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सोमवार, 22 सितंबर 2025

सरायकेला में वृद्धाश्रम में धूमधाम से मनाई गई महाराजा अग्रसेन जयंती

महाराजा अग्रसेन अहिंसा के पुजारी एवं समाजवाद के प्रणेता थे उन्होंने वैदिक धर्म और संस्कृति के आदर्शों का पालन करते हुए नैतिक मूल्यों को पुनः स्थापित किया - मनोज कुमार चौधरी 


सरायकेला : सरायकेला जिला मारवाड़ी सम्मेलन द्वारा सरायकेला स्थित वृद्धाश्रम में बुजुर्गों के संग धूमधाम से श्री अग्रसेन जयंती मनाई सर्वप्रथम अग्रसेन महाराज जी के तैलीय चित्र पर हिंदी प्रज्वलित किया एवं माल्यार्पण कर श्रद्धां सुमन अर्पित करते की उसके उपरांत वृद्धजनों के बीच फल, मिठाई, बिस्कुट शीतल पेय इत्यादि का वितरण किया

उक्त अवसर पर संबोधित करते हुए जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष सह नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि हमें गर्व है कि हम अग्रकुल से हैं समाज सेवा हमे विरासत में मिली है हमारे रग रग में महाराजा अग्रसेन का खून समाहित है उन्होंने कहा कि हमारे अग्रवाल समाज के पितामह और "कुल प्रवर्तक" सूर्यवंशी जिन्होंने क्षत्रिय परंपरा और शासन को छोड़कर समाज सेवा के लिए क्षत्रिय कुल से वणिक (वैश्य) धर्म अपनाकर सामाजिक और व्यावसायिक समरसता की नींव रखी महाराजा अग्रसेन जी ने सभी वर्गों के लिए समान अवसरों के निर्माण पर जोर दिया, जिससे समाज में समानता और भाईचारा बना वे अहिंसा के पुजारी एवं समाजवाद के प्रणेता थे महाराजा श्री अग्रसेन जी शासनकाल में कृषि-व्यापार, उद्योग और गौपालन के विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की पुनः प्रतिष्ठा की गई, जिससे अग्रोदय गणराज्य ने खूब तरक्की की।

महाराजा अग्रसेन ने समाज को मेहनत, नैतिकता, उद्यमिता और समाज सेवा की ओर प्रेरित किया. इसलिए अग्रवाल समाज आज भी व्यापार के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी माने जाते है. सूर्यवंशी राजा होने के बावजूद उनकी विनम्रता, उद्यमिता, व्यापार और समाजसेवा की नीति उन्हें अन्य समकालीन राजाओं से अलग करती है. समाजसेवा, शासन-व्यवस्था की उनकी खूबियां उन्हें आज प्रासंगिक है. महाराजा अग्रसेन आज भी हजारों साल बाद जन-जन की जुबान पर हैं.

इस प्रकार, महाराजा अग्रसेन न केवल एक शासक थे बल्कि एक ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने समाजवाद, व्यापार और नैतिक मूल्यों की नींव रखी, जिससे अग्रवाल समाज का एक विशिष्ट स्थान बना। 

जिला अग्रवाल सम्मेलन के जिला उपाध्यक्ष सह चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि महाराजा अग्रसेन समाजवाद के अग्रदूत थे उन्होंने सर्वप्रथम आत्मनिर्भर राज्य की नींव रखी उन्होंने राज्य में आने वाले नवागंतुक परिवार को सक्षम बनाने के लिए 'एक ईंट, एक रुपया' की नीति बनाकर समाज की भलाई की,उन्होंने समाजवाद और समानता की एक नई परिभाषा गढ़ी जब अग्रोहा राज्य में कोई नया व्यक्ति इस इरादे से आता कि वह यहीं रुककर व्यापार करेगा तो उसकी मदद में राजा तो खड़े ही रहते थे साथ में नगर की जनता भी मदद को लिए सामने आती थी हर घर से एक ईंट और एक रुपया नवागंतुक परिवार को दिया जाता था, जो उस जमाने में किसी भी परिवार को स्थापित होने में बहुत मददगार साबित होता था।

महाराजा अग्रसेन का मानना था कि इस मदद से कोई भी व्यक्ति अपना घर-व्यापार जमा सकेगा और न तो राज्य पर बोझ पड़ेगा और न ही जनता पर. सब मिल जुलकर एक-दूसरे की मदद का भाव रखते थे. इसी में सबकी भलाई छिपी हुई थी. यह एक तरह का प्राचीन आत्मनिर्भरता, सामाजिक सुरक्षा और समान अवसर का मॉडल था।

मौके पर जिला मारवाड़ी सम्मेलन के सदस्य सह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ संचालक सत्यनारायण अग्रवाल जिला मारवाड़ी सम्मेलन के वरिष्ठ सदस्य राजकुमार अग्रवाल, जिला उपाध्यक्ष अरुण सेक्सरिया मारवाड़ी सम्मेलन सरायकेला शाखा अध्यक्ष विष्णु अग्रवाल जिला मारवाड़ी सम्मेलन के मीडिया प्रभारी दिनेश अग्रवाल एवं काफी संख्या में जिला मारवाड़ी सम्मेलन के सदस्य, वृद्धा आश्रम के स्टाफ एवं वृद्धजन उपस्थित थे।






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