श्रीनाथ विश्वविद्यालय के तीन दिवसीय टेक फेस्ट टेकरूट 3.0 का तीसरा और अंतिम दिन आज सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पुरस्कार वितरण और प्रेरणादायी संबोधनों के साथ भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और विशिष्ट अतिथियों ने तकनीक, नवाचार और सांस्कृतिक विविधता का शानदार संगम देखा।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता श्री कुणाल सारंगी तथा विशिष्ट अतिथि पूर्व महाप्रबंधक , एचएएल, बेंगलुरु, श्री अशुतोष कुमार सिन्हा और अल कबीर पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. वारिस सरवार इमाम का मंच पर हार्दिक स्वागत किया गया।
परंपरागत दीप प्रज्वलन के बाद स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष श्री शशि कांत सिंह ने छात्रों को संबोधित किया। तीसरे दिन में छात्रों के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। विशेष अतिथि डॉ. वारिस सरवर इमाम ने छात्रों के साथ अपने विचार साझा किए, तत्पश्चात विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. मौसुमी महतो ने विश्वविद्यालय में आमंत्रित अतिथियों को भेंट देकर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि श्री कुणाल सारंगी ने अपने उद्बोधन से विद्यार्थियों को प्रेरित किया और वर्किंग मॉडल, कोड मिलिशिया तथा ब्लैक ऑप्स के विजेताओं को पुरस्कृत किया। अंत में उनका सम्मान श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सुखदेव महतो ने मंच पर किया।
पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान ट्रस्टी सदस्य श्रीमती अनीता महतो ने क्विज़ मैनिया, सुडोकू पज़ल और रूबिक क्यूब सॉल्विंग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। डीन एडमिनिस्ट्रेशन श्री जे. राजेश ने रील्स मेकिंग, मीम्स, डॉक्यूमेंट्री और ई-गेम्स के निर्णायकों को सम्मानित किया। ई-गेम्स (फ्री फायर और बीजीएमआई), लोगो डिज़ाइनिंग, ट्रेज़र हंट, वेबसाइट डिज़ाइनिंग और रोबो वॉर के विजेताओं को कुलपति श्री सुखदेव महतो ने पुरस्कृत किया और इस दौरान शुभकामना संदेश भी दिया।
कार्यक्रम में मौजूद विशिष्ट अतिथि श्री अशुतोष कुमार सिन्हा ने छात्रों के साथ अपना अनुभव साझा किया जिसके बाद उन्होंने मीम्स व फोटोग्राफी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। उनका सम्मान कुलपति प्रो. (डॉ.) शिवानंद सिंह ने किया। एसोसिएट डीन एकेडमिक्स डॉ. भाव्या भूषण ने रील्स मेकिंग, डॉक्यूमेंट्री और ब्रिज किर्ति के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। मैकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष श्री अभिषेक कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। टेकरूट 3.0 का समापन दिवस तकनीकी कौशल, नवाचार, सांस्कृतिक समृद्धि और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की झलक के साथ हुआ।
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