश न करें, इसे प्रोफेशनल्स पर छोड़ दें।

वाइल्डलाइफ SOS हेल्पलाइन (9917109666) पर कॉल करें।

भारत के सबसे जहरीले सांप :

भारत में चार सांपों को सबसे जहरीला माना जाता है:

कोबरा – न्यूरोटॉक्सिक जहर

रसेल वाइपर – हीमोटॉक्सिक जहर

सॉ-स्केल्ड वाइपर – हीमोटॉक्सिक जहर

करैत – न्यूरोटॉक्सिक जहर

सांप के काटने के लक्षण :

जहरीले सांप के काटने पर आमतौर पर लक्षण दिखने लगते हैं जैसे- दर्द, सूजन, सांस लेने में दिक्कत, या बेहोशी। अगर जल्दी इलाज किया जाए तो जान बचाई जा सकती है।

सांप काटने के मामले में जितनी जल्दी इलाज किया जाए, उतनी ही जल्दी जहर का असर कम होता है।

सांप के जहर का असर :

न्यूरोटॉक्सिक जहर (कोबरा, करैत): सांस लेने में दिक्कत, लंग्स कोलैप्स, पैरालिसिस।

हीमोटॉक्सिक जहर (रसेल वाइपर, सॉ-स्केल्ड वाइपर): सूजन, ब्लड क्लॉटिंग, मांसपेशियों में दर्द।

मानसून में सांपों से बचने के लिए सही जानकारी और सावधानी बरतना बहुत जरूरी है, ताकि हम इस खतरे से सुरक्षित रह सकें।








कंपनी ने तेलंगाना फार्मा प्लांट विस्फोट में 40 मौतों की पुष्टि की, एक-एक करोड़ के मुआवजे का भी एलान

 

हैदराबाद : तेलंगाना के पशम्यलारम में फार्मा प्लांट में हुए विस्फोट में सिगाची इंडस्ट्रीज ने 40 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है। कंपनी ने मृतकों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने का एलान किया है।

कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम दुख के साथ तेलंगाना कारखाने में हुई दुर्घटना की जानकारी साझा कर रहे हैं। इस हादसे में हमारी टीम के 40 सदस्यों की मौत हो गई और 33 से अधिक लोग घायल हो गए।

कंपनी ने कहा कि दुर्घटना के बाद से ही हम आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवार सहायता का समन्वय कर रहे हैं। इसके अलावा जांच और अनुपालन प्रयासों में सहयोग दे रहे हैं। सिगाची इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मृतकों के परिवारों को एक करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि घायलों को पूर्ण चिकित्सा और पुनर्वास सहायता मिलेगी। कंपनी ने कहा कि यह दुर्घटना प्लांट में रिएक्टर विस्फोट के कारण नहीं हुई। हम इसकी जांच के बाद सही जानकारी देंगे। तब तक प्लांट में 90 दिनों के लिए परिचालन अस्थायी रूप से निलंबित रहेगा।








30 लाख रुपये भरा टैक्स फिर भी छूट गई जॉब, अब डिप्रेशन में जी रहा जिंदगी, भावुक कर देगी NIT टॉपर की कहानी

नयी दिल्ली :सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर वेंकटेश अल्ला नाम के एक यूजर द्वारा की गई एक पोस्ट ने भारत में नौकरी की सुरक्षा को लेकर बड़ी चर्चा शुरू कर दी है। इस पोस्ट में एक पढ़े-लिखे, अच्छी सैलरी वाले और टैक्स देने वाले पेशेवर ‘मिस्टर सलीम’ की कहानी शेयर की गई है, जिन्होंने हाल ही में अपनी नौकरी खो दी।

सलीम, जो NIT के होनहार स्टूडेंट रह चुके हैं, बेंगलुरु में वार्षिक 43.5 लाख रुपये कमा रहे थे। अल्ला के मुताबिक, उन्हें पिछले महीने नौकरी से निकाला गया और 3 महीने का सेवरेंस पैकेज दिया गया। अच्छी पढ़ाई और टेक सेक्टर में मजबूत करियर के बावजूद, नौकरी जाने के बाद उन्हें कोई ठोस सहायता नहीं मिली।

यह कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और इससे नौकरी की सुरक्षा, बेरोजगारी में सहयोग और भारत में पेशेवरों की असुरक्षा को लेकर गहन चर्चा छिड़ गई है।

30 लाख रुपये से ज्यादा भरा टैक्स

अल्ला के मुताबिक, पिछले साल ही सलीम ने 11.22 लाख रुपए का इनकम टैक्स भरा था और 5 सालों में कुल मिलाकर 30 लाख रुपए से अधिक का टैक्स भुगतान किया था। इसके बावजूद, अल्ला ने कहा कि सलीम को “कोई मदद नहीं मिली। कोई नौकरी की सुरक्षा नहीं। उसके योगदान के लिए कोई सम्मान नहीं।”

अल्ला ने भारत में सामाजिक सुरक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की तीखी आलोचना की, खास तौर पर सैलरीड मिडिल क्लास पेशेवरों के लिए जो टैक्स चुकाते हैं।

सेविंग्स पर गुजारा

उन्होंने पोस्ट मे कहा कि सलीम अब अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी बचत का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुक्र है कि उनके पास कोई होम लोन नहीं है।

इसके अलावा अल्लाह ने बताया कि सलीम डिप्रेशन में चले गए हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें "हर तरफ से अकेलापन महसूस हो रहा है।" नौकरी से निकाले जाने के भावनात्मक बोझ और राज्य के समर्थन की कमी ने कथित तौर पर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर डाला है।

“इस देश को बदलने की जरूरत है”

एक्स यूजर ने लिखा, “भारत में वास्तविक टेक्सपेयर्स के साथ यही होता है। आप भुगतान करते हैं। आप अनुपालन करते हैं। आप योगदान करते हैं और जब आप संकट में होते हैं, तो आप अपने दम पर होते हैं।” इसके अलावा, यूजर ने कहा, “इस देश को बदलने की सख्त जरूरत है। क्योंकि अभी, यह उन लोगों को विफल कर रहा है जो इसे आगे बढ़ाते हैं।”








1 से 7 जुलाई तक जन्में बच्चों को यूपी सरकार देगी खास गिफ्ट…



UP : 1 से 7 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश में जन्म लेने वाले नवजात बच्चों को योगी सरकार एक खास तोहफा दे रही है। ऐसा तोहफा जो न सिर्फ जीवन से जुड़ा है, बल्कि प्रकृति और भविष्य से भी। इन बच्चों के परिवारों को मिलेगा “ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट” और उपहार में एक इमारती प्रजाति का पौधा, जैसे सागौन या शीशम। यह पौधा नवजात के साथ बड़े होकर उसकी तरह यश, समृद्धि और छाया देगा। साथ ही परिवार को पौधे की देखभाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा। यह योजना वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त प्रयास से चलाई जा रही है। सरकारी अस्पतालों में जन्म लेने वाले बच्चों की जानकारी वन विभाग को दी जायेगी, जो परिवार को पौधा और सर्टिफिकेट सौंपेगा। वाराणसी, गाजीपुर और जौनपुर जिलों में लाखों पौधे लगाये जायेंगे और ग्राम पंचायत से लेकर शिक्षा, पशुपालन और नगर विकास विभाग तक सभी को पौधारोपण का लक्ष्य दिया गया है। वन विभाग का मानना है जब एक बच्चा जन्म लेता है और एक पेड़ उसके साथ रोपित होता है, तो वह सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि हरित भविष्य की .........








माइक्रोसॉफ्ट में फिर तूफान, एक झटके में 9,100 कर्मचारी बाहर

 

 टेक की दुनिया में फिर छंटनी का साया और इस बार बारी है माइक्रोसॉफ्ट की। कंपनी ने जुलाई की शुरुआत में साफ किया कि वह 9,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है जो पिछले साल के बाद से सबसे बड़ा कट है। इससे पहले मई और जून में भी 6,000 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। यानी तीन महीनों में 15,000 से ज्यादा नौकरियां खत्म। कंपनी का कहना है कि यह कदम कामकाज को असरदार बनाने और लागत में कटौती के लिए उठाया गया है। माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी जुडसन अल्थॉफ ने भी फिलहाल दो महीने की छुट्टी ले ली है। वहीं, सेल्स टीम पर भी छंटनी की तलवार लटक रही है। टेक इंडस्ट्री पहले ही Google, Amazon और Meta जैसी कंपनियों की छंटनी से हिली हुई है। अब माइक्रोसॉफ्ट की यह मार आने वाले महीनों के संकट की दस्तक जैसी लग रही है।








आधी रात गांव में घुसा जंगली हाथी, मौ’त, दहशत…

 

झारखंड : गढ़वा में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते 72 घंटों में तीन लोगों की जान जा चुकी है। ताजा मामला रंका थाना क्षेत्र के नगारी गांव का है, जहां मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात एक बिछड़ा हुआ हाथी गांव में घुस आया। हाथी ने विजय सिंह नाम के ग्रामीण के घर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया, जिससे घर में सो रहे विजय की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और ग्रामीण ढांढस बंधा रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही पंचायत प्रतिनिधि और वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने परिजनों को मुआवजे का आश्वासन दिया है और कहा कि जल्द ही हाथियों से राहत के लिए ठोस कदम उठाए जायेंगे।








झारखंड में इस रोज तक बरसेंगे बदरा…

 

रांची : मानसून की पहली दस्तक के साथ ही झारखंड की धरती पर जैसे बादलों ने डेरा डाल लिया है। झर-झर गिरती बारिश ने जहां किसानों के चेहरों पर मुस्कानें लौटाईं, वहीं आम लोगों की ज़िंदगी में परेशानी की धार बह चली।नदियां उफान पर हैं, डैम के फाटक बार-बार खोलने पड़ रहे हैं। गांवों के रास्ते बह गये हैं, पुलों के ऊपर से पानी बहता जा रहा है। जैसे धरती खुद भीग कर अपने जख्म धो रही हो। कहीं पुलिया टूटी, तो कहीं रास्ते ने दम तोड़ा। हादसे हर रोज की कहानी बन गये हैं।

बादलों की अदालत से आया ‘येलो अलर्ट’

रांची मौसम केंद्र की माने तो 6 जुलाई तक बारिश की यही कहानी जारी रहेगी। येलो अलर्ट जारी हुआ है, मानो बादल भी चेतावनी देकर बरसने निकल पड़े हों। 2 से 6 जुलाई तक पलामू, गढ़वा, चतरा, कोडरमा, लातेहार, हजारीबाग से लेकर दुमका, देवघर, धनबाद, पाकुड़, जामताड़ा और साहिबगंज तक आसमान मेहरबान रहेगा। कभी बिजली की गड़गड़ाहट से, कभी बारिश की बेरुखी से।

कहीं राहत, कहीं आफत

बारिश के आंकड़ों की ज़ुबानी कुछ दिलचस्प किस्से भी सामने आए हैं। इस बार पलामू, जो अक्सर बारिश की बेरुखी से तपता था, वहां की जमीन भीग चुकी है। किसानों की आंखों में उम्मीद के बीज फिर से अंकुरित हो चुके हैं। दूसरी तरफ, देवघर, गोड्डा और पाकुड़ अब भी बूंदों के लिए तरस रहे हैं। वहीं दुमका और जामताड़ा में बादल कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो गये, यहां सामान्य से 50% तक ज़्यादा बारिश दे दी।

सब्ज़ियों का स्वाद अब जेब पर भारी

बारिश ने खेतों को हरा किया, लेकिन सब्ज़ियों की थाली से हरियाली छीन ली। भिंडी, नेनुआ जैसी आम सब्ज़ियां अब 80 से 100 रुपये किलो बिक रही हैं।








उपायुक्त के निर्देश पर खनन विभाग की कार्रवाई, अवैध बालू परिवहन में संलिप्त दो ट्रैक्टर जब्त...


उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह के निदेशानुसार आज दिनांक 03 जुलाई, 2025 को जिला खनन विभाग की टीम द्वारा चौका थाना क्षेत्र अंतर्गत पातकूम रोड में औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया।

इस दौरान खनिज नियमों के उल्लंघन तथा बालू खनिज के अवैध परिवहन में संलिप्त पाए गए दो ट्रैक्टरों को जब्त किया गया। खनन विभाग द्वारा उक्त वाहनों को कब्जे में लेते हुए खनिज अधिनियम के अंतर्गत अग्रेतर कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।

जिला खनन पदाधिकारी श्री ज्योति शंकर सतप्ति  ने बताया कि अवैध खनन एवं खनिजों के अवैध परिवहन के विरुद्ध जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। ऐसे मामलों में दोषियों के विरुद्ध सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।