सरायकेला : सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह आर्टिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक मनोज कुमार चौधरी ने सचिव सुदीप कवि एवं कलाकारों के साथ धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर बिरसा चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की
उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखण्ड के खूंटी स्थित उलिहातू की पहाड़ियों और जंगलों में जन्मा एक ऐसा महानायक, जिसने अपने साहस और संघर्ष से ब्रिटिश शासन को चुनौती दी। वे बिरसा मुंडा थे, उनकी आस्था समर्पण और संघर्ष आज भी प्रासंगिक है उन्हें पूरे देश में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के रूप में पूजा जाता है लेकिन उनके उलगुलान का संदेश थमा नहीं। बिरसा मुंडा समेत वीर पुरखों के आदर्शों पर चल कर लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद आंदोलनकारियों ने झारखण्ड अलग राज्य का सपना पूरा किया। आज धरती आबा का युवा झारखण्ड हम सभी के समक्ष है।
उन्होंने झारखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर कहा कि जिन सपनों को संजोएं एक लंबे आंदोलन के बाद झारखंड अलग राज्य बना प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण यह प्रदेश ना केवल एक अग्रणी प्रदेश बनने की क्षमता रखता है बल्कि यह पूरे देश में विकास एवं सुशासन के नए मानदंड रख सकता था परंतु कुछ जिम्मेवार व्यक्तियों की अदूरदर्शिता एवं स्वार्थ सिद्धि के कारण 25 वर्षों मेंअपेक्षित विकास नहीं हो सका।
आज भी 50% आबादी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करती नजर आती है हालांकि संभावनाएं अभी शेष नहीं हुई हैं। दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम हो तो असीम संभावनाओं से भरा झारखंड की सूरत बदल सकती है। 15 नवंबर हमारे लिए आत्मविश्लेषण का दिन भी होना चाहिए।
हमें मनन करने की जरूरत है कि गलतियां क्यों हो रही हैं और किससे हो रही हैं। हम कृषि, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, पर्यटन, खेल, उच्च शिक्षा, कानून-व्यवस्था, स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, सड़क और शहरी विकास एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के मामले में अन्य विकसित राज्यों से काफी पीछे हैं।
झारखंड राज्य की 80 फीसदी आबादी कृषि से जुड़ी हुई। उपज दर कम है। एक फसली खेती ज्यादा है। धान प्रमुख फसल है। सिंचाई की सुविधा नगण्य है। 92 फीसदी इलाका गैर सिंचित है झारखंड की रतनगर्भा धरती केवल वन उत्पाद एवं खनिजों से भरी हुई नहीं है इस धरती ने अनेकों महापुरुष उद्योगपति कलाकार एवं खेल खिलाड़ी देश को समर्पित कर विश्व पटल पर भारत का मान बढ़ाया है।
जिन सपनों को लेकर झारखंड की स्थापना की गई थी केंद्र और राज्य सरकार बहुत हद तक पूरा कर रही है। आइए धरती आबा के इस पावन जन्म जयंती पर संकल्पित होकर एकजुटता के साथ झारखंड के साथ स्वच्छ, विकसित,शिक्षित भारत के विकास के भागीदार बने एवं वंचित शोषित पीड़ित समाज के अधिकारों के लिए अपनी आवाज मजबूती से बुलंद करें। मौके पर गजेंद्र मोहंती, राकेश कवि, देवनारायण सिंह एवं अन्य उपस्थित थे।