देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने आज राष्ट्रपति भवन में पद और गोपनीयता की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। खास बात यह रही कि उन्होंने शपथ हिंदी में ली। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति, कई केंद्रीय मंत्री, देश-विदेश के शीर्ष न्यायाधीश मौजूद रहे। शपथ के तुरंत बाद पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने एक अनोखी परंपरा शुरू की—उन्होंने अपनी आधिकारिक कार राष्ट्रपति भवन परिसर में ही छोड़ दी ताकि उनके उत्तराधिकारी जस्टिस सूर्यकांत सीधे उसी कार में सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकें। मुख्य न्यायाधीश के पद से विदाई के इस विनम्र लहजे की देशभर में सराहना हो रही है।
जस्टिस सूर्यकांत का शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक इसलिए भी रहा क्योंकि पहली बार छह देशों के मुख्य न्यायाधीश इस कार्यक्रम में शामिल हुये। शपथ के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में गांधीजी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और कोर्ट नंबर-1 में कामकाज संभालकर अपनी जिम्मेदारी की शुरुआत की।
जस्टिस सूर्यकांत बने नए CJI-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
हरियाणा के एक साधारण गांव से निकलकर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी तक का सफर तय करने वाले जस्टिस सूर्यकांत ईमानदारी, मेहनत और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। 2027 तक का उनका कार्यकाल कई महत्वपूर्ण फैसलों और न्यायपालिका के भविष्य की दिशा तय करने वाला माना जा रहा है।







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