नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने 9 सितंबर, 2025 को विश्वविद्यालय सभागार में "पत्रकारिता 2025: युवा पत्रकारों के लिए चुनौतियाँ, उनकी ज़िम्मेदारियाँ और अवसर " विषय पर एक ज्ञानवर्धक संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पत्रकारिता के तेज़ी से विकसित होते परिदृश्य और डिजिटल युग में उभरते पत्रकारों के कंधों पर बढ़ती ज़िम्मेदारियों पर सवांद करने के लिए विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और मीडियाकर्मियों को एक साथ लाना और उन्हें एक मंच प्रदान करना था।
सेमिनार का उद्घाटन कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि ने अन्य आमंत्रित गणमान्य अतिथियों के साथ सामुहिक रूप से द्वीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। अपने उद्बोधन वक्तव्य में कुलपति ने कहा *2025 में, सच्चाई पहले से कहीं ज़्यादा मायने रखती है। युवा पत्रकारों को निडर, नैतिक और अनुकूलनशील होना चाहिए। यह सेमिनार नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय की सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार और तकनीकी रूप से कुशल मीडिया पेशेवरों को तैयार करने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक और कदम है।*
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान कुलसचिव नागेंद्र सिंह ने कहा *विश्वविद्यालय का सम्पूर्ण ध्यान इस ओर है कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपने क्लासरूम शिक्षण के अतिरिक्त भी वर्किंग फील्ड के पेशेवर व्यक्तियों से भी सीखने का अवसर प्राप्त हो। मुझे उम्मीद है कि इस दिशा में आज के इस कार्यक्रम की उपयोगिता अत्यंत ही कारगर सिद्ध होगी। विद्यार्थियों के हित को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन निरंतर करता रहेगा।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण के उप मुख्य संवाददाता सीएच वेंकटेश्वर राव, प्रभात खबर एजुकेशन बीट के सीनियर संवाददाता संदीप सावरन, हिंदुस्तान के प्रिंसिपल कोरेस्पोंडेंट भादो मांझी और द फ़ोटोन न्यूज के कंसल्टेंट एडिटर वीरेंद्र ओझा उपस्थित रहे।
अपने संबोधन वक्तव्य में मुख्य वक्ताओं ने एआई-जनित सामग्री से उत्पन्न चुनौतियों, समाचार मीडिया में जनविश्वास और स्वतंत्र डिजिटल पत्रकारिता के उदय पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। अपने वक्तव्य में संदीप सावरन ने कहा *पत्रकारिता का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि युवा पत्रकार कितने साहस के साथ तथ्यों को सामने रखते हैं और सूचना की शक्ति को कितनी ज़िम्मेदारी से संभालते हैं। पत्रकारिता दूसरे पेशों से इतर एक ऐसी विधा है जिसमें आपके कार्य का मूल्यांकन आपके सामाजिक दायित्वों के निर्वहन करने की क्षमता से होता है। जब एक पत्रकार करता है तो पूरे समाज की उम्मीदें उसके कार्यों से जुड़ जाती हैं।*
वीरेंद्र ओझा ने कहा *पत्रकारिता का पेशा केवल एक पेशा नहीं है। इसमें समाज का निर्माण करने की क्षमता है। जब सारी उम्मीदें धूमिल हो जाती हैं तो ऐसे में आमजन पत्रकारिता जगत की ओर विश्वास के साथ देखते हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में पत्रकार अपने प्राण का जोखिम उठाते हुए भी अपने मूल कर्तव्यों का निर्वहन करता है। युद्ध के समाचार हों, आपदा क्षेत्र से रिपोर्टिंग करना हो या कोविड जैसी महामारी का सामना करते हुए ग्रांउड रिपोर्टिंग करनी हो आपको हमेशा पत्रकार अपने दायित्व निभाते हुए नजर आएंगे।*
वेंकटेश्वर राव ने कहा *पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कई चुनौतियां हैं। पहली चुनौती तो अपने कार्य को उचित तरीके से समझना और खुद को संयमित रखना है। आपके पेशेवर जीवन के दौरान आपके सामने कई बार ऐसे प्रसंग आएंगे जहाँ आपको अपने पत्रकारिता कौशल का परिचय अत्यंत ही कुशलता के साथदेना पड़ेगा। पत्रकारिता में आर्थिक चुनौतियां भीहैं। समाज का एक अतिरिक्त दवाब भी इस क्षेत्र में विद्यमान है।*
भादो मांझी ने कहा *पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना भविष्य देखने वाले नयी पीढ़ी के विद्यार्थियों से मैं यह कहना चाहूंगा कि आपके लिए इस क्षेत्र में असीम संभावनाएं उपस्थित हैं। परंपरागत मीडिया के इतर कार्पोरेट कम्युनिकेशन, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, मीडिया कंसलटेंट, ऐड ऐजेंसी के पेशेवरों के अतिरिक्त भी कई क्षेत्र हैं जहाँ आप सफल हो सकते हैं।*
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में निम्नलिखित विषयों पर पैनल चर्चाएँ और इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया-
तथ्य-जाँच और फर्जी खबरों से निपटना
न्यूज़रूम में एआई और स्वचालन की भूमिका
फ़ील्ड पत्रकारों का मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा
डिजिटल समाज में प्रेस की स्वतंत्रता और सेंसरशिप
विद्यार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया और आने वाले वर्षों में पत्रकारिता की अखंडता को बनाए रखने के लिए अपनी जागरूकता और उत्साह का प्रदर्शन किया।
सेमिनार का समापन विभागाध्यक्ष सहायक प्राध्यापिका दीपिका कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की और उन्हें साहस और विवेक के साथ पेशे की ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. प्रभात कुमार पाणि, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, अन्य विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकेल्टी मैंबर्स और विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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