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Saubhagya Bharat News

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गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025

सरायकेला: गिरिगोवर्धन पूजा का महत्व गिरिगोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की कथा से जुड़ी है।

सरायकेला - खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के लुपुंगडीह गांव में धूम धाम से भगवान कृष्ण एवं गिरिगौवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना होता है।परंपरागत रूप से लकड़ी ढेकी से महिलाए चावल को पीसकर कर गुड़ी तैयार कर उसमें देशी घी से तैयार किया जाता हे।ओर मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना करते है।इस तोहार में ओहिर की गीत प्रस्तुत करते हे ओर गाते हे उत्साह के साथ मनाया जातेहै।



यह पर्व भारत में दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसमें गौ माता की पूजा अर्चना और विशेष व्यंजनों का महत्व है। आइए इस पर्व के बारे में और जानते हैं। 

गिरिगोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की कथा से जुड़ी है। इस दिन गौ माता की पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें विशेष मिष्ठान खिलाया जाता है।

परंपराएं गिरिगोवर्धन पूजा के दिन ग्वालिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं और पारंपरिक व्यंजन तैयार करती हैं। इन व्यंजनों में गुड़ी और अन्य मिष्ठान शामिल होते हैं।

आंगन सजाना : गिरिगोवर्धन पूजा के दिन गांव की महिलाएं अपने घरों के आंगन को रांगोली से सजाती हैं। इसके बाद गौ बछड़े को रंगो के ऊपर चलाया जाता है, जो एक पारंपरिक और आकर्षक दृश्य होता है।

गौ माता को विभिन्न प्रकार के रंगों से सजाया जाता है और उनके माथे पर धान की मड़ से सजावट की जाती है। शाम को गौ माता की पूजा अर्चना के साथ मिष्ठान खिलाया जाता है।कल दिन सोहराय पर्व के रूप में मनाए जाते हैं।






बुधवार, 22 अक्टूबर 2025

सरयकेला: मुरुप व आस पास के गाँव में रौशनी और उमंगों का पर्व दिवाली हर्षोल्लास पूर्वक मना आतिशबाजी छोड़ो, पर्यावरण बचाओं "- हेमसागर प्रधान

सरायकेला प्रखण्ड अन्तर्गत मुरुप पंचायत व आस पास गाँव के लोगों ने रौशनी और उमंगों का पर्व दिवाली हर्षोल्लास पूर्वक मनाया। 

इस अवसर पर लोगों ने जमकर आतिशबाजी की , जिसकी ध्वनि गाँव में गूंजता रहा। वहीं स्थानीय युवा सामाजिक कार्यकर्ता हेमसागर प्रधान ने आतिशबाजी का बहिष्कार किया और उन्होंने एक आकाशीय लालटेन उड़ाया। जिसमें "आतिशबाजी छोड़ों, पर्यावरण बचाओ" का एक संदेश भी चिपकाया। इसके साथ साथ उन्होंने गाँव में लोगों के बीच "आतिशबाजी छोड़ों, पर्यावरण बचाओ" पर जागरुकता अभियान चलाया और लोगों को आतिशबाजी से होनेवाली हानि के बारे में बताया। 

उन्होंने बताया कि दिवाली पर्व में आतिशबाजी का इस्तेमाल एक पुरानी परंपरा है, लेकिन इसका हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। अतः आतिशबाजी को छोड़कर हम अपने पर्यावरण को बचा सकते हैं। 

उन्होंने इस लालटेन के माध्यम से पंचायत के लोगों को संदेश दिया है कि ये आकाशीय लालटेन लोगों के जीवन में हर अंधेरे को दूर करे और सफलता की नई ऊंचाइयों तक ले जाए। 

बता दें कि मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीराम 14 वर्षों के वनवास से अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से यह पर्व दीपों के उत्सव यानी दिवाली के रूप में मनाया जाता है। यह न केवल रौशनी का पर्व है बल्कि दिवाली प्रेम, आनंद और नई शुरुआत का प्रतीक भी होती हैं। मान्यता है कि यह दिन सभी के जीवन में नई उम्मीदें, सकारात्मक ऊर्जा और प्रकाश को लेकर आता है।





खरसावां में गोपबंधु दास जी की प्रतिमा स्थल का 12 साल बाद जीर्णोद्धार

खरसावां में स्थित गोप बंधु दास जी के प्रतिमा स्थल को 12 वर्ष बाद पुनः जीर्णोद्धार उड़िया समाजसेवी गुरु प्रसाद षाड़ंगी के द्वारा किया गया। उनके द्वारा प्रतिमा स्थल के चबूतरा के ऊपर के चारों तरफ टाइल्स लगाया गया एवं चारों तरफ के ग्रिल को रंग से रंगाई पुताई किया गया। जो कि अभी प्रतिमा स्थल खूबसूरत दिखाई पड़ रहा है। 



12 वर्ष पहले प्रतिमा स्थल में टाइल्स लगाया गया था जॉकी टाइल्स टूट गया था। एवं प्रतिमा स्थल के चारों तरफ ग्रिल में रंग छूट गया था। जो की सभी काम पूरा किया गया। आदर्श सेवा संघ एवं उत्कल सम्मेलनों जिला समिति की ओर से एक सम्मानित कार्यक्रम किया गया जिसमें समाजसेवी गुरु प्रसाद षाड़ंगी जो को समितियों को के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने साल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष सुमन चंद्र मोहंती ने कहा कि इससे पहले गोप बंधु दास जी का प्रतिमा स्थल के चबूतरा के ऊपर हिस्सा टाइल्स एवं मार्वल पत्थर एवं ग्रिल लगाया गया था। जो की बहुत पुराने हो गया था इसको देखते हुए समाजसेवी गुरु प्रसाद षाड़ंगी के द्वारा नया टाइल्स एवं ग्रिल में रंग रंगाई पुताई किया गया सुमंत मोहंती ने जिला कमेटी की ओर से गुरु प्रसाद षाड़ंगी की बधाई दिया । उन्होंने कहा कि गुरु प्रसाद षाड़ंगी के द्वारा खरसावा क्षेत्र में बहुत ही कम समय में पुराने विभिन्न मंदिरों को जीर्णोद्धार किया गया है। सम्मानित समाजसेवी गुरु प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि मैं तो कुछ नहीं हूं सब भगवान के आशीर्वाद के जरिए विभिन्न मंदिर पुनः जीर्णोद्धार, नया स्वरूप देकर खड़ा किया गया। श्री षाड़ंगी ने कहा कि जिला आदर्श सेवा संघ एवं उत्कल सम्मेलनों पदाधिकारी एवं सदस्यों के द्वारा जो मुझे सम्मानित किया गया मैं सभी को आभार व्यक्त करता हूं। इस सम्मानित कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुमंत चंद्र मोहंती, विरेजा पति, सुशील षाड़ंगी, सुजीत हाजरा, हावु षाड़ंगी, जितेंद्र धडाई, बबलू मंदक, सुजीत षाड़ंगी, मनोरंजन मिश्रा, अशिद षाड़ंगी, आदि उपस्थित थे।






खरसावां में मां काली पूजा पर ओड़िया नाटक ‘मो कहानीरे तुमोरी नाम’ का शानदार मंचन

खरसावां के कुम्हार साई काली मंदिर में मां काली की पूजा के अवसर पर महावीर सध ओपेरा द्वारा बालेश्वर से आए पंच सखा ओपेरा के कलाकारों ने ओड़िया नाटक मो कहानीरे तुमोरी नाम का मंचन किया गया। ओडिशा के बालेश्वर से आए कलाकारों ने पारिवारिक रिश्तों के उताव चढ़ाव की दर्शाया है नाटक से पहले कलाकारों ने अपने गीत व संगीत , रिकॉर्ड डांस के माध्यम से समां बांध दिया। 



रात भर दर्शकों ने नाटक अंत तक काफी संख्या में देखा। इस अवसर पर महावीर संघ के निर्देश कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी ने कहा कि नाटक हमारे संस्कृति का परिचालय है इस नाटक के माध्यम से हम अपने संस्कृति भाषा सुरक्षित रखने में सफल हैं। जीवन एक कला है जीने के कला ही जीवन का सारांश और जीवन का रस है। उन्होंने कहा कि ओड़िया नाटक एक भाषा संस्कृति को बचाने का एक रास्ता है। उन्होंने कहा कि हमें विधि विधान व मान्यताओं के आधार पर जीना चाहिए। साथ ही मान्यताओं के आधार पर आगे बढ़ने की प्रेरणा लेना चाहिए। वही अपने अधिकार को लेकर हमें हमेशा सचेत व सहज रहना चाहिए। इस दौरान महावीर सध ओपेरा के निर्देश कामाख्या प्रसाद षाड़ंगी, सुशांत षाड़ंगी, सुजीत हाजरा, सुशील षाड़ंगी, सरोज मिश्रा, अशिद षाड़ंगी, जितेन घड़ाई,हावु षाड़ंगी,मोटु षाड़ंगी, राम गोविंद मिश्रा, पुरेंद्र राउत, विश्वजीत दास, किदरा दास, मानु कर, मनोज बारीक, रवि बैराल, मनोरंजन मिश्रा, शुभम षाड़ंगी, दिनेश षाड़ंगी, प्रशांत षाड़ंगी, एवं भारी संख्या में दर्शक मौजूद थे।






मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025

सराइकेला खरसावाँ: पुलिस संस्मरण दिवस पर शहीदों को नमन

सराइकेला खरसावाँ: पुलिस संस्मरण दिवस पर सराइकेला पुलिस केंद्र में स्थित शहीद स्मारक पर पुलिस अधीक्षक सराइकेला खरसावाँ तथा पुलिस पदाधिकारियों / कर्मियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया तथा अपने कर्तव्य पर शहीद हुए पुलिस पदाधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों को नमन किया गया।









रविवार, 19 अक्टूबर 2025

सरायकेला: वृद्ध बुजुर्गों की चेहरे की खुशी त्योहारों की खुशी दुगनी कर देती है - मनोज चौधरी

सरायकेला :सरायकेला दीपावली के मौके को खास बनाने के लिए सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी रविवार को ओल्ड एज होम पहुंचे और बुजुर्गों के साथ दीपावली की खुशियां बांटी.


इस मौके पर उन्होंने ओल्ड एज होम में रह रहे बुजुर्गों को फुलझड़ी और मिठाइयां देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि यहां आकर बेहद सुकून मिलता है. हालांकि उन्होंने बुजुर्गों के इस अवस्था पर चिंता जताई और कहा कि ईश्वर न करें यह दिन किसी को देखना पड़े, फिर भी बुजुर्गों का उन्हें हमेशा से आशीर्वाद मिलता रहा है. जब भी अवसर मिलेगा बुजुर्गों की सेवा करने सेवा पीछे नहीं हटेंगे. इधर मनोज चौधरी को अपने बीच पाकर बुजुर्गों के चेहरे खुशी से खिल उठे. उन्होंने जी भरकर मनोज चौधरी को दुआएं दी. मालूम हो कि हर खास मौके पर मनोज कुमार चौधरी बुजुर्ग आश्रम पहुंचते हैं और बुजुर्गों के साथ खुशियों का पल साझा करते हैं.

खरसावां-कुचाई में धनतेरस पर हुई धनवर्षा, जमकर हुई खरीदारी, गाड़ी और घरेलु सामान में बर्तन खूब बिके

खरसावां-कुचाई में धनतेरस पर धनवर्षा हुई। लोगों ने जमकर खरीदारी की। रोशनी का पर्व दीपावली पर के पहले धनतेरस की खरीदारी जोरों पर रही। सुबह से ही बाजार सज गए थे। लोगों का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। लोग शुभ मुहूत देखकर बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। धनतेरस के दिन दोपहर बाद खरीदारी जोरों पर रही। महिलाओं ने सोने-चांदी की जमकर खरीदारी की। चांदी के सिक्कों की मांग अधिक रही। कुछ ने गाड़ी और इलेक्ट्रिक सामान खरीदा।



घरेलू सामान में बर्तन आदि खूब बिके। महंगाई को लेकर लोग परेशान रहे। इसके बावजूद लोगों में त्योहार को लेकर गजब का उत्साह था। आभूषण और बर्तन दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ रही। हर कोई धनतेरस के मौके पर कुछ न कुछ खरीद लेना चाहता था। कई घरों में नई गाड़ियां नजर आईं। इसके बाद लोगों ने दीपावली के दिन इस्तेमाल होने वाले सामान की खरीदारी की। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की बिक्री भी खूब हुई। साप्ताहिक हाट में मिट्टी के दीए की दुकानें लगी थीं। इस बार दीपों की खरीदारी पिछली दीपावली के अनुपात में ज्यादा दिखी। बच्चों ने मिट्टी के खिलौनों की खरीदारी की। घरों में लोगों ने रोशनी करना शुरू कर दिया। परंपरा के अनुसार लोगों ने घर के बाहर दीप जलाए।






तेलीसाई पदमपुर काली मेला को लेकर खरसावां थाना परिसर में शांति समिति की बैठक — विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी

खरसावां थाना परिसर में तेली साई पदमपुर काली मेला को लेकर शांति समिति की एक बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकु, एवं थाना प्रभारी गौरव कुमार के संयुक्त अध्यक्षता में की गई, इस बैठक में आगामी 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले सात दिवसीय काली मेला के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने का निर्णय लिया गया। 

सरायकेला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सवैया के उपस्थित पर निर्णय लिया गया कि तेली साई पदमपुर काली मेला में विधि व्यवस्था बनाएं रखने के लिए हब्बा डब्बा जुआ और शराब पर प्रतिबंध बनाए रखने के लिए अब्बाडब्बा, जुआ और शराब पर प्रतिबंध रहेगा पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। इसके अलाबे जगह-जगह लाइटिंग व्यवस्था करने मेले की निगरानी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, मेले में सरकारी गाइडलाइन के तहत मेला लगाने, मेले के मुख्य गेट पर एंबुलेंस की व्यवस्था करने में ले मेले परिसर में आवाजाही की व्यवस्था सुनिश्चित करने मेला में कताबद्ब तरीके से दुकान लगाने विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस केम्प लगाने, स्वास्थ्य सेवा के लिए सात दोनों तक पदमपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करने, मेला में अग्निशामक यंत्र लगाने, मेला के आसपास गांव में नियमित बिजली देने, बोडडा चौक, मेला परिसर द्वारा आदि जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तेलीसाई चौक, खरसावा कब्रिस्तान चौक, बोडडा चौक में चेक पोस्ट बनाने। मंदिर परिसर में कताबद्ब तरीके से मां काली के दर्शन के लिए व्यवस्था करने की आदि का निर्णय लिया गया। साथ ही मेला में हुड़दंगियों पर पैनी नजर बनाये रखने के लिए मंदिर परिसर व मेला में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी ने कहा कि मेला भारतीय सभ्यता का प्रतीक है इससे आपसी भाईचारे का माहौल बनता है। आपसी विवाद को भूलाकर मेला का सफल संचालन करें। खरसावां थाना प्रभारी गौरव कुमार ने कहा कि तेलीसाई पदमपुर मेला में शांति व्यवस्था व सद भावना बनाये रखें भारतीय संस्कृति में त्योहार मात्र औपचारिक अनुष्ठान भर नहीं है बल्कि हर त्योहार हर उत्सव हर पर्व के पीछे एक सामाजिक संदेश छिपा हुआ है। जो मनुष्य की जीवन यापन करने की प्रेरणा देता है। बैठक में मौजूद थे मुख्य रूप से एसडीपीओ समीर कुमार सवैया, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी, परिक्षामान डीएसपी पूजा कुमारी, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकु, थाना प्रभारी गौरव कुमार, जिला परिषद सदस्य कालीचरण बानरा, ग्राम प्रधान खालिद खान,, अश्विनी कुमार मंडल, मनमित सिंह देव, दत सिंह, रोबिन सिंह, ओखय मंडल, सत्यनारायण मंडल सहित शांति समिति के सभी सदस्यों, मेला समिति के सभी सदस्यों उपस्थित थे। सरायकेला खरसावां संवाददाता सुशील कुमार।






सरायकेला-खरसावाँ : दीपावली–छठ पर पटाखों की बिक्री व भंडारण को लेकर प्रशासन सख्त — सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

आगामी दीपावली एवं छठ पर्व को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन, सरायकेला-खरसावाँ द्वारा आतिशबाज़ी के भंडारण, विक्रय एवं उपयोग के संबंध में Explosives Rules, 2008 के अंतर्गत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। आतिशबाज़ी की बिक्री एवं प्रदर्शन केवल प्रशासन द्वारा अनुमोदित स्थलों पर ही किए जा सकेंगे। बिना अनुमति संचालित किसी भी अस्थायी पटाखा दुकान के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की जाएगी।



*मुख्य दिशा-निर्देश (Explosives Rules, 2008 के अनुसार):*👇🏼

• आतिशबाज़ी का भंडारण केवल गैर-दहनशील पदार्थ से निर्मित, बंद एवं सुरक्षित शेड में किया जाएगा ताकि किसी अनधिकृत व्यक्ति की पहुँच न हो सके।

• आतिशबाज़ी के कब्ज़ा एवं विक्रय के शेड एक-दूसरे से कम से कम तीन मीटर तथा किसी संरक्षित भवन, सार्वजनिक स्थल या सुरक्षित कार्य क्षेत्र से न्यूनतम पचास मीटर की दूरी पर होंगे।

• शेड एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं होंगे।

• शेड की सुरक्षा सीमा के भीतर तेल से जलने वाले दीये, गैस लैम्प, या खुली लौ का प्रयोग पूर्णतः वर्जित रहेगा।

विद्युत बल्ब या फिटिंग दीवार अथवा छत पर स्थायी रूप से फिक्स की जाएगी तथा प्रत्येक पंक्ति में एक मुख्य स्विच की व्यवस्था अनिवार्य होगी।

• आतिशबाज़ी की किसी शेड से पचास मीटर की परिधि के भीतर प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी।

• एक समूह में पचास से अधिक अस्थायी दुकानों की अनुमति नहीं दी जाएगी।

• शेड में उपयोग की जाने वाली सभी विद्युत तारें व उपकरण दीवार या छत पर सुरक्षित रूप से फिक्स किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की स्पार्किंग या शॉर्ट सर्किट की संभावना न रहे।

• ऐसे पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित है जिनकी ध्वनि-स्तर 125 डेसीबल (A) या 145 डेसीबल (C) से अधिक (4 मीटर दूरी पर मापने पर) हो।

• प्रत्येक दुकान पर कार्यशील अग्निशामक यंत्र की उपलब्धता अनिवार्य होगी तथा विक्रेता को उसके प्रयोग की जानकारी होनी चाहिए।

• विस्फोटक पदार्थों का भंडारण केवल स्वीकृत भवन या पात्र में किया जाएगा।

2.5 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक या 0.5 किलोग्राम से अधिक अन्य वर्ग के विस्फोटक को मजबूत एवं सीलबंद कंटेनर में सुरक्षित रखा जाएगा।

• लाइसेंसधारी व्यक्ति को स्टॉक एवं विक्रय का अभिलेख फॉर्म-32 एवं फॉर्म-33 में विधिवत संधारित करना होगा।

• किसी भी प्रकार की चोरी, क्षति या विस्फोटक की कमी की सूचना तत्काल नज़दीकी थाना एवं लाइसेंसिंग प्राधिकारी को दी जाएगी। निरीक्षण हेतु अधिकृत अधिकारी को परिसर में प्रवेश की अनुमति एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

• आतिशबाज़ी के प्रदर्शन हेतु प्रयुक्त माल किसी दुकान की खिड़की में या उसके ऊपर प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।

• आतिशबाज़ी के प्रत्येक पैकेट को सीलबंद रखा जाएगा तथा विक्रय के समय उसकी पैकिंग की स्थिति सुरक्षित एवं सही होनी चाहिए।

*आम नागरिकों नागरिकों के लिए अपील :*

• बच्चे अभिभावक या वयस्क की प्रत्यक्ष निगरानी में ही पटाखे फोड़ें।

• पटाखे जलाते समय सूती वस्त्र पहनें एवं ज्वलनशील कपड़ों से बचें।

• जलते पटाखों के आस-पास पानी, रेत अथवा अग्निशामक यंत्र उपलब्ध रखें।

• अस्पताल, विद्यालय, पेट्रोल पंप, वृद्धाश्रम एवं गैस पाइपलाइन के निकट आतिशबाज़ी न चलाएँ।

• उच्च ध्वनि या अत्यधिक धुएँ वाले पटाखों का प्रयोग न करें तथा पर्यावरण की सुरक्षा का ध्यान रखें।

• किसी भी प्रकार की दुर्घटना या चोट की स्थिति में तत्काल नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र / उप-स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें या स्थानीय आपातकालीन नंबरों पर सहायता प्राप्त करें।

• दोषपूर्ण या असामान्य पटाखों का उपयोग न करें तथा संबंधित प्राधिकारी को सूचित करें।

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति अथवा Explosives Rules, 2008 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए संचालित किसी भी अस्थायी पटाखा दुकान या व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

शनिवार, 18 अक्टूबर 2025

महालिमोरूप : धातकीडीह गाँव में हुई भक्तिभाव से मनसा पूजा

सरायकेला प्रखण्ड अन्तर्गत धातकीडीह गाँव में सर्पो की देवी माता मानस की भव्य प्रतिमा स्थापित कर भक्ति भाव से पूजा अर्चना की गई। पूजा की शुरुआत घटवारी से हुई।शुक्रवार शाम को श्रद्धालुओं द्वारा घट में जल भरकर मन्दिर परिसर लाया गया। जहाँ पंडित रामानाथ होता एव रूपक होता ने घट की स्थापना कर विधिवत मंत्रोउच्चरण के साथ सर्पो की देवी माता मानसा की पूजा अर्चना की। वहीं गाँव के श्रद्धांलुओं ने निर्जला उपवास रहकर अपने व परिवार की सुख समृद्धि व वैभव देवी माता से मांगी। पूजा के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। 

इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित एल आई सी ,जमशेदपुर के अधिकारी सोहन लाल मुखी ने बताया कि मनसा की पूजा गांवों में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में एक है। इस पूजा का गाँव में विशेष महत्व है, मां मनसा को लेकर कई मान्यताएं हैं. सांप-बिच्छू व बरसाती कीड़ों के विष से बचने के लिए मां मनसा की पूजा लोक परंपरा है. 

महालिमोरूप क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता हेमसागर प्रधान ने बताया कि गांवों में मां मनसा की पूजा पूरे भक्तिभाव से मनाने के पीछे भी मान्यता है कि मां मनसा की पूजा-अर्चना से सांप-बिच्छुओं के खतरों से उन्हें सुरक्षा मिलती है. इसी कारण गांव के लोग मां मनसा की आराधना पूरे भक्तिभाव से करते हैं.

मौक पर सोहनलाल मुखी, अशोक महतो, धीरेंद्र महतो, सुभाष चंद्र महतो, नगेन महतो, कृष्णा महतो, बुधेश्वर् दास, कमलदेव दास, लखिन्द् नायक समेत अन्य उपस्थित थे।

खरसावां: अशोका इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित हुई रंगोली प्रतियोगिता

खरसावां: खरसावां स्थित अशोका इंटरनेशनल स्कूल में इंटर हाउस प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. इस गतिविधि के अंतर्गत कक्षा नर्सरी से कक्षा 2 तक दीया कलरिंग प्रतियोगिता, कक्षा 3 से 4 तक दीवार पर शिल्प कला की प्रतियोगिता तथा कक्षा 6 से 10 तक रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.


कार्यक्रम का संचालन गतिविधि प्रभारी तनुश्री विश्वकर्मा ने किया तथा कार्यक्रम का निरीक्षण विद्यालय के प्राचार्या सारिका कुमारी ने किया. गतिविधि में सभी छात्र छात्राओं ने काफी उत्साहपूर्वक भाग लिया और गतिविधि में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से शांति रानी, शोभा कुमारी, सरिता तिरिया, शबनम गोडसोरा, सुषमा बोदरा, सेजल कुमारी, नीलम बाउरी, तनुश्री विश्वकर्मा, जसविंदर कौर, उमेश महतो, अबरार कुरैशी, जीशान अली, कृष्ण चंद्र महतो, कल्पना कुमारी और प्रिय रंजन उपस्थित रहे.






सरायकेला की महिलाओं ने गढ़ी मिसाल — गोबर से बने दीयों से रोशन होगी इस बार दीपावली

सरायकेला-खरसावां जिले में दीपावली की रौशनी अब नए रूप में देखने को मिल रही है। मिट्टी के दीयों के साथ-साथ अब गोबर से बने दीयों का चलन भी बढ़ रहा है। और इस बदलाव के पीछे हैं 



आदित्यपुर की सीमा पांडेय, जो पिछले 15 सालों से गोबर और गोमूत्र से घरेलू उपयोग की वस्तुएं बना रही हैं। ये दीये सिर्फ रौशनी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बन चुके हैं। 

दीपावली पर अब देसी दीयों की रौशनी से घर आंगन रोशन होंगे. लेकिन इस बार ये दीये मिट्टी से नहीं, गोबर से बने हैं। सरायकेला खरसावां के आदित्यपुर में सीमा पांडेय और उनकी टीम बना रही हैं गोबर से दीये और इन दीयों की मांग सिर्फ झारखंड ही नहीं, बिहार तक जा पहुँची है।

सासाराम, गया, औरंगाबाद से हमें हज़ार से ज़्यादा दीयों का ऑर्डर मिला. हमने भेज भी दिया। साथ ही 

इन दीयों की कीमत पाँच रुपये से शुरू होकर 130 रुपये तक जाती है। और खास बात ये है कि इनके ज़रिए 50 से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार भी मिल रहा है।सीमा पांडेय न सिर्फ गोबर से दीये बनवा रही हैं, बल्कि गायों के संरक्षण की दिशा में भी अहम काम कर रही हैं। अब दूध न देने वाली गायों को लोग घर से नहीं निकालते, क्योंकि सीमा जी उनका गोबर भी खरीद लेती हैं।

सीमा पांडेय का ये प्रयास न केवल महिलाओं को रोजगार दे रहा है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को भी बढ़ावा दे रहा है। गोबर से बनी राखियों ने पहले ही रक्षाबंधन को नया आयाम दिया और अब दीये बनाकर महिलाएं रोशन कर रही हैं हजारों घरों को।

दीपावली की इस रौशनी में स्वदेशी का रंग और महिला सशक्तिकरण की चमक साफ नज़र आ रही है। सरायकेला-खरसावां की ये पहल पूरे देश के लिए एक मिसाल है।तो अगली बार दीपावली पर अगर आप दीया खरीदें, तो याद रखिएगा एक दीया किसी महिला के सपने को रौशनी दे सकता है।





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