नयी दिल्ली :सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर वेंकटेश अल्ला नाम के एक यूजर द्वारा की गई एक पोस्ट ने भारत में नौकरी की सुरक्षा को लेकर बड़ी चर्चा शुरू कर दी है। इस पोस्ट में एक पढ़े-लिखे, अच्छी सैलरी वाले और टैक्स देने वाले पेशेवर ‘मिस्टर सलीम’ की कहानी शेयर की गई है, जिन्होंने हाल ही में अपनी नौकरी खो दी।
सलीम, जो NIT के होनहार स्टूडेंट रह चुके हैं, बेंगलुरु में वार्षिक 43.5 लाख रुपये कमा रहे थे। अल्ला के मुताबिक, उन्हें पिछले महीने नौकरी से निकाला गया और 3 महीने का सेवरेंस पैकेज दिया गया। अच्छी पढ़ाई और टेक सेक्टर में मजबूत करियर के बावजूद, नौकरी जाने के बाद उन्हें कोई ठोस सहायता नहीं मिली।
यह कहानी अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है और इससे नौकरी की सुरक्षा, बेरोजगारी में सहयोग और भारत में पेशेवरों की असुरक्षा को लेकर गहन चर्चा छिड़ गई है।
30 लाख रुपये से ज्यादा भरा टैक्स
अल्ला के मुताबिक, पिछले साल ही सलीम ने 11.22 लाख रुपए का इनकम टैक्स भरा था और 5 सालों में कुल मिलाकर 30 लाख रुपए से अधिक का टैक्स भुगतान किया था। इसके बावजूद, अल्ला ने कहा कि सलीम को “कोई मदद नहीं मिली। कोई नौकरी की सुरक्षा नहीं। उसके योगदान के लिए कोई सम्मान नहीं।”
अल्ला ने भारत में सामाजिक सुरक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी की तीखी आलोचना की, खास तौर पर सैलरीड मिडिल क्लास पेशेवरों के लिए जो टैक्स चुकाते हैं।
सेविंग्स पर गुजारा
उन्होंने पोस्ट मे कहा कि सलीम अब अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी बचत का इस्तेमाल कर रहे हैं। शुक्र है कि उनके पास कोई होम लोन नहीं है।
इसके अलावा अल्लाह ने बताया कि सलीम डिप्रेशन में चले गए हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें "हर तरफ से अकेलापन महसूस हो रहा है।" नौकरी से निकाले जाने के भावनात्मक बोझ और राज्य के समर्थन की कमी ने कथित तौर पर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर डाला है।
“इस देश को बदलने की जरूरत है”
एक्स यूजर ने लिखा, “भारत में वास्तविक टेक्सपेयर्स के साथ यही होता है। आप भुगतान करते हैं। आप अनुपालन करते हैं। आप योगदान करते हैं और जब आप संकट में होते हैं, तो आप अपने दम पर होते हैं।” इसके अलावा, यूजर ने कहा, “इस देश को बदलने की सख्त जरूरत है। क्योंकि अभी, यह उन लोगों को विफल कर रहा है जो इसे आगे बढ़ाते हैं।”