उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी, चाईबासा में एक दिवसीय फल और सब्जी के मूल्य संवर्धन से स्वरोजगार और शशक्तीकरण उद्यमिता सह कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम।
उद्यान महाविद्यालय, खूंटपानी,चाईबासा में 19 सितम्बर 2025 के एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों ने मूल्य संवर्धित उत्पादों की तैयारी का प्रशिक्षण किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय के सह- अधिष्ठाता डॉ. अरुण कुमार सिंह ने किया। डॉ. सिंह ने ग्रामीणे को बताया कि प्रसंस्करण से न केवल आजीविका और आय सृजन का एक प्रभावी साधन है बल्कि मूल्य संवर्धन के माध्यम से इसे स्वरोज़गार और महिला सशक्तिकरण के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कृष्णापुर की माननीय मुखिया श्रीमती रश्मि सोय ने की। इस अवसर पर व ग्रामीण महिलाओं को जिमीकंद (ओल), का आचार, टुट्टी-फ्रुट्टी, टमाटर सॉस तथा संतर का आर. टी. एस । Ready to serve) बनाने कि विधि सिखाई गई। इस प्रशिक्षण मे 19 महिला ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की तथा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत उन्हें प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए।
कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के प्रसंस्करण मॉड्यूल की प्रबंध निदेशक डॉ. कोयल डे तथा सहायक प्राध्यापक डॉ. अर्केद घोश एवं डॉ. अदिति गुहा चौधरी के नेतृत्व में हुआ। उन्होंने प्रतिभागियों को फल एवं सब्जियों के पसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन के महत्व पर विस्तृत जानकारी प्रदान की उन्होंने बताया कि इन उत्पादों के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं न केवल घर की उपयोगिता बढ़ा सकती हैं, बल्कि इन्हें स्वरोजगार एवं आय के सशक्त साधन के रूप में भी विकसित कर सकती है। विद्यार्थियों की ओर से सुश्री विशाखा सोय, सुकुमार अनीकेत तन्मय तिर्की ने आयोजन की ज़िम्मेदारी संभाली, जबकि अन्य छात्रों ने मिल-जुलकर इस प्रसंस्करण एवं मूल्य - संवर्धित उत्पादों के बनाने की प्रक्रिया को सरल एवं आसान तरीके से प्रस्तुत किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों को यह संदेश दिया गया कि वैज्ञानिक तकनीक एवं प्रशिक्षण से कृषि उत्पादों का बेहतर उपयोग संभव है और इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन का मार्ग भी प्रशस्त होता है।
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