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बुधवार, 10 सितंबर 2025

BREAKING: भारी विरोध के बीच नेपाल छोड़ दुबई भाग सकते हैं PM ओली, स्‍टैंडबाई पर प्‍लेन, सूत्रों के ह‍वाले से बड़ी खबर

नेपाल में तख्तापलट के संकट गहराते जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के फैसले को लेकर ओली सरकार के खिलाफ युवाओं ने राजधानी काठमांडू में Gen-Z प्रदर्शन आयोजित किया, जो कि धीरे-धीरे हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो गया।



इस प्रदर्शन में अभी तक 19 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई है, जबकि सैंकड़ों की संख्या में लोग घायल हो गए।

वहीं इस प्रदर्शन के बाद मंत्रियों के इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया है। सरकार के कई मंत्रियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है इसके अलावा, यह भी खबर सामने आई है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली देश छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। वो देश छोड़कर दुबई जाने की तैयारी में हैं। बेकाबू हो रहे प्रदर्शनकारियों को देखते हुए काठमांडू की सड़कों पर सेनाओं को तैनात कर दिया गया है।

*19 लोगों की मौत, कई जगह आगजनी*

सोमवार को हुई हिंसा में 19 लोग मारे गए थे और नेपाली पुलिस पर फायरिंग का आरोप है। इससे गुस्सा और भड़का हुआ है। नेपाली युवाओं ने मंगलवार को कई नेताओं के घरों में आग लगा दी। अब तक होम मिनिस्टर, कृषि मंत्री समेत तीन नेताओं का इस्तीफा हो चुका है। कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी का इस्तीफा हुआ है। इसके अलावा सोमवार को ही होम मिनिस्टर रमेश लेखक ने पद छोड़ दिया था। लेकिन यह चर्चा जोरों पर है कि देश के पीएम ही नेपाल से निकल
सकते हैं।







करिश्मा कपूर के बच्चों ने पिता की प्रॉपर्टी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

नई दिल्ली । बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्मा कपूर के बच्चों ने अपने पिता संजय कपूर की संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने सौतेली मां प्रिया कपूर पर वसीयत बदलने का आरोप लगाया है।

संजय कपूर और करिश्मा कपूर के बच्चों (समायरा कपूर और कियान कपूर) ने इस याचिका में खुद को संजय कपूर का कानूनी उत्तराधिकारी होने के नाते हर संपत्ति में पांचवां हिस्सा देने की मांग की है। बता दें कि संजय कपूर अपने पीछे करीब 30 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गए हैं।

इस याचिका में कहा गया है कि उनकी सौतेली मां प्रिया ने संजय की वसीयत में जालसाजी की है। वादी पक्ष का कहना है कि उनके पिता की वसीयत कानूनी और वैध दस्तावेज नहीं है, बल्कि जाली है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि यही वजह है कि उनको वसीयत की मूल प्रति अभी तक दिखाई नहीं गई है और न ही उसकी कॉपी उन्हें दी गई है।







चाय में सबसे पहले क्या डालें पत्‍ती, चीनी या दूध? 90% लोग गलत तरीके से बनाते हैं चाय, जान‍िए डालने और पकाने का सही समय

नयी दिल्ली :सुबह की नींद खुलते ही सबसे पहले अगर किसी चीज की तलब लगती है, तो वो है एक कप गरमा गर्म चाय. दिमाग तरोताजा करने से लेकर थकान दूर करने तक, चाय हमारे लाइफस्टाइल का हिस्सा बन चुकी है.

ऑफिस जाते वक्त हो या दोस्तों के साथ गपशप का टाइम, चाय हर मौके को खास बना देती है. भारत में तो चाय सिर्फ एक ड्रिंक नहीं बल्कि इमोशन है, तभी तो बहुत से लोगों का दिन चाय के बिना शुरू ही नहीं होता. कुछ तो ऐसे भी हैं जो रात को सोने से पहले भी चाय पीना नहीं भूलते. लेकिन क्या आप जानते हैं कि चाय का स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे किस तरह से बनाते हैं? जी हां, चाय पत्ती, चीनी और दूध डालने का सही समय ही तय करता है कि आपकी चाय कितनी स्वादिष्ट और परफेक्ट बनेगी. और आप ने एक कप बेहतरीन चाय पी ली तो समझ जाइए आपका द‍िन बन जाएगा. चल‍िए आपको स्‍वाद‍िष्‍ट चाय बनाने का तरीका बताते हैं, जो आपको बहुत पसंद आएगा और इससे गाढ़ी चाय बनेगी.

*अच्छी चाय बनाना क्यों है खास?*

बहुत से लोग सोचते हैं कि चाय बनाना तो आसान है. बस पानी, दूध, पत्ती और चीनी डालो और चाय तैयार. लेकिन असल में चाय बनाना एक कला है. अगर इसे सही स्टेप्स में बनाया जाए तो इसका स्वाद कई गुना बढ़ जाता है. वहीं अगर गलत तरीके से बनाएं तो इसका असर स्वाद, सेहत और मूड तीनों पर पड़ता है.

*पहला स्टेप: पानी और पत्ती*

चाय बनाने की शुरुआत हमेशा पानी से होती है. सबसे पहले पैन में पानी डालकर उबालें. जब पानी उबल जाए, तभी उसमें चाय पत्ती डालें. इसे करीब 5 मिनट तक उबालने दें. इसी समय आप चाहें तो अदरक या इलायची भी डाल सकते हैं. इससे चाय का स्वाद और भी खास हो जाएगा.

*दूसरा स्टेप: चीनी कब डालें?*

ज्यादातर लोग यही गलती करते हैं कि दूध डालने के बाद चीनी डालते हैं. असल में सही समय है. पानी और पत्ती उबलने के बाद. जब फ्लेवर पानी में अच्छे से आ जाए, तब चीनी डालें और अच्छी तरह घुलने दें.

*तीसरा स्टेप: दूध डालने का सही वक्त*

चीनी घुल जाने के बाद दूध डालें. इसके बाद चाय को धीमी आंच पर 5 मिनट तक पकाएं. धीरे-धीरे चाय का रंग गाढ़ा होगा और टेस्ट बैलेंस्ड हो जाएगा. यही है परफेक्ट चाय का असली सीक्रेट.

लोग करते हैं ये आम गलतियां

सारी चीजें एक साथ डालना पानी, दूध, पत्ती और चीनी सब कुछ एक साथ डाल देने से चाय का टेस्ट बिगड़ जाता है.

ज्यादा देर तक उबालना- कई लोग सोचते हैं कि ज्यादा देर तक पकाने से स्वाद बढ़ जाएगा, जबकि सच ये है कि इससे चाय कड़वी हो जाती है और गैस-एसिडिटी की दिक्कतें भी बढ़ सकती हैं.

बहुत ज्यादा पत्ती डालना- कुछ लोग ज्यादा कड़क चाय के लिए पत्ती डाल देते हैं, जिससे स्वाद खराब होने के साथ-साथ सेहत पर भी असर पड़ सकता है.

हेल्थ और चाय का रिश्ता

सही तरीके से बनी चाय आपको फ्रेशनेस, एनर्जी और मूड बूस्ट देती है.0वहीं गलत तरीके से बनी चाय पेट की समस्याएं और एसिडिटी बढ़ा सकती है.इसलिए हमेशा बैलेंस मात्रा में ही पत्ती, दूध और चीनी का इस्तेमाल करें.




उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग शुरू, PM मोदी ने सबसे पहले डाला वोट

न्यू दिल्ली : भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद के लिए सोमवार को वोटिंग शुरू हो गई। PM नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले अपना वोट डाला। इस चुनाव में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की ओर से सीपी राधाकृष्णन और विपक्ष की ओर से बी. सुदर्शन रेड्डी उम्मीदवार हैं। मतदान सुबह 10 बजे से शुरू हुआ, जो शाम 5 बजे तक चलेगा। परिणामों की घोषणा रात 7 बजे तक होने की संभावना है। उपराष्ट्रपति पद के लिए संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—के सांसद मतदान करते हैं। राज्यसभा के नामित सदस्य भी वोट डालने के पात्र होते हैं।

बीजेपी की रणनीति बैठक: वोटिंग से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अलग-अलग समूहों में सांसदों के साथ रणनीति बनाई।

यूपी के सांसद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दफ्तर, वाणिज्य भवन में जुटे।

महाराष्ट्र के सांसद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के आवास पर बैठक में शामिल हुए।

बिहार और झारखंड के सांसद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के घर पर एकत्र हुए।

एनडीए की जीत का दावा: बीजेपी नेताओं ने राधाकृष्णन की जीत को लेकर पूरा भरोसा जताया। राज्यसभा सांसद रामभाई मोकारिया ने कहा, “सीपी राधाकृष्णन की जीत 100 प्रतिशत तय है। हमारा लक्ष्य उन्हें बड़े अंतर से जिताना है।” वहीं, भाजपा सांसद दर्शन सिंह चौधरी ने कहा, “देशभर में उत्साह का माहौल है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए को भारी बहुमत मिलेगा और यह खुशी का मौका है।”

विपक्ष का दावा: दूसरी ओर विपक्ष ने इस चुनाव को “वैचारिक लड़ाई” बताया है। हालांकि, संख्याबल अभी भी सत्तारूढ़ एनडीए के पक्ष में है, जिससे राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है।





पटना साहिब गुरुद्वारा को RD’X से उड़ाने की धमकी, हाई अलर्ट पर पुलिस

पटना : राजधानी पटना स्थित तख्त श्री हरमंदिर साहिब को ईमेल के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। धमकी भरे ईमेल में लिखा गया था कि गुरु लंगर कक्ष में 4 RDX रखे गए हैं और सभी VIP और कर्मचारियों को तुरंत बाहर निकलने की चेतावनी दी गई है। इस मेल के सामने आते ही गुरुद्वारा परिसर में अफरा-तफरी मच गई। घटना की जानकारी मिलते ही गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने तुरंत पटना के SSP कार्तिकेय शर्मा को सूचना दी। इसके बाद पुलिस, बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वॉड मौके पर पहुंचे और पूरे परिसर की सघन तलाशी शुरू की।

कई घंटों तक चली जांच के बाद कहीं भी कोई विस्फोटक पदार्थ नहीं मिला। चौक थाना प्रभारी मनजीत ठाकुर ने बताया कि तलाशी के दौरान कुछ भी संदिग्ध बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि धमकी भरा ईमेल किसने और कहां से भेजा था। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने कहा कि यह मेल किसी शरारती तत्व की हरकत लग रही है। उन्होंने बताया, “हमने तुरंत प्रशासन को जानकारी दी। लोगों से अपील है कि वे डरें नहीं और गुरुद्वारा आते रहें। धमकी की हम निंदा करते हैं।”

फिलहाल पूरे गुरुद्वारा परिसर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस साइबर सेल की मदद से ईमेल भेजने वाले का पता लगाने की कोशिश कर रही है। बड़ी राहत की बात यह रही कि तलाशी के दौरान कोई भी विस्फोटक बरामद नहीं हुआ।






GEN-Z के सामने झुकी नेपाल की ओली सरकार, सोशल मीडिया से वापस लिया बैन, हिंसक प्रदर्शनों में 20 की मौत और 300 घायल

 

काठमांडू: नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हटा लिया है। यह फैसला सोमवार को देश भर में युवाओं के नेतृत्व में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए बाद लिया गया। GEN-Z प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हिंसक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा घायल हुए हैं। नेपाल के संचार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने देर रात घोषणा की कि सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध लगान का फैसला वापस ले लिया गया है। एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री ने कहा, सरकार ने GEN-Z की मांग को रखते हुए सोशल मीडिया को खोलने का फैसला पहले ही कर लिया है।

हालांकि, मंत्री ने कहा कि सरकार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने को लेकर पहले लिए गए फैसले पर कोई पछतावा नहीं है। गुरुंग ने कहा, ‘इस मुद्दे को बहाने के तौर पर इस्तेमाल करके विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे, इसलिए सोशल मीडिया साइटों को फिर से खोलने का फैसला लिया गया है।’ गुरुंग ने जेन-जी प्रदर्शनकारियों के विरोध प्रदर्शन वापस लेने की अपील की।

हिंसा की जांच के लिए कमेटी

इसके साथ ही कैबिनेट ने हिंसा की जांच के लिए एक जांच समिति का भी गठन किया है। कमेटी को 15 दिनों में रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है। पिछले हफ्ते ओली सरकार ने फेसबुक, वॉट्सएप और यूट्यूब समेत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सरकार के साथ सूचीबद्ध कराने में असफल रहने के बाद प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद नेपाल की राजधानी की सड़कों पर युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। प्रदर्शनों का नेतृत्व युवाओं ने किया, जिनकी उम्र 13 से 28 साल के बीच है।

सरकार ने दावा किया था कि फर्जी खबरों और अभद्र भाषा पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबंध जरूरी था और कंपनियों पर पंजीकरण न कराने का आरोप लगाया था। मानवाधिकार समूहों ने इस कदम को सेंसरशिप का हथियार बताया था और इसकी आलोचना की थी। वहीं, आंदोलनकारियों का कहना है कि देश भर में फैले विरोध प्रदर्शन केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध के खिलाफ नहीं थे, बल्कि भ्रष्टाचार और खराब आर्थिक अवसरों को लेकर भी युवाओं का प्रतिरूप था।






नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में "पत्रकारिता 2025: युवा पत्रकारों के लिए चुनौतियाँ, उनकी ज़िम्मेदारियाँ और अवसर " विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने 9 सितंबर, 2025 को विश्वविद्यालय सभागार में "पत्रकारिता 2025: युवा पत्रकारों के लिए चुनौतियाँ, उनकी ज़िम्मेदारियाँ और अवसर " विषय पर एक ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता के तेज़ी से विकसित होते परिदृश्य और डिजिटल युग में उभरते पत्रकारों के कंधों पर बढ़ती ज़िम्मेदारियों पर सवांद करने के लिए विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और मीडियाकर्मियों को एक साथ लाना और उन्हें एक मंच प्रदान करना था।

सेमिनार का उद्घाटन कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने अन्य आमंत्रित गणमान्य अतिथियों के साथ सामुहिक रूप से द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। अपने उद्बोधन वक्तव्य में कुलपति ने कहा *2025 में, सच्चाई पहले से कहीं ज़्यादा मायने रखती है। युवा पत्रकारों को निडर, नैतिक और अनुकूलनशील होना चाहिए। यह सेमिनार नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय की सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार और तकनीकी रूप से कुशल मीडिया पेशेवरों को तैयार करने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम है।*


कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने कहा *विश्वविद्यालय का सम्पूर्ण ध्यान इस ओर है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपने क्लासरूम शिक्षण के अतिरिक्त भी वर्किंग फील्ड के पेशेवर व्यक्तियों से भी सीखने का अवसर प्राप्त हो। मुझे उम्मीद है कि इस दिशा में आज के इस कार्यक्रम की उपयोगिता अत्यंत ही कारगर सिद्ध होगी। विद्यार्थियों के हित को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करता रहेगा।


कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण के उप मुख्य संवाददाता सीएच वेंकटेश्वर राव, प्रभात खबर एजुकेशन बीट के सीनियर संवाददाता संदीप सावरन, हिंदुस्तान के प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट भादो मांझी और द फ़ोटोन न्यूज के कंसल्टेंट एडिटर वीरेंद्र ओझा उपस्थित रहे।


अपने संबोधन वक्तव्य में मुख्य वक्ताओं ने एआई-जनित सामग्री से उत्पन्न चुनौतियों, समाचार मीडिया में जनविश्वास और स्वतंत्र डिजिटल पत्रकारिता के उदय पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। अपने वक्तव्य में संदीप सावरन ने कहा *पत्रकारिता का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि युवा पत्रकार कितने साहस के साथ तथ्यों को सामने रखते हैं और सूचना की शक्ति को कितनी ज़िम्मेदारी से संभालते हैं। पत्रकारिता दूसरे पेशों से इतर एक ऐसी विधा है जिसमें आपके कार्य का मूल्यांकन आपके सामाजिक दायित्वों के निर्वहन करने की क्षमता से होता है। जब एक पत्रकार करता है तो पूरे समाज की उम्मीदें उसके कार्यों से जुड़ जाती हैं।*


वीरेंद्र ओझा ने कहा *पत्रकारिता का पेशा केवल एक पेशा नहीं है। इसमें समाज का निर्माण करने की क्षमता है। जब सारी उम्मीदें धूमिल हो जाती हैं तो ऐसे में आमजन पत्रकारिता जगत की ओर विश्वास के साथ देखते हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में पत्रकार अपने प्राण का जोखिम उठाते हुए भी अपने मूल कर्तव्यों का निर्वहन करता है। युद्ध के समाचार हों, आपदा क्षेत्र से रिपोर्टिंग करना हो या कोविड जैसी महामारी का सामना करते हुए ग्रांउड रिपोर्टिंग करनी हो आपको हमेशा पत्रकार अपने दायित्व निभाते हुए नजर आएंगे।*


वेंकटेश्वर राव ने कहा *पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई चुनौतियां हैं। पहली चुनौती तो अपने कार्य को उचित तरीके से समझना और खुद को संयमित रखना है। आपके पेशेवर जीवन के दौरान आपके सामने कई बार ऐसे प्रसंग आएंगे जहाँ आपको अपने पत्रकारिता कौशल का परिचय अत्यंत ही कुशलता के साथदेना पड़ेगा। पत्रकारिता में आर्थिक चुनौतियां भीहैं। समाज का एक अतिरिक्त दवाब भी इस क्षेत्र में विद्यमान है।*


भादो मांझी ने कहा *पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना भविष्य देखने वाले नयी पीढ़ी के विद्यार्थियों से मैं यह कहना चाहूंगा कि आपके लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं उपस्थित हैं। परंपरागत मीडिया के इतर कार्पोरेट कम्युनिकेशन, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, मीडिया कंसलटेंट, ऐड ऐजेंसी के पेशेवरों के अतिरिक्त भी कई क्षेत्र हैं जहाँ आप सफल हो सकते हैं।* 


कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निम्नलिखित विषयों पर पैनल चर्चाएँ और इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया-

तथ्य-जाँच और फर्जी खबरों से निपटना

न्यूज़रूम में एआई और स्वचालन की भूमिका

फ़ील्ड पत्रकारों का मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा

डिजिटल समाज में प्रेस की स्वतंत्रता और सेंसरशिप

विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और आने वाले वर्षों में पत्रकारिता की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपनी जागरूकता और उत्साह का प्रदर्शन किया।

सेमिनार का समापन विभागाध्यक्ष सहायक प्राध्यापिका दीपिका कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की और उन्हें साहस और विवेक के साथ पेशे की ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, अन्य विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी मैंबर्स और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मंगलवार, 9 सितंबर 2025

मंत्री इरफान अंसारी को मिली धमकी के मामले में बोकारो में प्राथमिकी दर्ज

बोकारो: स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी को एक माह के भीतर दूसरी बार जान से मारने की धमकी मिली है. रविवार देर रात 12 बजे बोकारो परिसदन पहुंचते ही एक अनजान मोबाइल नंबर-700****247 से मंत्री को कॉल आया. डॉ अंसारी ने बताया कि कॉल उत्तर प्रदेश के वाराणसी से किया गया था. कॉल करनेवाले युवक ने मंत्री को अपशब्द कहते हुए जान से मारने की खुली धमकी दी. युवक ने कहा- ‘तुम बस इंतजार करो. तुम्हें बहुत जल्द उड़ा देंगे. उत्तर प्रदेश से निकल गये हैं. रास्ते में हैं.’ धमकी मिलने की जानकारी मंत्री के आप्त सचिव मो अजहरुद्दीन ने बोकारो एसपी हरविंदर सिंह व जामताड़ा एसपी को रात में ही दे दी. आप्त सचिव की शिकायत पर बोकारो स्टील सिटी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बताया कि सिम कार्ड नैना सिंह के नाम से रजिस्टर्ड है, जो नॉर्थ ईस्ट का है.

स्वास्थ्य मंत्री को एक माह के अंदर दूसरी बार मिली धमकी

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री को दोबारा धमकी मिलने की खबर से पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गये. बोकारो परिसदन में सिटी डीएसपी आलोक रंजन के नेतृत्व में बीएस सिटी थाना सहित अन्य थानाें के कई एसआइ स्तर के अधिकारी व जवानों की तैनाती कर दी गयी. पुलिस कॉल करनेवाले व्यक्ति की तलाश में जुटी हुई है. बताते चलें कि इससे पूर्व भी मंत्री डॉ इरफान अंसारी को जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. हाल ही में गिरिडीह के एक युवक ने स्वास्थ्य मंत्री के अलावा नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू को जान मारने की धमकी दी थी. पुलिस ने आरोपी को पटना से गिरफ्तार किया था.

मंत्री इरफान बोले : मैं डरने वाला नहीं

मंत्री डॉ इरफान अंसारी बोकारो परिसदन में ठहरे हैं. धमकी मामले में पूछे जाने पर डॉ अंसारी ने कहा कि इस तरह की लगातार मिलने वाली धमकियों से वह जरा भी डरने वाले नहीं हैं. किसी तरह की धमकी उन्हें जनता से दूर नहीं कर सकती है, ना ही उनकी आवाज दबा सकती है. वह जनता के लिए 24 घंटे उपलब्ध थे और रहेंगे. हर पल जनता के लिए जी रहे हैं. उन्होंने बताया कि कॉल करनेवाले ने कहा-‘जिस तरह वहां मुसलमानों का सफाया कर दिया, उसी तरह अब झारखंड की बारी है. तुम्हें भी मिटा देंगे.’ मंत्री ने कहा कि आज स्वास्थ्य विभाग में जो व्यापक सुधार दिख रहा है, वह उनके काम का नतीजा है. यह काम भाजपा वालों को पच नहीं रहा. लेकिन सच यही है कि वह काम करते आये हैं और करते रहेंगे. भाजपा और आरएसएस के लोग दिन-रात उनके पीछे पड़े रहते हैं, क्योंकि वह एक मुसलमान मंत्री हैं. ईमानदारी से जनहित में काम करते हैं.

जल्द होगा खुलासा : सिटी डीएसपी

इस संबंध में सिटी डीएसपी आलोक रंजन ने कहा कि बीएस सिटी थाना में सोमवार अपराह्न मामला दर्ज कर लिया गया. जांच शुरू कर दी गयी है. जल्द ही खुलासा कर लिया जायेगा.





UP: एक साथ 28 IPS और कई ASP के तबादले

UP : यूपी राज्य सरकार ने सोमवार को पुलिस विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। कुल 28 IPS अफसरों और कई ASP स्तर के अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है। यह बदलाव विभागीय कार्यकुशलता को दुरुस्त करने और नये प्रमोटेड अधिकारियों को जिम्मेदारी देने के लिहाज से भी अहम माना जा रहा है।

IPS अफसरों के तबादले

राजीव सबरवाल, ADG बीआर अंबेडकर पुलिस अकादमी, प्रोन्नत होकर DG प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण बने। पुलिस अकादमी का अतिरिक्त प्रभार भी उन्हीं के पास रहेगा।

ए. सतीश गणेश, ADG पीटीएस मुरादाबाद बने ADG यातायात एवं सड़क सुरक्षा निदेशालय।

के. सत्यनारायण, ADG यातायात → भेजे गये भ्रष्टाचार निवारण संगठन (उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है)।

राजेश डी. मोदक राव, IG CID बनाये गये IG GRP।

सुभाष चंद्र दुबे, IG यातायात → तैनाती मिली महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन में।

अनीस अहमद अंसारी, DIG पुलिस मुख्यालय → DIG पीएसी मुख्यालय बनाये गये।

देवरंजन वर्मा, DIG नियम एवं ग्रंथ → बने DIG स्थापना।

पीएसी और एसएसएफ में बदलाव

डॉ. मीनाक्षी कात्यायन, एसपी एलआईयू कानपुर नगर → सेनानायक, 34वीं वाहिनी पीएसी वाराणसी।

सर्वानंद सिंह यादव, सेनानायक 12वीं वाहिनी पीएसी फतेहपुर → बने एसपी एसएसएफ मुख्यालय।

डॉ. महेंद्र पाल सिंह, एसपी क्राइम पुलिस मुख्यालय → सेनानायक, 5वीं वाहिनी एसएसएफ सहारनपुर।

मनोज कुमार अवस्थी, एसपी कानून-व्यवस्था मुख्यालय → सेनानायक, 12वीं वाहिनी पीएसी फतेहपुर।

इंटेलिजेंस व एलआईयू में तैनाती

पंकज कुमार पांडेय, सेनानायक 34वीं वाहिनी पीएसी → बने एसपी, इंटेलिजेंस मुख्यालय।

शुभम पटेल, एसपी इंटेलिजेंस → भेजे गए तकनीकी सेवा शाखा।

अशोक कुमार, एसपी एलआईयू गोरखपुर → भेजे गए उप्र पावर कॉरपोरेशन।

चंद्रकांत मीना, प्रतीक्षारत → बने एसपी एलआईयू कानपुर नगर।

संजय राय, एएसपी प्रतापगढ़ → बने एसपी एलआईयू अयोध्या।

आनंद कुमार द्वितीय, पुलिस उपायुक्त गाजियाबाद → बने एसपी एलआईयू बरेली।

संजय कुमार द्वितीय, एएसपी गोरखपुर → बनाए गए एसपी।

एएसपी स्तर पर अहम तबादले

रोहन झा, एएसपी डीजीपी मुख्यालय → भेजे गए साइबर क्राइम मुख्यालय।

निहारिका शर्मा, प्रभारी सेनानायक 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर → स्थायी सेनानायक बनीं।

संजय कुमार बाजपेई, एएसपी बिजनौर → बने सेनानायक, 43वीं वाहिनी पीएसी एटा।

अनिल कुमार प्रथम, प्रभारी प्रधानाचार्य पीटीएस गोरखपुर → बने प्रधानाचार्य।

बृजेश कुमार गौतम, एएसपी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स → बने एसपी क्राइम मुख्यालय।

ओमप्रकाश सिंह प्रथम, एएसपी बस्ती → बने एसपी लॉजिस्टिक्स मुख्यालय।

ओमप्रकाश सिंह द्वितीय, एएसपी मिर्जापुर → बने एसपी कानून-व्यवस्था मुख्यालय।

अजीजुल हक, एएसपी सेंट्रल रिजर्व सीतापुर → बने एसपी मुख्यालय।

विनय कुमार सिंह, एएसपी बिजनौर → बने एसपी एटीएस स्पॉट टीम।

अशोक कुमार, उप सेनानायक 20वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ → बनाए गए एसपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड।





वाराणसी में गंगा का उफान, नमो घाट भी बाढ़ की चपेट में, प्रशासन अलर्ट

वाराणसी। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में गंगा नदी ने एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाया है। लगातार हो रही पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं।

इसका सबसे ज्यादा असर वाराणसी में देखा जा रहा है, जहां गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु (70.26 मीटर) को पार कर चुका है और खतरे के निशान (71.26 मीटर) के करीब पहुंच गया है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 70.98 मीटर दर्ज किया गया, जो प्रतिघंटे लगभग 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों में यह और ऊपर चढ़ सकता है।

शहर के कुल 85 घाटों में से अधिकांश पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। अस्सी घाट से लेकर दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट तक सभी पर गंगा का पानी है। घाटों के बीच का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है, जिससे एक घाट से दूसरे पर जाना असंभव हो गया है।

घाट पर 'नमस्कार' आकृति वाली विशाल प्रतिमा भी डूब चुकी है। घाट का प्लेटफॉर्म, सीढ़ियां और आसपास के क्षेत्र सब पानी में समा गए हैं। नमो घाट पर नीचे जाने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यहां सेल्फी पॉइंट और अन्य सुविधाएं बंद हैं।

बाढ़ का असर केवल घाटों तक सीमित नहीं है। गंगा के बढ़ते जलस्तर से वरूणा नदी में भी पलट प्रवाह हो गया है, जिसके कारण शहर के निचले इलाकों नगवा, संगमपुरी कॉलोनी और बस्ती में पानी घुस आया है। करीब 24 मोहल्ले और 44 गांव प्रभावित हो चुके हैं। हजारों लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने को मजबूर हैं।

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