बहरागोड़ा संवाददाता:-
मानुषमुड़िया स्वामी निगमानंद आश्रम में बुधवार धूमधाम के साथ अक्षय तृतीया उत्सव मनाया गया. इस अवसर पर भक्त सम्मेलन आयोजित हुई. फिर बनिपाठ,आरति ,पूजा पाठ तथा स्वामी निगमानंद की जीबनि पर बक्तब्य राखा गया .कहा 18 अगस्त 1880 से 29 नवम्बर 1935 भारत के एक महान सन्यासी ब सदगुरु थे. उनके शिश्य लोगं उन्हें आदरपूर्वक श्री श्री ठाकुर बुलाते हैं .ऐसा माना जाता है की स्वामी निगमानंद ने तंत्र, ज्ञान, योग और प्रेम(भक्ति) जैशे चतुर्विध साधना में सिद्धि प्राप्त की थी, साथ साथ में कठिन समाधी जैसे निर्विकल्प समाधी का भी अनुभूति लाभ किया था।भारत सदा से कई महान ऋषि-मुनि, महात्माओं का देश रहा है. इस भूमि को स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी योगानंद परमहंस, रमण महर्षि जैसे कईयों परमसिद्ध सन्यासियों ने पवित्र किया है. स्वामी निगमानंद सरस्वती भी ऐसे ही एक प्रसिद्ध संत थे. एक सामान्य गृहस्थ से सिद्ध योगी बनने की उनकी कहानी अनोखी है.आश्रम में पूर्ब विधायक कुणाल सारंगी शामिल हुए.उन्होंने पूजा अर्चना कर क्षेत्र के सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना किया.मुखिया राम मुर्मु, रोमा बाला,पिजसु कांति प्रधान,धीरेन राणा,शामल माइती, शिवराम आचार्य आदि ने निगमानंद के जीवनी पर अपने अपने वक्तव्य रखें. दोपोहर में सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.यह धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए मिहर सेन,मीनू पाल,धीरेन राणा,हिमादि भोल,पिजुष प्रधान,विप्लब भोल,हरि शंकर दास आदि ने अहम भूमिका निभाई.