पटना : 18वीं बिहार विधानसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, जो 5 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव शपथ दिलाएंगे। इसके बाद 2 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 3 दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे, जबकि 4 दिसंबर को उनके अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। 5 दिसंबर को द्वितीय अनुपूरक बजट पर विचार किया जाएगा।
चुनाव के बाद पहली बार नए विधायक विधानसभा पहुंचे हैं, इसलिए भवन और परिसर को विशेष रूप से सजाया गया है। पूरे परिसर में रंग-बिरंगे फूल लगाए गए हैं और लॉन को नया रूप दिया गया है। यहां कोलकाता से लाई गई मैक्सिकन घास बिछाई गई है, जिसके लिए पुरानी मिट्टी हटाकर गंगा किनारे से नई मिट्टी फैलाई गई। इससे विधानसभा का माहौल और आकर्षक और व्यवस्थित दिख रहा है।
इस बार विधानसभा का सबसे बड़ा बदलाव है कि यह पूरी तरह पेपरलेस हो गई है। हर विधायक की सीट पर सैमसंग के टैबलेट लगाए गए हैं। अब सवाल पूछने से लेकर जवाब देने तक पूरा काम डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। NeVA ऐप की मदद से विधायक अपने सवाल ऑनलाइन भेज सकेंगे, जबकि मंत्री और स्पीकर टैबलेट का इस्तेमाल करके ही कार्यवाही संचालित करेंगे। सदन में नए सेंसर वाले माइक्रोफोन लगाए गए हैं, जो विधायक के बैठने के स्थान के हिसाब से अपने आप चालू और बंद हो जाएंगे।
सदन में छह बड़े टीवी स्क्रीन, नए हेडसेट, डिजिटल डिस्प्ले और हाई-स्पीड वाई-फाई की सुविधा भी मौजूद है। सीटों के गद्दे बदले गए हैं, कारपेट नया लगाया गया है और सदन में विदेशी मार्बल की सजावट भी की गई है। हालांकि, कोने की कुछ सीटों पर टैबलेट लगाने की जगह नहीं होने की वजह से लगभग 16–17 विधायकों को बगल वाले सदस्य का टैबलेट इस्तेमाल करना पड़ेगा।
नई व्यवस्था से विधायकों और सचिवालय कर्मचारियों को काफी राहत मिली है। अब फाइलों और लंबी कागज की चिट्ठियों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। कर्मचारी बताते हैं कि पहले 40–50 फीट लंबे कागज पर काम करना पड़ता था, जिससे उंगलियों पर तकलीफ होती थी, लेकिन अब सब कुछ डिजिटल और आसान हो गया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। विधानसभा और आसपास के क्षेत्रों में 800 जवान तैनात किए गए हैं। सभी गाड़ियों और सामान की तलाशी डॉग स्क्वायड और मशीनों के माध्यम से की जाएगी। 1 से 5 दिसंबर तक विधानसभा क्षेत्र में धारा 163 लागू रहेगी। इसके तहत किसी भी तरह की भीड़, जुलूस, नारेबाजी या हथियार ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। धरना-प्रदर्शन केवल गर्दनीबाग के निर्धारित स्थल पर ही किए जा सकेंगे।







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