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बुधवार, 10 दिसंबर 2025

पटना: डीए बढ़ा, नई योजनाओं को मंजूरी… जानें नीतीश कैबिनेट के 19 अहम फैसले

पटना में मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट बैठक कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आई। सरकार ने महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। यह बढ़ी हुई दर 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। अब षष्ठम वेतनमान वाले कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 252 प्रतिशत की जगह 257 प्रतिशत DA मिलेगा, जबकि पंचम वेतनमान वालों का DA 466 प्रतिशत से बढ़कर 474 प्रतिशत हो जाएगा। बढ़ा हुआ DA जल्द जारी होने की उम्मीद है। इससे लाखों परिवारों को सीधा आर्थिक फायदा मिलेगा।


तीन नए विभागों का गठन

अपर मुख्य सचिव अरविंद चौधरी ने बताया कि सरकार ने तीन नए विभाग बनाने की मंजूरी दी है। अब राज्य में कुल 48 विभाग हो जाएंगे।

नए विभाग इस प्रकार हैं:

• युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग

• उच्च शिक्षा विभाग

• सिविल विमानन विभाग


इसके साथ कुछ मौजूदा विभागों के नाम भी बदले गए

• पशु और मत्स्य संसाधन विभाग अब डेयरी मत्स्य और पशु संसाधन विभाग कहलाएगा।

• श्रम संसाधन विभाग अब श्रम संसाधन और प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग बनेगा।

• कला संस्कृति और युवा विभाग का नाम बदलकर कला और संस्कृति विभाग किया गया है।

सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा लाभ

बैठक में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को राहत देते हुए डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।

• षष्ठम वेतनमान वाले कर्मचारियों और पेंशनरों को अब 252 की जगह 257 प्रतिशत डीए मिलेगा।

• पंचम वेतनमान वाले कर्मचारियों को 466 की जगह 474 प्रतिशत डीए मिलेगा।

यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी।


युवाओं के कौशल विकास से जुड़ा एमओयू

कैबिनेट ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ एमओयू की स्वीकृति भी दी है। इसके तहत युवाओं के लिए विद्यार्थी कौशल कार्यक्रम चलाया जाएगा।


नगर निकायों के बिजली बकाया के लिए राशि मंजूर

राज्य के नगर निकायों की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के बकाया भुगतान के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई।


एक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की मंजूरी

राज्य खाद्य निगम के पूर्व जिला प्रबंधक सुधीर कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का फैसला भी कैबिनेट ने लिया।

वन्यजीव संरक्षण और जैविक उद्यान से जुड़े फैसले

• वाल्मीकि व्याघ्र फाउंडेशन और न्यास के लिए 15 करोड़ रुपये की कॉर्प्स फंड राशि स्वीकृत।

• संजय गांधी जैविक उद्यान के लिए एक नई प्रबंधन तथा विकास समिति और इसका निबंधन कराने की मंजूरी।

राज्य में रोजगार और उद्योग को बढ़ावा देने पर जोर

पहले कैबिनेट की बैठक में सरकार एक करोड़ नौकरी देने की दिशा में कई कदमों की स्वीकृति दे चुकी है। बिहार को टेक्नोलॉजी हब बनाने, डिफेंस कॉरिडोर और सेमीकंडक्टर पार्क जैसे बड़े प्रोजेक्टों पर काम के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है।

चीनी मिलों को फिर से शुरू करने का फैसला

बिहार में बंद पड़ी 25 चीनी मिलों को दोबारा खोलने की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। इसके लिए भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है।

न्यू एज इकोनॉमी और सैटलाइट टाउनशिप योजना आगे बढ़ी

राज्य को न्यू एज इकोनॉमी के तहत एक ग्लोबल बैंकिंग और वर्कप्लेस हब बनाने के लिए शीर्ष समिति के गठन पर भी मंजूरी दी गई। इसके साथ राज्य में 11 सैटलाइट टाउनशिप विकसित करने की योजना को भी कैबिनेट ने सहमति दी है।

बिहार सरकार ने बनाए 3 नए विभाग, रोजगार बढ़ाने की बड़ी तैयारी

पटना में मंगलवार शाम हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बिहार सरकार ने तीन नए विभागों के गठन पर मुहर लगा दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में युवाओं को रोजगार देने, पढ़ाई को बेहतर बनाने और विमानन सेवाओं का विस्तार करने पर जोर दिया गया।



कौन से नए विभाग बने

सरकार ने युवा रोजगार और कौशल विकास विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और सिविल विमानन विभाग बनाने का निर्णय लिया। इन विभागों के जरिए युवाओं को कौशल प्रशिक्षण और नौकरी से जुड़े अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही राज्य में एयर कनेक्टिविटी और विमानन सुविधाओं को और मजबूत किया जाएगा।


चुनावी वादे की दिशा में कदम

सरकार का कहना है कि इन नए विभागों का गठन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस वादे का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार दिया जाएगा। नए विभाग इस लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे।


क्यों जरूरी थे ये नए विभाग

अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि अभी 45 विभाग काम कर रहे हैं, लेकिन बढ़ती सरकारी योजनाओं और जिम्मेदारियों को देखते हुए तीन नए विभाग बनाना जरूरी हो गया था। इन विभागों की मदद से काम तेजी से होगा और योजनाओं में प्रभाव बढ़ेगा।


तीन मौजूदा विभागों के नाम भी बदले

कैबिनेट ने कुछ विभागों के नाम भी बदले हैं।


पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कहलाएगा।

श्रम संसाधन विभाग का नाम बदलकर श्रम संसाधन और प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग कराया गया है।

कला, संस्कृति और युवा विभाग का नाम अब कला और संस्कृति विभाग हो गया है।

सरकार का दावा

सरकार का कहना है कि यह प्रशासनिक बदलाव रोजगार, शिक्षा और विमानन सेवाओं के विकास में बड़ी भूमिका निभाएंगे। इससे राज्य में प्रशासन अधिक व्यवस्थित होगा और युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे।

सोमवार, 8 दिसंबर 2025

पटना: मुख्यमंत्री ने डेयरी प्रोजेक्ट सुधा फुलवारीशरीफ का किया निरीक्षण,अधिकारियों को दिया निर्देश

पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना डेयरी प्रोजेक्ट, सुधा फुलवारीशरीफ का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रोडक्शन हॉल, आइस्क्रीम प्लांट, दही कोल्ड रूम सहित विभिन्न इकाईयों का निरीक्षण किया और उत्पाद के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। कॉन्फ्रेंस हॉल में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक शीर्षत कपिल अशोक ने कॉम्फेड के कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। इस दौरान एक वीडियो फिल्म भी प्रस्तुत की गयी। शीर्षत कपिल अशोक ने कॉम्फेड के विजन, अगले पांच वर्ष की योजना, दुग्ध संघ, दुग्ध समिति, प्रोक्यूरमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर, न्यू प्रोडक्ट लांच आदि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अभी कुल कार्यरत ग्रामस्तरीय दुग्ध सहकारी समितियों की संख्या 21 हजार से भी अधिक है जिससे लगभग 7.5 लाख पशुपालक जुड़े हुए हैं जिसमें लगभग 1.9 लाख (25%) महिलाएं हैं। ये समितियाँ प्रतिदिन औसतन 22 लाख किलोग्राम दूध का संकलन करती है तथा अधिकतम संकलन लगभग 30 लाख किलोग्राम प्रतिदिन तक पहुँच जाती है। संकलित दूध के प्रसंस्करण की भी पूर्ण व्यवस्था उपलब्ध है। वर्तमान में कॉम्फेड की कुल प्रसंस्करण क्षमता 54 लाख लीटर प्रतिदिन है। उन्होंने बताया कि कॉम्फेड के और विस्तार की योजना है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 से कृषि रोड मैप की शुरूआत की गयी है। कृषि रोड मैप में कृषि कार्य एवं इससे जुड़े अवयवों के विकास के लिये कई कदम उठाये गये हैं। कृषि रोड मैप के लागू होने से फसल का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ी है साथ ही राज्य में दूध का उत्पादन भी बढ़ा है। इससे किसानों और दुग्ध उत्पादकों को काफी फायदा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि डेयरी प्लांट का और विस्तार करें। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन समितियों का और विस्तार करें, अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी साथ ही रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। बिहार में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिये कार्य करें साथ ही प्रोसेसिंग की क्षमता का भी विस्तार करें। प्रोक्यूरमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर का और विस्तार करें। उन्होंने कहा कि यहां काम करनेवाले लोगों के आवासन की भी व्यवस्था करें ताकि वे अच्छे से काम कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने किसानों की समृद्धि और ग्रामीण विकास के लिये कई कदम उठाये हैं। 



कॉम्फेड के माध्यम से किसानों को दुग्ध का बेहतर मूल्य प्रदान किया जा रहा है। नये-नये उत्पाद बाजार में सुधा द्वारा लाये जा रहे हैं। बिहार के विकास में किसानों और पशुपालकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। किसानों और पशुपालकों की तरक्की के लिये सरकार हर संभव सहायता उपलब्ध कराती रहेगी। ज्ञातव्य है कि बिहार राज्य दुग्ध सहकारी महासंघ लिमिटेड (कॉम्फेड) की स्थापना ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम के तहत वर्ष 1983 में की गई थी। वर्तमान में राज्य के 31 जिलों में 8 दुग्ध संघ कार्यरत हैं, जबकि शेष 7 जिलों की जिम्मेदारी सीधे कॉम्फेड के दो परियोजनाओं के माध्यम से निभाई जा रही है। दूध उत्पादकों द्वारा गाँव स्तर की समितियों से लेकर दुग्ध संघ स्तर पर चुने गए प्रतिनिधि संपूर्ण प्रबंधन का संचालन करते हैं। इन समितियों के माध्यम से गांवों में ही पूर्वनिर्धारित मूल्य पर दूध विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तथा पशुचारा, कृत्रिम गर्भाधान, चारा बीज, कृमिनाशक, टीकाकरण आदि जैसी आवश्यक इनपुट सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। कॉम्फेड तथा इसके संबद्ध दुग्ध संघों द्वारा उत्पादित दूध एवं दुग्ध उत्पाद 'सुधा' ब्रांड नाम से बेचे जाते हैं। वर्तमान में औसत पाउच दूध विपणन 18.00 लाख लीटर प्रतिदिन है तथा लगभग 3.5 लाख लीटर के दुग्ध उत्पाद प्रतिदिन तैयार किए जाते हैं। कॉम्फेड द्वारा लगातार अपने विपणन तंत्र का विस्तार किया जा रहा है। राज्य के सभी प्रखण्डों एवं नगर निगम। नगर निकायों तक राज्य में सुधा के दूध एवं दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता हेतु मिल्क बूथों का निर्माण एवं नये खुदरा विक्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं। कॉम्फेड के तहत खुदरा विक्रय केन्द्रों की संख्या 37000 हो गयी है जिसमें 914 होल-डे-मिल्क बुथ है। नालंदा डेयरी परियोजना में UHT प्रोसेसिंग सुविधा स्थापित होने के बाद कॉम्फेड अब देश के विभिन्न भागों में दूध उपलब्ध कराने में सक्षम है। वर्तमान में इसके टेट्रा पैक दूध उत्तर पूर्वी राज्यों असम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम में उपलब्ध है तथा टेट्रा पैक दूध की आपूर्ति भारतीय सेना को भी की जाती है, इसके अतिरिक्त दूध एवं दुग्ध उत्पादों का विपणन दिल्ली एवं कोलकता जैसे मेट्रो शहरों में भी किया जा रहा है। सुधा के दुग्ध उत्पाद न केवल बिहार और झारखंड में बल्कि पूरे देश में एक लोकप्रिय ब्रांड के रूप में उभर रहे है। डेयरी संयंत्रों में घी, पेड़ा, दही, टेबल बटर, पनीर, गुलाबजामुन, मट्ट्ठा, लस्सी, रसगुल्ला, बलूशाही, आइस क्रीम, फ्लेवर्ड मिल्क आदि उत्पादों का निर्माण किया जाता है। गुलाबजामुन, रसोगुल्ला, बलूशाही आदि के टिन पैक भी उपलब्ध हैं, जिनकी शेल्फ लाइफ अधिक होती है। ताजे दुग्ध उत्पादों के निर्माण के अतिरिक्त बचे हुए दूध को श्वेत मक्खन, स्किम्ड मिल्क पाउडर और होल मिल्क पाउडर में परिवर्तित किया जाता है, जिनका उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न डेयरियों द्वारा किया जाता है। बिहार के समाज कल्याण विभाग को आंगनवाड़ी केंद्रों में माताओं एवं बच्चों को दूध उपलब्ध कराने हेतु सुधा मिल्क पाउडर की आपूर्ति की जा रही है। कॉम्फेड अब बिहार के दुग्ध उत्पादों का निर्यात भी कर रही है। मार्च, 2025 में कॉम्फेड द्वारा 5 मीट्रिक टन घी अमेरिका एवं 8 मीट्रिक टन गुलाबजामुन कनाडा भेजा गया है। निरीक्षण के दौरान पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की अपर मुख्य सचिव सह कॉम्फेड की अध्यक्ष डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी डॉ० गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, कॉम्फेड के प्रबंध निदेशक श्री शीर्षत कपिल अशोक, पटना के जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक श्री रूपेश राज सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

बिहार: सम्राट चौधरी का बड़ा ऐलान- बिहार में शुरू होंगे 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट

पटना : बिहार में न्यायिक व्यवस्था को तेज और आसान बनाने के लिए सरकार 100 फास्ट ट्रैक अदालतें शुरू करने जा रही है। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने रविवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन अदालतों का मकसद लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना है, ताकि अदालतों पर बढ़ते बोझ को कम किया जा सके।



18 लाख से ज्यादा मामले लंबित, इसलिए जरूरी कदम

राज्य में फिलहाल 18 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। सरकार का मानना है कि नई अदालतें बनने से लोगों को समय पर न्याय मिल सकेगा। लंबित मामलों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

किन जिलों में कितनी फास्ट ट्रैक अदालतें बनेंगी

घोषणा के अनुसार पटना में आठ फास्ट ट्रैक अदालतें प्रस्तावित हैं। गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में चार–चार अदालतें बनाई जाएंगी। नालंदा, रोहतास, सारण, बेगूसराय, वैशाली, पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और मधुबनी में तीन–तीन अदालतें स्थापित होंगी। इसके अलावा पश्चिम चंपारण, सहरसा, पूर्णिया, मुंगेर, नवादा, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, कैमूर, बक्सर, भोजपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, सीवान, गोपालगंज, सुपौल, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार, बांका, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय और खगड़िया में दो–दो अदालतें शुरू की जाएंगी। नवगछिया और बगहा उप-मंडलीय न्यायालय में एक–एक फास्ट ट्रैक अदालत का प्रस्ताव है।

नियुक्ति भी होगी बड़े पैमाने पर

इन अदालतों में कामकाज के लिए कुल 900 पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इनमें बेंच क्लर्क, कार्यालय लिपिक, स्टेनोग्राफर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, ड्राइवर, प्रोसेस सर्वर और चपरासी शामिल होंगे।

शस्त्र अधिनियम मामलों के लिए 79 एक्ट कोर्ट

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि शस्त्र अधिनियम से जुड़े लंबित मामलों को तेजी से हल करने के लिए 79 अदालतों को एक्ट कोर्ट के रूप में नामित किया जाएगा। उनका कहना है कि ऐसे मामलों का जल्द निपटारा राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करेगा।

सरकार की प्राथमिकता- समय पर न्याय

सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार न्यायिक प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। 100 फास्ट ट्रैक अदालतों की स्थापना इसी लक्ष्य का हिस्सा है।

पटना: राजधानी की इन जगहों पर पार्क की गाड़ियां, तो उठा ले जाएगी पुलिस

पटना की सड़कों पर बढ़ते जाम से छुटकारा दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस अब सख्त मोड में आ गई है। खासकर इनकम टैक्स गोलम्बर से डाकबंगला चौराहा तक वाहनों के दबाव को कम करने के लिए यातायात विभाग ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। ट्रैफिक एसपी द्वारा जारी निर्देशों के बाद इस पूरे मार्ग की ट्रैफिक व्यवस्था नए रूप में दिखने लगी है।



ताज़ा आदेश के मुताबिक, नेहरू पथ पर इनकम टैक्स गोलम्बर से डाकबंगला चौराहा तक तीन और चार पहिया वाहनों की पार्किंग अब बिल्कुल बंद होगी। इसी तरह बुद्ध मार्ग से लेकर जीपीओ गोलम्बर के नीचे तक भी किसी वाहन को सड़क किनारे पार्क करने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस ने साफ कर दिया है कि नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

इस्कॉन मंदिर और बुद्ध मार्ग की ओर जाने वाले वाहन चालकों के लिए भी नई व्यवस्था तय की गई है। अब कोई भी चार पहिया वाहन मंदिर के आसपास या सड़क किनारे नहीं खड़ा किया जा सकेगा। इसके लिए तारामंडल के सामने बनी स्मार्ट मल्टी लेवल पार्किंग को निर्धारित स्थल बनाया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटन की गई इस पार्किंग में 96 गाड़ियाँ खड़ी की जा सकती हैं। यहाँ तीन पहिया वाहनों की पार्किंग भी संभव है। मौर्यालोक जाने वाले लोग भी अपनी गाड़ी मौर्यालोक परिसर में स्थित स्मार्ट मल्टी लेवल पार्किंग में ही लगा सकेंगे।

यातायात विभाग का कहना है कि इनकम टैक्स से डाकबंगला और इस्कॉन मंदिर–बुद्ध मार्ग क्षेत्र में अब सड़क किनारे पार्किंग पूरी तरह से समाप्त कर दी जाएगी। नई व्यवस्था 7 दिसंबर 2025 से लागू होगी और इसका उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पटना: ‘प्रोफेसर साहब’ को उठा ले गयी विजिलेंस की टीम…

पटना : “सर, पैसा दो वरना मेस बंद करा दूंगा” – यही धौंस दिखा-दिखा कर गुलजारबाग पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रोफेसर सह हॉस्टल सुपरिंटेंडेंट मिथिलेश कुमार हर महीने मेस ठेकेदार से मोटी रकम वसूल रहे थे। आखिरकार शनिवार को लालच ने उन्हें ले डूबा। 1.5 लाख रुपये रिश्वत लेते ही विजिलेंस की टीम ने उन्हें बॉयज हॉस्टल के दफ्तर से रंगे हाथों धर दबोचा।



क्या है पूरा मामला

हॉस्टल में करीब 450 लड़के रहते हैं। मेस ठेकेदार संदीप कुमार दुबे उर्फ रौनक चलाते हैं। प्रोफेसर साहब ने नियम बना रखा था – “हर 9 बच्चों के हिसाब से हर महीने कमीशन दो”। पैसे नहीं देने पर बिजली-पानी बंद कराना, सामान जब्त करना, तरह-तरह की धमकी देना शुरू कर देते थे। रौनक ने तंग आकर निगरानी विभाग में शिकायत ठोंक दी। शनिवार को ट्रैप लगा। जैसे ही रौनक ने 1.5 लाख रुपये दिए, सादे कपड़ों में छुपी विजिलेंस टीम ने मिथिलेश कुमार को पकड़ लिया।

घर में 40 लाख का सूटकेस बताए, फिर…

पकड़े जाने के बाद प्रोफेसर साहब घबरा गए। पूछताछ में बता दिया – “कुम्हरार के बजरंगपुरी में मेरे फ्लैट (301-302) में एक सूटकेस में 30-40 लाख रुपये रखे हैं।” फिर विजिलेंस डीएसपी अरुणोदय पांडेय की टीम रात में ही फ्लैट पर पहुंच गई। उस वक्त प्रोफेसर की पत्नी और कांग्रेस नेत्री मोना पासवान रिश्तेदार की शादी में गई थीं। फोन गया तो देवर और बेटी के साथ लौटीं। पूरा फ्लैट छान मारा गया – बाथरूम, किचन, अलमारी, बेड के नीचे… हर कोने में सूटकेस ढूंढा। मिथिलेश को फोन पर बार-बार पूछा गया, “कहां रखा है?” वो कभी बाथरूम बताते, कभी किचन, कभी बेडरूम। आखिर में 5 घंटे की मशक्कत के बाद विजिलेंस की टीम खाली हाथ लौट आई। सूटकेस का नामोनिशान तक नहीं मिला।

कौन हैं मिथिलेश कुमार? 

मिथिलेश कुमार नालंदा के रहने वाले हैं। उनके छोटे भाई पुलिस विभाग में दारोगा के पद पर कार्यरत हैं। उनकी पत्नी मोना पासवान कांग्रेस की सक्रिय सदस्य हैं और राजगीर विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुकी हैं। साथ ही वे नालंदा के चंडी क्षेत्र से जिला परिषद सदस्य भी रह चुकी हैं। मिथिलेश के एक बेटा और एक बेटी हैं, जो मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल प्रोफेसर साहब विजिलेंस की गिरफ्त में है और जांच जारी है।

शनिवार, 6 दिसंबर 2025

पटना एयरपोर्ट पर निशांत कुमार की चुप्पी से बढ़ी अटकलें, संजय झा बोले–पार्टी चाहती है वे आगे आएं

बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की जबरदस्त जीत के बाद अब JDU में एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की संभावित राजनीतिक एंट्री को लेकर हलचल तेज हो गई है। JDU के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने इस पर बड़ा संकेत देते हुये कहा कि पार्टी उन्हें राजनीति में देखना चाहती है। पटना एयरपोर्ट पर जब मीडिया ने निशांत कुमार की राजनीति में एंट्री को लेकर सवाल पूछा, तो संजय झा ने कहा, “पार्टी के लोग, शुभचिंतक और कार्यकर्ता सभी चाहते हैं कि निशांत पार्टी में आकर काम करें। हमारी भी इच्छा है। लेकिन पार्टी में कब आते हैं, यह निर्णय उन्हें ही लेना है।” इस दौरान निशांत झा के बगल में खड़े थे और मुस्कुरा रहे थे, लेकिन उन्होंने कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। राजनीति में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली।

निशांत केवल ये बोल

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निशांत कुमार ने केवल बिहार की जनता और अपने पिता नीतीश कुमार पर जनता के भरोसे की बात दोहराई। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता ने पिताजी पर भरोसा जताया है। पहले भी उन्होंने वादे पूरे किये हैं और इस बार भी नौकरी–रोजगार से जुड़े वादे जरूर पूरा करेंगे।” शुक्रवार को पटना एयरपोर्ट पर दोनों नेता एक साथ दिल्ली से लौटे। इसी दौरान संजय झा के बयान के बाद फिर से राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है। निशांत की मुस्कुराहट ने भी सियासी संकेतों को और मजबूत कर दिया है।


निशांत की एंट्री पर सवाल क्यों उठ रहे हैं?

बिहार चुनाव 2025 के दौरान निशांत के पोस्टर पटना में लगे थे। वे कई बार नालंदा के दौरे पर भी गये। NDA के कई नेताओं ने समय-समय पर उनकी राजनीति में आने की वकालत की है। अब संजय झा के ताजा बयान के बाद यह सवाल और जोर पकड़ रहा है, क्या निशांत जल्द ही जेडीयू में शामिल होकर सक्रिय राजनीति में कदम रखेंगे? फिलहाल, सभी की निगाहें निशांत कुमार के अगले कदम पर टिकी हैं।

सोमवार, 1 दिसंबर 2025

पटना: 18वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से, टैबलेट और डिजिटल सिस्टम से चलेगा सदन

पटना : 18वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, जो 5 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 3 दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे, जबकि 4 दिसंबर को उनके अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। 5 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक बजट पर विचार किया जाएगा।



चुनाव के बाद पहली बार नए विधायक विधानसभा पहुंचे हैं, इसलिए भवन और परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है। पूरे परिसर में रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं और लॉन को नया रूप दिया गया है। यहां कोलकाता से लाई गई मैक्सिकन घास बिछाई गई है, जिसके लिए पुरानी मिट्टी हटाकर गंगा किनारे से नई मिट्टी फैलाई गई। इससे विधानसभा का माहौल और आकर्षक और व्यवस्थित दिख रहा है।

इस बार विधानसभा का सबसे बड़ा बदलाव है कि यह पूरी तरह पेपरलेस हो गई है। हर विधायक की सीट पर सैमसंग के टैबलेट लगाए गए हैं। अब सवाल पूछने से लेकर जवाब देने तक पूरा काम डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। NeVA ऐप की मदद से विधायक अपने सवाल ऑनलाइन भेज सकेंगे, जबकि मंत्री और स्पीकर टैबलेट का इस्तेमाल करके ही कार्यवाही संचालित करेंगे। सदन में नए सेंसर वाले माइक्रोफोन लगाए गए हैं, जो विधायक के बैठने के स्थान के हिसाब से अपने आप चालू और बंद हो जाएंगे।

सदन में छह बड़े टीवी स्क्रीन, नए हेडसेट, डिजिटल डिस्प्ले और हाई-स्पीड वाई-फाई की सुविधा भी मौजूद है। सीटों के गद्दे बदले गए हैं, कारपेट नया लगाया गया है और सदन में विदेशी मार्बल की सजावट भी की गई है। हालांकि, कोने की कुछ सीटों पर टैबलेट लगाने की जगह नहीं होने की वजह से लगभग 16–17 विधायकों को बगल वाले सदस्य का टैबलेट इस्तेमाल करना पड़ेगा।

नई व्यवस्था से विधायकों और सचिवालय कर्मचारियों को काफी राहत मिली है। अब फाइलों और लंबी कागज की चिट्ठियों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। कर्मचारी बताते हैं कि पहले 40–50 फीट लंबे कागज पर काम करना पड़ता था, जिससे उंगलियों पर तकलीफ होती थी, लेकिन अब सब कुछ डिजिटल और आसान हो गया है।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा और आसपास के क्षेत्रों में 800 जवान तैनात किए गए हैं। सभी गाड़ियों और सामान की तलाशी डॉग स्क्वायड और मशीनों के माध्यम से की जाएगी। 1 से 5 दिसंबर तक विधानसभा क्षेत्र में धारा 163 लागू रहेगी। इसके तहत किसी भी तरह की भीड़, जुलूस, नारेबाजी या हथियार ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। धरना-प्रदर्शन केवल गर्दनीबाग के निर्धारित स्थल पर ही किए जा सकेंगे।

शनिवार, 29 नवंबर 2025

पटना: नया भूकंप खतरा नक्शा जारी : मधुबनी–दरभंगा भारत के पहले जोन-6 में शामिल

पटना : भारत सरकार ने भूकंप जोन का नया नक्शा जारी कर दिया है। इस नए “अर्थक्वेक डिजाइन कोड-2025” में पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 12 जिलों को पहले के जोन-4 से उठाकर सीधे उच्च जोखिम वाले जोन-5 में डाल दिया गया है। ये 12 जिले हैं – भागलपुर, बांका, जमुई, सहरसा, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, मुंगेर और खगड़िया। अब इन जिलों में नया मकान, स्कूल, अस्पताल या कोई भी इमारत बनवाते समय पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और भूकंपरोधी नियम मानने होंगे। इससे निर्माण का खर्च भी बढ़ जाएगा।

सबसे ज्यादा खतरे वाला जोन-6 

नए नक्शे में मधुबनी और दरभंगा जिले को सबसे खतरनाक जोन-6 में रखा गया है। पूरे हिमालय क्षेत्र को पहली बार जोन-6 में डाला गया है।



दक्षिण बिहार अभी सुरक्षित 

गया, रोहतास सहित दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम बिहार के जिले अभी जोन-3 में ही हैं, यानी इनमें भूकंप का खतरा कम है।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं? 

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के मौसम वैज्ञानिक डॉ. बीरेंद्र कुमार कहते हैं, “पहले ये जिले जोन-4 में थे, अब जोन-5 में आ गए हैं। इसका मतलब है कि अब यहाँ 7 से 8 तीव्रता तक का भूकंप आने की आशंका ज्यादा है। इसलिए भवन निर्माण के नियम बहुत सख्त करने होंगे।”

नए नियमों से क्या बदलेगा? 

मकानों में मोटे-मजबूत पिलर और बीम लगाने होंगे

ऊँची इमारतों पर और सख्ती होगी

सक्रिय भूकंपीय दरारों (फॉल्ट लाइन) के पास विशेष डिजाइन चाहिए

पुरानी इमारतों की जांच और मजबूती का काम तेज करना होगा

सरकार अब जल्द ही नए भूकंपरोधी निर्माण नियम लागू करेगी। आम लोगों को भी अब घर बनवाते समय इंजीनियर से भूकंपरोधी डिजाइन जरूर बनवाना चाहिए, वरना भविष्य में बड़ा नुकसान हो सकता है।

पटना: जाम मुक्त पटना मिशन ऑन, एक दिसंबर से सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां होंगी जब्त

पटना को व्यवस्थित और जाम मुक्त शहर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने अब पूरी तरह से कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में शहर की यातायात व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने और पार्किंग सुधार पर कड़े निर्देश दिए गए। बैठक में जिला मजिस्ट्रेट, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, यातायात पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।



बैठक में आयुक्त पराशर ने कहा कि शहर की सड़कों पर अव्यवस्थित गैराज और जर्जर खड़ी गाड़ियां जाम और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। सभी पुराने वाहन और गैराज 30 नवंबर तक हटाने के निर्देश दिए गए हैं। 1 दिसंबर के बाद सड़क किनारे किसी भी प्रकार की मरम्मत या गैराज गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।

इसके अलावा, पार्किंग स्थलों में बिक्री के लिए खड़ी वाहनों की पहचान कर उन्हें 1 दिसंबर तक हटाने का आदेश दिया गया है। इसके बाद किसी भी अवैध रूप से खड़ी गाड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला परिवहन अधिकारी को सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों की रात में वीडियोग्राफी कर सूची तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है।

यातायात सुधार के लिए प्रशासन ने शहर में अनावश्यक सड़क कट बंद करने, प्रमुख चौराहों पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाने और फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, ऑटो और ई-रिक्शा को निर्धारित रूट और स्टैंड पर नियंत्रित किया जाएगा।

आयुक्त पराशर ने कहा कि शहर में चल रही परियोजनाओं जैसे फुट ओवरब्रिज, अंडरपास, सड़क चौड़ीकरण और मेट्रो नेटवर्क को तेजी से पूरा किया जाएगा और संबंधित विभाग समय-सीमा का पालन सुनिश्चित करेंगे।

प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और यातायात पुलिस का सहयोग करें ताकि पटना जाममुक्त और सुरक्षित शहर बन सके।

मुख्यमंत्री ने पीएमसीएच स्थित आपातकालीन इकाई भवन का किया निरीक्षण, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (पी०एम०सी०एच०) स्थित आपातकालीन इकाई भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने आपातकालीन इकाई में उपलब्ध करायी जाने वाली चिकित्सा संबंधी सुविधाओं एवं सेवाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली।



इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने आपातकालीन इकाई भवन के तीसरे तल का निरीक्षण किया। इस दौरान सामान्य औषधि वाह्य विभाग, दंत चिकित्सा वाह्य विभाग, स्त्री एवं प्रसूति वाह्य विभाग आदि का निरीक्षण कर मरीजों को उपलब्ध करायी जाने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं की जानकारी ली। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने छठे तल पर पहुंचकर मॉडयूलर ओ०टी०, गहन चिकित्सा इकाई, ऑक्सीजन पाइप लाइन सेवा, परामर्श कक्ष सहित अन्य उपलब्ध करायी जाने वाली चिकित्सकीय सुविधाओं एवं सेवाओं की अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने आपातकालीन इकाई भवन के सबसे ऊपरी तल पर जाकर एयर एम्बुलेंस लैंडिंग एरिया का निरीक्षण कर प्रगति कार्य की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाकर निर्धारित समय सीमा के अंदर कार्य पूर्ण करायें। निर्माण कार्य बेहतर ढंग से हो, इसका विशेष रूप से ख्याल रखें। सुरक्षा के दृष्टिकोण से एयर एम्बुलेंस लैंडिंग एरिया के चहारदीवारी की ऊँचाई पर्याप्त होनी चाहिये।

ज्ञातव्य है कि पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पटना का पुर्नविकास निर्माण कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 08.02.2021 को किया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 27.02.2024 को कम्बाइंड अल्ट्रासाउंड एंड बायोकेमिकल स्क्रीनिंग (सी०यू०बी०), Myosin Light Chain Phosphatase (एम०एल०सी०पी०), नर्सेज एवं गर्ल्स हॉस्टल का उद्घाटन किया गया, साथ ही पावरग्रिड का शिलान्यास किया गया। उद्घाटन के पश्चात् सी०यू०बी० में द्वितीय तल पर बिहार राज्य रक्त अधिकोष का संचालन शुरू किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 03.05.2024 को नवनिर्मित भवन टावर-01-02 का उ‌द्घाटन किया गया। इस नवनिर्मित भवन टावर-01-02 में बेसमेंट में 120 चार पहिया एवं दो पहिया वाहन का पार्किंग संचालित है। नवनिर्मित भवन टावर-01-02 में प्रथम तल पर सी०टी० स्कैन /एम०आर०आई० / अल्ट्रासाउन्ड एवं एक्स-रे जाँच की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा इस तल पर ई०एन०टी० आई०पी०डी० भी संचालित है। नवनिर्मित भवन टावर-01-02 में द्वितीय एवं चतुर्थ तल पर औषधि आई०पी०डी०, चर्म तथा रति रोग आई०पी०डी० का संचालन किया जा रहा है। इस भवन के तृतीय तल पर पी०एस०एम०/औषधि / जेराट्रिक्स /शिशु /दन्त/स्त्री एवं प्रसूति रोग / चर्म एवं रति रोग / कार्डियोलॉजी/पी०एम०आर०/ ई०एन०टी०/नेत्र वाह्य विभाग का संचालन किया जा रहा है। शीघ्र ही नवनिर्मित भवन टावर-01-02 के पाँचवे तल पर स्त्री एवं प्रसूति रोग, आई०पी०डी०, लेबर ओ०टी०, लेबर रूम एवं अकास्मिकी विभाग तथा एन०आई०सी०यू० का संचालन किया जायेगा। इसके छठे तल पर आई०सी०यू० एवं 22 मॉडुलर ओ०टी० का संचालन किया जाना है। सातवें तल पर शिशु औषधि / स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का फैक्लटी रूम संचालित है। आठवें तल पर अधीक्षक कार्यालय संचालित है। नौवें तल पर डिलक्स रूम, एवं सूइट रूम की व्यवस्था है तथा नवनिर्मित भवन टावर-01-02 के दसवे तल पर हेलीपेड की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जा रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ० चन्द्रशेखर सिंह, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव हिमांशु शर्मा, बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डॉ० नीलेश रामचन्द्र देवड़े, जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एस०एम०, वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के० शर्मा पी०एम०सी०एच० के अधीक्षक डॉ० आई०एस० ठाकुर सहित पी०एम०सी०एच० के चिकित्सकगण एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे

बुधवार, 26 नवंबर 2025

बिहार में 25 नई चीनी मिलें लगेंगी, बंद मिलों के पुनरुद्धार की नीति तैयार,कुछ महीनों में शुरू होगी प्रक्रिया

पटना : बिहार सरकार ने चीनी उद्योग को नई गति देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य में 25 नए चीनी मिलों की स्थापना और पुरानी बंद पड़ी चीनी मिलों के पुनरुद्धार की योजना तैयार कर ली गई है। संबंधित नीतियों को अंतिम रूप दे दिया गया है और अगले कुछ महीनों में इन परियोजनाओं को धरातल पर लागू किया जाएगा।


सरकार का मानना है कि नई चीनी मिलें खुलने और बंद मिलें दोबारा शुरू होने से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, गन्ना उत्पादन बढ़ेगा और स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार भी सृजित होगा। यह कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मंगलवार, 25 नवंबर 2025

बिहार: 40 महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम, पटना की स्टडी ने खोला चौंकाने वाला सच

बिहार : पटना स्थित महावीर कैंसर संस्थान की एक ताज़ा स्टडी में ऐसा खुलासा हुआ है जिसने डॉक्टरों से लेकर आम लोगों तक को चिंतित कर दिया है। शोध में पाया गया कि 40 दूध पिलाने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में यूरेनियम मौजूद था। यह स्टडी अक्टूबर 2021 से जुलाई 2024 के बीच की गई।



40 में से 100% सैंपल यूरेनियम से कंटैमिनेटेड

रिसर्च विभाग के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार घोष ने बताया कि ब्रेस्ट मिल्क के सभी सैंपल में 0 से 6 माइक्रोग्राम प्रति लीटर तक यूरेनियम पाया गया, जबकि ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम के लिए कोई तय अंतरराष्ट्रीय लिमिट मौजूद नहीं है। सबसे अधिक कंसंट्रेशन 5.25 माइक्रोग्राम प्रति लीटर कटिहार जिले में दर्ज किया गया।

70% बच्चों पर स्वास्थ्य असर का जोखिम

रिसर्च टीम के अनुसार, यूरेनियम की इस मात्रा से 70% बच्चों में नॉन-कार्सिनोजेनिक हेल्थ इफेक्ट्स का जोखिम देखा गया है। हालांकि किसी भी सैंपल में कैंसर का खतरा यानी कार्सिनोजेनिक रिस्क नहीं पाया गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह स्थिति इसलिए खतरनाक है क्योंकि यूरेनियम शरीर के मेटाबॉलिज्म और किडनी फंक्शन को प्रभावित कर सकता है।

बिहार के 11 जिलों में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम का संकट

भारत में ग्राउंडवॉटर यूरेनियम कंटैमिनेशन तेजी से बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है। बिहार के गोपालगंज, सारण, सीवान, पूर्वी चंपारण, पटना, वैशाली, नवादा, नालंदा, सुपौल, कटिहार और भागलपुर जैसे जिलों में पहले भी यूरेनियम की मौजूदगी की रिपोर्ट आ चुकी है।

इस स्टडी को विशेष रूप से उन जिलों में किया गया जहाँ पहले यूरेनियम की मौजूदगी सामने आई थी—जिनमें भोजपुर, बेगूसराय, खगड़िया, कटिहार और नालंदा शामिल हैं।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), हाजीपुर में USA के एडवांस LC-ICP-MS इंस्ट्रूमेंट की मदद से ब्रेस्ट मिल्क सैंपल की जांच की गई।

कटिहार जिला सबसे अधिक प्रभावित

स्टडी के अनुसार, कटिहार जिले में यूरेनियम का स्तर सबसे अधिक 5.25 ug/L रहा, जिसे खतरनाक माना गया है। नालंदा में यह स्तर सबसे कम 2.35 ug/L दर्ज किया गया।

शुक्रवार, 21 नवंबर 2025

पटना: तो मुझसे ज्यादा ना शुक्राना कोई नहीं होगा’, ऐसा क्यों बोले चिराग

पटना : बिहार में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद केंद्रीय मंत्री और LJP (RV) प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी ने हर जिले में मजबूत संगठन खड़ा किया है। इसी मेहनत का परिणाम है कि 2025 में एनडीए को इतनी बड़ी जीत मिली। उन्होंने कहा कि राजनीति में बढ़त तभी कायम रहती है जब नेतृत्व में अहंकार न आए। इसी सोच के साथ उन्होंने अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा।



मंत्रालय के सवाल पर बोले चिराग: जब चिराग से पूछा गया कि क्या पार्टी को तीसरा विभाग भी मिलेगा, तो उन्होंने हल्के अंदाज में कहा कि चिराग पासवान और कितना लालची होगा। उन्होंने याद दिलाया कि 2021 में जब पार्टी टूटी थी, तब वे अकेले सांसद थे। इसके बावजूद इस बार पार्टी को 5 सीटें और 29 विधानसभा सीटें मिलीं। साथ ही दो मंत्रियों ने शपथ भी ले ली। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा कुछ मांगूंगा तो मुझसे ज्यादा ना शुक्राना कोई नहीं होगा।

दलित सेना फिर से खड़ी होगी: चिराग ने दलित सेना के पुनर्गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह उनके पिता रामविलास पासवान का सपना था, जिसे अब फिर से शुरू किया जाएगा। उनका आरोप था कि कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा के कारण दलित सेना और पार्टी दोनों उनसे छीन लिए गए थे। अब अरुण भारती और उनकी टीम दलित सेना (रामविलास) का गठन करेंगे।

जातीय भेदभाव पर चिंता: चिराग ने कहा कि 21वीं सदी में भी जाति के आधार पर भेदभाव होना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि कई बार दलितों को घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है। दलित अधिकारी को बारात निकालने के लिए पुलिस की व्यवस्था करनी पड़ती है। दलित नेता के मंदिर जाने पर मंदिर को धोया जाता है। उन्होंने खुशी जताई कि दलित सेना के प्रदेश अध्यक्ष अब बिहार सरकार में मंत्री बने हैं। संगठन का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता को मजबूत करना होगा।

परिवारवाद पर चिराग का जवाब: परिवारवाद के आरोपों पर चिराग ने कहा कि परिवार मौका देता है, लेकिन आगे बढ़ाने का काम काबिलियत करती है। उन्होंने कहा कि राजद का दूसरा नेतृत्व अभी तक अपनी क्षमता साबित नहीं कर पाया। 2005 तक पार्टी जीतती रही, लेकिन उसके बाद हार का सिलसिला जारी है। उन्होंने कहा कि उनके दोनों मंत्री संजय नाम के आधार पर नहीं, बल्कि काम की क्षमता के आधार पर चुने गए हैं।

चाचा पशुपति पारस की बधाई पर प्रतिक्रिया: पशुपति पारस की बधाई पर चिराग ने कहा कि उनकी शुभकामनाएं उन्होंने सम्मान के साथ स्वीकार की हैं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने नाराजगी में बातें कहीं थीं, तब भी उन्होंने उन्हें आदर दिया था। चिराग ने बताया कि पार्टी बंगाल और यूपी सहित कई राज्यों में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

2030 की राजनीति पर चिराग की राय: उन्होंने कहा कि पार्टी की 2030 में क्या भूमिका होगी, इसका फैसला वक्त आने पर लिया जाएगा। वे जातिगत जनगणना का समर्थन करते हैं, लेकिन आंकड़े सार्वजनिक करने के पक्ष में नहीं हैं।

गुरुवार, 20 नवंबर 2025

पटना: नीतीश कुमार ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

पटना : बिहार में गुरुवार का दिन राजनीतिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण रहा। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक बार फिर राज्य की कमान संभाल ली। यह उनका दसवां कार्यकाल है। कार्यक्रम राजभवन में हुआ, जहां राज्यपाल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश कुमार के साथ दो डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा अब सरकार में अहम जिम्मेदारी निभाएंगे। दोनों नेताओं को लेकर एनडीए के भीतर पहले से ही चर्चा थी, और शपथ के बाद अब उनकी भूमिका और स्पष्ट हो गई है।



पहले चरण में पांच मंत्रियों ने शपथ ली: सीएम और डिप्टी सीएम के बाद पांच मंत्रियों को पहले चरण में शपथ दिलाई गया। इनमें विजय चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार, मंगल पांडेय और दिलीप जायसवाल शामिल रहे। इन नामों से साफ है कि नीतीश कुमार ने अनुभवी और भरोसेमंद नेताओं पर ही सबसे पहले दांव लगाया।


कैबिनेट में कुल 26 सदस्य शामिलशपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद पूरी कैबिनेट सूची सामने आई। इसमें जेडीयू, बीजेपी और सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों को जगह मिली है।

नीचे पूरी सूची दी गई है:

नीतीश मंत्रिमंडल

नीतीश कुमार (सीएम)

सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम)

विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम)

विजय चौधरी

विजेंद्र प्रसाद यादव

श्रवण कुमार

मंगल पांडेय

दिलीप जायसवाल

अशोक चौधरी

लेशी सिंह

मदन सहनी

नितिन नवीन

रामकृपाल यादव

संतोष सुमन

सुनील कुमार

जमा खान

संजय सिंह टाइगर

अरुण शंकर प्रसाद

सुरेंद्र मेहता

नारायण प्रसाद

रमा निषाद

लखेंद्र कुमार रोशन

श्रेयसी सिंह

प्रमोद कुमार

संजय कुमार सिंह

दीपक प्रकाश

पटना: नीतीश की दसवीं पारी शुरू, नयी कैबिनेट में कौन-कौन

पटना : बिहार में नई सरकार के गठन के साथ नीतीश कुमार ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद संभाल लिया है। उनके साथ दो डिप्टी सीएम और 26 सदस्यीय टीम को शपथ दिलाई गई। पहली ही झलक से साफ है कि इस मंत्रिमंडल में अनुभवी नेताओं और कुछ नए चेहरों का ऐसा मिश्रण बनाया गया है, जो आने वाले दिनों में सरकार की कार्यशैली और दिशा तय करेगा। नई टीम के नाम सामने आते ही राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है कि नीतीश ने इस बार किस संतुलन और रणनीति के तहत अपनी कैबिनेट को खड़ा किया है।



कैबिनेट में कुल 26 सदस्य शामिल

शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद पूरी कैबिनेट सूची सामने आई। इसमें जेडीयू, बीजेपी और सहयोगी दलों के प्रतिनिधियों को जगह मिली है।

नीचे पूरी सूची दी गई है:

नीतीश मंत्रिमंडल

नीतीश कुमार (सीएम)

सम्राट चौधरी (डिप्टी सीएम)

विजय सिन्हा (डिप्टी सीएम)

विजय चौधरी

विजेंद्र प्रसाद यादव

श्रवण कुमार

मंगल पांडेय

दिलीप जायसवाल

अशोक चौधरी

लेशी सिंह

मदन सहनी

नितिन नवीन

रामकृपाल यादव

संतोष सुमन

सुनील कुमार

जमा खान

संजय सिंह टाइगर

अरुण शंकर प्रसाद

सुरेंद्र मेहता

नारायण प्रसाद

रमा निषाद

लखेंद्र कुमार रोशन

श्रेयसी सिंह

प्रमोद कुमार

संजय कुमार सिंह

दीपक प्रकाश


पटना: विधानसभा अध्यक्ष पद के ये दो नेता प्रबल दावेदार

पटना के गांधी मैदान में कल नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल से मिलकर नये सरकार गठन का दावा पेश कर दिया। उनके साथ NDA के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सूत्रों ने बड़ा खुलासा किया कि विधानसभा अध्यक्ष का पद दोनों दलों के बीच सबसे बड़ा पेच बन गया है। जदयू की ओर से विजय चौधरी प्रबल दावेदार हैं, वहीं भाजपा की ओर से प्रेम कुमार का नाम सबसे आगे है। निवर्तमान विधानसभा में अध्यक्ष भाजपा के नंद किशोर यादव उपाध्यक्ष जदयू के नरेंद्र नारायण यादव हैं, इस बार सूत्रों के अनुसार, कुर्सी की खींचतान अपने चरम पर है। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और NDA के दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। NDA की शानदार जीत पर चिराग पासवान ने कहा कि जनता ने PM मोदी की नीतियों, नीतीश कुमार के अनुभव और ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ पर भरोसा जताया है। अब हमारा कर्तव्य है कि एक-एक वादा पूरा करें। लोजपा (RV) के नेता संजय पासवान बोले, “नीतीश जी हमारे नेता हैं, उन्हें बधाई और शुभकामनायें। ईश्वर उन्हें लंबी उम्र दे, ताकि वे बिहार का नेतृत्व करते रहें।” BJP विधायक दल की बैठक में सम्राट चौधरी को नेता और विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि “यह जोड़ी हिट भी है और फिट भी…”



पटना: हिंदुस्तान अखबार में फीचर संपादक रहे हिंदी के चर्चित कथाकार उपन्यासकार अवधेश प्रीत का निधन

पटना :हिंदुस्तान अखबार में फीचर संपादक रहे हिंदी के चर्चित कथाकार उपन्यासकार अवधेश प्रीत का निधन हो गया। आज सुबह नौ बजे महेंद्रू रानी घाट स्थित अपने आवास में उन्होंने अंतिम सांस ली। 'न्यूज़ फास्ट' परिवार की ओर से उनको सादर नमन। उनके सानिध्य में वर्ष 1986-90 के समय मेरी अनगिनत फीचर दैनिक हिन्दुस्तान में प्रकाशित हुए थे।



पटना: नीतीश कुमार जदयू और सम्राट चौधरी भाजपा के बने विधायक दल के ने

पटना : जदयू जनता दल यूनाईटेड के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में नीतीश कुमार पर दोबारा भरोसा जताया। बैठक सुबह 11 बजे शुरू हुई और आधे घंटे बाद ही सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से उन्हें विधायक दल का नेता चुन लिया। इससे साफ है कि पार्टी में नीतीश कुमार की भूमिका और नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है। जदयू विधायक श्याम रजक ने कहा कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के नेतृत्व में भरोसा रखती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पहली और आखिरी पसंद वही हैं। नई सरकार में मंत्री पदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला नीतीश कुमार ही करेंगे। बैठक से पहले विधायक मनोरमा देवी ने भी कहा कि नीतीश कुमार राज्य के विकास के लिए लगातार काम करेंगे।



भाजपा ने भी नेता चुना, अब नजर डिप्टी सीएम पर दूसरी ओर भाजपा विधायकों की बैठक पार्टी कार्यालय में चली। यहां सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना गया। इससे लगभग तय माना जा रहा है कि वह डिप्टी सीएम बनेंगे। वहीं विजय सिन्हा को उपनेता चुना गया है, जिन्हें दूसरे डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि भाजपा दोनों डिप्टी सीएम पद अपने पास रखना चाहती है और इसी को लेकर अंतिम बातचीत जारी है।

चिराग पासवान की पार्टी भी समीकरण में अहम: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने इस चुनाव में 19 सीटें जीती हैं और अब वह सरकार में उचित हिस्सेदारी चाहती है। पार्टी एक डिप्टी सीएम और तीन मंत्री पद का दावा कर रही है। इस पर भी बातचीत चल रही है और अंतिम फैसला जल्द हो सकता है। बिहार की राजनीति में इन बैठकों और चर्चाओं ने सस्पेंस बढ़ा दिया है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि सरकार का अंतिम स्वरूप कैसा होगा।

सोमवार, 17 नवंबर 2025

पटना में अफसरों की छुट्टी रद्द, इस रोज शपथ ग्रहण

बिहार : बिहार चुनाव नतीजों के बाद नई सरकार के गठन की प्रक्रिया रफ्तार पकड़ चुकी है। CM नीतीश कुमार 20 नवंबर को एक बार फिर शपथ ले सकते हैं, जिसके लिए पटना के गांधी मैदान को समारोह स्थल के तौर पर तैयार किया जा रहा है। इसी वजह से प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। पटना DM डॉ. त्यागराजन एसएम ने सुरक्षा और व्यवस्थाओं को देखते हुये 20 नवंबर तक सभी अफसरों की छुट्टियां रोक दी हैं। आदेश में साफ कहा गया है कि शपथ ग्रहण में VVIP मूवमेंट और बड़ी भीड़ को संभालने के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बड़ी तैनाती जरूरी है। अगर किसी अधिकारी को बेहद जरूरी कारण से छुट्टी चाहिये, तो उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। सोमवार को नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर विधानसभा को 19 नवंबर को भंग करने की सिफारिश राज्यपाल को सौंप दी।



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