सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुरुप पंचायत के जगन्नाथपुर में स्थित रांगाटांड मैदान में सात दिवसीय जन्माष्टमी पुजा पंडाल का उद्घघाट्न विधिवत रुप से किया गया। उद्घाटन समारोह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरायकेला खरसावां जिला उपाध्यक्ष श्री संजय प्रधान, अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष जन्नत हुसैन , सांस्कृतिक कला के जिला उपाध्यक्ष शैलेंद्र महतो, युवा मोर्चा के प्रखंड अध्यक्ष जगबंधु महतो ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस दौरान उन्होंने संबोधन करते हुए कहा कि पिछले 18 वर्षों से यह मेल बड़े श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ यहां पर मनाया जा रहा है। जिसके लिए श्री कृष्णा जन्मोत्सव मेला कमेटी के सभी पदाधिकारी एवं सदस्य धन्यवाद के पात्र हैं। श्री प्रधान ने आगे कहा कि आने वाले वर्षों में इसे और वृहद रूप देने का कार्य वह अपने स्तर से करेंगे। इस दौरान पूजा कमेटी के अध्यक्ष श्री नागेश्वर प्रधान ने सभी अतिथियों को स्वागत करते हुए स्वागत भाषण प्रस्तुत किया।
इससे पहले कमेटी के कोषाध्यक्ष श्री जगन्नाथ प्रधान ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया। ज्ञात हो के पिछले 18 वर्षों से महालिमोरुप जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में दिन रात का यह मेला सुचारू रूप से संपन्न होते आ रहा है जिसमें सभी वर्ग के लोगों का सहयोग बना रहता है सभी लोग सभी जाति सभी धर्म एवं सभी संप्रदाय के लोग यहां आकर भगवान श्री कृष्ण जी का पूजा अर्चना करके क्षेत्र की मंगल कामनाएं कामना करते हैं। देर शाम से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
श्रद्धालु अपने पूजा सामग्री के साथ सपरिवार पधार कर पूजा अर्चना करते हुए देखे गए। महालीमोरुप क्षेत्र के आसपास के गांव यथा जगन्नाथपुर,मुरुप,महालीमोरुप, बागरायडीह,बलरामपुर ,धातकीडीह , दासियाडीह, रेंगुडीह, घोडालांग, बीबोडिह, बलरामपुर संडेबुरु ,आमडिहा,गुराड़ीह, बांकसाई,बड़गांव,बेगनाडीह,बुरुडीह,समेत विभिन्न गांव के श्री कृष्ण भक्तों ने आकर अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा अर्चना करते हुए अपने परिवार व क्षेत्र की मंगल कामना हेतु माथा टेका। पूजा के दूसरे दिन भी पहले सुबह से ही काफी संख्या में महिला श्रद्धालुओं के साथ-साथ पुरुष श्रद्धा लोग उपस्थित होकर पूजा अर्चना करवाई। पंडित रमानाथ होता एवं उनके सहयोगी पंडित कौशिक होता ने वैदिक मंत्र चरण के साथ पूजा अर्चना किया जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति में माहौल बन गया पूरा क्षेत्र उनका मंत्र चरण के कारण वातावरण पवित्र सा लगने लगा, मानव धरा पर श्री कृष्ण जी अपने प्यार बरसा रहे हैं। रंग तंड जैसे मैदान पर कृष्ण जन्माष्टमी का भी एक बहुत ही गहरा नाता है वर्ष भर खाली इस प्रति जमीन पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में गाय बैल चढ़ते हुए नजर आते हैं जो यह संदेश देते हैं कि आप पवित्र धारा बाल गोपाल श्री कृष्ण जी का ही है शायद इसी का प्रकोप है तिरंगा तन में भगवान श्री कृष्ण का विवाह होकर इतना बड़ा मेला सा लगने लगा है सभी धर्म सभी जाति सभी संप्रदाय के लोगों का आपसी पर यहां पर देखने को मिलता है सभी लोग तन मन धन से सहयोग करते हुए महिला को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध मानव ऐसा प्रतीत होता है किसी से भारत एकता हुआ अखंडता के सही अर्थ संजोकर रखा है।
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