सरायकेला। काशी साहू महाविद्यालय सरायकेला में’ मेरा युवा भारत’ के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे भारत सरकार प्रमुख योजनाओं के बारे में छात्रों को जानकारी दी गई । इस कार्यक्रम के बाद “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत पौधारोपण एवं पौधा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनएसएस, युवा मंडल से संबद्ध 70 से अधिक युवाएं भाग लिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अग्रणी जिला प्रबंधक बरून कुमार चौधरी ने की, जबकि जिला युवा अधिकारी क्षितिज कार्यक्रम के प्रमुख संयोजक रहे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के नोडल पदाधिकारी डॉ. ओम् प्रकाश, सहायक प्रध्यापिका श्रीमती सुप्रभा टूटी, सह प्राध्यापक डॉ एम के महापात्रा, डॉ बीनिता ऊराव, काशी साहू महाविद्यालय के एन एस एस को ऑर्डिनेटर श्री मनोज महतो, श्री गिरिजानंद रतनकार, एवं अन्य प्राध्यापकगण समेत अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यशाला के दौरान बरून कुमार चौधरी ने युवाओं को कौशल विकास और रोजगार से जुड़ी विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना , पीएम-एफ एम ई योजना के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। साथ ही, डॉ ओम प्रकाश द्वारा प्रतिभागियों को साइबर क्राइम से सुरक्षा, बैंकिंग पर जानकारी दी एवं श्री मनोज महतो ने डिजिटल साक्षरता, तथावित्तीय साक्षरता के विभिन्न पहलुओं से भी अवगत कराया गया। सभी प्रतिभागियों को विभिन्न योजनाओं से संबंधित पंपलेट तथा बुकलेट भी प्रदान किए गए।
कार्यक्रम में “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के तहत कॉलेज के परिसर में प्रतीकात्मक रूप से 5 पौधे रोपे गए।
इस अवसर पर जिला युवा अधिकारी, क्षितिज ने युवाओं से अपील की कि वे इस जानकारी को समाज के अन्य वर्गों तक पहुंचाए तथा सरकारी योजनाओं के लाभ से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने युवाओं को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने हेतु भी प्रेरित किया।
डॉ सुप्रभा टूटी एवं बीनिता ऊराव ने ‘मेरा युवा भारत’ द्वारा आयोजित इस जनोपयोगी कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे अत्यंत प्रासंगिक बताया तथा भविष्य में और अधिक इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुरोध किया।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक बनाना तथा पर्यावरण संरक्षण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना रहा। कार्यक्रम के सफल संचालन में गिरिजानंद रतनाकर, शंभु शंकर बैठा, मुकेश कुमार पांडेय , रानी बोदरा, राजेश सिंहदेव आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।