हज़ारीबाग़ : न पासपोर्ट, न वीजा, न इमिग्रेशन… फिर भी अमेरिका तक पहुंचा देता था यह गिरोह। इसका नेटवर्क इतना तगड़ा कि भेद पाना मुश्किल था। जब इस बात की भनक हजारीबाग पुलिस कप्तान अंजनी अंजन को लगी, तो उन्होंने इस नेटवर्क को ही ध्वस्त कर दिया। SP अंजनी अंजन की टीम ने मास्टरमाइंड सहित पांच लोगों को धर दबोचा। यह गिरोहडंकी रूट के जरिए लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजता था। गिरोह के मास्टरमाइंड का नाम उदय कुमार कुशवाहा बताया गया। एसपी अंजनी अंजन ने शनिवार को मीडिया को बताया कि उदय कुमार मूल रूप से टाटीझरिया, हजारीबाग का रहने वाला है, लेकिन वह पिछले 45 सालों से अमेरिका में रह रहा था और वहां बिजनेस करता था। उसके पास अमेरिकी नागरिकता और ओवरसीज सिटीजनशिप कार्ड भी है। इस गिरोह का खुलासा सोनू कुमार नामक युवक की शिकायत से हुआ, जिसे अमेरिका में अवैध रूप से रहने के आरोप में डिपोर्ट कर दिया गया था। जांच में सामने आया कि उदय लोगों को नौकरी का झांसा देकर उन्हें ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, पनामा और ग्वाटेमाला होते हुए अमेरिका पहुंचाता था। इसके एवज में वह लाखों रुपये वसूलता था।
पुलिस के अनुसार, अब तक गिरोह ने 12 लोगों को अमेरिका भेजा है। सोनू कुमार को भी इसी तरीके से अमेरिका भेजा गया था। लेकिन रास्ते में उसे ग्वाटेमाला में माफिया के कब्जे में 50 दिनों तक रखा गया। इस दौरान उसे सिर्फ एक वक्त का खाना दिया गया और कंटेनर में छिपाकर रखा गया। सोनू की रिहाई के बदले उदय ने उसके पिता से 45 लाख रुपये वसूले। पैसे देने के बावजूद अमेरिका बॉर्डर पर सोनू को गिरफ्तार कर डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया। चार महीने बाद उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया।
भारत लौटने के बाद सोनू ने हजारीबाग पुलिस को लिखित शिकायत दी, जिसके बाद पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। गिरोह में उदय के अलावा दर्शन प्रसाद, लालमोहन प्रसाद, चौहान प्रसाद और शंकर प्रसाद भी शामिल हैं। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी जारी है। पुलिस इस मामले को गंभीर अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी और धोखाधड़ी के रूप में देख रही है और आगे की जांच जारी है।
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