तिरुलडीह में शहीद अजित महतो व धनंजय महतो की 43वीं शहादत दिवस पर नेताओं व समाजसेवियों ने दी श्रद्धांजलि झारखंड आंदोलन के महानायकों के बलिदान को किया याद, अधूरे सपनों को पूरा करने का लिया संकल्प
झारखंड आंदोलन के वीर सपूत शहीद अजित महतो और धनंजय महतो की 43वीं शहादत दिवस आज तिरुलडीह में श्रद्धा और भावनाओं के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत शहीद बेदी और प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर और मौन रखकर की गई। बड़ी संख्या में नेता, समाजसेवी और ग्रामीणजन इस अवसर पर मौजूद रहे।
वक्ताओं ने कहा कि शहीद अजित महतो और धनंजय महतो ने जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके इस बलिदान ने झारखंड आंदोलन को नई दिशा और पहचान दी।
नेताओं ने इस मौके पर शहीदों के अधूरे सपनों को साकार करने का संकल्प लिया और कहा कि समानता, शिक्षा और न्याय ही उनके सपनों का सच्चा झारखंड है।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान पूरे माहौल में शहीदों अमर रहें के नारे गूंजते रहे।
मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे, जिन्होंने शहीदों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शहीद बेदी पर पुष्पांजलि अर्पण करते नेता और समाजसेवी मंच से वक्ताओं के उद्बोधन के दृश्य शहीद अमर रहें के नारे लगाते ग्रामीणों के भावनात्मक दृश्य
शहीद अजित महतो और धनंजय महतो की शहादत को सलाम करते हुए तिरुलडीह के लोगों ने एक बार फिर संदेश दिया हैशहीदों के सपनों का झारखंड, हर झारखंडी का संकल्प।