पूर्व मध्य रेल मुख्यालय, हाजीपुर में आज “हरिवंश राय बच्चन” की जयंती मनाई गई. कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री विजय कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि “हरिवंश राय बच्चन” हिंदी के वैसे साहित्यकार रहे हैं जिन्होंने हिंदी के प्रचार-प्रसार में अभूतपूर्व योगदान दिया है.
27 नवंबर, 1907 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बाबूपट्टी नामक गाँव में इनका जन्म हुआ था और इन्होंने ‘मधुशाला’, ‘बुद्ध और नाच घर’ आदि कई प्रसिद्ध काव्य संग्रहों को रचते हुए हिंदी साहित्य में एक नए वाद जिसे हम हालावाद के नाम से जानते हैं, उसे जन्म दिया. इनकी आत्मकथा “क्या भूलूँ क्या याद करूँ”, “नीड़ का निर्माण फिर”, “बसेरे से दूर” एवं “दशद्वार से सोपान तक” हिंदी साहित्य की अमूल्य धरोहर है. इन आत्मकथाओं में समकालीन साहित्य-संस्कृति के साथ सामाजिक, राजनैतिक संदर्भ हैं जिन्हें हमें जरूर पढ़ना चाहिये.
इस अवसर पर श्री लक्ष्मी प्रसाद सिंह, वरिष्ठ सामग्री प्रबंधक एवं मनीष राज, सामान्य सहायक ने भी ओजपूर्ण ढंग से बच्चन जी के जीवन पर अपना पक्ष रखा. इस सफल एवं सार्थक संगोष्ठी का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन श्री केशव त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक (राजभाषा) ने किया. इस अवसर पर बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.












