दिल्ली: हर दुकान को स्वदेशी से सजाना है, वो सामान खरीदें मेड इन इंडिया हो
दिल्ली :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST 2.0 की नई दरों के लागू होने से पहले देश को संबोधित किया. पीएम मोदी का 19 मिनट का ये 'एड्रेस टू द नेशन' 22 सितबंर से देश में जीएसटी 2.0 की नई दरें लागू होने से पहले हुआ.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन के जरिए लोगों से स्वदेशी अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि गर्व से कहो कि मैं स्वदेशी खरीदता हूं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी अपनाने से देश का विकास होगा और दुनिया के सामने हमारा सीना गर्व से चौड़ा होगा. पीएम मोदी ने इस संबोधन में GST रिफॉर्म्स को बचत उत्सव करार दिया.
पीएम मोदी बोले - हमें ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलना होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, …हम ‘नागरिक देवो भव’ के मंत्र पर चलते हुए आगे बढ़ रहे हैं और इसका असर हमें अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों में भी दिख रहा है. अगर हम आयकर में दी गई छूट और जीएसटी में दी गई छूट को जोड़ दें, तो सिर्फ एक साल में लिए गए फैसलों से देश की जनता को 2.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत होगी। और इसी वजह से मैं कहता हूँ, यह एक बचत महोत्सव है.
देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ: देश के नाम संबोधन में बोले पीएम मोदी: पीएम मोदी ने कहा, जब आपने हमें 2014 में सेवा का अवसर दिया तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्यों की हर शंका का निवारण किया. हर सवाल का समाधान खोजा. सभी राज्यों को, सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया. यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ.
ज्यादा टैक्स का बोझ गरीबों को उठाना पड़ता था: पीएम मोदी: GST लागू होने से पहले लाखों कंपनियों और देश के करोड़ों लोगों को विभिन्न करों के जटिल जाल से काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. एक शहर से दूसरे शहर सामान भेजने की लागत में जो वृद्धि होती थी, उसका बोझ अंततः गरीबों को उठाना पड़ता था यह लागत ग्राहकों से वसूली जाती थी. देश को इस स्थिति से बाहर निकालना अत्यंत आवश्यक था. इसलिए जब आपने हमें वर्ष 2014 में सेवा का अवसर दिया, तो हमने जनहित और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए जीएसटी को अपनी प्राथमिकता बनाया. हमने प्रत्येक हितधारक से संवाद किया और राज्यों को भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाया. सभी को साथ लेकर ही आज़ाद भारत में इतना व्यापक कर सुधार संभव हो सका.
अलग अलग जाल में उलझे थे व्यापारी, पीएम मोदी ने सुनाया किस्सा: पीएम मोदी ने कहा, देश के व्यापारी अलग अलग टैक्स के जाल में उलझे हुए थे. एंट्री टैक्स, सेल्स टैक्स, एक्साइज, सर्विस टैक्स, वैट… न जाने दर्जनों टैक्स हमारे व्यापारियों पर थे. एक जगह से दूसरे जगह माल भेजना हो तो न जाने कितने फार्म भरने होते थे. कितनी रुकवाटें थीं, जब 2014 में देश ने मुझे जिम्मेदारी सौंपी तो उसी वक्त एक विदशी अखबार में एक खबर छपी. लिखा था कि अगर एक कंपनी को बेंगलुरु से हैदराबाद अपना सामान भेजना हो तो इतना कठिन था कि वह कंपनी अपना सामान बेंगलुरु से यूरोप भेजे और फिर वही सामान यूरोप से हैदराबाद भेजे. यह तब के हालात थे. यह सिर्फ एक पुराना उदाहरण है. तब ऐसी लाखों कंपनियों को झेलना होता है.
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