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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सोमवार, 25 अगस्त 2025

गुड़ाबांदा: हाथी के हमले में युवक की दर्दनाक मौत.....

गुड़ाबांदा संवाददाता

गुड़ाबांदा: गुड़ाबांदा प्रखंड क्षेत्र के बालीजुड़ी पंचायत अंतर्गत बालीजुड़ी गांव के निवासी सरोज पाल (35) हाथी के हमले से मौत हो गई.जानकारी के अनुसार मिली जानकारी स्वर्णरेखा नदी के किनारे हाथी को देखेने या भागाने का क्रम में अचानक हाथी के चपेट में आ गया.ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से यह जंगली हाथी उत्पात मचा रहा था.मुसाबनी रेंज के प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि युवक की मौत की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम तुरंत घटनास्थल पर रवाना हो गई। उन्होंने ग्रामीणों से सावधानी बरतने और हाथी के निकट न जाने की अपील की है. ग्रामीणों का कहना है मृत परिवार को उचित मुआवजा दिया जायेगा.

सरायकेला : झारखंडी करम अखाड़ा कालाडूंगरी के द्वारा दिनांक 28 सितंबर 2025 रविवार को महा देश करम धूमधाम से होगा आयोजन

 

सरायकेला : झारखण्डी करम आखाड़ा कालाडुंगरी की ओर से आने वाले महा देश करम कार्यक्रम को हर्षोल्लास एवं बृहद रूप से मनाने हेतु स्थान आसनबनी समुदायिक भवन में एक बैठक किया गया , जिसमें निम्नलिखित अहम बिंदुओं पर विशेष चर्चा हुई।

* महा देश करम 28 सितंबर 2025 रविवार को भव्य आयोजन करने का निर्णय लिया गया।

* इस कार्यक्रम में आस पास के सभी पंचायतों से प्रत्येक गांव से करम दलों और करमअतियो को जावा डाली के साथ सभी ग्रामवासियों को आमंत्रित किया जाएगा।

* कार्यक्रम को वृहद और सफल बनाने के लिए अगली महत्वपूर्ण बैठक दिनांक 5.9.2025 शुक्रवार को घोषित हुई जिसमें आप सभी को उपस्थित प्रार्थनीय है।

* आयोजन समिति के सदस्यों ने कहा वर्ष 2024 स्थापना किया गया। आयोजित होने वाले महा देश करम में जिले व अन्य क्षेत्रों के कडमी समुदाय के लोग इस महोत्सव में शामिल होकर अपनी एकता का परिचय देते हैं। महा देश करम का आयोजन अगले वर्षों से होते आ रही है। देश करम में पारंपरिक नृत्य के साथ पूजा की रस्म की जाती है। संघ के पदाधिकारी प्रखंड के हर कुडमी बहुल गांव का दौरा कर लोगों को महोत्सव में आने की अपील करेंगे। आसानबनी करम अखाड़ा मैदान में दिनांक 28 सितंबर 2025 रविवार को महा देश करम का आयोजन होगा।

* आज के बैठक में झारखंडी करम आखड़ा कालाडुंगरी के सदस्यगण-हीरालाल महतो , प्रभात रंजन महतो , आदित्य प्रताप महतो , शंकर महतो , हराधन महतो, विजय प्रताप महतो , रघुनाथ महतो , रामधन महतो , करण महतो , लक्ष्मण महतो , प्रकाश महतो , आकाश महतो , नरेश महतो , मनोज महतो , रतनलाल महतो टंकधर महतो , महेश्वर महतो, रंगलाल महतो आदि उपस्थित थे।






कर्मचारियों की प्रोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग : झारखण्ड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ

राँची। झारखण्ड विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों की प्रोन्नति प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने की मांग की है। महासंघ की ओर से रविवार को एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया कि सरकार की संस्तुति प्राप्त होने तथा नियमावली में स्पष्ट प्रावधान होने के बावजूद विश्वविद्यालयों द्वारा अब तक प्रोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की गई है।

महासंघ के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार राय, महामंत्री विश्वम्भर यादव, उपाध्यक्ष संतोष कुमार, संयुक्त सचिव वेद प्रकाश शुक्ला, कोल्हान विश्वविद्यालय अभिषद सदस्य प्रत्युष कुमार पानी, पूर्व संयुक्त सचिव एस.एन. पाण्डेय, कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष रमेशचंद्र ठाकुर, सचिव चन्दन कुमार, राँची विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रीय सचिव सुनील कुमार यादव, सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के सचिव नेतलाल मुर्मू, विनोबा भावे विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि रविदास, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के अध्यक्ष गंगाधर नाग, सचिव सीमा तिर्की एवं उपाध्यक्ष चैतन्य शिरोमणि ने संयुक्त बयान में कहा कि प्रोन्नति न होने से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।

महासंघ ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में पदोन्नति प्रक्रिया लंबित रहने से न केवल कर्मचारियों का मनोबल गिरा है, बल्कि वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्यों में भी पारदर्शिता का अभाव दिखाई दे रहा है। महासंघ ने चेतावनी दी कि यदि इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो कर्मचारियों का धैर्य टूट सकता है और स्थिति आक्रोश में बदल सकती है।

महासंघ ने कुलपतियों से आग्रह किया है कि लंबित प्रोन्नति मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निष्पादित किया जाए, ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिल सके और कार्य वातावरण सकारात्मक बने।







भारत देश में अटपटा लगता है जब देश में पुजनीय गौमाता के जगह कुत्तों पर चर्चा होती है - मनोज चौधरी

 

सरायकेला : सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह सक्रिय समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी में गोवंश की जगह कुत्तों की चर्चा पर चिंता जताई उन्होंने कहा कि गौमाता के स्थान पर रईसों की गोदी और उनके बेडरूम में रहने वाला कुत्ता आज सुप्रीम कोर्ट और देश की सुर्खी बन चुका है, गौमाता के देश में गौमाता पालने की जगह कुत्ता पालने का हस्श्र आज देश के सामने है

क्योंकि गौमाता काटती नहीं। गाय चिल्लाती नहीं। संगठित नहीं है। गौमाता का कोई गिरोह नहीं है। पुज्यनीय गौमाता के दूध से हमें पुष्टि मिलती है जन्म से मृत्यु जीवन पर्यंत गौमाता के दूध, दही, घृत मनुष्य का और गोबर-मूत्र से हमारा और धरती का पोषण करती है। इसलिए कोर्ट और अभिजात्य समाज की नजर में बेकार है निरर्थक है।

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उन्होंने कहा कि हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे आर्यावर्त ऋषि मनीषियों प्राचीन उत्कृष्ट सभ्यता गौ, गंगा और गोदावरी के देश में आज गोवंश काफी दयनीय स्थिति में है गौ पालकों की घटती संख्या से गोवंश में काफी कमी चिन्ता का विषय होना चाहिए था मॉडर्न यांत्रिक कृषि के कारण कृषि कार्यों में बैल का उपयोग समाप्त हो गया है बैल वंश को समाप्त करने के लिए बेरहमी से उनका कत्ल जारी है वर्तमान देश से सारे बैल कहां गए किसी को भी चिंता नहीं है परंतु ये भी महत्वपूर्ण गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए था परन्तु माननीय सुप्रीम कोर्ट और सभ्य समाज में कभी भी इस गंभीर विषय पर टिप्पणी या चिंतन करना उचित नहीं समझा मगर हास्यापद और दु:खद है जब हम सुनते और देखते हैं कि कुत्तों को लेकर सभ्य समाज से लेकर सुप्रीम कोर्ट को इसके लिए फैसला देना पड़ रहा है हमें कोई इतराज नहीं प्राणी किसी भी जीव जंतु से प्रेम कर सकता है डॉग लवर रहना अपनी पसंद है मगर जीवन पर्यंत हमारी उपयोगी गौ माता के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी हमें गंभीर होना पड़ेगा।

उन्होंने आम जनों और माननीय सुप्रीम कोर्ट से विनम्र निवेदन किया कि कुत्तों की वकालत से पहले पूजनीय गौमाता का पालन पोषण और संरक्षण के विषय में महत्वपूर्ण कदम उठाएं।


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