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सोमवार, 8 दिसंबर 2025

गोरखपुर: जब ‘बेटा’ निकला मौत का सौदागर…

UP : गोरखपुर के शाहपुर का घोषीपुरवा बीते 23 नवंबर की रात इस मोहल्ले ने एक ऐसा मंजर देखा, जिसने हर दिल में सिहरन भर दी। विमला और उनकी मां शांति देवी और रजत एक साथ रहते थे। वही रजत, लालच और बुरी संगत में ऐसा डूबा कि रिश्तों की पवित्रता को ही चकनाचूर कर दिया। कहते हैं कि तीनों अक्सर साथ बैठकर बातें करते, खाना खाते, कभी-कभार शराब भी पी लेते थे। रजत इसी नजदीकी का फायदा उठाकर घर में रखे पैसे और गहनों पर नजर टिकाये बैठा था। एक महीने से मौका ढूंढ रहा था, लेकिन हर बार उसकी मंशा किसी न किसी वजह से धरी रह जाती थी। उस रात वह रम की बोतल लेकर पहुंचा। कोशिश थी कि मां-बेटी को नशे में अचेत कर दे और चुपचाप चोरी कर ले। मगर किस्मत का पहिया वहीं अटक गया। विमला पर शराब का असर ना हुआ। योजनायें बिखर गईं और बिखरने के साथ ही रजत का जंगलीपन जाग उठा। गुस्से और लालच में वह तैश में आया और पास रखा हथौड़ा उठाकर विमला पर लगातार वार करता चला गया। उनके कमरे में चीख-चीत्कार सुन बाहर खड़ी शांति देवी घबराकर चीखी “अरे विमला, क्या हुआ?” इसके बाद पकड़े जाने के डर से रजत ने शांति देवी को भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद रजत घर में रखे कैश, ज्वेलरी, ब्रेसलेट, अंगूठी… सब समेटते हुये वहां से भाग निकला। वही रजत मोहल्ले में घूमता रहा, लोगों के सामने रोया भी, अंतिम संस्कार तक में शामिल हुआ। शक के आधार पर पुलिस ने रजत को उठा लिया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। रजत के पास से सोने के गहने, मोबाइल, पचास हजार नकद और वही खून से सना हथौड़ा बरामद हुआ।



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