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बुधवार, 10 सितंबर 2025

195 एकड़ में इकोलॉजिकल पार्क बनकर तैयार, CM करेंगे उद्घाटन, कब और कहां…?

जमशेदपुर : झारखंड का जमशेदपुर जिला अब पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान बनाने जा रहा है। चाकुलिया प्रखंड के अमलागोड़ा रोड पर 195 एकड़ में फैला विशाल इकोलॉजिकल पार्क तैयार हो चुका है। आने वाले अक्टूबर के पहले सप्ताह में CM हेमंत सोरेन इसका उद्घाटन करेंगे। यह केवल एक पार्क नहीं, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य, आधुनिक सुविधाओं और सांस्कृतिक महत्व का संगम है।

23 करोड़ रुपये की लागत से बना पार्क:

करीब 23 करोड़ रुपये की लागत से बने इस इकोलॉजिकल पार्क का निर्माण कार्य चाकुलिया के रेंजर दिग्विजय सिंह की देखरेख में बेहद कम समय में पूरा किया गया। वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी… सचिव से लेकर पीसीसीएफ तक इसे देख चुके हैं और इसकी सराहना कर चुके हैं। इस परियोजना ने न केवल क्षेत्र को नया स्वरूप दिया है बल्कि विकास और पर्यटन के नए अवसर भी खोल दिए हैं।


पार्क के अंदर कदम रखते ही बदल जाएगी दुनिया: पार्क में प्रवेश करते ही हरियाली और सुकून का एहसास होता है। हर उम्र के लोगों के लिए यहां कुछ-न-कुछ खास मौजूद है।


चार म्यूजिकल फव्वारे पर्यटकों का मन मोह लेते हैं।

बोटिंग क्लब और तैराकी की सुविधा रोमांच प्रेमियों के लिए खास है।

नवग्रह पार्क और शिव कुंड धार्मिक महत्व का अनुभव कराते हैं।

कैक्टस गार्डन, रोज गार्डन और औषधीय पौधों का उद्यान प्रकृति प्रेमियों को करीब से देखने का मौका देते हैं।

सफेद और लाल चंदन का वन अपने आप में अनोखा है, जो इस क्षेत्र को विशेष बनाता है।

बच्चों के लिए चिल्ड्रन पार्क, बुजुर्गों के लिए सीनियर सिटीजन जोन, और ठहरने के लिए रेस्ट हाउस इसे पूर्ण पर्यटन स्थल बनाते हैं।

पर्यावरण और शिक्षा का संगम

रेंजर दिग्विजय सिंह कहते हैं… “यह पार्क केवल मनोरंजन का स्थान नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण शिक्षा और धार्मिक महत्व का भी केंद्र बनेगा। यहां आने वाले लोग प्रकृति के बेहद करीब महसूस करेंगे और तनाव भूल जाएंगे।” पार्क में लगे औषधीय पौधे और संरक्षित वृक्ष आने वाली पीढ़ियों को पर्यावरण के महत्व से अवगत कराएंगे।


भौगोलिक स्थिति का लाभ: चाकुलिया की स्थिति इसे और भी खास बनाती है। यह स्थान ओडिशा और बंगाल की सीमा से सटा हुआ है। ऐसे में यहां तीनों राज्यों से पर्यटक आसानी से पहुंच सकते हैं। आने वाले दिनों में यह जगह न सिर्फ़ झारखंड, बल्कि पूरे पूर्वी भारत का पर्यटन हब बन सकती है।


रोजगार और स्थानीय विकास : इतने बड़े पार्क के तैयार होने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कैंटीन, बोटिंग क्लब, गाइड सर्विस, परिवहन और होटल व्यवसाय को नई रफ्तार मिलेगी। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।


भविष्य की तस्वीर: पार्क की शुरुआत के साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिला पर्यटन का नया केंद्र बनेगा। यहां न केवल सैर-सपाटा होगा बल्कि परिवारों के लिए पिकनिक, विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक भ्रमण और बुजुर्गों के लिए सुकून भरे पल बिताने का अवसर मिलेगा।


चाकुलिया का यह इकोलॉजिकल पार्क झारखंड को एक नई पहचान देने जा रहा है। यह जगह मनोरंजन, शिक्षा, धार्मिक आस्था और रोजगार… चारों का संगम बनकर उभरेगी। अक्टूबर से यहां का हर कोना पर्यटकों की भीड़ से गुलजार रहने की उम्मीद है।







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