राँची: चार अक्टूबर की रात रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र में ऐसी खामोशी टूटी, जिसने आसपास के लोगों की नींद हराम कर दी। सत्यभामा अपार्टमेंट के सामने अचानक हुई ताबड़तोड़ हवाई फायरिंग ने रात को दहशत में बदल दिया। घरों की खिड़कियां बंद हो गईं, लोग अपने दरवाजों में छिप गए और चारों तरफ सिर्फ गोली की गूंज और खौफ की लहरें फैल गईं। इस दुस्साहसिक वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला शहर के लिए चेतावनी बन गया। बात जब रांची पुलिस कप्तान राकेश रंजन तक पहुंची, तो उन्होंने मामले को बेहद गंभीरता से सिया। सिटी एसपी पारस राणा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जो अपराधियों की तलाश में निकल पड़ी।
तफ्तीश के दरम्यान पता चला कि अपराधी शहर के कारोबारियों और व्यापारियों से रंगदारी वसूलते थे, और जब उनके विरोध का सामना करना पड़ता, तो डराने या जान से मारने के इरादे से फायरिंग करते थे। पुलिस को सूचना मिली कि कुछ संदेही लड़के बीआईटी मेसरा ओपी के नेवरी गोलचक्कर की तरफ बढ़ रहे हैं, शायद कोई बड़ा कांड अंजाम देने की फिराक में हैं।
मिली इंफॉर्मेशन पर पुलिस की टीम ने रिंग रोड स्थित स्वर्ण रेखा नदी पुल पर चेकिंग शुरू कर दी। इस दौरान, दो स्पोर्ट्स बाइक पर सवार चार युवकों को पकड़ लिया गया। उनके पास से दो लोडेड पिस्टल और 23 गोलियां बरामद हुईं। पूछताछ में उन्होंने खुद को सुजीत सिन्हा गैंग और कोयलांचल शांति सेना (K.S.S.) का सदस्य बताया। जांच की गहराई में ये चार युवक तीन अन्य साथियों तक ले गए, जिनकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पूरे गिरोह को धर दबोचा। इनके कब्जे से दो अपाची बाइक, एक स्विफ्ट डिजायर कार और 9 मोबाइल जब्त किए गए।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों के नाम जितेश कुमार उर्फ पीटर, संतोष मिश्रा उर्फ तीरू, मंयक कुमार उर्फ रिषु महतो, राजू महतो, प्रिन्स मिश्रा, सुमीत वर्मा उर्फ गोलू और अभिषेक कुमार राम उर्फ गोलू बताये गये। इन लोगों की उम्र 19 से 30 साल के बीच है।
इस पूरे मामले में पुलिस ने धारा 317(5)/111(3)/111(4) B.N.S और Arms Act के तहत केस दर्ज किया और सभी सात आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इन गुंडों को दबोचने में सदर डीएसपी संजीव कुमार बेसरा, सदर थानेदार कुलदीप कुमार, मेसरा ओपी प्रभारी अजय कुमार दास, खेलगांव ओपी प्रभारी अभिषेक राय, एसआई बसंत कुमार, एएसआई शाह फैसल, संतोष कुमार सिहं, रामविनय राम, अंजय कुमार, हवलदार सम्मेलन लुगून, सिपाही अजमत असारी, अगस्टीन बाडा, नीमाई कुमार ओझा और एसएसपी की क्यूआरटी की भूमिका सराहनीय रही।