लोकप्रिय यू ट्यूब चैनल स्वर पंचम स्टूडियो पर 27 अगस्त को रिलीज़ होने जा रहा है भक्ति एल्बम विश्व राजा मोरया। निर्माता श्रेयस काले द्वारा निर्मित इस एल्बम के गीतों की रचना की है गीतकार सुनील काले ने तथा गीतों को स्वर दिया है बॉलीवुड सिंगर अमन त्रिखा और रेखा राव ने। गीतों की रिकॉर्डिंग मुंबई के अलका याग्निक स्टूडियो में हुई है। एडिटर जय प्रकाश मेहता हैं और पी आर ओ हैं शिवकुमार राजपूत। गीतों को संगीतबद्ध किया है तरुण मुहम्मद द्वारा निर्देशित सुपरहिट बॉलीवुड फिल्म चिल्लर गैंग के म्यूजिक डॉयरेक्टर द्रोण रामनारायण ने। गीतों के बोल हैं गौरीशंकर के पुत्र गणेशा, रखना भक्तों पर कृपा हमेशा और वक्र तुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समः प्रभा. इस बार के गणेश उत्सव में गणेश भक्तों के लिए पंचम स्टूडियो की तरफ से एक खास तोहफा होगा।
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बुधवार, 27 अगस्त 2025
दिशोम गुरु शिबू सोरेन एवं रामदास सोरेन के प्रति श्रद्धांजलि_ दो मिनट तक शोक रखा गया। | बंगला लोक संगीत शिल्पी श्री सुब्रत विश्वास का गीत से श्रद्धा अर्पित किया गया।
झारखंड बांधव समिति, जो झारखंड में निवासरत बांग्ला भाषी समुदाय का एक सांस्कृतिक-सामाजिक संगठन है, झारखंड की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति, आंदोलन की गौरवमयी परंपरा और यहाँ के लोगों—विशेषकर आदिवासी एवं मूलवासी समाज—के अधिकारों के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्थन व्यक्त करता है। हम झारखंड की स्वतंत्रता संग्राम के नेतृत्वकर्ताओं(तिलका माझी, सिधू मुर्मू,कान्हु मुर्मू, फूलो झानो मुर्मू, धरती आबा बिरसा मुंडा, माकी मुंडा,सिंगी देई,सिंग राय - बिंद राय, रघुनाथ महतो, चांकु महतो ,चूनाराम महतो,शेख भिखारी) तथा अलग राज्य बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों तथा राज्य के निर्माताओं के प्रति गहन सम्मान अर्पित करते हैं। हमारा उद्देश्य झारखंड में रहने वाले बांग्ला भाषियों के स्वाधिकार और सम्मान की लड़ाई में समर्पित रहते हुए अन्य सभी समुदायों के बीच एकता और सद्भाव बनाए रखना तथा इस धरती की सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत को और अधिक समृद्ध करना है।
आज देश के विभिन्न हिस्सों में बांग्ला भाषी समुदाय एवं बंगाली जाति पर हमले किए जा रहे हैं तथा उनके संवैधानिक नागरिक अधिकार और मानवाधिकार छीनने की गहरी साजिश चल रही है। इस अमानवीय और घृणित षड्यंत्र के विरुद्ध सभी बांग्ला भाषियों को एक मंच पर आना होगा और अन्य मेहनतकश एवं लोकतंत्र-प्रेमी समुदायों को साथ लेकर इसका प्रतिरोध करना होगा।
इसी परिप्रेक्ष्य में हम आज झारखंड के अमर नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन एवं शिक्षा मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन को अपनी गहरी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के अग्रदूत तथा भारत के प्रतिष्ठित और प्रसिद्ध आदिवासी नेता रहे हैं। वे केवल आदिवासी और मूलवासियों के ही नहीं, बल्कि झारखंड में रहने वाले सभी समुदायों के साथ भ्रातृत्व का संबंध बनाए रखते थे।
उनका राजनीतिक उदय झारखंड के प्रतिष्ठित नेता बाबू विनोद बिहारी महतो और कॉमरेड ए.के. राय के साथ साझा मंच—झारखंड मुक्ति मोर्चा—के गठन से हुआ। इससे पहले भी झारखंड अलग राज्य का आंदोलन हुआ था, किंतु उसमें यहाँ बसे मेहनतकश बाहरी प्रांतों के लोगों को संगठित करने का प्रयास पूर्ण रूप से नहीं हो पाया था। लेकिन इन तीन महान नेताओं द्वारा प्रस्तुत सामाजिक इंजीनियरिंग—"मांझी + महतो + अल्पसंख्यक + मेहनतकश समाज" की एकता—लंबे दशकों तक चले झारखंड राज्य आंदोलन का सबसे सफल सूत्र सिद्ध हुआ।
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हम गर्व महसूस करते हैं कि कोल्हान की इस पावन धरती, जमशेदपुर से ही बांग्ला भाषी वीर शहीद निर्मल महतो,
रतिलाल महतो,सुनील महतो, असीम महतो ने अपने प्राणों की आहुति दी। यही नहीं, यहीं से बांग्ला माध्यम से शिक्षा ग्रहण किए पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा, श्री चंपाई सोरेन और स्वर्गीय सुधीर महतो (पूर्व उपमुख्यमंत्री),वर्तमान सांसद विद्युत वरन महतो,भूत पूर्व विधायक सूर्य सिंह बेसरा यहां तक दिवंगत राम दास सोरेन जी जैसे नेता जो बांग्ला भाषा में शिक्षा प्राप्त कर वे अपने जीवन में आगे बढ़े।इसका तात्पर्य यह नहीं है कि उनके अपनी मात्री भाषा में वे नहीं शिक्षा लिए यह उनकी मजबुरी रहा की संथाली,मुंडारी,
हो,कुड़ुक,कुड़माली,नागपुरी ,खोरठा,पंच परगनिया आदि जन जातीय एवं क्षेत्रीय भाषा का माध्यम में विद्यालयों में पढ़ाई वे नहीं कर पाए।अगर कर पाते तो वे और भी ज्यादा योगदान झारखंड को दे पाते अपने जीवन में।
हम मानते हैं कि गुरुजी ने
जल, जंगल, जमीन और झारखंड की अस्मिता के सवालों पर आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने महाजनी शोषण और साहूकारी के विरुद्ध साहसिक लड़ाई लड़ी और झारखंड के स्वाधिकार के लिए अंतिम समय तक संघर्षरत रहे। उनका योगदान झारखंड के इतिहास में अमर रहेगा।
इसी प्रकार, हमारे प्रिय शिक्षा मंत्री श्री रामदास सोरेन का असामयिक निधन हमें अत्यंत व्यथित कर गया है। झारखंड की राजनीति और समाजनीति में उनकी भूमिका व योगदान अतुलनीय रहे। वे शिक्षा क्षेत्र के विकास और समाज के वंचित तबकों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित रहे।
शिबू सोरेन और रामदास सोरेन—ये दोनों महान व्यक्तित्व झारखंड की अमूल्य धरोहर हैं। इनका निधन झारखंड की अपूरणीय क्षति है। इनके आदर्शों और संघर्ष पथ का अनुसरण करते हुए हम झारखंड की एकता, सद्भावना और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा का संकल्प पुनः व्यक्त करते हैं।
आज का इस श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से झामुमो के वरिष्ठ नेता सह केंद्रीय समिति सदस्य श्री मोहन कर्मकार,भूत पूर्व विधायक श्री कुणाल सारंगी, जिला परिषद सदस्य श्रीमती पूर्णिमा मल्लिक,कदमा गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष सरदार सरबजीत सिंह " सैनी ", शेख भिखारी फाउंडेशन के सचिव मुहम्मद फैयाज खान,डॉ.भीम