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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025

चाईबासा: जंगली हाथी के हमले में युवक की दर्दनाक मौत। वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग के खिलाफ आक्रोश भी देखा गया।

जगन्नाथपुर में जंगली हाथी के हमले में एक युवक की घटना स्थल में दर्दनाक मौत हो गई है। मृतक की पहचान सिरका चातार के रूप में हुई हैं, घटना जयरामडीह टोला की हैं, जब युवक हाथी को देखने गया था, तब अचानक हाथी ने उस पर बुरी तरह से हमला कर दिया और सूंड से पटक-पटक कर मार डाला। 


घटना के बाद आसपास के गांवों में अफरा-तफरी और दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों को गाँव में परिवेश पर रोक लगाने और ग्रामीण सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।

आदित्यपुर में भजन संध्या में झूमे भक्त भोजपुरी सिंगर निशा उपाध्याय ने बांधा समां

आदित्यपुर: श्री श्री सार्वजनिक काली पूजा समिति की ओर से एमआईजी मैदान में आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम में प्रसिद्ध भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय ने अपनी सुरीली आवाज से भक्तों को भक्ति रस में डुबो दिया।



कार्यक्रम के दौरान निशा उपाध्याय ने एक से बढ़कर एक भक्ति गीत और लोकधुनों की प्रस्तुति दी, जिन पर दर्शक झूमते नजर आए। उनकी गायकी में शिव भक्ति और लोकगीतों का अनोखा संगम देखने को मिला। पूरे मैदान में “हर हर महादेव” और भक्ति गीतों की गूंज से वातावरण भावपूर्ण बन गया।

निशा उपाध्याय भोजपुरी संगीत जगत में अपनी जोशीली स्टेज परफॉर्मेंस के लिए जानी जाती हैं। उनके लोकप्रिय भजनों ने स्थानीय भक्तों के साथ-साथ दूर-दराज़ से आए श्रद्धालुओं को भी झूमने पर मजबूर कर दिया।

इस अवसर पर पूर्व सांसद पी.एन. सिंह, राज्यसभा सदस्य आदित्य साहू, पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।





दलमा तराई क्षेत्र में सोहराय पर्व की धूम, ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरके लोग, नाचे सजे-धजे बैल

चांडिल दलमा तराई क्षेत्र पारंपरिक उल्लास और उमंग में सोहराय पर्व आदिवासी बहुल गांवों में सोहराय पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। चांडिल प्रखंड के जोनोडीह सहित आसपास के गांवों में सुबह से ही उत्सव का माहौल बना रहा। ग्रामीणों ने अपने गाय–बैल जैसे पशुधन की पूजा-अर्चना कर भरपूर आभार प्रकट किया।




पूजा के पश्चात ग्रामीण पारंपरिक पोशाकों में सजे-धजे अखाड़ों में पहुंचे, जहां ढोल-नगाड़ों की थाप और पारंपरिक गीतों की गूंज पर जमकर नृत्य हुआ। सजे-धजे बैलों को भी अखाड़े में नचाया गया, जिससे पूरा माहौल उल्लासमय हो उठा। महिलाओं और बच्चों ने भी रंग-बिरंगे परिधानों में भागीदारी निभाई, पारंपरिक व्यंजन बनाए और एक-दूसरे को खिलाकर खुशियां साझा कीं।

शाम तक गांवों में नृत्य, गीत और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा क्षेत्र झूमता रहा।

नायके बाबा कुशु बेसरा ने बताया कि सोहराय पर्व समृद्ध फसल और पशुधन के प्रति आभार व्यक्त करने का प्रतीक है। यह पर्व समाज में भाईचारे, श्रम और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत करता है। वहीं मांझी बाबा गुरुपद मार्डी ने कहा कि सोहराय केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा की आत्मा है। यह प्रकृति और कृषि से जुड़ा आभार उत्सव है, जिसमें पशुधन को परिवार का हिस्सा मानकर उनका सम्मान किया जाता है।

पूरे दलमा तराई क्षेत्र में दिनभर ढोल-नगाड़ों की थाप, नृत्य-गान और पारंपरिक उल्लास के साथ सोहराय पर्व की रही धूम।





सरायकेला: गिरिगोवर्धन पूजा का महत्व गिरिगोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की कथा से जुड़ी है।

सरायकेला - खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के लुपुंगडीह गांव में धूम धाम से भगवान कृष्ण एवं गिरिगौवर्धन पर्वत की पूजा अर्चना होता है।परंपरागत रूप से लकड़ी ढेकी से महिलाए चावल को पीसकर कर गुड़ी तैयार कर उसमें देशी घी से तैयार किया जाता हे।ओर मंदिर में पहुंच कर पूजा अर्चना करते है।इस तोहार में ओहिर की गीत प्रस्तुत करते हे ओर गाते हे उत्साह के साथ मनाया जातेहै।



यह पर्व भारत में दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है, जिसमें गौ माता की पूजा अर्चना और विशेष व्यंजनों का महत्व है। आइए इस पर्व के बारे में और जानते हैं। 

गिरिगोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने की कथा से जुड़ी है। इस दिन गौ माता की पूजा अर्चना की जाती है और उन्हें विशेष मिष्ठान खिलाया जाता है।

परंपराएं गिरिगोवर्धन पूजा के दिन ग्वालिन महिलाएं विशेष व्रत रखती हैं और पारंपरिक व्यंजन तैयार करती हैं। इन व्यंजनों में गुड़ी और अन्य मिष्ठान शामिल होते हैं।

आंगन सजाना : गिरिगोवर्धन पूजा के दिन गांव की महिलाएं अपने घरों के आंगन को रांगोली से सजाती हैं। इसके बाद गौ बछड़े को रंगो के ऊपर चलाया जाता है, जो एक पारंपरिक और आकर्षक दृश्य होता है।

गौ माता को विभिन्न प्रकार के रंगों से सजाया जाता है और उनके माथे पर धान की मड़ से सजावट की जाती है। शाम को गौ माता की पूजा अर्चना के साथ मिष्ठान खिलाया जाता है।कल दिन सोहराय पर्व के रूप में मनाए जाते हैं।






जमशेदपुर...एमजीएम अस्पताल परिसर में आपस में मारपीट करने वाले तीन होमगार्ड जवान निलंबित।

जमशेदपुर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में मारपीट करने वाले तीनों होमगार्ड जवान पर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें ड्यूटी से भी हटा दिया गया है। मामला 17 अक्टूबर की देर रात का है जब अस्पताल परिसर में ड्यूटी पर तैनात जवानों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि देखते ही देखते लाठी-डंडे चलने लगे। एक-दूसरे पर हमला होने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। 


घटना की सूचना मिलते ही अन्य जवानों व चिकित्सकों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने बात नहीं मानी। मारपीट में शामिल जवानों की 'पहचान अविनाश कुमार, राजू झा व विनय चौबे के रूप में हुई है। घटना के बाद एमजीएम अस्पताल प्रबंधन ने इस पूरे मामले की शिकायत एडीएम से करते हुए कार्रवाई की मांग की थी। जांच में खुलासा हुआ कि घटना के समय कुछ जवान शराब के नशे में थे। इस घटना के बाद अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। बताया जा रहा है कि एमजीएम अस्पताल में सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी होमगार्ड पर है। ऐसे में अगर वही अनुशासनहीनता करें, तो अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह रामभरोसे रह जाएगी।






जुगसलाई में भीषण आग, चार दमकल गाड़ियां मौके पर

जमशेदपुर के जुगसलाई थाना अंतर्गत राम टेकरी रोड स्थित सीता जर्दा कारोबारी के घर के बगल खाली बॉण्डरी में अचानक भीषण आग, लग गई वही घनी आबादी वाली क्षेत्र होने की वजह से अफरा तफरी मच गई है . वही आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है. 


वही आग की खबर मिलते ही अग्निशमन विभाग की चार गाड़ी घटना स्थल पर पहुंचे आग पर काबू पाने का प्रयास कर रही है हालांकि आग की लपट धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है.जिसके कारण आसपास के लोग अपने-अपने दुकान और घर को खाली कर रहे हैं.






ईचागढ़ में फिर बरामद हुआ अज्ञात महिला का शव, तालाब से मिली लाश से फैली सनसनी

ईचागढ़ थाना क्षेत्र एक बार फिर रहस्यमयी घटना का गवाह बना है। थाना क्षेत्र के रुगड़ी स्थित एक तालाब से मंगलवार को एक अज्ञात महिला का सड़ा-गला शव बरामद किया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने सबसे पहले तालाब में शव को देखा और इसकी सूचना ईचागढ़ पुलिस को दी।


सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि शव तीन से चार दिन पुराना प्रतीत हो रहा है और मृतका इस गांव की नहीं है। इससे यह आशंका गहराती जा रही है कि किसी ने महिला की हत्या कर शव को यहां लाकर फेंक दिया है।

गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में ईचागढ़ थाना क्षेत्र में कई अज्ञात शव बरामद किए जा चुके हैं। 21 जून को इसी क्षेत्र के करकरी नदी के पास गुप्तेश्वर पुल के समीप एक अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी पहचान आज तक नहीं हो सकी। वहीं, कुछ महीने पहले आदित्यपुर निवासी एक व्यक्ति का शव भी इसी थाना क्षेत्र से बरामद हुआ था।

लगातार इस तरह के शव बरामद होने की घटनाओं से स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है। लोगों का कहना है कि ईचागढ़ थाना क्षेत्र अब बाहरी इलाकों के अपराधियों के लिए शव छिपाने का “सुरक्षित जोन” बनता जा रहा है।






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