विभागीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर दिए गए निर्देश...
धीमी प्रगति वाले क्षेत्रों के ANM एवं CHO को जारी किया गया शो-कॉज नोटिस....
केंद्रों में उपलब्ध संसाधनों एवं मानवबल का समुचित सदुपयोग कर लोगों को सुलभ एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें" – उपायुक्त
समाहरणालय सभागार में उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी श्री नितिश कुमार सिंह की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त सुश्री रीना हांसदा, सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, सभी एमओआईसी सहित स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने अस्पताल संचालन निधि, एनीमिया मुक्त भारत अभियान, कुपोषण उपचार केंद्र (एमटीसी), गर्भवती महिलाओं की जांच (ANC), संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, फाइलेरिया उन्मूलन, कुष्ठ रोग उपचार, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन कार्यक्रम तथा रक्तकोष की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की।
समीक्षा क्रम में उपायुक्त नें निर्देशित किया कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध संसाधन, उपकरण तथा मानव बल का समुचित एवं अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि नागरिकों को बेहतर एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित लक्ष्यों के अनुरूप हो, यह प्रत्येक स्तर पर सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने सदर अस्पताल सहित अन्य प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की रोस्टरवार उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा डिजिटल सेवाओं की पहुंच बढ़ाने पर भी बल दिया। समीक्षा के दौरान जिन क्षेत्रों में विभागीय योजनाओं की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई, वहां संबंधित एएनएम एवं सीएचओ को कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज) जारी करने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा निम्नलिखित निर्देश दिए गए:
▪️ सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 24x7 आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।
▪️ VHND, टीकाकरण, दिव्यांग जांच, टीबी, मलेरिया, फाइलेरिया एवं कुष्ठ रोग से संबंधित विशेष कैंपों का आयोजन नियमित रूप से किया जाए।
▪️ सभी एम्बुलेंस एवं ममता वाहनों को संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों से टैग कर उनके संचालन की सतत निगरानी की जाए।
▪️ प्रत्येक तीन माह में ग्राम स्तर पर 'सास-बहू-पति सम्मेलन' आयोजित कर गर्भावस्था के दौरान पोषण, नियमित स्वास्थ्य जांच तथा स्तनपान की महत्ता जैसे विषयों पर जनजागरूकता बढ़ाई जाए।
▪️ कम वजन वाले नवजातों (Low Birth Weight) की पहचान कर उन्हें SNCU/MTC में भर्ती करते हुए पोषणयुक्त आहार एवं चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाए।
▪️ स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर SNCU/MTC की बेड एक्यूपेंसी के अनुसार कार्ययोजना बनाएं एवं उसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
▪️ मानसून के कारण डायरिया, मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के बढ़ते खतरे को देखते हुए नियमित जल परीक्षण एवं स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित किया जाए।
अंत में उपायुक्त ने सभी केंद्रों के अधिकारियों (MOIC सहित) को निर्देशित किया कि सभी स्वास्थ्य योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु केंद्रवार माइक्रो-प्लान तैयार किया जाए, जिससे आवश्यकतानुसार संसाधनों में सुधार कर नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
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