पटना के बाद अब मुंगेर में भी मरीन ड्राइव बनने जा रहा है। यह गंगा किनारे चार लेन की सड़क (गंगा पथवे) होगी, जिससे मुंगेर से भागलपुर की दूरी घटेगी और लोग सिर्फ एक घंटे में यह सफर तय कर सकेंगे।
सितंबर तक हो सकता है शिलान्यास
इस प्रोजेक्ट के लिए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 7,846 करोड़ रुपये का टेंडर 27 जुलाई को जारी किया है। परियोजना का शिलान्यास सितंबर तक होने की उम्मीद है।
दो चरणों में बनेगी सड़क
पहला चरण: सफियासराय से बरियारपुर होते हुए सुल्तानगंज तक 42 किमी, लागत – 4,006 करोड़ रुपये
दूसरा चरण: सुल्तानगंज से भागलपुर होते हुए सबौर तक 40.80 किमी, लागत – 3,842 करोड़ रुपये
निर्माण चार साल में पूरा होगा और इसके बाद 15 वर्षों तक एजेंसी इसका रखरखाव करेगी।
सुविधाएं और निर्माण कार्य
पहले चरण में 29.25 किमी एट-ग्रेड और 12.72 किमी एलिवेटेड रोड
14 छोटे और 13 बड़े वाहन अंडरपास
2 टोल प्लाजा
5,000 वर्गमीटर में विश्राम स्थल
गंगा के 16 घाटों का जीर्णोद्धार
दूसरे चरण में भी एलिवेटेड और एट-ग्रेड सड़क के साथ एक टोल प्लाजा बनेगा।
पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
यह मरीन ड्राइव ट्रैफिक जाम को कम करेगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित यात्रा संभव बनाएगा। गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
पटना मरीन ड्राइव से प्रेरणा
पटना में पहले से ही 6,000 करोड़ रुपये की लागत से बना मरीन ड्राइव लोगों के बीच लोकप्रिय है। अब इसे आरा से मोकामा तक बढ़ाने की योजना है, जिसकी लागत 10,000 करोड़ रुपये होगी।
मुंगेर मरीन ड्राइव भी बिहार सरकार के 60,000 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचा पैकेज का हिस्सा है। यह न सिर्फ एक बेहतरीन सड़क होगी, बल्कि गंगा की खूबसूरती को नजदीक से देखने का मौका भी देगी।