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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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शनिवार, 26 जुलाई 2025

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में मनाया गया "कारगिल विजय दिवस"! स्वर्ण पदक विजेता स्नेहा कुमारी को किया गया सम्मानित

26 जुलाई 2025, जमशेदपुर के पोखारी स्थित नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में "कारगिल विजय दिवस" को उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत साई वंदना और राष्ट्रगान के साथ हुई। सरस्वती वंदना की प्रस्तुति के रूप में विश्वविद्यालय के छात्र ने भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने समस्त दर्शकों का मन मोह लिया।

"कारगिल विजय दिवस" के अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी की कमरेके विभाग की रिसर्च स्कॉलर और भारत देश की शान झारखण्ड की पहली महिला स्ट्रेंथ लिफ्टिंग स्नेहा कुमारी उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों को प्रेरित किया और कहा,"जहां चाह है, वहां राह है। यदि आप किसी मंज़िल के लिए अडिग रहे, वह आपको अवश्य मिलेगी"। सोलो सिंगिंग, ग्रुप डांस, सोलो डांस, स्कीट, मोनो ऐक्ट, मेंहदी डिज़ाइन, फायरलेस कुकिंग, पोस्टर मेकिंग, प्रस्तुति प्रदर्शन जैसी विविध प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। 


नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी, जमशेदपुर ने विश्वविद्यालय की होनहार छात्रा स्नेहा कुमारी को उनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने पर गरिमापूर्ण समारोह में सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री मदन मोहन सिंह ने उन्हें ₹40,000/- की सम्मान राशि प्रदान की और उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन पर उन्हें बधाई दी।

स्नेहा कुमारी ने हाल ही में थाईलैंड के पटाया में आयोजित 12वीं इंटरनेशनल स्ट्रेंथ लिफ्टिंग एंड इंक्लाइंड बेंच प्रेस चैंपियनशिप 2025 में भाग लिया, जहाँ उन्होंने 52 किलोग्राम कैटेगरी में 162.5 किलोग्राम वजन उठाकर भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत कर देश और राज्य का नाम रोशन किया।




इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ स्नेहा कुमारी बनीं झारखंड की पहली महिला, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। इस अवसर पर कुलाधिपति श्री मदन मोहन सिंह ने कहा, "स्नेहा कुमारी ने अथक परिश्रम, संकल्प और आत्मविश्वास के बल पर यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वह विश्वविद्यालय, राज्य और देश के लिए गर्व का विषय हैं। नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी सदैव ऐसे प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करती रही है और आगे भी करेगी।"

बुधवार, 23 जुलाई 2025

जमशेदपुर के साकची थाना क्षेत्र स्थित तीन प्रमुख ज्वेलरी दुकानों में तैनात निजी सुरक्षा गार्ड फर्जी हथियार लाइसेंस के आधार पर ड्यूटी कर रहे थे.


 

गुप्त सूचना के आधार पर साकची पुलिस ने इन दुकानों पर छापेमारी की और वहां तैनात गार्डों से पूछताछ के बाद उनके पास मौजूद डबल बैरल शॉटगन और गोलियां जब्त कर लीं. पूछताछ में जब गार्ड केवल हथियार लाइसेंस की छायाप्रति दिखा सके तो पुलिस ने उन्हें 10 दिनों का समय देकर मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके. इसके बाद पुलिस ने दस्तावेजों की वैधता की जांच के लिए उन्हें उपायुक्त कार्यालय भेजा, हालांकि अब तक कोई रिपोर्ट नहीं मिल पाई है. पुलिस को संदेह है कि गार्डों के पास मौजूद हथियार और उनके लाइसेंस दोनों ही अवैध हो सकते हैं.इस मामले में साकची थाने में पदस्थापित सहायक अवर निरीक्षक अभिनव कुमार के बयान पर तीनों गार्डों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पुलिस ने जिन तीन गार्डों को आरोपी बनाया है, उनमें बिहार के कृष्णागढ़ का रहने वाला लक्ष्मीकांत पाण्डेय (40 वर्ष), मानगो जवाहरनगर निवासी रामजी प्रधान (47 वर्ष) और मानगो जवाहरनगर रोड नंबर 4 निवासी विनय कुमार राय (51 वर्ष) शामिल हैं.



साकची थाना प्रभारी आनंद मिश्रा ने बताया कि पूरे मामले की जांच गंभीरता से की जा रही है और जरूरत पड़ने पर हथियार की खरीद, लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया और इसमें संलिप्त सुरक्षा एजेंसियों की भी जांच की जाएगी.

रविवार, 20 जुलाई 2025

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पर एक आधारित कार्यशाला का आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के केंद्रीय सभागार में भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। भौतिकी विभाग और भूगोल विभाग द्वारा अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ और आईक्यूएसी के सहयोग से आयोजित किये गये इस कार्यशाला का केंद्रीय विषय "राजनीति से राग तक: आधुनिक शिक्षा के लिए प्राचीन भारतीय ज्ञान का सामंजस्य" निर्धारित किया गया था।

इस कार्यशाला में मुख्य वक्ताओं के रूप में डॉ. पारोमिता रॉय और डॉ. अशोक कुमार मंडल ने भारतीय ज्ञानकोष की विभिन्न जटिलताओं से संबंधित विभिन्न पक्षों से कार्यशाला में आए सहभागियों को अवगत करवाया।

*"एक स्वास्थ्य एक राष्ट्र" भारत में एक नीतिगत पहल है- डॉ. पारोमिता रॉय*

सर्वप्रथम कार्यशाला में अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए डॉ. पारोमिता रॉय, सहायक प्रोफेसर, आरकेएमवीईआरआई, कोलकाता ने "कौटिल्य के अर्थशास्त्र में एक स्वास्थ्य की अवधारणा" के बारे में बताया। उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से खूबसूरती से समझाया कि कैसे एक स्वास्थ्य में मृदा स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्वास्थ्य जैसे सभी मानदंड शामिल हैं और ये सभी मानव स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं और एक-दूसरे से भी जुड़े हुए हैं। प्राचीन कौटिल्य के अर्थशास्त्र में अच्छी तरह से समझाई गई यह अवधारणा आधुनिक युग में भी प्रासंगिक है।

 "एक स्वास्थ्य एक राष्ट्र" भारत में एक नीतिगत पहल है, जिसका उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए मानव, पशु और पर्यावरणीय स्वास्थ्य क्षेत्रों को एकीकृत करना है, विशेष रूप से एसडीजी 3, जो सभी आयु वर्गों के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने और कल्याण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

*भारतीय वाद्ययंत्र भारतीय अस्मिता की पहचान- डॉ. अशोक कुमार मंडल*


इसके पश्चात कार्यशाला के दूसरे सत्र में डॉ. अशोक कुमार मंडल, सहायक प्रोफेसर, एनआईटी जमशेदपुर ने भारतीय तार वाद्य यंत्रों के विज्ञान पर एक व्याख्यान दिया।

यह एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला सत्र था जिसमें उन्होंने वाद्ययंत्रों को व्यवहारिक रूप से चित्रित करते हुए समझाया कि तार वाद्य यंत्रों में संगीत की विभिन्न आवृत्तियाँ कैसे उत्पन्न होती हैं। इस कार्यशाला में बी.ए. अंग्रेजी की छात्रा श्रबोना और बी.ए. भूगोल की छात्रा कामिनी द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक और क्षेत्रीय नृत्यों ने इसके आकर्षक को और भी अधिक बढ़ा दिया।

कार्यशाला में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति डॉ. प्रभात कुमार पाणि, आईक्यूएसी निदेशक, विभिन्न विभागों के डीन, विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, शोधार्थी और विभिन्न संस्थानों व विश्वविद्यालयों से आए प्रतिभागियों की उपस्थिति ने इसे और भी रोचक और सार्थक बना दिया। कार्यशाला के समापन पर प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और आभार स्वरूप अतिथि वक्ताओं को सुंदर डोगरा कलाओं से सम्मानित किया गया।

सावन: आस्था, अनुशासन और शिव से जुड़ाव का पावन महीना

 


लेखक: आशीष सिंह

जनसंपर्क, इवेंट्स व ब्रांडिंग प्रोफेशनल, जमशेदपुर

भारत में वर्षा ऋतु केवल मौसम का परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत है। जब आकाश में काले बादल छाते हैं और धरती पर पहली बारिश गिरती है, तभी आरंभ होता है श्रावण—जिसे हम सावन के रूप में जानते हैं। यह पवित्र महीना भगवान शिव को समर्पित होता है, जिन्हें त्याग, तपस्या और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है।

सावन केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि आस्था, आत्मशुद्धि और प्रकृति से जुड़ाव का महीना है। इस मास में हर सोमवार को विशेष महत्व दिया जाता है, जिसे सावन सोमवार व्रत कहा जाता है। श्रद्धालु उपवास रखते हैं, मंदिर जाते हैं और शिवलिंग पर जल, दूध व बेलपत्र अर्पित करते हैं, ताकि उन्हें सुख, शांति व मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त हो।



बेलपत्र, दूध और जल का महत्व क्या है?

हर पूजा-पद्धति का एक गहरा अर्थ होता है

बेलपत्र: भगवान शिव को अति प्रिय trifoliate पत्ते, जो उनके त्रिशूल का प्रतीक माने जाते हैं। यह पवित्रता, समर्पण और सादगी का प्रतीक है।

दूध से अभिषेक: शिवलिंग पर दूध अर्पित करने से उनकी उग्र ऊर्जा को शांत करने की भावना है। साथ ही यह आरोग्य, समृद्धि और आत्म-शुद्धि का संकेत है।

जल अर्पण: पवित्र नदियों से लाया गया जल शिवलिंग पर चढ़ाना नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और कर्मशुद्धि का माध्यम माना जाता है।

सोमवार और व्रत का विशेष महत्व क्यों है?

सावन में उपवास करना आत्मनियंत्रण का अभ्यास है। विशेष रूप से सोमवार का दिन चंद्रमा (सोम) को समर्पित होता है, जो मन का स्वामी माना जाता है। शिव की पूजा मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करती है।


महिलाएं पति की दीर्घायु और अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति हेतु व्रत रखती हैं, वहीं पुरुष आत्मिक शक्ति व ज्ञान की प्राप्ति के लिए उपवास करते हैं।


सामाजिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण

सावन का एक और पहलू पर्यावरण से जुड़ा हुआ है। इस दौरान कई स्थानों पर वृक्षारोपण, जल संरक्षण और नदी स्वच्छता जैसे कार्य होते हैं। यह प्राचीन परंपराओं और आधुनिक जिम्मेदारियों के बीच सेतु का कार्य करता है।

निष्कर्ष नीचे पढ़ें 




सावन केवल परंपरा नहीं, संवेदनशील जुड़ाव का महीना है। शिव की पूजा के माध्यम से हम अपने भीतर के नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मकता और ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ने का संदेश प्राप्त करते हैं। यह एक ऐसा समय है जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और जीवन के गूढ़ रहस्यों को समझने का अवसर देता है।


इस आधुनिक समय में भी, सावन हमें सिखाता है कि "आध्यात्मिकता केवल एक धर्म नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है।"

शनिवार, 19 जुलाई 2025

एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड नर्सिंग के संयुक्त रूप से आईक्यूएसी सेल द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला "माइंड ओवर मेडिका" का सफल आयोजन

एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड नर्सिंग के संयुक्त रूप से आईक्यूएसी सेल द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला "माइंड ओवर मेडिका" का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता डॉ. ज़ाकी अख्तर, सहायक प्रोफेसर, पीजीडीजीसी, मनोविज्ञान विभाग, करीम सिटी कॉलेज थे।


कार्यशाला में छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और डॉ. अख्तर के मार्गदर्शन में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और तनाव प्रबंधन के प्रभावी तरीकों से अवगत कराना था।


एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड नर्सिंग की निदेशिका श्रीमती अनुपा सिंह ने कार्यशाला के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

कार्यशाला के दौरान, डॉ. अख्तर ने छात्रों को तनाव प्रबंधन के विभिन्न तरीकों से अवगत कराया, जैसे कि ध्यान, योग और समय प्रबंधन। उन्होंने छात्रों को अपने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यशाला के अंत में, छात्रों ने डॉ. अख्तर से प्रश्न पूछे और अपने अनुभव साझा किए। इस कार्यशाला ने छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया। एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड नर्सिंग विभाग के आईक्यूएसी सेल द्वारा आयोजित "माइंड ओवर मेडिका" कार्यशाला एक सफल आयोजन था। इस कार्यशाला ने छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित किया। हमें विश्वास है कि इस कार्यशाला के आयोजन से हमारे छात्रों को बहुत लाभ होगा और वे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे।

शुक्रवार, 18 जुलाई 2025

युवा कौशल दिवस पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री संगोष्ठी का हुआ आयोजन

जमशेदपुर के पोखारी स्थित नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में सॉफ्ट स्किल्स विभाग ने विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य इंडस्ट्री संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य युवाओं को उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप कौशल विकास की दिशा में प्रोत्साहित करना था।

कार्यक्रम की शुरुआत माननीय अतिथिगण ने दीप प्रज्वलन और साईं वंदना से किया। इसके पश्चात नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा,"युवा ही हमारे देश का भविष्य हैं। युवा अपने कौशल से उद्योग जगत में न सिर्फ अपनी जगह बना सकते हैं बल्कि देश को भी प्रगति की ओर लेकर जाते हैं" और इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इस संगोष्ठी में उद्योग क्षेत्र की तीन जानी मानी हस्तियां - पीयूष एकेडमी और हो लोकल बाज़ार के संस्थापक, पीयूष राज कात्यायन, हेड, स्टैच्यूटरी कंप्लायंस मैनेजमेंट एंड सोसायटीज़, निशीथ सिंहा और टेक लीड, गूगल डेवलपर ग्रुप – रांची, शौविक डे शामिल हुए और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जमशेदपुर मैनेजमेंट एसोसिएशन की अहम भूमिका रही। इसके साथ ही वेंचरिंग डिजिटली प्राइवेट लिमिटेड के सह संस्थापक एवं सीएमओ, निखिल शर्मा की भी सक्रिय भागीदारी रही।




नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न उत्साहपूर्वक भाग लिया गोष्ठी में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाषण और पोस्टर मेकिंग जैसी प्रतियोगिताओं में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मक और प्रस्तुति क्षमता का प्रदर्शन किया। पीयूष राज कात्यायन ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा," कार्यक्रम की सफलता ने यह सिद्ध किया कि यदि शिक्षा संस्थान और उद्योग जगत मिलकर काम करें तो युवाओं को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा करने योग्य बनाया जा सकता है"।


कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि,  विधि विभाग अधिष्ठाता प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, प्रशासनिक विभाग के अनुष्ठाता नाजिम खान, शैक्षणिक विभाग के अधिष्ठाता प्रो. दिलीप शोम,  आई क्यू ए सी सेल की डायरेक्टर डॉ श्रद्धा वर्मा, विभिन्न विभागों के विभागाध्याक्षा और संकाय सदस्यों ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

गुरुवार, 17 जुलाई 2025

जमशेदपुर वीमेन्स यूनिवर्सिटी की* *राजनीति विज्ञान छात्राओं को* *नेचर संस्था द्वारा पंचायती* *राज व्यवस्था विषय पर* *इंटर्नशिप करने का सुनहरा अवसर*

* नेचर संस्था द्वारा बागबेड़ा जिला परिषद क्षेत्र मे राजनीतिविज्ञान की 75 छात्राओं को पंचायती राज व्यवस्था विषयक इंटर्नशिप कराया जा रहा है। ये सभी छात्राएं प्राध्यापक सह जिला पार्षद डॉ कविता परमार के मार्गदर्शन में अपना इंटर्नशिप कर रही हैं। पंचायत की संरचना, कार्यपद्धति के साथ साथ त्रिस्तरीय व्यवस्था को जानने, समझने का अवसर प्रदान किया जाएगा। छात्राओं की कक्षाएँ अनुग्रह नारायण सिंह शिक्षण एवं सेवा संस्थान में कराई जा रही हैं जहाँ विभिन्न विषयों के ट्रेनर द्वारा जानकारी दी जाएगी। बागबेड़ा जिला परिषद क्षेत्र के अलग अलग पंचायतों के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, के साथ अलग अलग पंचायतों के कार्य पद्धति और व्यवस्था को देखने और समझने का अवसर दिया जाएगा। 

पर्यावरण से संबंधित जानकारी भी प्रदान की जाएगी। 

डॉ कविता परमार ने बताया कि छात्राएं पंचायती व्यवस्था को जानने और समझने के लिए बहुत इच्छुक हैं। आशा है कि उनका यह इंटर्नशिप भविष्य में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के साथ साथ कैरियर में भी सहयोगी साबित होगा।









बुधवार, 16 जुलाई 2025

एनएसयू के एमबीए की छात्रा रिशु रंजन का पीएनबी में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर चयन | 10 लाख के पैकेज पर लॉक

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग की 2022-2024 सत्र की छात्रा रिशु रंजन का चयन देश की प्रतिष्ठित पंजाब नैशनल बैंक में बतौर मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय से शिक्षण प्राप्त और प्रतिभा की धनी रिशु रंजन जमशेदपुर के गोलपहाड़ी क्षेत्र निवासी सुमंत कुमार भारती की पुत्री हैं। विगत वर्ष इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सेलेक्शन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड स्केल-1 की श्रेणी में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर चयन के लिए प्रतियोगी परिक्षाओं का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में लिखित और व्यक्तिगत साक्षात्कार की प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात अंतिम रूप से रिशु का चयन इस पद के लिए गया है। आरंभ में 10 लाख के वार्षिक वेतनमान के साथ रिशु को पीएनबी के देशभर में संचालित जोनल कार्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा। वर्त्तमान में उन्हें किस ज़ोन में अपनी सेवाएं देनी हैं, इसकी जानकारी उन्हें अभी नहीं दी गई है। फिलहाल उन्हें तीन महीनों के प्रशिक्षण के लिए पीएनबी के लुधियाना स्थित संस्थान में भेजा जाएगा।

रिशु की इस उपलब्धि के कारण उनके परिवार में उत्सव का वातावरण है। रिशु के पिता ने अपनी बेटी की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा *मैं बेटी की सफलता का श्रेय अपनी बेटी के दृढ़ संकल्प, उसके कठोर परिश्रम और नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के शिक्षण वर्ग द्वारा दिये गये मार्गदर्शन को देता हूँ। एनएसयू में बेटी एमबीए की विद्यार्थी रही है। पढ़ने में रिशु हमेशा से होशियार थी। मुझे यकीन था कि एक दिन उसे सफलता अवश्य मिलेगी। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन को भी धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने बेटी की प्रतिभा और उसके शिक्षण कौशल को निखारने में यथासंभव प्रयत्न किया।*


नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में मंगलवार को रिशु सहित उसके पूरे परिवार को आमंत्रित किया गया था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि और अकादमिक प्रकोष्ठ के डीन प्रो. दिलीप शोम ने स्मृति चिन्ह देकर रिशु सहित पूरे परिवार को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने कहा *रिशु की यह सफलता निश्चित ही पूरे विश्वविद्यालय के लिए गौरव और प्रसन्नता का कारण है। इससे विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी भी प्रेरणा प्राप्त करेंगे और अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में और अधिक दृढ़ संकल्पित होकर परिश्रम करेंगे। मैं विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, संकाय सदस्यों, अकादमिक और एडमिनिस्ट्रेटिव पदाधिकारियों से यह कहना चाहूंगा कि विद्यार्थियों के कौशल संवर्धन के लिए वह हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर रहें। विद्यार्थियों की सफलता ही विश्वविद्यालय की सफलता है।* 


वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने कहा *मैं विद्यार्थियों से यह कहना चाहता हूँ कि विद्यार्थी उन्हें प्राप्त अवसरों का समूचित लाभ उठाये और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करें। यदि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से किसी तरह की कोई सहायता की अपेक्षा है तो वह निश्चित ही हमसे संपर्क करें। हम उन्हें हर सभंव सहायता देने का प्रयास करते रहें हैं और आगे भी करते रहेंगे। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन और संकाय सदस्यों का भी आभारी हूँ कि वो विद्यार्थियों के मार्गदर्शन में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। विश्वविद्यालय एक परिवार की तरह है और इसके विकास के लिए इसके हर एक सदस्य को इसी तरह प्रयास करते रहना चाहिए।*

सोमवार, 14 जुलाई 2025

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में "भारतीय ज्ञान परंपरा" पर अंतर-विभागीय क्विज प्रतियोगिता का सफल आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा 14 जुलाई 2025 को विश्वविद्यालय के शहीद भगत सिंह ब्लॉक सभागार में "भारतीय ज्ञान परंपरा (Indian Knowledge System - IKS)" विषय पर एक अंतर-विभागीय क्विज प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का शीर्षक था — "Quest for Wisdom: Rediscovering India’s Knowledge Heritage", जिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन बौद्धिक परंपराओं को समझना और उन्हें समकालीन शिक्षा में पुनर्स्थापित करना था।

प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के सात विभिन्न विभागों — मानविकी, सामाजिक विज्ञान, साहित्य, सूचना प्रौद्योगिकी, कला, कृषि और प्राकृतिक विज्ञान — के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।प्रारंभिक चरण के बाद, अर्थशास्त्र, राजनीति विज्ञान, अंग्रेज़ी और कृषि विभाग की टीमों ने फाइनल राउंड में प्रवेश किया। अंतिम चरण में तीन भाग शामिल थे: वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQ), ऑडियो-विजुअल राउंड, और रैपिड-फायर राउंड। ‘चाणक्य’ नामक टीम, जो अर्थशास्त्र विभाग का प्रतिनिधित्व कर रही थी, ने सभी राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रतियोगिता जीत ली। टीम के सदस्य थे — अनिकेत महाराणा, महागौरी सिंह, आशना खान और अरुणिमा ओझा।



कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रभात कुमार पाणि थे, जिन्होंने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और सभा को संबोधित करते हुए भारतीय पारंपरिक ज्ञान की वर्तमान समय में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस आयोजन के लिए राजनीति विज्ञान विभाग की सराहना की और ऐसे प्रयासों को विश्वविद्यालय के बौद्धिक विकास में सहायक बताया। राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष रंजन ने भी अपने वक्तव्य में भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया और छात्रों के उत्साह की सराहना की। इस सफल आयोजन को संपूर्ण रूप से संभव बनाने में विभागीय शिक्षकों, छात्र स्वयंसेवकों और समन्वयकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। सभी फाइनलिस्ट प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जबकि विजेता टीम को ट्रॉफी एवं पुरस्कार दिए गए।


कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय सभ्यतागत धरोहर को पुनर्जीवित करने के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया गया।

शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी और मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के मध्य हुए समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान


जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी और मणिपाल अकेडमी हायर एजुकेशन ( माहे)की घटक इकाई मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के मध्य हुए समझौता ज्ञापन एम ओ यू के दस्तावेजों का आदान-प्रदान आज जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी में संपन्न हुआ Iयह कार्यक्रम जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर डॉ अंजिला गुप्ता टाटा मणिपाल मेडिकल कॉलेज के पूर्व ङीन एवं सलाहकार डॉ प्रदीप कुमार, वर्तमान ङीन प्रोफेसर ओ बी जी ,मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज, डॉ हरीश चंद्र बंधु ,कुल सचिव जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी, डॉ राजेंद्र कुमार जायसवाल ,परीक्षा नियंत्रक सह गृह विज्ञान विभाग अध्यक्ष डॉ रमा सुब्रह्मण्यन, जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी, प्रोफेसर सैयद इरफान अली ,विभाग अध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन, प्रोफेसर जरीना बेगम ,कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं डॉ स्वाति शिखा ,एसोसिएट प्रोफेसर, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग, मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज की उपस्थिति में हुआ।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर डॉ अंजिला गुप्ता ने दोनों संस्थाओं को इस समझौता ज्ञापन के लिए शुभकामनाएं देते हुए संस्थाओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रोफेसर डॉक्टर प्रदीप कुमार एवं प्रोफेसर डॉक्टर हरिश्चंद्र बंधु ने भी इस समझौते के लिए दोनों संस्थाओं को बधाई दी ।इस गतिशील समझौते से दोनों संस्थाओं के सामुदायिक आउटरीच गतिविधियों ,फैकल्टी आदान-प्रदान और शोध में सहयोग को बढ़ावा मिलेगा ।कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी की आइक्यूएसी डायरेक्टर डॉ रत्ना मित्रा ने दिया ।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के पदाधिकारी एवं शिक्षक गण ङाॅ सलोनी कुजूर, डॉ अन्नपूर्णा झा, ङाॅ कामिनी ,ङाॅ अमृता कुमारी, डॉ पुष्पा कुमारी ,ङाॅ सनातन दीप ,ङाॅ पुष्पलता एवं श्रीमती संचिता गुहा उपस्थित थे ।

गुरुवार, 10 जुलाई 2025

एमबीएनएस समूह के शैक्षणिक विभाग और नर्सिंग विभाग के एनएसएस सेल ने वन महोत्सव के अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

एमबीएनएस समूह के शैक्षणिक विभाग और नर्सिंग विभाग के एनएसएस सेल ने वन महोत्सव के अवसर पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का विषय "एक पौधा माँ के नाम" था।


इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आईएफएस, शबा आलम अंसारी, फील्ड डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट, डालमा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी, पूर्वी सिंहभूम ने भाग लिया। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने आईएफएस अधिकारी बनने का सफर तय किया।


शबा आलम अंसारी ने अपने प्रेरणादायक भाषण में छात्रों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण की आवश्यकता होती है। उन्होंने छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।


कार्यक्रम की शुरुआत निदेशिका डॉ. अनुपा सिंह के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने छात्रों को वन महोत्सव के महत्व और पौधारोपण के लाभों के बारे में बताया।


कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया। सभी ने उत्साहपूर्वक पौधारोपण किया और वन संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।


इस अवसर पर शबा आलम अंसारी ने कहा कि वन संरक्षण हमारे भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों को वन संरक्षण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।


कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। एमबीएनएस समूह के शैक्षणिक विभाग और नर्सिंग विभाग के एनएसएस सेल ने वन महोत्सव के अवसर पर इस कार्यक्रम का आयोजन करके वन संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

एमबीएनएस समूह के शैक्षणिक विभाग और नर्सिंग विभाग के एनएसएस सेल ने वन महोत्सव के अवसर पर एक सफल कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम ने छात्रों को वन संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। शबा आलम अंसारी के प्रेरणादायक भाषण ने छात्रों को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित किया।