बिहार के मुजफ्फरपुर में भाजपा विधायक केदार प्रसाद गुप्ता के निजी सहायक विनोद दास को लगी गोली के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है। शुरुआती बयान में इसे अपराधियों द्वारा किए गए हमले के रूप में बताया गया था, लेकिन जांच के बाद तस्वीर पूरी तरह बदल गई है।
पुलिस और फॉरेंसिक रिपोर्ट ने खोला सच
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने बताया कि विनोद दास का किया गया दावा गलत पाया गया। उन्होंने कहा था कि शादी समारोह से लौटते समय अज्ञात लोगों ने उन्हें रोककर गोली चला दी थी। लेकिन एफएसएल रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि गोली ऊपर से नीचे की दिशा में चली थी और यह हर्ष फायरिंग के दौरान चलाए गए अवैध हथियार से निकली थी।
घटना के समय अन्य लोग भी थे मौजूद
जांच में पता चला कि घटना के वक्त विनोद दास के साथ तीन और लोग मौजूद थे। पुलिस के अनुसार हथियार को कॉक करते समय गलती से फायर हो गया और गोली विनोद को लग गई। इसके बाद सभी ने घटना को हमला बताकर गलत जानकारी दी।
सभी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
पुलिस ने मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है और आगे की कार्रवाई जारी है। घायल विनोद को घटना के बाद निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
विधायक ने दी प्रतिक्रिया
विधायक केदार प्रसाद गुप्ता ने पहले कहा था कि दोषियों को सजा मिलेगी। अब नई रिपोर्ट सामने आने के बाद मामला पूरी तरह नया मोड़ ले चुका है।







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