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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सोमवार, 8 दिसंबर 2025

कोलकाता में लाखों लोगों ने किया गीता पाठ, विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल में ‘धर्मयुद्ध’ का ऐलान

कोलकाता :-पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सनातन संस्कृति संसद के तत्वावधान में रविवार को सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया. इस गीता पाठ में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री, पद्म भूषण प्राप्त साध्वी ऋतंभरा सहित बंगाल बीजेपी के आला नेता शुभेंदु अधिकारी, सुकांत मजूमदार, दिलीप घोष के साथ-साथ राज्य के राज्यपाल सीवी आनंद बोस सहित लाखों साधु-सतों ने हिस्सा लिया.सुबह से ही ब्रिगेड मैंदान में भीड़ बढ़ने लगी थी. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया. लगभग लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा और ब्रिगेड मैदान शंख की आवाज गूंज उठा.



इस अवसर पर लाखों भक्त ब्रिगेड मैदान पहुंचे है. वेदों के पाठ के बाद सामूहिक गीता पाठ किया गया. सनातनियों को ढाक, खोल और झांझ के साथ नृत्य करते देखा गया. ब्रिगेड मैदान उलू और शंख की ध्वनि से गूंज उठी. ज्ञानानंदजी महाराज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.


राज्यपाल ने श्रीकृष्ण-अर्जुन संवाद की दिलाई याद

राज्यपाल सीवी आनंद बोस सामूहिक गीता पाठ के आयोजन पर उपस्थित हुए. उनके मुंह से गीता के शब्द सुनाई दिए. उन्होंने करप्शन के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने श्री कृष्ण-अर्जुन की याद दिलाई. उन्होंने बताया कि कैसे श्री कृष्ण ने महाभारत के उस भयानक युद्ध में कृष्ण को सही रास्ता दिखाया.उन्होंने कहा, श्री कृष्ण ने बार-बार अर्जुन से कहा कि अर्जुन अपना काम करो और आज बंगाल काम करने के लिए तैयार है. आज जब युवा पीढ़ी के लोग गीता का पाठ करना चाहते हैं, तो यह राष्ट्रीय गौरव की बात बन जाती है.केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा कि गीता पाठ का चुनावों से कोई सीधा लेना-देना नहीं है पॉलिटिक्स तो पॉलिटिक्स ही रहेगी, गीता हमेशा रहने वाली है. कल हमने जो देखा, उससे साफ पता चलता है कि हिंदू वोट को बांटने और मुस्लिम वोट को एक करने की साजिश चल रही है.कार्यक्रम के आयोजकों से एक कार्तिक महाराज ने कहा कि पांच लाख लोगों द्वारा गीता पाठ’ का आयोजन सनातन संस्कृति संसद कर रहा है, जो अलग-अलग मठों और हिंदू धार्मिक संस्थानों से आए साधुओं और आध्यात्मिक नेताओं का समूह है.

मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

कोलकाता में BLO का संग्राम…

कोलकाता में आज सुबह निर्वाचन आयोग के दफ्तर के बाहर बूथ लेवल अधिकारी BLO अपनी शिकायतों की चिंगारी लिये सड़कों पर उतर आये। एम.जी रोड की हवा में अचानक शोर गूंजा, “हम इंसान हैं, मशीन नहीं।” भीड़ बढ़ी, नारे तेज हुये और हालात इस कदर बिगड़ गये कि वहां तैनात पुलिस की सांसें भी लड़खड़ा गईं। हावड़ा से लेकर दमदम तक, बारासात से लेकर टॉलीगंज के गलियारों तक BLO का एक ही दर्द झलका, “SIR प्रक्रिया ने हमें अमानवीय तनाव में डाल दिया है।” यहां याद दिला दें कि बीते हफ्ते BLO ने राज्य निर्वाचन आयुक्त के दफ्तर में जबरन घुसने की कोशिश की थी। उस झड़प का धुआं अभी ठंडा नहीं हुआ कि नई आग भड़क उठी। इधर, तनाव बढ़ा तो चुनाव आयोग भी सख्त हुआ। कोलकाता के पुलिस कमिश्नर को भेजी चिट्ठी में निर्वाचन आयुक्त की सुरक्षा में चूक को “बेहद गंभीर” बताया गया। इस बीच BLO का दर्द शायद आयोग के कानों तक पहुंच गया। भारी काम के दबाव के बीच SIR की समयसीमा सात दिन बढ़ा दी गई। अब 11 दिसंबर तक चलेगी इन्युमरेशन, 16 दिसंबर को प्रकाशित होगा मसौदा एवं 14 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची आयेगी।



शुक्रवार, 21 नवंबर 2025

कोलकाता समेत बंगाल के कई जिलों में भूकंप के झटके, 17 सेकंड तक डोली धरती

नई दिल्ली :कोलकाता समेत बंगाल के कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 10.10 बजे यह झटका आया । रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.7 मापी गई है। 17 सेकेंड तक धरती डोली।इस भूकंप का केंद्र बांग्लादेश बताया गया है।




बंगाल में SIR से घुसपैठियों में हडकंप, सीमा पार जाने के लिए बॉर्डर पर इकट्ठा हुए सैकड़ों बांग्लादेशी और रोहिंग्या

कोलकाता :-बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही बांग्लादेशी घुसपैठियों के बिना बाड़ वाली सीमा से होकर भागने या अपने देश वापस लौटने की होड़ मची हुई है.विशेषकर कोलकाता से सटे सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूपनगर व हकीमपुर इलाकों में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बड़ी संख्या में घुसपैठिए वापस जाने के पिछले कुछ दिनों से समूह में लगातार इकठ्ठा हो रहे हैं। इनकी संख्या सैकड़ों में है। जिसके चलते यह सीमा अभी घुसपैठियों से भरा पड़ा है। इस भीड़ में कई रोहिंग्या भी शामिल हैं, जो म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए थे। अब ये लोग किसी तरह अपने देश वापस लौटना चाहते हैं।ये घुसपैठिए इंतजार कर रहे हैं कि कब उन्हें सीमा पार कर वापस जाने की अनुमति दी जाएगी अथवा बीएसएफ बीजीबी (बार्डर गार्ड बांग्लादेश) को उन्हें सौंपेगा। उनका कहना है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं, लेकिन उनके पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे दस्तावेज हैं.अधिकतर घुसपैठियों का कहना है कि वे रोजी-रोटी की तलाश में भारत आए थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। कई घुसपैठियों का कहना है कि बांग्लादेश वापस जाने पर उन्हें भीख मांगनी पड़ सकती है, क्योंकि भारत की तरह वहां उन्हें काम नहीं मिलेगा।



घुसपैठियों का खुलासा: टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की

हकीमपुर चेकपोस्ट पर पकड़े गए घुसपैठियों ने चौंकाने वाला सच बताया-हकीमपुर चेकपोस्ट पर पकड़े गए घुसपैठियों ने मीडिया के सामने चौंकाने वाला सच बताया। अधिकतर ने कहा कि वे दलाल को पैसे देकर बंगाल में घुसे थे और सत्तारूढ़ टीएमसी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उन्हें भारतीय पहचान पत्र बनवाने में मदद की।

अब वापस म्यांमार लौटना चाहते हैं रोहिंग्या-हकीमपुर सीमा पर हिरासत में लिए गए म्यांमार निवासी एक रोहिंग्या मोहम्मद सलीम ने कहा- अब मैं बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में वापस जाना चाहता हूं। वहां से म्यांमार लौट जाऊंगा। पूछताछ में उसने बताया कि 5-6 साल पहले वह बांग्लादेश के रास्ते इसी सीमा के जरिए भारत में दाखिल हुआ था। वह हैदराबाद में चला गया और पिछले कई सालों से वहां दिहाड़ी मजदूरी करता था।

बंगाल में एसआइआर शुरू होने के बाद, वह अपने परिवार सहित वापस भागने का रास्ता ढूंढ़ते हुए हकीमपुर पहुंचा। सलीम की पत्नी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि अब कहां जाना है। मेरे पास कोई दस्तावेज नहीं हैं।

वापस लौटने की कोशिश करने वाले घुसपैठियों की संख्या में बड़ी वृद्धि-सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि हाल के सप्ताहों में विशेषकर उत्तर 24 परगना और मालदा जिलों में भारत-बांग्लादेश सीमा के बिना बाड़ वाले इलाकों के जरिए अवैध तरीके से वापस लौटने की कोशिश करने वाले अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की संख्या में बड़ी वृद्धि देखी गई है। अधिकारी के अनुसार, पहले ऐसी घटनाएं बमुश्किल दोहरे अंक में पहुंचती थीं। अब यह आंकड़ा हर दिन लगातार तीन अंकों में पहुंच रहा है।

गलत खबर फैलाने के आरोप में मीडिया कर्मियों पर हमला-इधर, हकीमपुर सीमा पर गुरुवार को उस समय तनाव फैल गया जब बांग्लादेश लौटने वालों के बारे में गलत खबर फैलाने के आरोप में स्थानीय लोगों ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक चैनल के मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की और उनका विरोध किया। साथ ही उनकी गाड़ियों पर हमले का भी आरोप है। उन्होंने शिकायत की कि कुछ मीडिया चैनल गलत खबरें फैला रहे हैं।

शनिवार, 4 अक्टूबर 2025

कोलकाता: DVC द्वारा छोड़े गए 65 हजार क्यूसेक जल पर भड़की ममता लगाए कई गंभीर आरोप

कोलकाता: पश्चिम बंगाल मे विजय दशमी की सुबह से ही रुक -रुक कर मूसलाधार बारिश हो रही है, जो बारिश शुक्रवार को भी जारी है, ऐसे मे बंगाल मे हो रही लगातार बारिश के कारण कई जलाशयों का जल स्तर पूरी तरह बढ़ चूका है, इसके अलावा कई नदियाँ भी काफी उफान पर हैं, इसी बीच डीवीसी ने मैथन डेम से 32 हजार 500 और पंचेत डेम से 32 हजार 500 क्यू सेक पानी छोड़ दिया है, DVC द्वारा दोनों डेमो से छोड़े गए 65 हजार क्यू सेक पानी से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भड़क गई हैं और उन्होंने डिवीसी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है की…

विजयदशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है – जो आनंद, उल्लास और नई आशा का समय है। फिर भी, पश्चिम बंगाल के लोगों को शांतिपूर्वक त्योहार मनाने देने के बजाय, डीवीसी ने राज्य को बिना किसी पूर्व सूचना के 65,000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया। यह लापरवाही हमारे पवित्र उत्सवों के दौरान दुख पहुँचाने की एक कोशिश से कम नहीं है।


ऐसी एकतरफा कार्रवाई शर्मनाक और बिल्कुल अस्वीकार्य है। बिना सूचना के पानी छोड़कर, डीवीसी ने बंगाल में लाखों लोगों के जीवन को तत्काल संकट में डाल दिया है। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं है, यह डीवीसी द्वारा निर्मित एक आपदा है।


मैं स्पष्ट कर दूँ: मैं किसी को भी बंगाल का विसर्जन नहीं करने दूँगी। हमारे लोगों के खिलाफ हर साजिश का पूरी ताकत से विरोध किया जाएगा। छल पर सत्य की और बुराई पर अच्छाई की जीत होगी।


जय माँ दुर्गा!

गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025

पश्चिम बंगाल में मां के 12 चमत्कारी धाम, जहां हर कण में शक्ति का वास

कोलकाता :पश्चिम बंगाल शाक्त धर्म का प्रमुख केंद्र रहा है। यहां पर आदिकाल से ही शक्ति उपासना की परंपरा विद्यमान रही है। शाक्त साधना के लिए बंगाल को विशेष महत्व प्राप्त है।

प्राचीन ग्रंथों और पुराणों में वर्णित 51 शक्तिपीठों में से 12 पवित्र शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल में स्थित हैं। नवरात्रि और दुर्गापूजा के अवसर पर यहां विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं और लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं।





रविवार, 7 सितंबर 2025

झारखंड-बंगाल के सपनों का संगम

राँची : कोलकाता की रौनक में एक खास लम्हा रहा। जब झारखंड के CM हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री एवं कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम आमने-सामने बैठे। 

ये सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि रिश्तों की वो डोर भी मजबूत हुई, जो दो पड़ोसी राज्यों की सरहद से आगे बढ़कर दिलों तक पहुंचती है। बातचीत में विकास और सौहार्द की झलक साफ थी, झारखंड की मिट्टी की खुशबू और कोलकाता की गलियों की पुरानी दोस्ती एक साथ महसूस हुई। यह मुलाकात मानो एक कहानी का नया अध्याय हो, जहां राजनीति की कठोरता नहीं, बल्कि अपनत्व की नरमाहट झलक रही थी। झारखंड और बंगाल की इस साझेदारी से आम लोगों को भी उम्मीद की किरण दिखी कि आने वाले दिनों में दोनों प्रदेशों की दोस्ती रिश्तों से आगे बढ़कर विकास की राह रोशन करेगी।









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