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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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शनिवार, 20 सितंबर 2025

सरायकेला के सीनी स्टेशन पर कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन, हावड़ा–मुंबई ट्रैक जाम

सरायकेला के सीनी में कुड़मी समाज का रेल रोको आंदोलन, प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा मुंबई रेल ट्रैक को किया जाम,


झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले में आज सुबह से रेल रोको आंदोलन का असर देखने को मिला। सरायकेला के सीनी स्टेशन के पास कुड़मी जाति के लोगों ने रेलवे ट्रैक जाम कर प्रदर्शन किया।


कुड़मी समुदाय की बड़ी संख्या सुबह से ही सीनी रेलवे स्टेशन के पास इकट्ठा हुई और रेल टेको आंदोलन शुरू कर दिया। इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनें बाधित हुईं और यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

मौके पर हालात को नियंत्रित करने के लिए स्पेशल फोर्स की तैनाती की गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांग पूरी तरह सामाजिक है और किसी भी प्रकार से राजनीति से प्रेरित नहीं है।

कुड़मी समाज की प्रमुख मांग है कि उन्हें एसटी यानी अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया जाए। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि “हम लोग वर्षों से आदिवासी रहे हैं, सरकार को हमें एसटी में शामिल करना ही होगा।

फिलहाल रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। वहीं, कुड़मी समाज ने मांग पूरा न होने तक अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है।






राजनगर में ओत गुरु कोल लाको बोदरा की जयंती धूमधाम से मनाई गई

सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत बीजाडीह पंचायत के समरसाई चौक पर शुक्रवार को वारंगक्षिति लिपि के आविष्कारक, महान शिक्षाविद् एवं आदिवासी समाज के पथप्रदर्शक ओत गुरु कोल लाको बोदरा की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक चेतना, सांस्कृतिक गौरव और राजनीतिक मांगों की गूंज सुनाई दी।


कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री सह विधायक चंपाई सोरेन, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा एवं जिप सदस्य मालती देवगम द्वारा संयुक्त रूप से लाको बोदरा की प्रतिमा का अनावरण कर की गई। मौके पर पारंपरिक वाद्य यंत्र ढोल-मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य-गान से चंपाई सोरेन का भव्य स्वागत किया गया।


अपने संबोधन में चंपाई सोरेन ने कहा कि लाको बोदरा केवल हो समाज के नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने वारंगक्षिति लिपि का आविष्कार कर आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा और पहचान का आधार दिया है। किसी भी समाज की अपनी लिपि होना गर्व की बात है, लेकिन दुर्भाग्यवश झारखंड के स्कूलों में आज भी वारंगक्षिति लिपि में पढ़ाई नहीं हो रही है।

8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग दोहरायी जायेगी

चंपाई सोरेन ने कार्यक्रम के दौरान जोर देकर कहा कि सरकार से मांग की जाएगी कि वारंगक्षिति लिपि को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए। उन्होंने बताया कि वह इस मुद्दे को लेकर फिर एक बार केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे और आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि “सीएनटी और एसपीटी एक्ट होने के बावजूद आदिवासियों की जमीनें बेची और खरीदी जा रही हैं। घुसपैठियों के कारण आदिवासी आबादी में गिरावट हो रही है। सरकार चुप बैठी है जबकि नगड़ी में रिम्स-2 के नाम पर सैकड़ों एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा रही है। यह सीधे-सीधे आदिवासी अस्मिता पर प्रहार है।उन्होंने यह भी कहा कि कोल्हान क्षेत्र में आदिवासियों की पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को भी चुनौती मिल रही है। इसके खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा करने का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा कि भोगनाडीह में पांच लाख लोगों की भीड़ जुटाकर आंदोलन किया जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुंडा-मानकी, ग्राम प्रधान, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं एवं हो भाषा के कलाकारों को सम्मानित किया गया। रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने माहौल को जीवंत बना दिया और हजारों लोगों ने इस आयोजन का आनंद उठाया।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद : इस अवसर पर सिमल सोरेन, बबल सोरेन, सावन सोय, डॉ. बबलू सुंडी, मोटाय मेलगंडी, इपिल सामड, गणेश पाटपिंगुआ, डोबरो देवगम, गणेश गागराई, पिंकी बारदा, रजो टुडू, नामिता सोरेन, सुशील सुंडी, कैलाश देवगम सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे





सरायकेला: नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में “पत्रकारिता 2025” सेमिनार का आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में प्रमुख मीडिया संस्थानों के संपादकों के साथ "पत्रकारिता 2025: एआई के युग में पत्रकारिता का भविष्य" विषय पर सेमिनार का आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने "पत्रकारिता 2025: एआई के युग में पत्रकारिता का भविष्य" शीर्षक से एक ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें प्रमुख मीडिया घरानों के प्रतिष्ठित संपादकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में पत्रकारिता के उभरते परिदृश्य पर विद्यार्थियों के साथ संवाद किया।

इस कार्यक्रम में मीडिया जगत के प्रतिष्ठित विद्वानों, शिक्षाविदों और विद्यार्थियों ने बदलते मीडिया परिदृश्य में एआई तकनीक के बेहतर उपयोग पर अपने विचार साझा किए। प्रतिष्ठित वक्ताओं के पैनल में शामिल थे:

श्री गणेश मेहता, हिंदुस्तान के संपादक

श्री जयप्रकाश, चमकता आईना के संपादक

श्री यू.एन. पाठक, दैनिक जागरण के संपादक

श्री भवानंद झा, दैनिक भास्कर के संपादक

प्रत्येक संपादक ने पत्रकारिता के क्षेत्र में एआई द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों और अवसरों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की।

हिंदुस्तान के संपादक, श्री गणेश मेहता ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाचार एकत्र करने और प्रसारित करने के तरीके को बदल रही है। हालाँकि, तकनीक को एक उपकरण होना चाहिए, न कि नैतिक और खोजी पत्रकारिता का विकल्प।

चमकता आईना के संपादक, श्री जयप्रकाश ने पत्रकारिता में मानवीय मूल्यों की भूमिका पर ज़ोर देते हुए कहा, यद्यपि एआई सामग्री को तेज़ी से पहुँचाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसमें पत्रकारों जैसी भावनात्मक बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता का अभाव है। भविष्य उनका होगा जो तकनीक को मानवीय संवेदनशीलता के साथ जोड़ पाएँगे।

दैनिक जागरण के संपादक, श्री यू.एन. पाठक ने संभावित जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए कहा, एआई युग में गलत सूचनाएँ और डीपफेक गंभीर चिंताएँ हैं। पत्रकारों को सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए पहले से कहीं अधिक सतर्क रहना होगा।

दैनिक भास्कर के संपादक, श्री भवानंद झा ने एआई के युग में नैतिकता और जवाबदेही पर बात की: प्रौद्योगिकी को लोकतंत्र की सेवा करनी चाहिए, उसे कमज़ोर नहीं करना चाहिए। भविष्य के पत्रकारों के लिए चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि एआई पत्रकारिता की नैतिकता को बढ़ाए, न कि उससे समझौता करे।

सेमिनार में इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित किए गए जहाँ छात्रों ने विचारोत्तेजक प्रश्न पूछे, वाद-विवाद में भाग लिया और उद्योग जगत के अग्रणी लोगों से करियर संबंधी बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की। इस इंटरैक्टिव सत्र में छात्रों ने संपादकों के साथ सीधे बातचीत की और फ़ेक न्यूज़ का पता लगाने, पारंपरिक पत्रकारिता की प्रासंगिकता और डिजिटल युग में आवश्यक कौशल जैसे विषयों पर प्रश्न पूछे। सेमिनार में एआई-एकीकृत न्यूज़रूम में करियर के अवसरों और निरंतर सीखने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया।चर्चा के विषय थे:

न्यूज़रूम में एआई उपकरण

एआई युग में समाचार विश्वसनीयता का भविष्य

स्वचालित पत्रकारिता में नैतिक दुविधाएँ

भविष्य के पत्रकारों के लिए आवश्यक कौशल

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष दीपिका कुमारी ने कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए अतिथि वक्ताओं का आभार व्यक्त किया और अकादमिक शिक्षा को उद्योग जगत के रुझानों से जोड़ने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में दीपिका ने कहा हमारा लक्ष्य अपने छात्रों को भविष्य के मीडिया की वास्तविकताओं के लिए तैयार करना है - जहाँ तकनीक और मानवीय नैतिकता को साथ-साथ काम करना होगा।इस तरह की बातचीत के माध्यम से, हमारे छात्रों को मीडिया उद्योग की वर्तमान स्थिति और उसमें सफलता पाने के लिए खुद को कैसे तैयार किया जाए, इसका प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त होता है।

इस सेमिनार में नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी.के पाणि, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. मोईज़ अशरफ़, प्रशासनिक अधिष्ठाता प्रो. नाजिम खान अन्य विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।