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शुक्रवार, 5 सितंबर 2025
सोखाननडीह में गुरुकुल ग्रामीण द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया शिक्षक दिवस
गुरुकुल ग्रामीण के द्वारा खरसावां के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र सोखाननडीह में आज शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुकुल के निर्देशक गजेंद्र नाथ चौहान और शिक्षक उमेश उरांव ने महान शिक्षाविद और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके किया। उसके पश्चात विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के लिए गुरुकुल के निदेशक गजेंद्र नाथ चौहान ने पूर्व राष्ट्रपति की जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा, "डॉ. राधाकृष्णन ने एक सामान्य परिवार से जन्म लेकर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक का सफर शिक्षा के बल पर तय किया।
उनकी जीवन गाथा हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। इस दौरान गजेंद्र नाथ चौहान ने विद्यार्थियों को अनेक महापुरुषों की जीवनी बताई एवं प्रेरक प्रसंग के माध्यम से उन्हें शिक्षा के लिए आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। बच्चों को भिन्न शिक्षण सामग्री प्रदान कर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर छात्र-छात्राएं रोशनी उरांव, मोनिका उरांव ,गायत्री उरांव उजाला उरांव ,अभिषेक कराई ,चांद उरांव , आसमान उरांव, अनीष उरांव इत्यादि उपस्थित रहे।
फैशन के सम्राट का अंत, जियोर्जियो अरमानी नहीं रहे
इटली के दिग्गज फैशन डिजाइनर, अरबपति और अरमानी ब्रांड के मालिक 91 साल के जियोर्जियो अरमानी का घर पर ही निधन हो गया। अरमानी पुरुषों और महिलाओं के सूट की ऐसी पुनर्कल्पना की, जिसने दुनिया भर में फैशन की तस्वीर बदल दी। सिर्फ कपड़े ही नहीं, संगीत, खेल और लक्जरी होटलों तक उनका जादू फैला। हर साल 2 बिलियन पाउंड से ज्यादा का कारोबार है।
मिलान की गलियों से शुरू हुआ सफर
जियोर्जियो अरमानी ने 24 जुलाई 1975 को मिलान में अपनी कंपनी की नींव रखी। सटीकता और संतुलन से बुनी शैली ने फैशन को नया धर्म दिया। रेडी-टू-वियर फैशन की दुनिया में उन्होंने ऐसा रंग भरा कि दुनिया आज भी उनके नाम से रोशन है। वे इस महीने मिलान फैशन वीक में अपने फैशन हाउस के 50 साल पूरे होने का जश्न मनाने वाले थे, लेकिन तकदीर ने बीच में ही परदा गिरा दिया। अरमानी के फैशन हाउस के हवाले से मीडिया में आई खबर में हाउस ने कहा “एक युग का अंत हो गया।”
रिनपास के 100 साल : उम्मीद, विश्वास और इंसानियत का सफर
रांची: “सेवा, समर्पण और विश्वास के सौ साल पूरे करने पर रिनपास परिवार को बधाई। अब रिनपास में बड़ा बदलाव होगा। मानसिक रोगियों को बेहतर सुविधा, आधुनिक तकनीक और मानवीय संवेदना, यही हमारी प्राथमिकता होगी।”
यह कहना है झारखंड के CM हेमंत सोरेन का। मौका था राजधानी रांची के रिनपास (रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो-साइकेट्री एंड एलाइड साइंसेज) का शताब्दी समारोह का। मानसिक रोगियों के लिये समर्पण और सेवा का आश्रय, जिसने सौ बरस पूरे कर लिये। आज जब CM हेमंत सोरेन शताब्दी समारोह के मंच पर पहुंचे, तो पूरे परिसर में भावनाओं और उम्मीदों का सैलाब उमड़ पड़ा। CM ने इस अवसर पर टेली मेंटल हेल्थ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवा और डिजिटल अकादमी का शुभारंभ किया। वहीं, रिनपास पर आधारित पोस्टल स्टाम्प, स्मारिका और चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
मरीजों को मिलेगा बेहतर और आधुनिक इलाज
CM हेमंत सोरेन ने वादा किया “रिनपास की आधारभूत संरचना और शैक्षणिक व्यवस्था को और मजबूत किया जायेगा।
यहां आने वाले हर मरीज को आधुनिक तकनीकों से इलाज की पूरी सुविधा मिलेगी। कोई कमी रह जाये, उसे दूर किया जायेगा।” CM हेमंत सोरेन ने साफ कहा, “मानसिक समस्याओं से जूझ रहे मरीजों के इलाज में अत्याधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक इस्तेमाल होगा। डिजिटल हेल्थ सर्विस और नई चिकित्सा पद्धतियां अब रिनपास का हिस्सा बनेंगी।”
परिजन भूल जाते हैं मरीजों को CM सोरेन ने चिंता जताई,“कई परिजन अपने मरीजों को यहां छोड़ जाते हैं और फिर कभी लेने नहीं आते। कई घरों में तो मरीजों को कैद कर दिया जाता है। सोचिये, ऐसी हालत में उनकी मानसिक स्थिति कैसी होगी? अब हमारी व्यवस्था को इस दर्द तक पहुंचना होगा और इसे आसान बनाना होगा।”
1925 से 2025 तक दूरदर्शिता का प्रतीक
CM हेमंत सोरेन ने कहा, “आज से सौ वर्ष पहले जब रिनपास की नींव रखी गई होगी, उस समय यह कितना दूरदर्शी कदम रहा होगा। आज जब मानसिक तनाव और अवसाद समाज की बड़ी चुनौती बन चुके हैं, तब रिनपास की अहमियत और बढ़ गई है। सेवा का यह भाव लगातार जारी रहेगा और हम इसे और बेहतर बनायेंगे।” शताब्दी समारोह में रिनपास के पूर्व निदेशक डॉ. पी.के. चक्रवर्ती, डॉ. एन.एन. अग्रवाल, डॉ. अशोक कुमार प्रसाद, डॉ. अशोक कुमार नाग, डॉ. के.के. सिंह और रिटायर्ड फैकल्टी मेंबर्स को उनकी सेवाओं के लिये सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, विधायक राजेश कच्छप और सुरेश कुमार बैठा, झारखंड के शीर्ष अधिकारी, NIMHANS बेंगलुरु की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। उनकी मौजूदगी ने समारोह को और यादगार बना दिया।
नवादा गांव - तस्करी का बड़ा खेल बेनकाब
झारखंड: गढ़वा मुख्यालय से सटे नवादा गांव में गुरुवार तड़के पुलिस ने 170 गोवंशीय पशुओं को तस्करी से बचाया। यह कार्रवाई विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की सूचना पर की गई। सूत्रों के अनुसार तस्कर यूपी से गोवंश लाकर कच्चे रास्तों से आगे भेजने की फिराक में थे। रेलवे लाइन किनारे कच्चे रास्ते पर जैसे ही पुलिस पहुंची, पूरा खेल उजागर हो गया। सामाजिक कार्यकर्ता सोनू सिंह ने दावा किया कि “बरामद मवेशियों की संख्या 500 से अधिक हो सकती है।” उन्होंने यह भी बताया कि सदर अस्पताल के पास तीन युवकों ने कार्यकर्ताओं से उलझने की कोशिश की। इनमें से दो को पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि एक भाग निकला
थाना परिसर में खड़े हैं बेहाल मवेशी
सुबह से ही मवेशियों को गढ़वा थाना परिसर में खड़ा कर दिया गया है। न चारा, न पानी, 8 घंटे से ज्यादा खड़े रहने के कारण हालत दयनीय हो गई। इस बीच अफवाह फैल गई कि “पशुओं को मुफ्त में बांटा जायेगा।” अफवाह सुनकर बड़ी संख्या में लोग थाना परिसर पहुंच गये। गढ़वा के थानेदार सुनील कुमार तिवारी ने मीडिया को बताया कि “दो युवकों से पूछताछ हो रही है।” बरामद मवेशियों को गढ़वा या डाल्टनगंज गौशाला भेजा जायेगा।
झरिया : पाथरडीह कोल वाशरी विवाद: तीन दिन के संघर्ष के बाद परिवार को मिला न्याय, पत्नी को स्थायी नौकरी
झरिया : पाथरडीह स्थित मिवाना कोल वाशरी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद जादू महतो की मौत ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। घटना से आक्रोशित ग्रामीण और परिजन लगातार तीन दिनों तक शव को वाशरी गेट पर रखकर धरने पर डटे रहे। उनकी प्रमुख मांग थी कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा और आश्रित को स्थायी नौकरी दी जाए।
धरना स्थल पर पहुंचे डुमरी विधायक जयराम महतो ने भी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा – “अगर मुआवजा दिया गया है, तो नियोजन किसे मिला?” त्रिपक्षीय वार्ता में संतोषजनक जवाब न मिलने पर वे बीच बैठक से ही बाहर निकल गए और प्रशासन की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े किए।
आखिरकार ग्रामीणों और JLKM टीम की एकजुटता रंग लाई। तीन दिन के संघर्ष के बाद प्रशासन ने मृतक की पत्नी को स्थायी नियोजन देने और फॉर्म-3 निर्गत करने की सहमति दी। इसके बाद धरना समाप्त हुआ।
यह घटनाक्रम न केवल जादू महतो के परिवार को राहत देने वाला साबित हुआ, बल्कि यह संदेश भी दे गया कि कोल बेल्ट के श्रमिकों और ग्रामीणों की आवाज़ को नज़रअंदाज़ करना आसान नहीं है। जब लोग एकजुट होते हैं, तो न्याय की राह भी आसान हो जाती है।
पटना में दिल दहलाने वाला एक्सीडेंट, पांच कारोबारियों की दर्दनाक मौ’त
पटना: राजधानी पटना में बीती देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में पांच कारोबारियों की मौत हो गई। यह हादसा परसा बाजार थाना क्षेत्र के महोली फ्लाईओवर के नीचे रात करीब 1 बजे हुआ, जब फतुहा से पटना लौट रही कार ने आगे चल रहे ट्रक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार ट्रक के अंदर घुस गई और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
डीएसपी पहुंचे स्पॉट पर
पुलिस के अनुसार हादसा इतना भयानक था कि ट्रक ड्राइवर को टक्कर का पता ही नहीं चला और वह कार को करीब 25 मीटर तक घसीटता रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ, जिससे कार में सवार सभी लोग बुरी तरह फंस गए। सूचना मिलने पर परसा बाजार थाना पुलिस और पटना सदर के डीएसपी रंजन कुमार स्पॉट पर पहुंचे। गैस कटर की मदद से कार को काटकर बॉडी को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) भेजा गया।
मृतकों के नाम…
मृतकों की शिनाख्त गोपालपुर के 50 वर्षीय राजेश कुमार, 38 वर्षीय संजय कुमार, सिपारा के 38 वर्षीय कमल किशोर, 35 वर्षीय प्रकाश चौरसिया और मुजफ्फरपुर के 30 वर्षीय सुनील कुमार के तौर पर की गई हैं। सभी कारोबारी फतुहा से परसा बाजार होते हुए पटना की ओर लौट रहे थे।
थानेदार ने बताया कि…
परसा बाजार थानेदार मेनका रानी ने मीडिया को बताया कि हादसे में कार में सवार सभी पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। कार ट्रक के अंदर इस कदर घुस गई थी कि बॉडी को निकालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। ग्रामीणों की मदद से बॉडी को बाहर निकाला गया और आगे की जांच के लिए PMCH भेजा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर हादसे की जांच शुरू कर दी है।
ड्राइवर की लापरवाही
प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और संभवतः ड्राइवर की लापरवाही को हादसे की वजह माना जा रहा है। पुलिस ट्रक ड्राइवर से भी पूछताछ कर रही है और हादसे के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
MAS vs IND Hockey Asia Cup: भारत ने रोका मलेशिया का विजयरथ, सुपर-4 में टॉप पर पहुंची मेजबान टीम
बिहार के राजगीर में आयोजित हॉकी एशिया कप के सुपर-4 में भारत ने मलेशिया को हराकर अपना विजयी अभियान जारी रखा। यह भारत की लगातार चौथी जीत है। इससे पहले कोरिया के साथ ड्रॉ खेला था। भारत इस जीत के साथ सुपर-4 में टॉप पर पहुंच गया है। भारत के दो मैच में चार प्वाइंट हो गए हैं।
भारत पर ये टैरिफ यूक्रेन में शांति के लिए', ट्रंप को नहीं भा रही मोदी-पुतिन की दोस्ती; कोर्ट में दिया ये अजीब तर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अदालत के उस फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उनके ज्यादातर व्यापक टैरिफ को अवैध करार दिया गया था।
अचार खराब होने से बचाना है? अपनाएं ये ज़रूरी टिप्स
घर का बना अचार सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि बचपन की यादों और मां के हाथों का स्वाद भी संजोए रखता है। आम, नींबू, मिर्च या आंवले का अचार हर किसी को पसंद आता है, लेकिन कई बार उस पर फफूंद (खराब) लगने से सारी मेहनत बेकार हो जाती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, अचार में फफूंद लगने की मुख्य वजह गलत स्टोरेज, गंदे बर्तन या हाथों का इस्तेमाल और नमक-तेल की कम मात्रा होती है।
अचार में फफूंद लगने की वजहें:
अचार में सिरका या नींबू की कमी से बैक्टीरिया पनपते हैं।
गीले हाथ या गंदे चम्मच से अचार निकालने पर बैक्टीरिया पहुंच जाते हैं।
बार-बार गर्म और ठंडी जगह पर रखने से जार में नमी बनने लगती है, जिससे फफूंद लग जाती है।
अचार को सुरक्षित रखने के उपाय:
पर्याप्त मात्रा में नमक और सरसों का तेल डालें।
अचार को ठंडी और छांव वाली जगह पर रखें।
समय-समय पर अचार की जांच करें और धूप दिखाएं।
अचार को कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में रखें।
कितने दिन तक सुरक्षित रहता है अचार?
नींबू और आम का अचार 1–2 साल तक चलता है।
हरी मिर्च, गाजर और गोभी का अचार 2–3 महीने के भीतर खा लेना चाहिए।
क्या फ्रीज में रखा जा सकता है?
जी हां, फ्रीज में रखने से हरी मिर्च और सब्जियों वाले अचार जल्दी खराब नहीं होते, जबकि आम और नींबू का अचार सूखी व ठंडी जगह पर रखना बेहतर होता है।