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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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The Saubhagya Bharat

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गुरुवार, 1 मई 2025

एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, असनबानी ने 30 अप्रैल 2025 को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, असनबानी ने 30 अप्रैल 2025 को एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका विषय था "21वीं सदी में शिक्षा: चुनौतियाँ और अवसर"। इस संगोष्ठी के अध्यक्ष विवेक सिंह थे, जबकि निर्देशिका अनुपा सिंह ने इसका संचालन किया। मंच संचालक के रूप में सीखा शर्मा और इशिका बनर्जी थे।

इस अवसर पर प्रमुख अतिथिओ ने अपना बिचार प्रस्तुत किये :-

डॉ. बंश गोपाल सिंह, कुलपति, सुन्दरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी, छत्तीसगढ़:

- "21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में नई चुनौतियों और अवसरों का सामना करने के लिए हमें नए और नवाचारी तरीकों को अपनाना होगा।"
- "शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकते हैं।"

डॉ. राजीव कुमार मल्लिक, प्रो कुलपति, मानविकी संकाय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना:

- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को न केवल ज्ञान प्रदान करना चाहिए, बल्कि उन्हें जीवन के कौशलों से भी लैस करना चाहिए।"
- "21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में हमें अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए छात्रों को आत्मनिर्भर और रचनात्मक बनाने पर।"

डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता, सहायक प्रोफेसर अर्थशास्त्र, नोडल अधिकारी आईक्यूएसी, उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखंड:

- "शिक्षा के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके हम छात्रों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकते हैं और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं।"
- "ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से हम छात्रों को अधिक लचीलापन और सुविधा प्रदान कर सकते हैं।"

डॉ. लक्ष्मीधर पांडा, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा शास्त्री विभाग, जगन्नाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी, ओडिशा:

- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को संस्कृति और मूल्यों के बारे में भी शिक्षित करना चाहिए।"
- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए उनकी व्यक्तिगत आवश्यकताओं और रुचियों पर।"

डॉ. संजीव आनंद, सीवीसी कोइहन विश्वविद्यालय, चाईबासा:

- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना चाहिए उनके कौशलों और प्रतिभाओं को विकसित करने के लिए।"
- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को अधिक समर्थन प्रदान करना चाहिए उनके व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के लिए।"

डॉ. संजीव कुमार सिंह, प्रिंसिपल, जीसी जैन कॉमर्स कॉलेज, चाईबासा:

- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं और कौशलों पर।"
- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना चाहिए उनके व्यावसायिक विकास के लिए।"

डॉ. दारा सिंह गुप्ता, एनएसएस समन्वयक, कोल्हान विश्वविद्यालय के विचार:

- "शिक्षा के क्षेत्र में हमें छात्रों को न केवल ज्ञान प्रदान करना चाहिए, बल्कि उन्हें समाज के प्रति भी जिम्मेदार बनाना चाहिए।"
- "एनएसएस के माध्यम से हम छात्रों को समाज सेवा और सामुदायिक विकास के कार्यों में शामिल कर सकते हैं और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बना सकते हैं।"

इस संगोष्ठी में शोध छात्रों, संकाय सदस्यों और संकई के 200 छात्र-छात्राएं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। संगोष्ठी के आयोजन में अनुपा सिंह, डॉ. दीपिका भारती,भवतारण भकत, मिलि कुमारी, मधुसूदन महतो, और श्री राजेश्वर वर्मा समेत कई लोगों का महत्वपूर्ण योगदान था।

इस संगोष्ठी का उद्देश्य 21वीं सदी में शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करना था। वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किए और सुझाव दिए कि कैसे हम इन चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।

संगोष्ठी के अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया गया और सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर एमबीएनएस इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, असनबानी के निर्देशिका अनुपा सिंह ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

Adityapur: वरिष्ठ पत्रकार सिद्धिनाथ दुबे अब हमारे बीच नहीं रहे पत्रकार जगत में शोक की लहर

आदित्यपुर निवासी वरिष्ठ पत्रकार सिद्धिनाथ दुबे अब हमारे बीच नहीं रहे। मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे, जिसका पता जीवन के अंतिम क्षणों में चला।

वे करीब 72 वर्ष के थे जमशेदपुर के विभिन्न अखबारों में उन्होंने 40 वर्षों से अधिक समय तक अपनी सेवा दी वर्तमान में एक मासिक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन कर रहे थे. इस उम्र में भी वे पत्रकारिता में सक्रिय थे और पत्रकारों तथा समाज के बीच बाबा के नाम से विख्यात थे. उनके निधन से पत्रकार जगत में शोक की लहर दौड़ गई है.

POSH पर जागरूकता: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं को मिला सेमिनार के माध्यम से अधिकार और ज़िम्मेदारियों की समझ...

झारखंड। 29 अप्रैल 2025: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में आज POSH (Prevention of Sexual Harassment) विषय पर एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम Jamshedpur Management Association की ओर से यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं की अच्छी भागीदारी देखने को मिली।
सेमिनार की मुख्य वक्ता रहीं Ms. Vasudha Mohanka, जो XLRI जमशेदपुर और TISS मुंबई की पूर्व छात्रा हैं और कॉर्पोरेट क्षेत्र में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखती हैं। अपने व्यावसायिक अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर उन्होंने छात्रों को POSH एक्ट के तहत उनके अधिकारों, ज़िम्मेदारियों और शिकायत निवारण प्रक्रियाओं की विस्तृत जानकारी दी।
सत्र के दौरान यह स्पष्ट किया गया कि कार्यस्थल पर सेक्सुअल हैरासमेंट की घटनाओं को किस प्रकार रिपोर्ट किया जा सकता है, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया क्या होती है और आंतरिक शिकायत समिति (ICC) की भूमिका क्या होती है। साथ ही, वक्ता ने यह भी बताया कि सिर्फ महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल का निर्माण कितना आवश्यक है।

यह सेमिनार न केवल छात्रों के लिए ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उनके अधिकारों को लेकर एक नई जागरूकता भी लेकर आया। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन का संकल्प लिया।

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभाग के अनुष्ठाता नाजिम खान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "जब कार्यस्थल का वातावरण शुद्ध और स्वस्थ होगा तभी एक संस्थान या संगठन की प्रगति होगी"।

कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि, प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, प्रशासनिक विभाग के अनुष्ठाता नाजिम खान, शैक्षणिक विभाग के अधिष्ठाता प्रो. दिलीप शोम, आईटी विभाग के अधिष्ठाता, प्रो. डॉ. रंजन मिश्रा, शोध विभाग के अधिष्ठाता प्रो. डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, विभिन्न विभागों के विभागाध्याक्षा और संकाय सदस्यों ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।