दिल्ली : पूरा देश माता रानी के आगमन की तैयारियों में व्यस्त है। शक्ति आराधना के महापर्व की शुरुआत 22 सितंबर से होने जा रही है। शारदीय नवरात्रि में मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी के साथ ही इस पर्व की समाप्ति होगी। इस दौरान देवी दुर्गा के आराधक उपवास रखते हैं। साधकों को पूजा-पाठ के अलावा इन नौ दिनों में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए और कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें करने से बचना चाहिए। ताकि व्रत की पवित्रता और शुभता बनी रहे। ज्योतिषियों के अनुसार, सामान्य और छोटी लगने वाली गलतियां आपका व्रत खंडित कर सकती हैं। चलिए जानते हैं नवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए।
1.लहसुन-प्याज खाने को क्यों किया जाता है मना?
धर्म के जानकारों के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान तामसिक भोजन को त्याग देना चाहिए। इन नौ दिनों में मांस, मछली और अंडा नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही प्याज और लहसुन का सेवन भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये तामसिक माने जाते हैं। इन चीजों का उपयोग व्रत में पूरी तरह से वर्जित है।
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, प्याज और लहसुन को राहु और केतु का प्रतीक माना गया है। अमृतपान करने वाले दैत्य को जब भवगवान विष्णु ने दो सुदर्शन चक्र से दो हिस्सो में अलग कर दिया जब उसके रक्त की दो बूंदे धरती पर गिरीं, जिससे लहसुन-प्याज की उत्पत्ति हुई। इसी कारण ये तामसिक भोजन में आते हैं।
वहीं, इसके पीछे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, शारदीय नवरात्री सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में शुरु होते हैं। जब शरद ऋतु से शीत ऋतु आती है। मौसम में आ रहे बदलाव के चलते हमारे बॉडी की इम्युनिटी कम हो जाती है। ऐसे में खाने में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर की गर्मी बढ़ती है।
2.क्या नवरात्रि में बाल कटवा सकते हैं?
ज्योतिषों की माने तो नवरात्रि के दौरान दाढ़ी, बाल और नाखून काटने से परहेज करने को कहा जाता है। यह केवल बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता का भी पर्व है। इन दिनों साधकों को अपना शरीर प्राकृतिक अवस्था में ही रखना चाहिए। आध्यात्मिक कारण है कि इन दिनों हमें अपनी भौतिक इच्छाओं और जरूरतों को कम से कम रखना चाहिए, क्योंकि यह समय तपस्या और साधना का होता है।
3.चमड़े का सामान ना पहने
शक्ति की उपासना के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान साधक को जितनी हो सके अपनी शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखना चाहिए। इसके लिए इन नौ दिनों में चमड़े से बनी चीजों जैसे बेल्ट, पर्स और जूते का उपयोग करने से बचना चाहिए। चमड़ा पशुओं की खाल से तैयार किया जाता है। ऐसे में इसका उपयोग इन दिनों में वर्जित बताया गया है।
4.दिन के समय नहीं करना चाहिए आराम
ये नौ दिन पूरी तरह से देवी दुर्गा को समर्पित होते हैं। ऐसे में अगर मां को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो साधकों को दिन के समय में नींद लेने से बचना चाहिए। इस पावन पर्व पर वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा होती है। ऐसे में इस दौरान अपना ज्यादा ज्यादा समय देवी का ध्यान, पूजा-पाठ और धर्म ग्रंथों का पाठ करने में लगाना चाहिए।
डिस्क्लेमर : यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। न्यूज़ फास्ट एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।
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