(UP) : बुलंदशहर के नेशनल हाईवे-91 पर 28 जुलाई 2016 की रात गाजियाबाद निवासी एक परिवार के साथ हुई हैवानियत भरी वारदात के मामले में आखिरकार इंसाफ का फैसला आ गया है। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा की अदालत ने इस मामले में दोषी पाए गए पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
रास्ते में रोकी गई कार, परिवार को बनाया बंधक: एडीजीसी और सीबीआई के अधिवक्ता के अनुसार, 28 जुलाई की रात नोएडा निवासी परिवार के छह सदस्य शाहजहांपुर अपने पैतृक गांव तेरहवीं में शामिल होने जा रहे थे। देहात कोतवाली क्षेत्र के दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने कार पर लोहे की वस्तु फेंककर उसे रुकवा लिया।
खेत में ले जाकर दरिंदगी: आरोपियों ने परिवार के सभी सदस्यों को बंधक बना लिया और कार समेत उन्हें सड़क के दूसरी ओर खेत में ले गए। वहां तीनों पुरुषों के हाथ पैर बांध दिए गए। इसके बाद 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।
लूटपाट कर फरार हुए आरोपी: दुष्कर्म के बाद आरोपी परिवार से नकदी और कीमती सामान लूटकर मौके से फरार हो गए। इस दिल दहला देने वाली घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
सीबीआई जांच में बावरिया गिरोह का खुलासा : मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई। जांच में बावरिया गिरोह के सदस्य जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी, साजिद, धर्मवीर उर्फ राका उर्फ जितेंद्र, नरेश उर्फ संदीप उर्फ राहुल और सुनील उर्फ सागर के नाम सामने आए।
चार्जशीट और एक आरोपी की मौत: सीबीआई ने दो चरणों में चार्जशीट दाखिल की। इस दौरान आरोपी सलीम की करीब चार साल पहले बीमारी के कारण जिला जेल बुलंदशहर में मौत हो गई। शेष पांच आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलता रहा।
अदालत का फैसला, सभी दोषी करार: शनिवार को अदालत ने सभी पांच आरोपियों को दोषी करार दिया। सजा के एलान के बाद उन्हें जिला कारागार बुलंदशहर भेज दिया गया।
जेल की पहली रात में डर और बेचैनी: जिला जेल की बैरक संख्या 11 बी में दोषियों की रात बेचैनी में कटी। किसी ने ढंग से खाना नहीं खाया, तो किसी की आंखों में नींद नहीं थी। शाम को जब खाना पहुंचा, तो किसी ने आधी रोटी खाई तो किसी ने थाली अलग रख दी।
सजा को लेकर होती रही चर्चा: हरियाणा की नूंह जेल से लाए गए धर्मवीर, नरेश और सुनील आपस में चर्चा करते रहे। वहीं स्थानीय जेल के जुबैर और साजिद भी उनके साथ बातचीत में जुटे रहे। पूरी रात उनकी बातचीत का केंद्र यही रहा कि अदालत उन्हें कितनी सजा सुनाएगी।











