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सोमवार, 22 सितंबर 2025

पीएम मोदी का 19 मिनट का राष्ट्र के नाम संबोधन, बोले- GST रिफॉर्म्स से सबका मुंह मीठा होगा

दिल्ली: हर दुकान को स्‍वदेशी से सजाना है, वो सामान खरीदें मेड इन इंडिया हो

दिल्ली :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST 2.0 की नई दरों के लागू होने से पहले देश को संबोधित किया. पीएम मोदी का 19 मिनट का ये 'एड्रेस टू द नेशन' 22 सितबंर से देश में जीएसटी 2.0 की नई दरें लागू होने से पहले हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के जरिए लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि गर्व से कहो कि मैं स्वदेशी खरीदता हूं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से देश का विकास होगा और दुनिया के सामने हमारा सीना गर्व से चौड़ा होगा. पीएम मोदी ने इस संबोधन में GST रिफॉर्म्स को बचत उत्सव करार दिया.

पीएम मोदी बोले - हमें ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलना होगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, …हम ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं और इसका असर हमें अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में भी दिख रहा है. अगर हम आयकर में दी गई छूट और जीएसटी में दी गई छूट को जोड़ दें, तो सिर्फ एक साल में लिए गए फैसलों से देश की जनता को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। और इसी वजह से मैं कहता हूँ, यह एक बचत महोत्सव है.

देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ: देश के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी: पीएम मोदी ने कहा, जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्यों की हर शंका का निवारण किया. हर सवाल का समाधान खोजा. सभी राज्यों को, सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया. यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ.

ज्‍यादा टैक्‍स का बोझ गरीबों को उठाना पड़ता था: पीएम मोदी: GST लागू होने से पहले लाखों कंपनियों और देश के करोड़ों लोगों को विभिन्न करों के जटिल जाल से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. एक शहर से दूसरे शहर सामान भेजने की लागत में जो वृद्धि होती थी, उसका बोझ अंततः गरीबों को उठाना पड़ता था यह लागत ग्राहकों से वसूली जाती थी. देश को इस स्थिति से बाहर निकालना अत्यंत आवश्यक था. इसलिए जब आपने हमें वर्ष 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने प्रत्येक हितधारक से संवाद किया और राज्यों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया. सभी को साथ लेकर ही आज़ाद भारत में इतना व्यापक कर सुधार संभव हो सका.

अलग अलग जाल में उलझे थे व्‍यापारी, पीएम मोदी ने सुनाया क‍िस्‍सा: पीएम मोदी ने कहा, देश के व्‍यापारी अलग अलग टैक्‍स के जाल में उलझे हुए थे. एंट्री टैक्‍स, सेल्‍स टैक्‍स, एक्‍साइज, सर्विस टैक्‍स, वैट… न जाने दर्जनों टैक्‍स हमारे व्‍यापार‍ियों पर थे. एक जगह से दूसरे जगह माल भेजना हो तो न जाने क‍ितने फार्म भरने होते थे. क‍ितनी रुकवाटें थीं, जब 2014 में देश ने मुझे ज‍िम्‍मेदारी सौंपी तो उसी वक्‍त एक विदशी अखबार में एक खबर छपी. लिखा था क‍ि अगर एक कंपनी को बेंगलुरु से हैदराबाद अपना सामान भेजना हो तो इतना कठ‍िन था क‍ि वह कंपनी अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेजे और फ‍िर वही सामान यूरोप से हैदराबाद भेजे. यह तब के हालात थे. यह सिर्फ एक पुराना उदाहरण है. तब ऐसी लाखों कंपन‍ियों को झेलना होता है.






UP: पुलिस से लड़की बोली, रील डिलीट करवाये तो सु’ साइड कर लूंगी…

UP : सोशल मीडिया की सनक का एक अनोखा और हड़ताली मामला सामने आया। युवती ने यूपी के बड्डूपुर थाने के गेट के सामने इंस्टाग्राम रील बनाकर पोस्ट कर दी, जिसे लेकर पुलिस और परिवार के बीच हंगामा खड़ा हो गया। इंस्टाग्राम ID Zoyakhan9513 से युवती ने रील पोस्ट की। रील वायरल होते ही पुलिस ने युवती को वीडियो डिलीट करने के लिये कहा। दो पुलिसकर्मी युवती के घर पहुंचे। पुलिस के सामने युवती ने कहा, “वीडियो हमारे मिलियन फॉलोवर्स देख चुके हैं, अब इसे डिलीट नहीं कर सकते। ज्यादा दबाव बनाया तो फांसी लगा लूंगी।” इस दौरान युवती हाथ में चाकू थामे थी और आत्महत्या की धमकी दी। पुलिस अधिकारी भी इस धमकी के सामने बैकफुट पर आ गये। खबर है कि युवती की मां और बड़ी बहन ने पुलिस को खरी-खोटी सुनाई। हंगामे के चलते पुलिस को घटना स्थल से पीछे हटना पड़ा।

वीडियो वायरल, जांच जारी:युवती का हाईवोल्टेज ड्रामा का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। पुलिस ने पूरे मामले की जांच कर रही है। वैसे वायरल वीडियो की पुष्टि न्यूज़ टुडे धनबाद नही करता





इस फेस्टिव सीजन हर देशवासी का मुंह मीठा होगा...', PM मोदी ने गिनाए GST 2.0 के फायदे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम पांच बजे राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने गरीबी को हराने, न्यू मिडिल क्लास, लघु, सूक्ष्म और कुटीर उद्योग, स्वदेशी, आत्मनिर्भर भारत और नवरात्रि उत्सव पर चर्चा की. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में नवरात्रि के शुभारंभ की घोषणा करते हुए देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने बताया कि 22 सितंबर से नवरात्रि का प्रथम दिवस है और इसी दिन से नया नेक्स्ट जेनेरेशन जीएटी लागू किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने इस अवसर को विशेष बताते हुए कहा कि यह केवल एक त्योहार का समय नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और कर प्रणाली में सुधार का भी महत्वपूर्ण फेज है.

उन्होंने कहा कि पिछले 11 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले और न्यू मिडिल क्लास में शामिल हुए.  नई जीएसटी दरों से गरीब और मध्यम वर्ग दोनों को लाभ मिलेगा. जीएसटी कम होने से MSMEs को डबल फायदा होगा. 

उन्होंने नागरिकों से मेड इन इंडिया उत्पाद खरीदने और स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है. कल से नवरात्रि के पहले दिन से देश में नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू होने जा रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि इस बचत उत्सव से घर बनाना, इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना, स्कूटर या कार लेना और यात्रा करना सब आसान और सस्ता हो जाएगा. जीएसटी कम होने से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) को भी डबल फायदा होगा. उनकी बिक्री बढ़ेगी और टैक्स की बोझ कम होगा. यही देश की समृद्धि का आधार हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जैसे देश की स्वतंत्रता को स्वदेशी के मंत्र ने ताकत दी, वैसे ही आज देश की समृद्धि को भी स्वदेशी से ही शक्ति मिलेगी. आज हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में कई विदेशी चीजें जुड़ गई हैं. हमें पता तक नहीं है कि हमारे जेब में कंघी विदेशी है या देसी. हमें इनसे मुक्ति पाना होगी और वही सामान खरीदना होगा जो मेड इन इंडिया हो, जिसमें हमारे देश के नौजवानों की मेहनत और हमारे बेटों-बेटियों का पसीना लगा हो.

पीएम मोदी ने नागरिकों से अपील की कि हर घर और हर दुकान को स्वदेशी का प्रतीक बनाना चाहिए. गर्व से कहो – मैं स्वदेशी खरीदता हूं. मैं स्वदेशी सामान बेचता हूं. यह हर भारतीय का मिजाज़ बनना चाहिए. जब ऐसा होगा, भारत तेजी से विकसित होगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि रिफॉर्म एक निरंतर प्रक्रिया है. समय और जरूरत बदलती है. इसलिए देश की वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लागू किए जा रहे हैं. ये बदलाव सभी के लिए राहत और अवसर लेकर आएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों को गर्व से कहना चाहिए की मैं स्वदेशी खरीदता हूं. हमें मेड इन इंडिया सामान खरीदना चाहिए. इससे छोटे व्यापारियों को लाभ मिलेगा. हमें आत्मनिर्भरता के रास्ते पर चलना ही होगा. जिन चीजों का निर्माण भारत में किया जा सकता है, उसे यहीं करें.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी में किए गए सुधारों से 99 फीसदी चीजें अब 5 फीसदी जीएसटी के दायरे में आ गई है. मध्यम वर्ग के जीवनी में इससे बदलाव आया है. अब ग़रीब को डबल बोनांजा मिल रहा है. पूरे देश के लिए एक जैसी टैक्स व्यवस्था होगी. जीएसटी कम होने से सपने पूरे करने में आसानी होगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बचत उत्सव से हर देशवासी का पैसा बचेगा. कल से देश में जीएसटी बचत उत्सव की शुरुआत हो रही है. कल से हर घर में खुशियां बढ़ेंगी. केंद्र और राज्यों की वजह से ये संभव हो सका है. हर राज्य की शंका समाधान किया गया है. वन नेशन, वन टैक्स का सपना साकार होगा. टैक्स के जाल से परेशानी होती थी, लेकिन जीएसटी रिफॉर्म से सब कुछ आसान बन गया.









मोबाइल और सोशल मीडिया बना चिंता का सबब, ये खतरा…

भारत में सोशल मीडिया और मोबाइल फोन का बढ़ता इस्तेमाल अब सिर्फ टाइम पास नहीं, बल्कि स्वास्थ्य चुनौती बनता जा रहा है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि लगातार स्क्रीन और नकारात्मक कंटेंट के संपर्क में रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य प्रभावित हो सकते हैं। भारत में 82 करोड़ से अधिक लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। इनमें लगभग 47 करोड़ एक्टिव सोशल मीडिया यूजर हैं। औसत भारतीय यूजर रोजाना 2.7 घंटे सोशल मीडिया पर बिताता है। सबसे बड़ा वर्ग 18-24 वर्ष आयु का है, जो डूमस्क्रॉलिंग की आदत का सबसे ज्यादा शिकार। डूमस्क्रॉलिंग = लगातार सोशल मीडिया और न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर नकारात्मक खबरें पढ़ते या देखते रहना। विशेषज्ञों का कहना है कि डूमस्क्रॉलिंग केवल एक आदत नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य संकट का कारण बन रही है।


डूमस्क्रॉलिंग का खतरा: लगातार ग्राफिक इमेजेज, गुस्सा भड़काने वाली खबरें और निगेटिव न्यूज मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। मस्तिष्क का ऐमिगडाला हिस्सा अत्यधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे व्यक्ति हाइपर-अलर्ट मोड में चला जाता है और लगातार खतरा महसूस करता है। 36% भारतीय किशोर रोजमर्रा की जिंदगी में सोशल मीडिया कंटेंट से तनाव और चिंता का सामना करते हैं। न्यूरल सर्किट्री रीवायर हो जाती है, नकारात्मक जानकारी पर ध्यान तेज, सकारात्मक चीजों पर ध्यान कम। लगातार निगेटिव कंटेंट देखने से चिंता और अवसाद का खतरा बढ़ता है। तनाव के कारण नींद का पैटर्न बिगड़ता, और व्यक्ति रिश्तों और समाज से दूर होने लगता है। निर्णय लेने की क्षमता और मस्तिष्क की कार्यक्षमता घट जाती है।

डूमस्क्रॉलिंग से बचने के उपाय: स्क्रीन टाइम सीमित करेंः सोशल मीडिया का समय घटायें।

सोने से पहले डिजिटल डिटॉक्सः नकारात्मक न्यूज या सोशल मीडिया से दूरी बनायें।

सकारात्मक गतिविधियों पर ध्यान देंः पढ़ाई, कला, मेडिटेशन।

नियमित व्यायाम और नींद सुधारेंः शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखें।





बोकारो: बड़ा ऐलानः ठेका श्रमिकों को मिलेगा त्योहार से पहले बोनस

बोकारो स्टील प्लांट (BSL) अपने ठेका श्रमिकों को शारदीय नवरात्र से पहले बोनस देगी। संयंत्र प्रबंधन ने घोषणा की है कि प्रत्येक योग्य ठेका मजदूर को बोनस मद में न्यूनतम 10 हजार और अधिकतम 16 हजार तक का भुगतान किया जायेगा। यह राशि उनके एक महीने के वेतन के बराबर होगी।

भुगतान की प्रक्रिया इसी सप्ताह से शुरू होगी। राशि सीधे श्रमिकों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जायेगी। लगभग 22 हजार ठेका श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। सेल (SAIL) प्रबंधन ने बोकारो इस्पात संयंत्र समेत सभी इकाइयों में ठेका श्रमिकों को उनके सालाना मूल वेतन का 8.33% बोनस देने का फैसला किया है। यह सुविधा सिर्फ उन श्रमिकों को मिलेगी जिनका मासिक वेतन 21,000 रुपये से कम है। ए कैटेगरी और जनरल कैटेगरी, दोनों ग्रेड के श्रमिक इसमें शामिल हैं। ग्रेड के अनुसार ही बोनस की राशि तय की गई है। BSL ने सभी ठेकेदारों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि निर्धारित समय पर बोनस का भुगतान किया जाये। नियम तोड़ने वाले ठेकेदारों पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।






IND vs PAK: हार्दिक पांड्या का धमाका, फखर जमां को आउट कर रचा नया इतिहास

IND vs PAK: हार्दिक पांड्या ने फखर जमां को आउट करते ही बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, कोई गेंदबाज नहीं कर पाया ऐसा काम

भारतीय टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच में रिकॉर्ड बना दिया है। पांड्या ने फखर जमां को आउट कर ये रिकॉर्ड बनाया है और अपने एक खास सिलसिले को भी जारी रखा है। पांड्या ने जो रिकॉर्ड अपने नाम किया है और जो सिलसिला बरकरार रखा है वो आसान नहीं है।

Jolly LLB 2 ने तोड़ा रेड 2 का रिकॉर्ड

बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार और अरशद वारसी की लेटेस्ट फिल्म जॉली एलएलबी 3 अच्छा प्रदर्शन कर रही है। रिलीज के दूसरे दिन कमाई के मामले में इस मूवी ने अजय देवगन की रेड 2 को पीछे छोड़ दिया है।



झारखंड में कुड़मी समाज ने वापस लिया आंदोलन, मिला आश्वासन?

रांची:झारखंड में अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने और अपनी कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। कुड़मी समुदाय के लोगों ने इस मामले पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक का आश्वासन मिलने पर रविवार को दो स्टेशन को छोड़कर बाकी सभी स्टेशन से अपना आंदोलन वापस ले लिया है।

कुड़मी विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष शीतल ओहदार ने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले के सिनी स्टेशन में जारी प्रदर्शन जल्द ही खत्म किया जाएगा, जबकि धनबाद जिले के प्रधानखंता में प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र बैठक की तारीख तय नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यालय से अमित शाह के साथ बैठक का आश्वासन मिलने के बाद हमने आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है। हालांकि, अभी तारीख तय नहीं हुई है। इस घटनाक्रम को देखते हुए हमने दो स्टेशन को छोड़कर बाकी सभी स्टेशन से आंदोलन वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सिनी से आंदोलन जल्द ही वापस ले लिया जाएगा, जबकि प्रधान खंता में यह तब तक जारी रहेगा जब तक केंद्र द्वारा बैठक की तारीख तय नहीं कर दी जाती।

निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए, हजारों प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को आदिवासी कुड़मी समाज (एकेएस) के बैनर तले रांची जिले के मुरी, राय, टाटीसिलवई स्टेशन, रामगढ़ के बरकाकाना, गिरिडीह के पारसनाथ, हजारीबाग के चरही, धनबाद के प्रधान खंता हंता, पूर्वी सिंहभूम के गालूडीह और बोकारो जिले के चंद्रपुरा में विभिन्न स्टेशन पर पटरियों पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने समुदाय के लिए अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा और संविधान की आठवीं अनुसूची में कुड़माली भाषा को शामिल करने की मांग की। एक अधिकारी ने बताया कि कुड़मी समुदाय के सदस्यों के रेल रोको आंदोलन के कारण शनिवार को सौ से अधिक ट्रेन या तो रद्द कर दी गईं, या उनका मार्ग परिवर्तित करना पड़ा या फिर उनकी यात्रा अंतिम ठहराव से पूर्व समाप्त कर दी गई।






नवरात्रि में बाल कटवा सकते हैं, लहसुन-प्याज खा सकते हैं? जानिए क्या नहीं करना चाहिए और क्यों

दिल्ली : पूरा देश माता रानी के आगमन की तैयारियों में व्यस्त है। शक्ति आराधना के महापर्व की शुरुआत 22 सितंबर से होने जा रही है। शारदीय नवरात्रि में मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी के साथ ही इस पर्व की समाप्ति होगी। इस दौरान देवी दुर्गा के आराधक उपवास रखते हैं। साधकों को पूजा-पाठ के अलावा इन नौ दिनों में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए। ताकि व्रत की पवित्रता और शुभता बनी रहे। ज्योतिषियों के अनुसार, सामान्य और छोटी लगने वाली गलतियां आपका व्रत खंडित कर सकती हैं। चलिए जानते हैं नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए।

1.लहसुन-प्याज खाने को क्यों किया जाता है मना?

धर्म के जानकारों के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन को त्याग देना चाहिए। इन नौ दिनों में मांस, मछली और अंडा नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही प्याज और लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये तामसिक माने जाते हैं। इन चीजों का उपयोग व्रत में पूरी तरह से वर्जित है।

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, प्याज और लहसुन को राहु और केतु का प्रतीक माना गया है। अमृतपान करने वाले दैत्य को जब भवगवान विष्णु ने दो सुदर्शन चक्र से दो हिस्सो में अलग कर दिया जब उसके रक्त की दो बूंदे धरती पर गिरीं, जिससे लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई। इसी कारण ये तामसिक भोजन में आते हैं।

वहीं, इसके पीछे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, शारदीय नवरात्री सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में शुरु होते हैं। जब शरद ऋतु से शीत ऋतु आती है। मौसम में आ रहे बदलाव के चलते हमारे बॉडी की इम्युनिटी कम हो जाती है। ऐसे में खाने में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर की गर्मी बढ़ती है।

2.क्या नवरात्रि में बाल कटवा सकते हैं?

ज्योतिषों की माने तो नवरात्रि के दौरान दाढ़ी, बाल और नाखून काटने से परहेज करने को कहा जाता है। यह केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता का भी पर्व है। इन दिनों साधकों को अपना शरीर प्राकृतिक अवस्था में ही रखना चाहिए। आध्यात्मिक कारण है कि इन दिनों हमें अपनी भौतिक इच्छाओं और जरूरतों को कम से कम रखना चाहिए, क्योंकि यह समय तपस्या और साधना का होता है।

3.चमड़े का सामान ना पहने

शक्ति की उपासना के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान साधक को जितनी हो सके अपनी शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना चाहिए। इसके लिए इन नौ दिनों में चमड़े से बनी चीजों जैसे बेल्ट, पर्स और जूते का उपयोग करने से बचना चाहिए। चमड़ा पशुओं की खाल से तैयार किया जाता है। ऐसे में इसका उपयोग इन दिनों में वर्जित बताया गया है।

4.दिन के समय नहीं करना चाहिए आराम

ये नौ दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा को समर्पित होते हैं। ऐसे में अगर मां को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो साधकों को दिन के समय में नींद लेने से बचना चाहिए। इस पावन पर्व पर वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा होती है। ऐसे में इस दौरान अपना ज्यादा ज्यादा समय देवी का ध्यान, पूजा-पाठ और धर्म ग्रंथों का पाठ करने में लगाना चाहिए।

डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। न्यूज़ फास्ट एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।






झारखंड में 83 ट्रेनें रद्द, घंटों भूखे-प्यासे बैठे रहे बच्चे-बुजुर्ग, 2 लाख से अधिक यात्री हुए परेशान…

झारखंड:राज्यभर के अलग-अलग कुल 40 रेलवे स्टेशनों पर कल शनिवार को कुड़मी समाज के लोगों ने रेल टेका आंदोलन के तहत पटरियों पर उतर कर प्रदर्शन किया. इस दौरान अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने कई ट्रेनें रोकी. कल दिनभर राज्य में ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ. रेलवे को कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी, तो कई का रूट डायवर्ट किया गया. राज्यभर में कल शनिवार को कुल 83 ट्रेनें रद्द हुई. इस आंदोलन के कारण पूरे राज्य में 2 लाख से अधिक यात्री परेशान हुए, जिनमें बच्चे से लेकर महिला और बुजुर्ग सभी शामिल हैं.

जमशेदपुर में सबसे अधिक ट्रेनें हुई रद्द : रेल टेका आंदोलन के कारण रांची से कल कुल 14 ट्रेनें रद्द हुई, जबकि 20 ट्रेनों को रास्ते में रोका गया. इस दौरान 20 से अधिक मालगाड़ी भी फंसी. धनबाद से कुल 26 ट्रेनें कैंसिल हुई, जबकि 24 को डायवर्ट किया गया. इसके अलावा जमशेदपुर में सबसे अधिक कुल 43 ट्रेनें रद्द हुई. वहीं 31 ट्रेनें रास्ते में फंसी. आंदोलन के कारण केवल रांची और हटिया स्टेशन से जानेवाले 47 हजार रेल यात्री फंसे.

क्या है कुड़मी समाज की मांग?

उल्लेखनीय है कि एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर कुड़मी समाज ने रेल टेका आंदोलन की घोषणा की थी. इसे लेकर शनिवार को सुबह 4 बजे से ही रेलवे स्टेशनों पर लोग पहुंचने लगे थे. इस दौरान कई बार पुलिस प्रशासन के साथ बंद समर्थकों की झड़पें भी हुईं. धीरे-धीरे संख्या बढ़ती गयी और दिन चढ़ते-चढ़ते हजारों की संख्या में समुदाय के लोग रेल पटरियों पर बैठ गये. आंदोलनकारी देर रात तक रेलवे ट्रैक और स्टेशनों पर डटे रहे. आंदोलन के कारण रांची व हटिया स्टेशन से रवाना होनेवाली एक दर्जन ट्रेनों को रद्द कर दिया गया. वहीं एक दर्जन से अधिक ट्रेनें रांची व हटिया आने से पूर्व विभिन्न स्टेशनों पर रुकी रहीं. इस दौरान राज्य के विभिन्न स्टेशनों से सवार हुए लगभग दो लाख यात्रियों को भारी परेशानी हुई.






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