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रविवार, 12 अक्टूबर 2025

स्वतंत्रता सेनानी डा० राम मनोहर लोहिया के सप्त क्रांति सिद्धांत के आज भी प्रासंगिक है - मनोज चौधरी

सरायकेला : सरायकेला जिला मारवाड़ी सम्मेलन के जिला अध्यक्ष सह नगर पंचायत के उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने स्वतंत्रता सेनानी डा० राम मनोहर लोहिया जी की पुण्यतिथि पर सरायकेला स्थित देहुरीडीह के बच्चों बीच मिठाई बांटकर हर्षोल्लास मनाया गया।

उक्त अवसर पर उन्होंने कहा कि डाक्टर राम मनोहर लोहिया जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाते हुए ब्रिटिश शासन के अंतिम चरण के दौरान, उन्होंने कांग्रेस रेडियो के साथ काम किया, जो 1942 तक बॉम्बे के विभिन्न स्थानों से गुप्त रूप से प्रसारित किया जाता था।उनके शब्दों में, उनका उद्देश्य "नेतृत्वविहीन आंदोलन को बनाए रखने के लिए जनता तक आवश्यक जानकारी पहुँचाना" था। इसके बाद 1944 में उन्हें पकड़ लिया गया और लाहौर किले में कैद कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि समाजवादी विचारधारा के विकास में श्रद्धेय राम मनोहर लोहिया जी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण और अद्वितीय है, चार स्तंभ राज्य और सात क्रांतियों जैसे उनके समाजवादी विचार, वे छोटी इकाई प्रौद्योगिकी के समर्थक और आधुनिक सभ्यता के आलोचक भी थे सप्त क्रांति सिद्धांत के प्रतिपादक डॉ. राम मनोहर लोहिया हैं। उन्होंने लैंगिक भेदभाव, जातिगत शोषण और राजनीतिक-आर्थिक असमानताओं जैसी सात प्रकार की क्रांतियों के माध्यम से एक समतामूलक समाज की स्थापना के लिए यह विचार प्रतिपादित किया था।


लोहिया जी का विचार है कि विश्व के विभिन्न देशों में यदि आर्थिक विषमताएं है तो उसका अलग कारण है परंतु भारत में आर्थिक विषमता का मूल कारण है जाति व्यवस्था का होना आर्थिक विषमता का मूल कारण है जाति व्यवस्था का होना। जाति व्यवस्था ने भारत में समाज को दो वर्गों में विभाजित किया हैं- शोषक वर्ग एवं शोषित वर्ग, डा० राम मनोहर लोहिया जी विचार आज भी समाज में प्रासंगिक और अनुकरणीय है

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