Saubhagya Bharat News
हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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बुधवार, 16 जुलाई 2025
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आज 16 जुलाई को दिवंगत पत्रकार शेख अलाउद्दीन की पुण्य तिथि को हुए एक वर्ष..... बेटी ने लिखी पिता के लिए संदेश.... पढ़े
आज यानि 16 जुलाई को दिवंगत पत्रकार शेख अलाउद्दीन की पुण्य तिथि है। एक वर्ष पूर्व आज के दिन ही उनकी एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस क्षेत्र की समस्याओं को अपनी लेखनी के माध्यम से उठाने वाले स्वर्गीय शेख अलाउद्दीन हम सब से सदा के लिए जुदा हो गए थे। उनकी याद में उनकी पुत्री शबाना ने अपनी इन पंक्तियों में अपनी भावना को उजागर किया है प्रस्तुत है उनके अंश
एक बेटी की कलम से
मरहूम शेख अलाउद्दीन
की पुण्य तिथि 16 जुलाई पर विशेष
कलम का सिपाही
आंखों में सूरज सा तेज ,
होठों पर निश्चल मुस्कान।
अपनी कर्मठता और साहस से ,
बनाया था खुद की पहचान ।
किसान के घर जन्म हुआ,
किंतु मन को ना भाई किसानी।
हाल छोड़ कलम को पकड़ा,
कलम को सौंपा अपनी जिंदगानी।
उद्देश्य नहीं था धन कमाना,
न ही शोहरत उनको पाना था।
जन-जन की आवाज को,
कलम के माध्यम से उठाना था।
काम भी ऐसा चुना जो था,
पग-पग पर संघर्षों से भरा।
फिर भी संघर्षों से ना कभी डरे,
हमेशा धैर्य का दामन धरा।
पूस की ठंडी रात हो या जेठ की दोपहरी,
या फिर हो सावन की झमाझम बरसात।
हर मौसम की मार को झेलकर,
अपने कर्तव्य पथ पर चले दिन रात।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को,
बरसों पहले ही अमल में लाया था।
जब समाज से लड़कर अपनी बेटी को,
गांव की पहली शिक्षित बेटी बनाया था।
बेटियां शिक्षित होगी तभी तो,
शिक्षित होगी आने वाली पीढ़ियां।
यह बात लोगों को समझ कर,
तोड़ा था रूढ़ियों की बेड़ियां।
आरंभ में लोगों का उपहास मिला,
अपनों का भी तिरस्कार मिला।
फिर भी अपने पथ पर अटल रहे,
जैसे कोई पुरस्कार मिला।
कलम के साथ दी पूरी जवानी,
फिर आया उम्र का अंत पड़ाव।
फिर भी अपने कर्म में लग रहे,
ना आया उत्साह में कोई ठहराव।
बच्चों ने बहुत समझाया,
छोड़ो यह संघर्ष भरा काम।
हमको सेवा का मौका दो,
घर पर रहकर करो आराम।
बच्चों से फिर हंस कर कहते,
ना बांधो हो मुझ पर उम्र की सरहद।
काम छोड़ में वैसा हो जाऊंगा,
जैसा अपनी जगह से हटकर बूढ़ा बरगद।
अपने अंत समय तक भी,
कर्तव्य पथ पर रहे समर्पित।
हंसते-हंसते शान से अपनी ,
सांसों को कर दिया था अर्पित।
मृत्युशैय्या पर थे होकर लहूलुहान,
फिर भी साहस था सागर सा गहरा।
दुनिया से जाते-जाते भी,
अपने साहस का परचम दिया था फहरा।
जग में छोड़ गए वह अपने आदर्श,
उनको अब अमर करेगी आने वाली पीढ़ियां।
हमेशा अब चलती रहेगी,
उनके उच्च आदर्शों की लंबी कड़ियां।
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एनएसयू के एमबीए की छात्रा रिशु रंजन का पीएनबी में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर चयन | 10 लाख के पैकेज पर लॉक
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग की 2022-2024 सत्र की छात्रा रिशु रंजन का चयन देश की प्रतिष्ठित पंजाब नैशनल बैंक में बतौर मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर हुआ है। नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय से शिक्षण प्राप्त और प्रतिभा की धनी रिशु रंजन जमशेदपुर के गोलपहाड़ी क्षेत्र निवासी सुमंत कुमार भारती की पुत्री हैं। विगत वर्ष इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनेल सेलेक्शन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित जूनियर मैनेजमेंट ग्रेड स्केल-1 की श्रेणी में मार्केटिंग ऑफिसर के पद पर चयन के लिए प्रतियोगी परिक्षाओं का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में लिखित और व्यक्तिगत साक्षात्कार की प्रक्रिया को पूर्ण करने के पश्चात अंतिम रूप से रिशु का चयन इस पद के लिए गया है। आरंभ में 10 लाख के वार्षिक वेतनमान के साथ रिशु को पीएनबी के देशभर में संचालित जोनल कार्यालयों में पदस्थापित किया जाएगा। वर्त्तमान में उन्हें किस ज़ोन में अपनी सेवाएं देनी हैं, इसकी जानकारी उन्हें अभी नहीं दी गई है। फिलहाल उन्हें तीन महीनों के प्रशिक्षण के लिए पीएनबी के लुधियाना स्थित संस्थान में भेजा जाएगा।
रिशु की इस उपलब्धि के कारण उनके परिवार में उत्सव का वातावरण है। रिशु के पिता ने अपनी बेटी की इस सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा *मैं बेटी की सफलता का श्रेय अपनी बेटी के दृढ़ संकल्प, उसके कठोर परिश्रम और नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के शिक्षण वर्ग द्वारा दिये गये मार्गदर्शन को देता हूँ। एनएसयू में बेटी एमबीए की विद्यार्थी रही है। पढ़ने में रिशु हमेशा से होशियार थी। मुझे यकीन था कि एक दिन उसे सफलता अवश्य मिलेगी। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन को भी धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने बेटी की प्रतिभा और उसके शिक्षण कौशल को निखारने में यथासंभव प्रयत्न किया।*
नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में मंगलवार को रिशु सहित उसके पूरे परिवार को आमंत्रित किया गया था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि और अकादमिक प्रकोष्ठ के डीन प्रो. दिलीप शोम ने स्मृति चिन्ह देकर रिशु सहित पूरे परिवार को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने कहा *रिशु की यह सफलता निश्चित ही पूरे विश्वविद्यालय के लिए गौरव और प्रसन्नता का कारण है। इससे विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थी भी प्रेरणा प्राप्त करेंगे और अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में और अधिक दृढ़ संकल्पित होकर परिश्रम करेंगे। मैं विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, संकाय सदस्यों, अकादमिक और एडमिनिस्ट्रेटिव पदाधिकारियों से यह कहना चाहूंगा कि विद्यार्थियों के कौशल संवर्धन के लिए वह हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर रहें। विद्यार्थियों की सफलता ही विश्वविद्यालय की सफलता है।*
वहीं विश्वविद्यालय के कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने कहा *मैं विद्यार्थियों से यह कहना चाहता हूँ कि विद्यार्थी उन्हें प्राप्त अवसरों का समूचित लाभ उठाये और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करें। यदि विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से किसी तरह की कोई सहायता की अपेक्षा है तो वह निश्चित ही हमसे संपर्क करें। हम उन्हें हर सभंव सहायता देने का प्रयास करते रहें हैं और आगे भी करते रहेंगे। मैं विश्वविद्यालय प्रशासन और संकाय सदस्यों का भी आभारी हूँ कि वो विद्यार्थियों के मार्गदर्शन में अपनी महती भूमिका निभा रहे हैं। विश्वविद्यालय एक परिवार की तरह है और इसके विकास के लिए इसके हर एक सदस्य को इसी तरह प्रयास करते रहना चाहिए।*