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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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सोमवार, 22 दिसंबर 2025

दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जी राम जी बिल को मंजूरी दे दी है।

उनकी सहमति मिलने के बाद जी राम जी बिल अब कानून बन गया है। बता दें कि मनरेगा का नाम बदलकर जी राम जी कर दिया गया है। 



इसके साथ ही इस बिल में कई सुधार भी किए गए हैं। जैसे- अब जी राम जी योजना के तहत कामगारों को 125 दिन के काम की गारंटी मिलेगी। जबकि मनरेगा में सिर्फ 100 दिन काम का वादा था।

सोमवार, 15 दिसंबर 2025

दिल्ली: अनमोल बिश्नोई पर गृह मंत्रालय का सख्त फैसला, हिरासत पर लगी एक साल की रोक

केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को लेकर एक अहम आदेश जारी किया है।

इस आदेश के तहत अगले एक साल तक किसी भी राज्य की पुलिस या जांच एजेंसी उसे अपनी हिरासत में नहीं ले सकेगी। यह फैसला सुरक्षा कारणों और कानून व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

BNSS की धारा 303 के तहत लिया गया निर्णय

सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय ने यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 303 के अंतर्गत जारी किया है।



मंत्रालय ने साफ किया है कि अगर किसी राज्य की पुलिस या किसी जांच एजेंसी को अनमोल बिश्नोई से पूछताछ करनी है, तो उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल जाकर ही पूछताछ करनी होगी। उसे किसी अन्य जेल या स्थान पर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

अनमोल बिश्नोई इस समय गंभीर आपराधिक मामलों में आरोपी है। वह बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में मुख्य आरोपियों में शामिल है।

इसके अलावा अभिनेता सलमान खान के घर के बाहर हुई गोलीबारी (Firing) की घटना में भी उसका नाम सामने आया है। इन मामलों के चलते वह लगातार सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में है।

भाई लॉरेंस बिश्नोई के लिए भी पहले जारी हो चुका है ऐसा ही आदेश

गौर करने वाली बात यह है कि इससे पहले गृह मंत्रालय ने अनमोल के भाई और कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के लिए भी इसी तरह का आदेश जारी किया था।

लॉरेंस बिश्नोई पिछले एक साल से ज्यादा समय से गुजरात की साबरमती जेल में बंद है और उसकी हिरासत को लेकर भी कड़े निर्देश लागू हैं।

इसी बीच अनमोल बिश्नोई के मामले में एक और अहम फैसला लिया गया है. विशेष NIA जज ने उसकी सुनवाई को सामान्य अदालत से हटाकर NIA मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया है. उसके वकील ने अदालत में यह दलील दी थी कि अनमोल की जान को खतरा है, इसलिए विशेष सुरक्षा जरूरी है।

बताया गया कि शुक्रवार को अनमोल बिश्नोई की पेशी Video Conferencing के जरिए कराई गई। गृह मंत्रालय और जांच एजेंसियां अब पूरे मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं।

कोहरे की चादर से थमा दिल्ली एयरपोर्ट का ट्रैफिक, 85% उड़ानें हुईं लेट

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) एयरपोर्ट पर रविवार को घने कोहरे के कारण विमान परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ।

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर प्रस्थान करने वाली करीब 85 प्रतिशत उड़ानें देरी से चलीं, जबकि आगमन की लगभग एक तिहाई उड़ानें भी विलंबित रहीं। हालांकि राहत की बात यह रही कि किसी भी उड़ान को रद्द नहीं किया गया।


सुबह 5 से 10 बजे के बीच बढ़ी परेशानी

मौसम विभाग ने पहले ही 14 दिसंबर की सुबह मध्यम से घने कोहरे की चेतावनी जारी की थी। इसी के चलते एयरपोर्ट प्रशासन ने लो विजिबिलिटी प्रोसीजर्स (LVP) लागू कर दिए थे।

रविवार तड़के रनवे पर दृश्यता काफी कम हो गई और न्यूनतम दृश्यता 350 से 400 मीटर तक दर्ज की गई। सबसे ज्यादा असर सुबह 5 बजे से 10 बजे के बीच देखने को मिला, जब उड़ानों का परिचालन धीमा हो गया।

प्रस्थान उड़ानों में ज्यादा देरी

आंकड़ों के अनुसार, प्रस्थान की विलंबित उड़ानों में औसतन करीब 30 मिनट की देरी हुई, जबकि आगमन की उड़ानों में औसतन 5 मिनट का विलंब दर्ज किया गया। नॉन कैट-III उड़ानें सबसे ज्यादा प्रभावित रहीं।

इन उड़ानों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी पड़ी, जिससे आधे घंटे तक की देरी हुई। एक बार शेड्यूल बिगड़ने के बाद इसका असर पूरे दिन की उड़ानों पर पड़ता रहा।

कैट-III सुविधा से मिली राहत

इंडिगो और एयर इंडिया जैसी प्रमुख एयरलाइंस की कैट-III सुविधा वाली उड़ानें कम दृश्यता के बावजूद अपेक्षाकृत सुचारु रूप से लैंड और टेकऑफ करती रहीं। दोपहर बाद दृश्यता बढ़कर 1300 से 1700 मीटर तक पहुंच गई, जिससे हालात कुछ समय के लिए बेहतर हुए।

तकनीक से संभाला गया संचालन

एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रेडिक्टिव सिस्टम और रियल-टाइम डेटा की मदद से परिचालन को बेहतर तरीके से संभाला गया। विंटर फॉग एक्सपेरिमेंट के डेटा का उपयोग कर कोहरे की लगभग 85 प्रतिशत सटीक भविष्यवाणी की गई, जिससे प्रभाव को कम रखने में मदद मिली।

तमाम सुविधाओं के बावजूद असर क्यों?

आईजीआई एयरपोर्ट के तीनों मुख्य रनवे अब कैट-III इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) से लैस हैं, जो 50 मीटर तक की दृश्यता में भी सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति देते हैं। इसके बावजूद सभी उड़ानों को इसका लाभ नहीं मिल पाता।

इसके लिए जरूरी है कि पायलट कैट-III में प्रशिक्षित हो और विमान में आवश्यक तकनीकी उपकरण मौजूद हों। यदि इनमें से किसी एक की कमी हो, तो उड़ान प्रभावित हो जाती है।

इसके अलावा, लो विजिबिलिटी प्रोटोकॉल (Low Visibility Protocol) से सुरक्षा तो बढ़ती है, लेकिन विमानों की आवाजाही की रफ्तार धीमी हो जाती है। यही कारण है कि आधुनिक सुविधाओं के बावजूद कोहरे के दिनों में उड़ानों पर असर पड़ता है।

गुरुवार, 11 दिसंबर 2025

अमित शाह बोले, घुसपैठिये तय नहीं करेंगे कौन PM-CM बनेगा…

गृहमंत्री अमित शाह आज सदन में बोले, चुनाव आयोग सरकार के अधीन नहीं, एक स्वतंत्र संस्था है। कांग्रेस SIR पर झूठ फैला रही है, मैं उसका जवाब दूंगा। उन्होंने कहा, कौन प्रधानमंत्री बनेगा, कौन मुख्यमंत्री, यह भारत तय करेगा, बांग्लादेश की सीमा पार से आये घुसपैठिये नहीं। कांग्रेस पर उन्होंने बेबुनियाद आरोप फैलाने का ठीकरा फोड़ा और साफ कहा कि मोदी जनता की इच्छा से प्रधानमंत्री बने हैं, विपक्ष की कृपा से नहीं। शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा कि चर्चा तय थी चुनाव सुधारों पर, लेकिन विपक्ष बार-बार SIR पर ही भटकाता रहा, वहीं, यह चुनाव आयोग का विषय है। अमित शाह ने अनुच्छेद 324, 326 और 327 का सहारा लिया। उन्होंने बताया कि SIR का अधिकार चुनाव आयोग को ही है। वहीं, याद दिलाया कि 2000 के बाद तीन बार SIR हुआ, दो बार NDA सरकार में, एक बार UPA में, तब किसी ने विरोध नहीं किया। यह कहते हुये शाह ने विपक्ष पर तंज भी कसा और कहा कि वोटर लिस्ट ही अशुद्ध हो तो चुनाव कैसे पवित्र राहुल गांधी के ‘परमाणु बम’ वाले बयान पर शाह का व्यंग्य



राहुल गांधी के आरोप पर शाह बोले, हरियाणा के जिस मकान का हवाला दिया गया था, चुनाव आयोग ने जांच की, दावा गलत निकला। फिर उन्होंने व्यंग्य किया, “वोट चोरी की फर्जी कहानी बनाने की कोशिश हो रही है।” राहुल ने कहा, “गृह मंत्री डरे हुये हैं।” शाह ने मुस्कुराकर पलटवार किया, “आपके चेहरे पर चिंता की लकीरें देख ली हैं, पर मैं उकसावे में नहीं आऊंगा।” शाह ने इतिहास के पन्ने पलटे, बोले, सरदार पटेल को 28 वोट, नेहरू को 2, फिर भी PM नेहरू बने। इंदिरा गांधी का चुनाव, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द किया। इंदिरा गांधी की इम्युनिटी, अपने लिये कानून बदलवाना।

“जब जीते तब कोई शिकायत नहीं थी”

शाह ने EVM का पुराना इतिहास सामने रखा और कहा कि 1989 में राजीव गांधी के समय इसका प्रावधान हुआ। 2004 और 2009 में कांग्रेस जीती, EVM पर कोई सवाल नहीं उठा। 2014 में BJP जीती और सवालों की बरसात हो गई। वहीं, आंकड़ा रखते हुये कहा कि 16,000 EVM–VVPAT मिलान में एक भी वोट गलत नहीं मिला। शाह बोले, “पहले वोट के बक्से लूट लिये जाते थे, EVM आने से यह परंपरा खत्म हुई, इसी का दर्द है।” उन्होंने बताया कि 2216 किमी बांग्लादेश सीमा, 1600 किमी से ज्यादा पर सुरक्षा, बंगाल में 563 किमी हिस्सा अब भी चुनौती है। TMC पर वार करते हुये कहा कि घुसपैठियों को बचाओगे, तो आपका सफाया तय है। शाह ने कहा कि “क्या कानून है कि RSS से आये लोग संस्थाओं में नहीं हो सकते? हम जनादेश से आये हैं, डरते नहीं। 140 करोड़ जनता का जनादेश, ईश्वर का आदेश है। जनता का फैसला, श्रीकृष्ण का फैसला।”

बुधवार, 10 दिसंबर 2025

दिल्ली :-दो दोस्तों ने मिलकर बनाई थी Indigo, 2021 में राकेश गंगवाल ने छोड़ा साथ, क्या थी राहुल भाटिया से नाराजगी की वजह

इंडिगो संकट से देश में एविएशन सेक्टर की रफ्तार मानो थम सी गई। पिछले दिनों फ्लाइट्स के लगातार कैंसिल होने से अलग-अलग एयरपोर्ट पर लाखों यात्री फंस गए। इस पूरे घटनाक्रम ने कंपनी के ऑपरेशन से जुड़ी विफलताओं को सामने ला दिया। क्या आप जानते हैं इंडिगो एयरलाइन की शुरुआत 2005 में दो खास दोस्त, राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने मिलकर की थी, दोनों की पार्टनरशिप से देश की यह बड़ी एयरलाइन कंपनी बनी। लेकिन, कुछ साल बाद विवाद और मतभेद के चलते राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल की राहें अलग-अलग हो गईं।kदरअसल, 2019 में कंपनी के ऑपरेशन से जुड़े मतभेदों के चलते राकेश गंगवाल ने राहुल भाटिया के खिलाफ आवाज उठाई और सेबी में इसकी शिकायत की। वहीं, राहुल भाटिया ने भी राकेश गंगवाल पर मुकदमा दायर कर दिया।



*क्यों अलग हुए राहुल और राकेश*

राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल ने 2005 में पार्टनरशिप के साथ इंडिगो एयरलाइन शुरू की। जहां राहुल भाटिया के पास लोकल बिजनेस स्किल और एविएशन सर्विसेज का अनुभव था, वहीं राकेश गंगवाल के पास ग्लोबल एयरलाइन से जुड़ी विशेषज्ञता थी, क्योंकि वे पहले यूएस एयरवेज़ में सीईओ रह चुके थे और यूनाइटेड एयरलाइंस में सीनियर पोस्ट पर काम किया था, इसलिए दोनों ने मिलकर एविएशन सेक्टर में कुछ बड़ा करने के लिए इंडिगो एयरलाइन की शुरुआत की।राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल की अगुवाई में इंडिगो कुछ सालों के अंदर ही देश की नंबर वन प्राइवेट एयरलाइन कंपनी बन गई। लेकिन, साल 2019 में दोनों के बीच कायम साझेदारी और आपसी भरोसा टूट गया। राकेश गंगवाल ने इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज के ज़रिए इंडिगो पर राहुल भाटिया के कंट्रोल पर सवाल उठाना शुरू कर दिया, खासकर रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन और बोर्ड की स्वतंत्रता के मामले को लेकर,k राकेश गंगवाल ने कहा कि इस मुद्दे पर पारदर्शिता को लेकर समझौता नहीं किया जा सकता था।

राकेश गंगवाल का मानना था कि कंपनी के मालिक का कंट्रोल गवर्नेंस पर हावी नहीं होना चाहिए, खासकर इंडिगो जैसे बड़े और प्रभावशाली सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध संस्थान में। 2019 में गंगवाल ने शिकायत के साथ सेबी का रुख किया और बाद में भाटिया द्वारा गंगवाल पर मुकदमा दायर करने के बाद, लंदन में मध्यस्थता का रुख किया।

*धीरे-धीरे बेची हिस्सेदारी*

इंडिगो एयरलाइन से राकेश गंगवाल का जाना सिद्धांतों से प्रेरित था। उनका मानना था कि कंपनियों के विस्तार के साथ-साथ प्रशासन के मानकों में भी बदलाव आना चाहिए। राकेश गंगवाल की असहमति केंद्रित नियंत्रण, कथित हितों के टकराव और बोर्ड की स्वतंत्रता के मुद्दों से उपजी थी। वे असमान शक्ति संतुलन से सहमत नहीं थे इसलिए उन्होंने कंपनी से अलग होने का फैसला किया।फरवरी 2022 में राकेश गंगवाल ने बोर्ड से इस्तीफा दे दिया और ऐलान किया कि वह अगले 5 वर्षों में धीरे-धीरे कंपनी से बाहर निकलेंगे। इसलिए उन्होंने इंडिगो में अपनी हिस्सेदारी बेचना शुरू कर दी।

रविवार, 7 दिसंबर 2025

सख्त आदेश, अगर जरूरत से ज्यादा किराया वसूला तो

इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द होने से बढ़े हवाई किरायों पर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस को साफ निर्देश दिया है कि तय सीमा से ज्यादा किराया नहीं वसूला जायेगा और अगर ऐसा हुआ तो कार्रवाई तय है। पिछले पांच दिनों में इंडिगो 2000 से ज़्यादा उड़ानें रद्द कर चुकी है। देश के घरेलू विमानन बाजार में करीब 60% हिस्सेदारी रखने वाली इस एयरलाइन में आई दिक्कतों का सीधा असर यात्रियों पर पड़ा है। किराये आसमान छू रहे हैं और सीटें मिलनी मुश्किल हो गई हैं। यात्रियों को मुनाफाखोरी से बचाने के लिए मंत्रालय ने प्रभावित रूट्स पर उचित और वाजिब किराया सुनिश्चित करने की अपनी नियामक शक्तियों का इस्तेमाल किया है। सरकार ने कहा है कि फिलहाल सभी एयरलाइंस को किराया सीमा का कड़ाई से पालन करना होगा, जब तक कि स्थिति पूरी तरह सामान्य न हो जाये। मंत्रालय का मकसद साफ है—बाजार में अनियंत्रित कीमतों पर लगाम लगाना और उन यात्रियों की मदद करना जिन्हें तुरंत यात्रा करनी होती है, जैसे वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीज, ताकि इस संकट के बीच उन्हें आर्थिक बोझ न झेलना पड़े।



शुक्रवार, 5 दिसंबर 2025

पुतिन के भारत दौरे पर राहुल गांधी का आरोप—सरकार ने मिलने से रोका, विदेश मंत्रालय ने किया खंडन

 रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हाई-प्रोफाइल भारत दौरे के बीच एक बड़ा सियासी विवाद खड़ा हो गया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उन्हें रूसी राष्ट्रपति से मिलने से रोका, जो कि उनके पद और विपक्ष का 'अपमान' है. राहुल के इस तीखे हमले के बाद अब विदेश मंत्रालय ने मोर्चा संभाला है. मंत्रालय के सूत्रों ने न केवल इन आरोपों को खारिज किया है, बल्कि सबूत के तौर पर उन '5 प्रधानमंत्रियों' की लिस्ट भी पेश कर दी है, जिनसे राहुल गांधी पिछले कुछ महीनों में मिल चुके हैं. सरकार का सवाल साफ है, जब पिछले 5 नेताओं से मिलने में कोई रोक नहीं थी, तो अब यह 'हंगामा' क्यों?




मंगलवार, 2 दिसंबर 2025

नार्को टेररिज्म बड़ा खतरा, हर राज्य को बनानी होगी एसआईएः NIA के पूर्व डीजी दिनकर गुप्ता

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 में नार्को टेररिज्म को विश्व के लिए बड़ा खतरा बताया। दिनकर गुप्ता के अनुसार, यह भारत की सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती है, जो युवाओं को बर्बाद कर रहा है। इससे निपटने के लिए भ्रष्टाचार रोकना, जेलों में सुरक्षा बढ़ाना और एनआईए की तर्ज पर एसआईए का गठन करना आवश्यक है।



सोमवार, 1 दिसंबर 2025

सोनिया-राहुल गांधी की फिर बढ़ी मुश्किल, नेशनल हेराल्ड केस में नई FIR दर्ज

नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दिल्ली पुलिस ने 3 अक्टूबर को उनके खिलाफ एक नई FIR दर्ज की है, जिसमें 6 अन्य लोगों और 3 कंपनियों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं।



Delhi Air Pollution: दिल्ली में क्यों बढ़ रहा है प्रदूषण? CAQM रिपोर्ट ने खोली पोल

सरकारी विभागों की लापरवाही के कारण दिल्ली में एयर पॉल्यूशन बढ़ रहा है। CAQM रिपोर्ट में अहम बातें सामने आई हैं। CAQM ने MCD को पॉल्यूशन कंट्रोल पर खास ध्यान देने का भी निर्देश दिया है। 'ऑपरेशन क्लीन एयर' के तहत इंस्पेक्शन जारी रहेंगे।



शुक्रवार, 28 नवंबर 2025

भारत🇮🇳 की अंतरिक्ष🌛🌕 में ऊंची छलांग: PM मोदी ने लॉन्च किया विक्रम-I, Gen-Z की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के Gen-Z की तारीफ करते हुए कहा कि देश के जेन-जी भारत के स्पेस सेक्टर को नई दिशा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी देश आगे बढ़ने का मौका देता है, तब युवा पीढ़ी सबसे पहले आगे आती है और देश को प्राथमिकता दोती है।



दिल्ली : मेरी पूंजी मेरा अधिकार' से लोगों को मिलेगा बैंक में फंसा पैसा: CM रेखा गुप्ता

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने गुरुवार को केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई ‘मेरी पूंजी, मेरा अधिकार’ मुहिम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारों से इस अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि इससे आम लोगों को उनके बैंक खाते में फंसे रुपए मिलने में मदद मिलेगी। मौजूदा समय में बड़ी संख्या में लोगों के पैसे बैंक में फंसे हुए हैं। ऐसी स्थिति में इस योजना से लोगों को उनके पैसे बड़ी ही आसानी से मिल जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि सरकारों को आम जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं रहता है, लेकिन हमारी सरकार ऐसी नहीं है। वह आम जनता के हितों को हमेशा से ही सर्वोच्च प्राथमिकता देती हुई आई है। यह उसी का नतीजा है कि आज की तारीख में 'मेरी पूंजी, मेरा अधिकार' स्कीम शुरू की गई है। अब तक इस योजना से अनेक लोग लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि कई बार पिता बैंक में पैसे जमा कराकर रखते हैं, लेकिन बेटे को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। किसी ने म्युचुअल फंड में निवेश किया था, लेकिन परिवार में किसी को इस बारे में पता नहीं होता। पिता की मृत्यु के बाद उनकी तरफ से जमा कराए गए पैसे कहां-कहां रखे गए हैं? कभी-कभी इस बारे में भी बेटे को जानकारी नहीं होती है। ऐसी स्थिति में यह योजना काफी कारगर साबित होगी।



मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि इस योजना के माध्यम से हमारी सरकार यही चाहती है कि आम जनता को उनका पैसा मिले। यह हमारी सरकार की पारदर्शिता है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आम जनता का एक भी पैसा बैंक न फंसा रहे। उन्हें उनका पैसा मिले। उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इस योजना के माध्यम से यह भी साफ हो चुका है कि हमारी सरकार पारदर्शिता के साथ काम करती है। बात जब पारदर्शिता की आती है तो हम किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

दिल्ली की सीएम ने बताया कि अब तक केंद्र सरकार के वित्त विभाग की तरफ से आम जनता को 85 हजार करोड़ रुपए की राशि दी जा चुकी है। इससे आम जनता को उनका फंसा हुआ पैसा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

गुरुवार, 27 नवंबर 2025

20 साल बाद भारत को फिर मिला मौका, PM भी हुये गदगद

भारत को 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी मिल गई है। यह ऐलान सिर्फ एक स्पोर्टिंग इवेंट नहीं, बल्कि भारत के उभरते वैश्विक प्रभाव की बड़ी मुहर माना जा रहा है। ग्लास्गो में हुई राष्ट्रमंडल खेल आमसभा ने अहमदाबाद को आधिकारिक मेजबान घोषित किया। यह मौका खास इसलिए भी है, क्योंकि 2030 में राष्ट्रमंडल खेल 100 साल पूरे करेंगे और यह ऐतिहासिक संस्करण भारत में आयोजित होगा। नाइजीरिया का अबुजा भी दावेदार था, लेकिन 74 सदस्य देशों ने भारत के पक्ष में सहमति दी। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व IOA अध्यक्ष पीटी उषा, केंद्रीय अधिकारियों और गुजरात के खेल मंत्री ने किया। कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स के अध्यक्ष डॉ. डोनाल्ड रुकारे ने कहा “भारत युवा, पैमाना, संस्कृति और महत्वाकांक्षा के साथ राष्ट्रमंडल खेलों में नया स्वर्ण युग लायेगा।” अहमदाबाद पिछले एक दशक में खेल बुनियादी ढांचे के विकास का उदाहरण बनकर उभरा है। यह मेजबानी भारत के 2036 ओलंपिक की दावेदारी को भी मजबूती देती है। पीटी उषा ने कहा “यह विश्वास हमारे लिए सम्मान की बात है। 2030 के खेल नई सदी की नींव रखेंगे।” वहीं केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे गौरवपूर्ण क्षण बताते हुये कहा, “भारत 2047 तक दुनिया के शीर्ष 5 खेल राष्ट्रों में होगा।” यहां याद दिला दें कि दिल्ली ने 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी। अब 20 साल बाद भारत को यह जिम्मेदारी फिर मिली है, और इस बार दांव कहीं बड़ा है।



इस खास मौके पर PM मोदी ने X पर पोस्ट किया कि, “बहुत खुशी है कि भारत ने शताब्दी कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेज़बानी की बोली जीत ली है। भारत के लोगों और खेल जगत को बधाई। यह हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और खेल भावना है जिसने भारत को ग्लोबल स्पोर्टिंग मैप पर मज़बूती से जगह दिलाई है। वसुधैव कुटुम्बकम की सोच के साथ, हम इन ऐतिहासिक खेलों को बड़े जोश के साथ मनाने के लिए उत्सुक हैं। हम दुनिया का स्वागत करने के लिए उत्सुक.

2030 संस्करण में 15 से 17 खेल शामिल होंगे, जिनमें एथलेटिक्स (और पैरा), स्विमिंग (और पैरा), टेबल टेनिस (और पैरा), लान बाउल्स (और पैरा), भारोत्तोलन, जिम्नास्टिक्स, नेटबॉल और बॉक्सिंग शामिल रहेंगे।*ल रहेंगे।

बुधवार, 26 नवंबर 2025

देश को मिले नये CJI, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ, समारोह हुआ कुछ खास

देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने आज राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में ली। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, कई केंद्रीय मंत्री, देश-विदेश के शीर्ष न्यायाधीश मौजूद रहे। शपथ के तुरंत बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने एक अनोखी परंपरा शुरू की—उन्होंने अपनी आधिकारिक कार राष्ट्रपति भवन परिसर में ही छोड़ दी ताकि उनके उत्तराधिकारी जस्टिस सूर्यकांत सीधे उसी कार में सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकें। मुख्य न्यायाधीश के पद से विदाई के इस विनम्र लहजे की देशभर में सराहना हो रही है।


जस्टिस सूर्यकांत बने देश के 53वें CJI, राष्ट्रपति मुर्मू ने दिलाई शपथ, 15 महीने का होगा कार्यकाल | Justice SuryaKant will become the 53rd CJI oath ceremony live updates

जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक इसलिए भी रहा क्योंकि पहली बार छह देशों के मुख्य न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शामिल हुये। शपथ के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कोर्ट नंबर-1 में कामकाज संभालकर अपनी जिम्मेदारी की शुरुआत की।

जस्टिस सूर्यकांत बने नए CJI-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

हरियाणा के एक साधारण गांव से निकलकर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी तक का सफर तय करने वाले जस्टिस सूर्यकांत ईमानदारी, मेहनत और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। 2027 तक का उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण फैसलों और न्यायपालिका के भविष्य की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।

रविवार, 23 नवंबर 2025

दिल्ली :राजधानी में 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश का ऐलान

दिल्ली सरकार ने सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी दिवस पर 25 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का साहस, करुणा और धार्मिक स्वतंत्रता का संदेश हमें हमेशा राह दिखाता रहेगा। सार्वजनिक अवकाश के तहत सभी सरकारी व निजी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 25 नवंबर को बंद रहेंगे।CM रेखा गुप्ता ने बताया कि 23, 24 और 25 नवंबर को लाल किले पर तीन दिवसीय भव्य समागम आयोजित होगा। उन्होंने लोगों से इसमें शामिल होकर गुरु साहिब को नमन करने की अपील की। कार्यक्रम को उन्होंने “राष्ट्रीय चेतना और मानवीय मूल्यों के प्रति संकल्प” का प्रतीक बताया।



शुक्रवार, 21 नवंबर 2025

दिल्ली:विश्व मंच पर पांच बेटी लायीं पांच स्वर्ण

दिल्ली: ग्रेटर नोएडा के विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आयोजित विश्व मुक्केबाजी कप 2025 में भारत की पांच शेरनियों ने अपने मुक्कों की धार से पांच स्वर्ण पदक झटककर इतिहास लिख दिया। चीनी ताइपे की जुआन यी गुओ के सामने रिंग में उतरते ही निकहत जरीन ने दिखा दिया अपना जलवा और भारत को पांचवां स्वर्ण दिलाया और स्टेडियम में “भारत माता की जय” की गूंज उठी। उज्बेकिस्तान की फोजिलोवा फारजोना को 5-0 की क्लीन स्वीप से हराकर मीनाक्षी हुड्डा ने गोल्ड मेडल झटक लिया। जीत के बाद वो बोली, “मैं अपने डिस्ट्रिक्ट कोच विजय हुड्डा का शुक्रिया अदा करती हूं।” हरियाणा की मिट्टी से निकली इस बेटी की सादगी और सम्मान की खुशबू थी। इटली की सिरीन चाराबी को 5-0 से रौंदते हुये प्रीति पवार ने भारत के स्वर्ण भंडार में एक और चमकदार पदक जोड़ दिया। जोकिरोवा अजीजा को 5-0 से पछाड़ते हुये अरुंधति चौधरी ने वो कर दिखाया जिसे देखने के लिये उनका पूरा कोटा-राजस्थान टीवी स्क्रीन से चिपका बैठा था। उनका हर पंच मरुधर की हवाओं जैसा तीखा, और शौर्य की कहानी जैसा अमर रहा। उज्बेकिस्तान की ओल्टिनोय को 5-0 से हराकर नूपुर शेओरन ने भारत को दिन का चौथा स्वर्ण दिया।



राष्ट्रपति-राज्यपाल के लिए बिलों पर टाइमलाइन तय नहीं कर सकते', SC का अहम फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्यपाल या राष्ट्रपति के लिए बिल पर कार्रवाई करने की कोई समय-सीमा तय नहीं की जा सकती। अदालत ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल बिल को अनिश्चितकाल तक रोककर नहीं रख सकते, बल्कि उसे विधानमंडल को वापस भेजना होगा।



विधेयक को रोक नहीं सकते, समय सीमा की पाबंदी भी नहीं; प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर 'सुप्रीम' फैसले की 10 बड़ी बातें

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपालों को विधानसभा द्वारा पारित बिलों पर रोक लगाने का अधिकार है, लेकिन बिलों की स्वीकृति के लिए कोई समय सीमा तय नहीं है। देरी होने पर कोर्ट हस्तक्षेप करेगा।



दिल्ली: कोकून से करघे तक… IITF में झारखंड की महिलाएं बदल रही तसर की कहानी

दिल्ली: भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) 2025 में जब लोग झारखंड पवेलियन के भीतर कदम रखते हैं, तो उन्हें सबसे पहले करघे की हल्की थरथराहट सुनाई देती है। कोने में बैठी तसर कारीगर तम्सुम अपने हाथों से धागों को संभालते हुए जैसे हर सूत में अपनी जीवन कहानी बुन देती है। पास ही उबलते पानी की भाप के बीच एक और महिला कोकून से रेशम निकालती है, और उस चमक में उनके घरों की रोशनी साफ दिखती है। यही है झारखंड पवेलियन की असली पहचान, तसर की असली चमक, जो इन महिलाओं के हाथों से निकलकर पूरे देश तक पहुंचती है।



गांवों से दिल्ली तक… एक लंबा सफर

झारखंड को आज देश की तसर राजधानी कहा जाता है। 2001 में जहां 90 मीट्रिक टन कच्चा रेशम बनता था, वहीं आज यह आंकड़ा 1363 मीट्रिक टन तक पहुंच चुका है। इस सफर के केंद्र में हैं वे महिलाएं, जिनके हाथों में अभाव के बीच भी सीखने और आगे बढ़ने की जिद रही। राज्य में आज 100 कोकून संरक्षण केंद्र और 40 परियोजना केंद्र काम कर रहे हैं। इन केंद्रों में सुबह-सुबह काम पर पहुंचने वाली महिलाएं सिर्फ धागा नहीं काततीं, बल्कि उस धागे में अपनी रोजमर्रा की लड़ाइयों, अपने परिवार की जरूरतों और अपने बच्चों की पढ़ाई का सपना भी पिरोती हैं।

“इस धागे में हमारी मेहनत भी है और हमारी उम्मीद भी”

पवेलियन में मौजूद एक कारीगर कहती है, “पहले हमें नहीं पता था कि तसर का धागा इतनी दूर तक भी जा सकता है। अब लगता है हम भी कुछ बड़ा कर रहे हैं। इस धागे में हमारी मेहनत भी है और हमारी उम्मीद भी।” झारखंड में तसर उत्पादन के लगभग 50 से 60 प्रतिशत कामकाज की कमान महिलाएं संभालती हैं। यार्न उत्पादन तो पूरी तरह उनके हाथों में है। उनके लिए यह काम सिर्फ रोजगार नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता देने वाला सहारा है।

CFC केंद्रों ने बदली तस्वीर

झारक्राफ्ट, JSLPS और रेशम निदेशालय की मदद से राज्य भर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) चल रहे हैं। यहां 30 से 60 महिलाएं एक साथ बैठकर धागा निकालने, रंगाई, बुनाई और डिजाइन सीखने का काम करती हैं। इन केंद्रों ने न सिर्फ उन्हें हुनर दिया बल्कि घर से बाहर निकलकर टीम में काम करने का आत्मविश्वास भी दिया।

एक महिला बुनकर बताती है, “पहले हम घर से बाहर नहीं जाते थे। आज हम खुद कपड़े बनाते हैं, बेचते हैं और ट्रेनिंग भी देते हैं। बच्चे कहते हैं… मां, आप तो दिल्ली भी जा आईं।”

पवेलियन में तसर के पीछे छिपी दुनिया दिखाई देती है

झारखंड पवेलियन में हो रही लाइव डेमो लोगों का सबसे बड़ा आकर्षण है। पानी में डूबते कोकून, उनसे निकलते महीन धागे, और फिर उन्हीं धागों से करघे पर बनी मुलायम कपड़े की पट्टी, यह पूरी प्रक्रिया दर्शकों को बताती है कि तसर सिर्फ एक उत्पाद नहीं, बल्कि मेहनत, हुनर और परंपरा का मेल है। लोग तम्सुम से पूछते हैं कि यह काम कितना मुश्किल है। वह मुस्कुराकर कहती है, “मुश्किल तो है, पर इसी ने हमें आगे बढ़ाया है। इसी ने हमें पहचान दी है।”

हस्तशिल्प की खुशबू और गांव की मिट्टी साथ आई

पवेलियन में झारक्राफ्ट द्वारा पेश किए गए तसर आधारित वस्त्र और ग्रामीण हस्तशिल्प लोगों को रोक लेते हैं। हर साड़ी, दुपट्टा और स्टोल में कहीं न कहीं झारखंड के जंगलों और गांवों की छाप मिलती है। यह सिर्फ बिक्री का स्थान नहीं, बल्कि हजारों कारीगरों की मेहनत और उनकी आर्थिक आजादी का मंच भी है।

एक छत के नीचे झारखंड की कहानी

IITF 2025 में झारखंड पवेलियन सिर्फ उत्पाद नहीं दिखा रहा। यह बताता है कि कैसे तसर ने महिलाओं के जीवन बदले, कैसे गांवों में नई अर्थव्यवस्था खड़ी हुई, और कैसे एक राज्य ने अपनी परंपरा को आधुनिक बाजार से जोड़कर नया रास्ता बनाया। जब पवेलियन से बाहर निकलते हैं, तो तसर की चमक आपकी आंखों में बस जाती है। और यह महसूस होता है कि इस चमक में सिर्फ रेशम की सुंदरता नहीं, बल्कि उन हाथों का उजाला भी है, जिन्होंने इसे संभव बनाया।

गुरुवार, 20 नवंबर 2025

दिल्ली: आखिर कौन हैं माफिया मुख्तार के बेटे उमर की दुल्हन

दिल्ली के अशोक लॉन में 15 नवंबर की शाम मानो जुगनुओं ने दरी बिछा दी हो। रोशनी, रंगत और रौनक के बीच मऊ से पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने अपनी जिंदगी की नई इबारत लिखी, निकाह की इबारत। सोशल मीडिया पर छाई तस्वीरें उसी रौनक की गवाही दे रही हैं, जिसने इस समारोह को राजधानी का सबसे चर्चा में रहने वाला आयोजन बना दिया। चर्चा का सबसे बड़ा सवाल, “उमर की दुल्हन आखिर कौन?” जवाब है कि फातिमा, गाजीपुर के मुहम्मदाबाद की रहने वाली, वह जाने-माने कारोबारी मलिक मियां की नातिन है। उनका घर मुहम्मदाबाद के उसी मोहल्ले में जहां मुख्तार अंसारी का पैतृक आवास ‘फाटक’ स्थित है। दोनों परिवारों में पहले से सामाजिक जुड़ाव है। उमर और फातिमा एक-दूसरे को समझते-जानते थे और परिवार की रजामंदी ने इस रिश्ते को मुकम्मल कर दिया।



दिल्ली के अशोक लॉन में 15 नवंबर को निकाह हुआ। 17 नवंबर पालिका सर्विसेज ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट, चाणक्यपुरी में शानदार वलीमा हुआ। वलीमे की रात में कई बड़े नेता, बड़े नाम और बड़ी शख्सियतें पहुंचीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, वरिष्ठ अधिवक्ता व सपा सांसद कपिल सिब्बल, पूर्व विधायक इरफान सोलंकी एवं सांसद प्रिया सरोज इन सभी ने नये जोड़े को दुआयें दीं और परिवार से मुलाकात की। महफिल में रौनक भी थी और एक हल्की-सी कसक भी। निकाह के पलों में उमर अंसारी खुद को संभाल न सके। पिता मुख्तार अंसारी, जिनकी छाया हमेशा उनके सिर पर रहती थी, आज सिर्फ तस्वीर के रूप में साथ थीं। स्टेज पर खड़े होकर उन्होंने वह तस्वीर फातिमा को दिखायी। वही तस्वीर, जिसने पलों भर के लिये पूरा माहौल भावनाओं से भर दिया। मां अफशां अंसारी लुकआउट नोटिस के कारण शामिल नहीं हो सकीं। घर की जिम्मेदारी बड़े भाई अब्बास अंसारी ने संभाली, हर मेहमान की मेजबानी, हर रस्म की अगुवाई और हर कदम पर पिता की कमी महसूस होती रही। उमर और फातिमा का यह मिलन दो परिवारों के पुराने रिश्तों की महक और नई उम्मीदों की खुशबू दोनों लेकर आया।

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