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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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बुधवार, 26 नवंबर 2025

बंगाल में जमा नहीं हुए 10 लाख गणना फार्म, मतदाता सूची से हट सकते हैं नाम

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के एसआईआर के तहत अब तक 10 लाख से अधिक गणना फार्म जमा नहीं हुए हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि ऐसे ज्यादातर मतदाता अनुपस्थित, डुप्लिकेट, मृत या स्थायी रूप से स्थानांतरित पाए गए हैं। इस हिसाब से बंगाल में अब तक 10 लाख नाम हटने के संकेत मिले हैं।



सोमवार, 17 नवंबर 2025

दार्जिलिंग मुद्दा: CM ममता बनर्जी ने PM मोदी को फिर लिखा पत्र, वार्ताकार की नियुक्ति रद्द करने का किया अनुरोध

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिर से पत्र लिखकर केंद्र से अनुरोध किया कि वह दार्जिलिंग पहाड़ियों के गोरखाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी की वार्ताकार के रूप में नियुक्ति को रद्द कर दें। प्रधानमंत्री को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में बनर्जी ने कहा कि यह कदम संवैधानिक प्रावधानों और गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) अधिनियम, 2011 के तहत राज्य के अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन करता है।



बनर्जी ने 18 अक्टूबर के अपने पूर्व पत्र का उल्लेख करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी चिंताओं को स्वीकार किया है और उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री को भेज दिया है। उन्होंने लिखा, ‘‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि मेरे पत्र के जवाब में कोई और संवाद किए बिना तथा आपके हस्तक्षेप के बावजूद गृह मंत्रालय के अधीन वार्ताकार का कार्यालय पहले ही काम करना शुरू कर चुका है।''

उन्होंने इस घटनाक्रम को ‘‘वास्तव में चौंकाने वाला'' बताया। बनर्जी ने केंद्र के फैसले को ‘‘एकतरफा और मनमाना'' बताते हुए कहा कि यह ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार के परामर्श या सहमति के बिना'' लिया गया है। जीटीए अधिनियम, 2011 का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून ‘‘सरकार को स्पष्ट रूप से पश्चिम बंगाल राज्य की सरकार के रूप में परिभाषित करता है'' और इसलिए ‘‘केंद्र सरकार के पास इन क्षेत्रों से संबंधित मामलों में किसी भी प्रतिनिधि या मध्यस्थ को नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है।''

उत्तर बंगाल में कलिम्पोंग और दार्जिलिंग जिलों के कुछ हिस्सों का शासन इस अधिनियम के तहत आता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र द्वारा वार्ताकार की नियुक्ति संघ और राज्यों के बीच शक्तियों के संवैधानिक वितरण का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बार फिर आपके हस्तक्षेप की उम्मीद करती हूं और आपसे इस असंवैधानिक और मनमाने आदेश को रद्द करने का अनुरोध करती हूं।''

रविवार, 7 सितंबर 2025

झारखंड-बंगाल के सपनों का संगम

राँची : कोलकाता की रौनक में एक खास लम्हा रहा। जब झारखंड के CM हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री एवं कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम आमने-सामने बैठे। 

ये सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि रिश्तों की वो डोर भी मजबूत हुई, जो दो पड़ोसी राज्यों की सरहद से आगे बढ़कर दिलों तक पहुंचती है। बातचीत में विकास और सौहार्द की झलक साफ थी, झारखंड की मिट्टी की खुशबू और कोलकाता की गलियों की पुरानी दोस्ती एक साथ महसूस हुई। यह मुलाकात मानो एक कहानी का नया अध्याय हो, जहां राजनीति की कठोरता नहीं, बल्कि अपनत्व की नरमाहट झलक रही थी। झारखंड और बंगाल की इस साझेदारी से आम लोगों को भी उम्मीद की किरण दिखी कि आने वाले दिनों में दोनों प्रदेशों की दोस्ती रिश्तों से आगे बढ़कर विकास की राह रोशन करेगी।









मंगलवार, 2 सितंबर 2025

बिहार के बाद बंगाल में चुनाव: आखिर क्यों विरोध का झंडा उठाये हुए है तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी

बिहार के बाद बंगाल में भी चुनाव होने है.  भाजपा की बड़ी इच्छा है कि बंगाल में भी उसका झंडा लहराए , लेकिन ममता बनर्जी इसमें बाधक बनी हुई है.  अगले साल बंगाल में भी चुनाव होने हैं और इसको लेकर दोनों तरफ से तैयारी शुरू हो गई है.  इस बीच जो खबरें निकलकर आ रही है, उसके अनुसार तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है.  चर्चित सांसद कल्याण बनर्जी कतिपय सांसदों के खिलाफ विरोध का झंडा लिए हुए है.  तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी की पार्टी सांसदों के प्रति नाराजगी फिर सामने आई है.  कुछ दिन पहले सांसद महुआ मोइत्रा के साथ विवाद हुआ था. 

पुरानी  बात को याद कर साधा निशाना 


कल्याण बनर्जी ने पुरानी घटना को सामने लाते हुए कहा कि तत्कालीन सांसद रमेश बिधूड़ी  लोकसभा में जब हमारे सांसद महुआ मोइत्रा के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे, जो स्वीकार करने योग्य नहीं थी.  मैंने इसका विरोध किया ,तो मुझे भाजपा सांसदों ने धमकी दी.  उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से  हमारी उप नेता  शताब्दी राय ,उस वक़्त खामोश रही.  हमारी पार्टी के कोई भी सांसदों ने कुछ नहीं कहा.  समाजवादी पार्टी के सांसद मेरे समर्थन में आये.  उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री और तृणमूल  सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के पास पार्टी नेताओं से संबंधित सारे तथ्य  नहीं पहुंच पाते.  बहुत सी बातें फिल्टर होकर पहुंचती है. 


 महुआ मोइत्रा  के साथ फिलहाल कल्याण बनर्जी के कड़वे संबंध है

 

महुआ मोइत्रा  के साथ फिलहाल कल्याण बनर्जी के कड़वे संबंध है.  दोनों के बीच पिछले दिनों विवाद  हुआ.  इसी विवाद की वजह से कल्याण बनर्जी को  लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से  इस्तीफा देना पड़ा था.  अब कल्याण बनर्जी के निशाने पर शताब्दी राय है.  ऐसे में क्या कल्याण बनर्जी  तृणमूल  कांग्रेस में घुटन  महसूस कर रहे हैं? क्या ममता दीदी की  पार्टी को छोड़कर वह अलग हो सकते हैं? इस तरह की तमाम बातें हवा में तैर  रही है.

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