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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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रविवार, 19 अक्टूबर 2025

चांडिल: एनएच-32 पर दर्दनाक हादसा कोलकाता के युवक सर्नव बटवाल की सड़क दुर्घटना में मौत

चांडिल: सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र स्थित एनएच-32 पर शनिवार को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में कोलकाता के बेहाला निवासी सर्नव बटवाल (26 वर्ष) की मौत हो गई। यह हादसा घाघरा जुड़िया पुल के पास सुबह करीब 11 बजे हुआ।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सर्नव बटवाल अपने कुछ साथियों के साथ अलग-अलग बाइक पर सवार होकर चांडिल से बलरामपुर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान विपरीत दिशा से तेज रफ्तार में आ रही एक कार ने सर्नव की बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक सड़क पर कई फीट तक घसीटती चली गई और सर्नव बटवाल गंभीर रूप से घायल हो गए।

धक्का मारने के बाद कार चालक जामडीह गांव होते हुए रसूनिया की ओर फरार हो गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने काफी दूर तक पीछा किया, लेकिन कार चालक वाहन सहित भागने में सफल रहा।

घटना के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई। ग्रामीणों ने तत्काल घायल युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नीमडीह पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जमशेदपुर टीएमएच रेफर कर दिया।

इस दौरान अस्पताल में एंबुलेंस की तत्काल व्यवस्था न होने पर आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरे लाल महतो ने अपने निजी एंबुलेंस से घायल सर्नव को टाटा मेन अस्पताल, जमशेदपुर भेजवाया। लेकिन वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने जांच के बाद सर्नव बटवाल को मृत घोषित कर दिया।

इस दर्दनाक हादसे की खबर फैलते ही मृतक के साथियों में शोक की लहर दौड़ गई। वहीं स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि फरार कार चालक को जल्द गिरफ्तार किया जाए और राजमार्ग पर लगातार बढ़ रहे तेज रफ्तार वाहनों पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।






महालिमोरूप:बंदना पर्व को लेकर महालिमोरूप क्षेत्रीय गाँव के ग्रामीण काफी उत्साहित कल होगी गठ पूजा

महालिमोरूप:दीपावली व काली पूजा के साथ ही झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों में बंदना पर्व की धूम मच जाती है।

इस अवसर पर महालिमोरूप क्षेत्र के झारखंडी समाज के लोग बैलों की पूजा करते हैं। बंदना पर्व को लेकर महालिमोरूप क्षेत्रीय गाँव के ग्रामीण अपने घर-आंगन की साफ सफाई कर रंग-बिरंगी मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से रंगाई करने में लग गए है। 

कार्तिक माह के अमावस्या से तीन दिन पूर्व से ही अपने घर के पशु जैसे गाय, बैल, भैंस आदि के सींग में तेल लगाया जाता है और उन्हेंं सजाया जाता है। बांदना पर्व के पहले दिन यानी आमावस्या के दिन शाम को देहुरी गोधुली बेला में गठान टांड़ यानी जहां गांव के गाय-बैलों को एकत्र कर रखा जाता है, वहां जाते हैं। देहरी दिन भर निर्जल उपवास रहकर गठ पूजा करते हैं। गठ पूजा के बाद जिसकी गाय या बैल पूजा किए गए अंडे को फोड़ता है, उसका विशेष सम्मान किया जाता है। रात को उसी के घर से धिंगवानी का शुभारंभ होता है। रात भर ढोल, धमसा, मांदल के थाप पर अहिरा गाते हुए घर-घर जाकर गाय-बैल को जगाया जाता है। 

गोहाल पूजा बांधना परब का अभिन्न हिस्सा है। इस दिन घर का एक पुरुष व एक महिला उपवास रहते हैं। घर-आंगन की साफ-सफाई के बाद महिलाएं चावल का गुड़ी कुटती हैं। फिर अलग से चूल्हा बनाकर उसे गाय के दूध से मिलाकर पीठा छांकती हैं। किसान घर के खेती-बाड़ी में प्रयोग होने वाले औजारों की पूजा घर के बाहर तुलसी ढीपा में की जाती है।

इसके बाद गोहाल यानी गोशाला में पूजा की जाती है। इस दौरान मुर्गा की बलि दी जाती है। इसके बाद चावल के गुड़ी को घोल कर चौक पूरा जाता है। इसमें सबसे पहले चौक के शीर्ष भाग में गोबर रखा जाता है। उसके ऊपर एक सोहराय घास देकर सिंदूर का टीका दिया जाता है। इसके बाद एक बछिया से उसे लंघवाया जाता है।

बांदना पर्व के दौरान पशुधन के अलावा कृषि यंत्रों को धान का मोड़ यानी मुकुट पहनाया जाता है। धान की बाली से बने मोड़ पहनाने के पीछे का उद्देश्य होता है कि जिस अनाज को जिन गाय-बैल व कृषि यंत्रों की बदौलत उपजाया गया है, उसे सबसे पहले उसी के सिर पर चढ़ा कर उन्हें समर्पित किया जाता है। शाम में घर के सभी गाय, बैल व भैंस के सींग पर तेल लगाया जाता है। महिलाएं उसे चुमान बंदन करती हैं।

बांदना परब के दौरान गोरुखूंटा के दिन घर आंगन की लीपापोती कर कुल्ही यानी गांव की सड़क से लेकर संपूर्ण आंगन में चौक पूरा जाता है यानी चावल के आटे की घोल से अल्पना बनाया जाता है। घर के सभी गाय, बैल, भैंस के लिए मोड़ बनाया जाता है। इस दिन भी पैर धोकर सभी गाय, बैल, भैंस आदि को तेल-सिंदूर देकर चुमान बंदन किया जाता है। फिर उसे खूंटा से बांधकर नचाया जाता है।

इसे ही गोरू खूंटान कहा जाता है। पारंपरिक बांदना व सोहराई गीतों के साथ लोग आकर्षक रूप से सजाए गए बैल व भैंसों को ढोल नगाड़ों की थाप पर नचाते हैं। इस दौरान सोहराय गीत गाकर ढोल नगाड़ा मांदर के साथ चमड़ा लेकर उसे आत्मरक्षा का गुण भी सिखाया जाता है, ताकि जंगल में हिंसक जानवरों से अपनी और अपने दल का रक्षा कर सके। इस दिन घर के मालिक और मालकिन उपवास पर रहते हैं।







घाटशिला में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के समर्थन में सुदेश महतो ने भरी हुंकार

घाटशिला। भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के चुनाव प्रचार को धार देने के लिए आजसू सुप्रीमो एवं झारखंड के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो घाटशिला पहुंचे। उनके साथ इचागढ़ के पूर्व प्रत्याशी हरेलाल महतो सहित कई अन्य पार्टी नेता मौजूद रहे।

सभा में भारी जनसमूह को संबोधित करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि बाबूलाल सोरेन की जीत निश्चित है, क्योंकि जनता विकास और स्थिरता चाहती है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे बड़ी संख्या में मतदान कर बाबूलाल सोरेन को विजयी बनाएं।


सभा में “झारखंड हित में भाजपा—आजसू साथ-साथ” के नारे गूंजते रहे और माहौल पूरी तरह चुनावी रंग में सराबोर रहा।

भिलाई पहाड़ी में जरूरतमंद बच्चों के बीच मिठाई, कपड़े व पटाखों का वितरण

सामाजिक संस्था यात्रा (एक नई जीवन की शुरुआत ) तत्वाधन मे आज दिवाली के पावन अवसर पर भिलाई पहाड़ी मे जरूरतमंद बच्चों के बीच मिठाई दिया पटाखा और कपड़ों का वितरण किया गया.


इस कार्यक्रम मे संस्था के अध्यक्ष रीना सिंह, सबिता देवी, रिंकी अग्रहरि, रेणु देवी, पिंकी प्रसाद, समरजीत सिंह, अर्जुन रजक, जगतार सिंह गिल समेत संस्था के कई सदस्यगण व उस क्षेत्र के कई पुरुष व महिलाएं उपस्थित थे

सरायकेला: वृद्ध बुजुर्गों की चेहरे की खुशी त्योहारों की खुशी दुगनी कर देती है - मनोज चौधरी

सरायकेला :सरायकेला दीपावली के मौके को खास बनाने के लिए सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी रविवार को ओल्ड एज होम पहुंचे और बुजुर्गों के साथ दीपावली की खुशियां बांटी.


इस मौके पर उन्होंने ओल्ड एज होम में रह रहे बुजुर्गों को फुलझड़ी और मिठाइयां देकर दीपावली की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि यहां आकर बेहद सुकून मिलता है. हालांकि उन्होंने बुजुर्गों के इस अवस्था पर चिंता जताई और कहा कि ईश्वर न करें यह दिन किसी को देखना पड़े, फिर भी बुजुर्गों का उन्हें हमेशा से आशीर्वाद मिलता रहा है. जब भी अवसर मिलेगा बुजुर्गों की सेवा करने सेवा पीछे नहीं हटेंगे. इधर मनोज चौधरी को अपने बीच पाकर बुजुर्गों के चेहरे खुशी से खिल उठे. उन्होंने जी भरकर मनोज चौधरी को दुआएं दी. मालूम हो कि हर खास मौके पर मनोज कुमार चौधरी बुजुर्ग आश्रम पहुंचते हैं और बुजुर्गों के साथ खुशियों का पल साझा करते हैं.

जमशेदपुर: होटल में दो नाबालिग बच्चियों से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार

जमशेदपुर साकची थाना क्षेत्र के सना कॉम्पलेक्स के कैलाश होटल में दो 12 वर्षीय नाबालिग बच्चियों के साथ चार युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। दोनों पीड़िताएं पड़ोस की ही रहने वाली हैं और एक परिचित के बहकावे में आकर होटल पहुंचीं, जहां उनके साथ यह अमानवीय कृत्य हुआ।घटना की सूचना मिलते ही साकची थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और छापेमारी कर सभी चारों आरोपियों को पकड़ लिया।


आरोपियों की पहचान सोनारी थाना क्षेत्र के बिहार ग्रिन निवासी कैलाश मिश्रा, चतरा ईटखोरी के करण कुमार राणा, कदमा शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर-4 के रौनक कुमार दास उर्फ श्रेयश और सोनारी सीपी क्लब के पास रहने वाले तरुण शर्मा उर्फ गोलू के रूप में हुई है।पुलिस ने दोनों नाबालिग पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण कराया है और कोर्ट में बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। साथ ही पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और अन्य संभावित आरोपियों या सहयोगियों की भूमिका की भी पड़ताल जारी है स्थानीय लोगों ने घटना पर आक्रोश जताते हुए सभी आरोपियों को कड़ी कानूनी सजा देने की मांग की है। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि जांच पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ की जा रही है तथा दोषियों पर सख्त कानूनन कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।




जमशेदपुर सड़क किनारे छोटे से ढाबा में खाना खाते दिखाई पड़े पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन।

पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन फेसबुक पोस्ट पर लिखा आज जादूगोड़ा राखा मे भूख लगी, तो दिगड़ी मोड़ पर एक छोटे से ढाबा पर बैठ गया। चावल, दाल, चोखा खाया, इससे ज्यादा और क्या चाहिए।


 मैं बता दूँ पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा के प्रत्याशी है और बेटे को जिताने के पूरी ताकत चंपाई सोरेन ने झोंक दीया हैं।।



जमशेदपुर में 70 फीट ऊंचा पंडाल और 35 फीट की मां काली प्रतिमा ने बटोरी चर्चा

जमशेदपुर लगभग 70 फीट ऊंचा पंडाल और 35 फिट का मां काली की प्रतिमा । जमशेदपुर के टेल्को यंग ब्याज क्लब का 50 वर्ष पूरा होने पर गोल्डन जुबली मानते हुए एक काल्पनिक पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है जो पूरी तरह से गोल्डन कलर में बन रहा है वही अब तक 22 फिट की मूर्ति का निर्माण होता आया है मगर इस बार 35 फिट का मूर्ति बना कर पूरी तरह से चर्चा में आ गई है यंग ब्याज काली पूजा कमिटी । 



जिस पूजा पंडाल के अधिकारी के अनुसार इस बार खास है इस कारण इस बार बिहार,बंगला,उड़ीसा और झारखंड में इस पूजा पंडाल और प्रतिमा में कोई मुकाबला नहीं है सबसे अच्छा और सुंदर , अदभुत पंडाल एवं मूर्ति हमारा ही है 








 

चांडिल में ब्रेक थ्रू साइंस सोसायटी का प्रथम जिला स्तरीय विज्ञान सम्मेलन, डॉ. अमिताभ बोस ने वैज्ञानिक सोच अपनाने का किया आह्वान

ब्रेक थ्रू साइंस सोसायटी की ओर से सरायकेला-खरसावां जिला स्तरीय प्रथम विज्ञान सम्मेलन शनिवार को बाबूर बागान हॉल, चांडिल मे आयोजित किया गया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हन यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रॉक्टर, ग्रेजुएट कॉलेज जमशेदपुर के मैथमेटिक्स डिपार्मेंट के पूर्व विभागाध्यक्ष सह ब्रेक थ्रू साइंस सोसाइटी झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष डॉ अमिताभ बोस उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत लर्निंग साइंस थ्रो एक्सपेरिमेंट तथा अंधविश्वास विरोधी प्रदर्शन के माध्यम से हुआ।


सभा को संबोधित करते हुए डॉ अमिताभ बोस ने कहा कि एक तरफ हम लोग विज्ञान के क्षेत्र में काफी तरक्की किए हैं। मंगल ग्रह में यान भेज रहे हैं, चंद्रमा और अंतरिक्ष में जा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ हमारे समाज में अंधविश्वास, कुसंस्कार और रूढ़िवादी चिंतन से भरा हुआ है। वर्तमान समय में भी लोग सांप डंसने झाड़ फूंक करते हैं, डायन के नाम पर प्रताड़ना हो रही है। समाज को इससे मुक्ति दिलाना है। यह तभी संभव है जब वैज्ञानिक चिंतन को हम लोग लोगों के अंदर में ले जा पाएंगे।








खरसावां-कुचाई में धनतेरस पर हुई धनवर्षा, जमकर हुई खरीदारी, गाड़ी और घरेलु सामान में बर्तन खूब बिके

खरसावां-कुचाई में धनतेरस पर धनवर्षा हुई। लोगों ने जमकर खरीदारी की। रोशनी का पर्व दीपावली पर के पहले धनतेरस की खरीदारी जोरों पर रही। सुबह से ही बाजार सज गए थे। लोगों का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। लोग शुभ मुहूत देखकर बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। धनतेरस के दिन दोपहर बाद खरीदारी जोरों पर रही। महिलाओं ने सोने-चांदी की जमकर खरीदारी की। चांदी के सिक्कों की मांग अधिक रही। कुछ ने गाड़ी और इलेक्ट्रिक सामान खरीदा।



घरेलू सामान में बर्तन आदि खूब बिके। महंगाई को लेकर लोग परेशान रहे। इसके बावजूद लोगों में त्योहार को लेकर गजब का उत्साह था। आभूषण और बर्तन दुकानों पर लोगों की भारी भीड़ रही। हर कोई धनतेरस के मौके पर कुछ न कुछ खरीद लेना चाहता था। कई घरों में नई गाड़ियां नजर आईं। इसके बाद लोगों ने दीपावली के दिन इस्तेमाल होने वाले सामान की खरीदारी की। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की बिक्री भी खूब हुई। साप्ताहिक हाट में मिट्टी के दीए की दुकानें लगी थीं। इस बार दीपों की खरीदारी पिछली दीपावली के अनुपात में ज्यादा दिखी। बच्चों ने मिट्टी के खिलौनों की खरीदारी की। घरों में लोगों ने रोशनी करना शुरू कर दिया। परंपरा के अनुसार लोगों ने घर के बाहर दीप जलाए।






तेलीसाई पदमपुर काली मेला को लेकर खरसावां थाना परिसर में शांति समिति की बैठक — विधि-व्यवस्था और सुरक्षा के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी

खरसावां थाना परिसर में तेली साई पदमपुर काली मेला को लेकर शांति समिति की एक बैठक प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकु, एवं थाना प्रभारी गौरव कुमार के संयुक्त अध्यक्षता में की गई, इस बैठक में आगामी 20 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले सात दिवसीय काली मेला के दौरान विधि व्यवस्था बनाये रखने का निर्णय लिया गया। 

सरायकेला अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समीर कुमार सवैया के उपस्थित पर निर्णय लिया गया कि तेली साई पदमपुर काली मेला में विधि व्यवस्था बनाएं रखने के लिए हब्बा डब्बा जुआ और शराब पर प्रतिबंध बनाए रखने के लिए अब्बाडब्बा, जुआ और शराब पर प्रतिबंध रहेगा पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। इसके अलाबे जगह-जगह लाइटिंग व्यवस्था करने मेले की निगरानी के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने, मेले में सरकारी गाइडलाइन के तहत मेला लगाने, मेले के मुख्य गेट पर एंबुलेंस की व्यवस्था करने में ले मेले परिसर में आवाजाही की व्यवस्था सुनिश्चित करने मेला में कताबद्ब तरीके से दुकान लगाने विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस केम्प लगाने, स्वास्थ्य सेवा के लिए सात दोनों तक पदमपुर उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति करने, मेला में अग्निशामक यंत्र लगाने, मेला के आसपास गांव में नियमित बिजली देने, बोडडा चौक, मेला परिसर द्वारा आदि जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए तेलीसाई चौक, खरसावा कब्रिस्तान चौक, बोडडा चौक में चेक पोस्ट बनाने। मंदिर परिसर में कताबद्ब तरीके से मां काली के दर्शन के लिए व्यवस्था करने की आदि का निर्णय लिया गया। साथ ही मेला में हुड़दंगियों पर पैनी नजर बनाये रखने के लिए मंदिर परिसर व मेला में सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी ने कहा कि मेला भारतीय सभ्यता का प्रतीक है इससे आपसी भाईचारे का माहौल बनता है। आपसी विवाद को भूलाकर मेला का सफल संचालन करें। खरसावां थाना प्रभारी गौरव कुमार ने कहा कि तेलीसाई पदमपुर मेला में शांति व्यवस्था व सद भावना बनाये रखें भारतीय संस्कृति में त्योहार मात्र औपचारिक अनुष्ठान भर नहीं है बल्कि हर त्योहार हर उत्सव हर पर्व के पीछे एक सामाजिक संदेश छिपा हुआ है। जो मनुष्य की जीवन यापन करने की प्रेरणा देता है। बैठक में मौजूद थे मुख्य रूप से एसडीपीओ समीर कुमार सवैया, प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रधान माझी, परिक्षामान डीएसपी पूजा कुमारी, अंचल अधिकारी कप्तान सिंकु, थाना प्रभारी गौरव कुमार, जिला परिषद सदस्य कालीचरण बानरा, ग्राम प्रधान खालिद खान,, अश्विनी कुमार मंडल, मनमित सिंह देव, दत सिंह, रोबिन सिंह, ओखय मंडल, सत्यनारायण मंडल सहित शांति समिति के सभी सदस्यों, मेला समिति के सभी सदस्यों उपस्थित थे। सरायकेला खरसावां संवाददाता सुशील कुमार।






चांडिल में तांती बांध किनारे चला सफाई अभियान — आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो की पहल पर कचरे के ढेर हटाए गए

चांडिल क्षेत्र में मुख्य सड़क तांती बांध के किनारे जमा कचरे के विशाल ढेर को हटाने का काम शुरू हो गया है। एक पीले रंग की जेसीबी मशीन (JCB) को सड़क के किनारे, झाड़ियों और पेड़ों के पास जमा कूड़े को साफ करते हुए देखा जा सकता है।ये कार्य आजसू के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो जी के द्वारा किया गया।


यह सफाई अभियान उस जगह चलाया जा रहा है जहाँ लंबे समय से कूड़ा-कचरा फेंका जा रहा था, जिससे सड़क किनारे गंदगी और प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही थी। जेसीबी मशीन कचरे को साफ किया जा रहा।

सड़क पर यातायात सामान्य रूप से जारी है, जहाँ दोपहिया वाहन चालक और अन्य गाड़ियाँ गुजर रहे हैं। यह कदम क्षेत्र को स्वच्छ बनाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा पर्यावरण की बेहतरी की दिशा में महत्वपूर्ण है ।






नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में दीपावली से पूर्व "उज्ज्वला महोत्सव" का भव्य आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक समिति के द्वारा विश्वविद्यालय में दीपावली से पूर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम "उज्ज्वला महोत्सव" का आयोजन किया गया। उज्ज्वला महोत्सव विश्वविद्यालय के वार्षिक आयोजनों में से एक है जो हर वर्ष दीपावली के त्योहार से पूर्व विद्यार्थियों के सामाजिक और सांस्कृतिक संवर्धन के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों के उत्साह, रचनात्मकता और सांस्कृतिक प्रतिभा को एक मंच प्रदान करता है। इस वर्ष इस आयोजन का मुख्य विषय, "अपने कौशल से अपने भीतर के प्रकाश को प्रज्वलित करें", था जो विद्यार्थियों में दिवाली की भावना को पूरी तरह से दर्शाता है।







इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 600 से अधिक उत्साही प्रतिभागियों ने एकल नृत्य, समूह नृत्य, दीया पेंटिंग, फैशन शो, एकल गायन, मेहंदी कला और रंगोली सहित कई सांस्कृतिक और कलात्मक प्रतियोगिताओं में भाग लिया। प्रत्येक प्रतियोगिता ने विद्यार्थियों की विविध से पूर्ण उनकी रचनात्मकता, आत्मविश्वास और समर्पण को प्रदर्शित किया जो वास्तव में विषय के सार को दर्शाता है

त्योहार के उत्साह को बढ़ाते हुए विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रकार के व्यंजनों और त्योहारी मिठाइयों की पेशकश करते हुए विश्वविद्यालय के कैफेटेरिया में फूड स्टॉल भी लगाए, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में दिवाली उत्सव के रोमांच को और भी अधिक बढ़ा दिया। कार्यक्रम स्थल को रोशनी, दीयों और रंग-बिरंगी रंगोलियों से खूबसूरती से सजाया गया था, जो खुशी, एकता और समृद्धि का प्रतीक थे। 

विद्यार्थियों ने दीपावली के साथ साथ आगामी त्योहार छठ पूजा के सम्मान में भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया। इससे पूरे विश्वविद्यालय परिसर में संस्कृति और पंरपरा का अनूठा समागम देखने को मिला। विद्यार्थियों ने छठ पूजा के थीम पर आधारित पारंपरिक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किया और छठ पूजा के दौरान व्रतियों द्वारा धारण किये जाने पांरपरिक परिधानों को पहनकर रैम्प वॉक भी किया।

इस समारोह में कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रभात कुमार पाणि, कुलसचिव श्री नागेंद्र सिंह और परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोइज़ अशरफ ने विद्यार्थियों को संबोधित किया और विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी और रचनात्मकता की सराहना की।

इस अवसर पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) प्रभात कुमार पाणि ने कहा *उज्ज्वला महोत्सव केवल दिवाली का उत्सव नहीं है, बल्कि हमारे विद्यार्थियों के अंतर्मन में प्रकाशित प्रकाश का उत्सव है। आज अपने जुनून, रचनात्मकता और टीम वर्क के माध्यम से प्रत्येक प्रतिभागी ने यह दर्शाया है कि सच्ची रोशनी भीतर से आती है।

कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने समग्र शिक्षा में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा *उज्ज्वला महोत्सव जैसे आयोजन छात्रों को शिक्षा के अलावा अपनी प्रतिभा दिखाने का एक मंच प्रदान करते हैं। ऐसे अनुभव आत्मविश्वास, नेतृत्व और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देते हैं।

परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोइज़ अशरफ़ ने सहभागिता और आनंद की भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा *हमारे छात्रों का उत्साह देखकर बहुत खुशी होती है। विविध प्रतियोगिताएँ और प्रदर्शन हमारी विश्वविद्यालय संस्कृति की विविधता और गतिशीलता को दर्शाते हैं।

कार्यक्रम का समापन एक शानदार फ़ैशन शो और समूह नृत्य के समापन समारोह के साथ हुआ, जिसके बाद विजेता प्रतिभागियों के बीच पुरस्कार वितरण किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अकाडमिक अधिष्ठाता प्रो. दीलीप शोम, प्रशासनिक अधिष्ठाता प्रो. नाजिम खान, मुख्य वित्त अधिकारी वाई. ज्योति, आईक्यूएसी निर्देशक डॉ. श्रद्धा वर्मा, विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, फैकल्टी मेंबर्स और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।





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