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Saubhagya Bharat News

हम सौभाग्य भारत देश और दुनिया की महत्वपूर्ण एवं पुष्ट खबरें उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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मंगलवार, 2 सितंबर 2025

तुपुदाना ओपी की पूर्व प्रभारी मीरा सिंह की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने दाखिल की प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन

 तुपुदाना ओपी की पूर्व प्रभारी दारोगा मीरा सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें कांड संख्या ECIR 8/2025 में अभियुक्त बनाते हुए प्रॉसिक्यूशन कंप्लेन (PC) दाखिल की है। हालांकि फिलहाल विशेष PMLA कोर्ट ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है। कोर्ट ने 17 सितंबर को मामले की सुनवाई तय की है। ED ने मार्च 2024 में मीरा सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 12.50 लाख रुपये नकद और आठ मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। पूछताछ में वह रुपयों के स्रोत को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाईं।


गौरतलब है कि मीरा सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। खूंटी में पदस्थापन के दौरान ACB ने उन्हें 10 हजार रुपये घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। उसी केस को आगे बढ़ाते हुए ED ने अब मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। जानकारों के मुताबिक, यह पहला मामला है जब किसी पुलिस अधिकारी को ED ने अभियुक्त बनाया है। ACB के केस में वह जमानत पर बाहर हैं, लेकिन ED की कार्रवाई से उनकी कानूनी परेशानी और बढ़ गई है।

अक्टूबर तक 50% फंड खर्च करें, तभी मिलेगा 1020 करोड़ : मुख्य सचिव

राँची : झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी जिलों के DC को निर्देश दिया है कि वे 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य मद में मिली राशि का 50 प्रतिशत खर्च अक्टूबर के मध्य तक सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जब तक 50 प्रतिशत राशि का उपयोग नहीं होगा, तब तक केंद्र से 1020.27 करोड़ रुपये की बकाया राशि पर दावा नहीं किया जा सकेगा। सोमवार को मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य मद की प्रगति की समीक्षा बैठक की। उन्होंने तमाम DC को मिशन मोड में काम करने और इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि काम की गति पर लगातार नज़र रखी जा सके।

मुख्य सचिव ने कहा कि जहां भवन निर्माण पूरा हो चुका है, वहां तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल की जाएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि भवन बनकर तैयार है तो उसका उपयोग भी सुनिश्चित होना चाहिए। साथ ही हर सप्ताह इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन भवनों का निर्माण पूरा हो गया है, उनका भुगतान कर दिया जाए और संबंधित डाटा को समय पर अपडेट किया जाए। जरूरत पड़ने पर संबंधित विभाग से संपर्क कर समस्याओं का समाधान कराने पर भी जोर दिया गया। बैठक के दौरान उपायुक्तों ने बताया कि बारिश की वजह से काम की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन 15 अक्टूबर तक 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा।


1344 करोड़ से बन रहे स्वास्थ्य केंद्र

15वें वित्त आयोग की राशि से झारखंड के विभिन्न इलाकों में 1344.08 करोड़ रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई (BPHU), शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (UAAM) और पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PM-ABHIM) के तहत स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है।


अभी और बनेंगे 168 स्वास्थ्य केंद्र

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि निर्माण के लिए जमीन चयन में अंचलाधिकारियों का सहयोग लें। उन्होंने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लाभुकों का KYC कराने में आपूर्ति और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया।


उन्होंने बताया कि राज्य में 168 नए स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना है। इन्हें विशेषकर सुदूर ग्रामीण और आदिम जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। उपायुक्तों से कहा गया कि वे 15 दिनों के भीतर स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव भेजें। इसके अलावा 948 पंचायतों में स्वास्थ्य उप केंद्र भी बहाल करने की योजना है।

रांची में कांग्रेस दफ्तर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं का हंगामा, तनाव के बाद पुलिस ने संभाला मोर्चा

रांची :बिहार के दरभंगा में महागठबंधन के एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं ने रांची में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर नारेबाज़ी की और जमकर हंगामा किया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।

हंगामे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी झड़प भी देखने को मिली। हालात बिगड़ते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल भी बुलाया गया।


रांची पुलिस के डीएसपी संजीव कुमार बेसरा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है। प्रदर्शन के दौरान कुछ कहासुनी हुई थी, लेकिन फिलहाल सब शांत है और किसी बड़ी घटना की कोई जानकारी नहीं है।"


इस बीच, बिहार से भी एक अहम अपडेट सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की उस दलील को संज्ञान में लिया है जिसमें कहा गया है कि बिहार के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में 1 सितंबर की समयसीमा के बाद भी दावे और आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने समयसीमा को बढ़ाने का कोई आदेश नहीं दिया है।


इसके अलावा कोर्ट ने बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (BLSA) को निर्देश दिया है कि वह सभी जिलों में पैरा लीगल वॉलंटियर्स की नियुक्ति करे, जो मतदाताओं और राजनीतिक दलों को ऑनलाइन दावे, आपत्तियां और सुधार दर्ज कराने में मदद करेंगे। हर वॉलंटियर को इसके बाद एक गोपनीय रिपोर्ट जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष होते हैं) को सौंपनी होगी। ये सूचनाएं बाद में राज्य स्तरीय प्राधिकरणों के माध्यम से संकलित की जाएंगी।


इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में यह भी देखा गया कि भाजपा कार्यकर्ताओं की मांग थी कि कांग्रेस की ओर से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी जाए और राहुल गांधी इस पर बयान दें। प्रदर्शन के दौरान कुछ भावनात्मक अपीलें भी की गईं और कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपने घरों पर झंडा उतारने जैसी व्यक्तिगत प्रतिक्रियाएं दीं।

दरभंगा में हुई टिप्पणी ने झारखंड की सियासत को भी गर्मा दिया है और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सियासी बयानबाज़ी और तेज़ हो सकती है। प्रशासन सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी में है।

राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में आज शामिल होंगे हेमंत सोरेन, गठबंधन की एकता का देंगे संदेश

रांची :झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को पटना में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होंगे। पटना में वोटर अधिकार यात्रा के समापन समारोह में शामिल होकर राहुल-तेजस्वी-हेमंत गठबंधन की एकता का संदेश देंगे। झारखंड के कांग्रेस नेता भी इसमें शामिल होंगे। माना जा रहा है कि हेमंत सोरेन के इस दौरे में बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर कोई चर्चा हो सकती है।






रांची एयरपोर्ट का नया शेड्यूल जारी

रांची : राजधानी रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से सफर करने वाले यात्रियों के लिए सितंबर में कुछ बदलाव किये गये हैं। एयरपोर्ट प्रबंधन ने 1 से 30 सितंबर तक के लिए विमानों का नया टाइमटेबल जारी किया है। नये शेड्यूल के मुताबिक, अब रांची से कुल 24 फ्लाइट्स संचालित होंगी, जो पहले 27 थीं, यानी तीन उड़ानें घटा दी गई हैं।

सुझाए गए समाचार

इन रूटों पर अब भी सीधी फ्लाइट

दिल्ली – 7 फ्लाइट

बेंगलुरु – 4 फ्लाइट

मुंबई और कोलकाता – 3-3 फ्लाइट

हैदराबाद – 2 फ्लाइट

पटना, पुणे, अहमदाबाद, चेन्नई, भुवनेश्वर – 1-1 फ्लाइट


इंडिगो और एयर इंडिया एक्सप्रेस की उड़ानें नियमित रूप से जारी रहेंगी।


कनेक्टिंग फ्लाइट्स की सुविधा भी

अब यात्रियों को कई शहरों के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी मिलेंगी। एयरपोर्ट निदेशक आर.आर. मौर्या के मुताबिक, बोर्डिंग एक ही बार होगी और यात्री बिना दोबारा चेक-इन के अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे।



कनेक्टिंग रूट्स इस प्रकार हैं


भुवनेश्वर – वाया मुंबई


इंदौर – वाया दिल्ली


गुवाहाटी – वाया बेंगलुरु


विशाखापत्तनम – वाया हैदराबाद


त्रिवेंद्रम – वाया बेंगलुरु

रांची : झारखंड में नई शराब नीति लागू, कीमतों में आया बड़ा बदलाव

रांची : 1 सितंबर 2025 से झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू कर दी गई है, जिससे राज्य की शराब बिक्री व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है। इस नई नीति के तहत अब खुदरा शराब दुकानों का संचालन पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया है। राज्यभर में कुल 1343 शराब दुकानें संचालित होंगी, जिनमें 1184 कंपोजिट (विदेशी और देशी दोनों प्रकार की बिक्री वाली) दुकानें और 159 केवल देशी शराब की दुकानें शामिल हैं।

नई शराब नीति लागू होने के साथ ही शराब की कीमतों में भी बड़ा फेरबदल हुआ है। देश में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की कीमतों में 300 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं, विदेश में निर्मित विदेशी शराब की कीमतों में 6000 रुपये तक की कटौती की गई है, जिससे इन ब्रांड्स के शौकीनों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, देशी शराब और बीयर की कीमतों में भी लगभग 20 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।


रांची जिला खुदरा वाइन एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन प्रसाद साव ने इस नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निजीकरण से व्यवसाय में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी, लेकिन कीमतों में बदलाव आम उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मूल्य निर्धारण के मामले में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि नीति का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंचे।


सरकार की इस नई नीति को जहां व्यापारिक समुदाय संभावनाओं के रूप में देख रहा है, वहीं उपभोक्ताओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या यह बदलाव सुविधाजनक साबित होगा या बोझ बढ़ाएगा। अब आने वाला समय ही बताएगा कि यह नीति राज्य के राजस्व और जनता की संतुष्टि के बीच संतुलन बना पाती है या नहीं।

बिहार के बाद बंगाल में चुनाव: आखिर क्यों विरोध का झंडा उठाये हुए है तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी

बिहार के बाद बंगाल में भी चुनाव होने है.  भाजपा की बड़ी इच्छा है कि बंगाल में भी उसका झंडा लहराए , लेकिन ममता बनर्जी इसमें बाधक बनी हुई है.  अगले साल बंगाल में भी चुनाव होने हैं और इसको लेकर दोनों तरफ से तैयारी शुरू हो गई है.  इस बीच जो खबरें निकलकर आ रही है, उसके अनुसार तृणमूल कांग्रेस में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है.  चर्चित सांसद कल्याण बनर्जी कतिपय सांसदों के खिलाफ विरोध का झंडा लिए हुए है.  तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी की पार्टी सांसदों के प्रति नाराजगी फिर सामने आई है.  कुछ दिन पहले सांसद महुआ मोइत्रा के साथ विवाद हुआ था. 

पुरानी  बात को याद कर साधा निशाना 


कल्याण बनर्जी ने पुरानी घटना को सामने लाते हुए कहा कि तत्कालीन सांसद रमेश बिधूड़ी  लोकसभा में जब हमारे सांसद महुआ मोइत्रा के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे, जो स्वीकार करने योग्य नहीं थी.  मैंने इसका विरोध किया ,तो मुझे भाजपा सांसदों ने धमकी दी.  उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से  हमारी उप नेता  शताब्दी राय ,उस वक़्त खामोश रही.  हमारी पार्टी के कोई भी सांसदों ने कुछ नहीं कहा.  समाजवादी पार्टी के सांसद मेरे समर्थन में आये.  उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री और तृणमूल  सुप्रीमो ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के पास पार्टी नेताओं से संबंधित सारे तथ्य  नहीं पहुंच पाते.  बहुत सी बातें फिल्टर होकर पहुंचती है. 


 महुआ मोइत्रा  के साथ फिलहाल कल्याण बनर्जी के कड़वे संबंध है

 

महुआ मोइत्रा  के साथ फिलहाल कल्याण बनर्जी के कड़वे संबंध है.  दोनों के बीच पिछले दिनों विवाद  हुआ.  इसी विवाद की वजह से कल्याण बनर्जी को  लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से  इस्तीफा देना पड़ा था.  अब कल्याण बनर्जी के निशाने पर शताब्दी राय है.  ऐसे में क्या कल्याण बनर्जी  तृणमूल  कांग्रेस में घुटन  महसूस कर रहे हैं? क्या ममता दीदी की  पार्टी को छोड़कर वह अलग हो सकते हैं? इस तरह की तमाम बातें हवा में तैर  रही है.

टेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, अब टेट पास करने वाले शिक्षकों को ही मिलेगी पदोन्नति

रांची :TET मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सर्वोच्चता स्थापित करते हुए किसी भी प्रकार की पद प्रोन्नति में TET को अनिवार्य कर दिया है। यह मामला देश के कई राज्यों में शिक्षकों की प्राथमिक स्तर ( 1 से 5 ) से उच्च प्राथमिक स्तर (6 से 8) और उच्च प्राथमिक स्तर से प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति से संबंधित है। इसमें झारखंड से झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ भी प्रार्थी के रूप में शामिल रहा।

इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था मामला

संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री आनंद किशोर साहू और महासचिव श्री बलजीत कुमार सिंह ने बताया कि पूरे देश सहित झारखंड राज्य के TET उत्तीर्ण योग्यताधारी शिक्षक देश में RTE अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने की मांग कर रहे थे। इसके लिए NCTE द्वारा पूर्व में भी सभी प्रोन्नति में TET अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी की गई है, जिसको राज्य सरकार द्वारा अनदेखा कर बिना TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ग्रेड 4 में प्रोन्नति दी जा रही थी। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया था।

नियुक्त शिक्षकों को 2 वर्ष में पास करनी होगी टेटे

सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रोन्नति में TET अनिवार्य करने के साथ ही RTE अधिनियम से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी प्रोन्नति पाने हेतु दो वर्ष के भीतर TET उत्तीर्ण कर लेने की समय सीमा निर्धारित कर दी है। जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें TET उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं होगी, लेकिन वे प्रोन्नति के हकदार नहीं होंगे। इस आदेश के आने के बाद अब राज्य में ग्रेड 4 और ग्रेड 7 प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो गया है और केवल TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ही प्रोन्नति मिलेगी। इस मामले के साथ अल्पसंख्यक विद्यालयों की शिक्षक नियुक्ति के TET की अनिवार्यता पर भी सुनवाई हुई जिसे आगे सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को सुपुर्द कर दिया गया। उपर्युक्त आशय की पुष्टि झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने भी की है।

सोनपुर मंडल से हटाए गए 9 स्टेशन, अब समस्तीपुर मंडल में होंगे शामिल

बिहार: मुजफ्फरपुर जंक्शन समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन आज से हो जाएगा। दोनों मंडलों के बीच परिचालन से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को देखते हुए रेलवे ने यह बदलाव किया है। इसके तहत सोनपुर मंडल के मुजफ्फरपुर समेत नौ स्टेशनों को समस्तीपुर मंडल में शिफ्ट किया गया है। इनमें नारायणपुर अनंत, सिलौत, विष्णुपुर बथुआ हाल्ट, सिहो, ढोली, दुबहा, खुदीराम बोस पूसा और कर्पूरीग्राम स्टेशन शामिल हैं। दरअसल, कपरपुरा, जुब्बा सहनी और कर्पूरीग्राम स्टेशन से पहले तक समस्तीपुर का क्षेत्राधिकार था।

यहां के बाद मुजफ्फरपुर आने के लिए ट्रेनों को समस्तीपुर और सोनपुर कंट्रोल से अनुमति लेनी होती थी। इसमें समय लगता था। बदलाव के बाद यह प्रक्रिया खत्म होने से अनुमति के लिए ट्रेनों को नहीं रुकना पड़ेगा।


पूर्व मध्य रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र के मुताबिक यह निर्णय रेलवे परिचालन को अधिक सुव्यवस्थित और कुशल बनाएगा। रेलवे संचालन और रखरखाव प्रभावी ढंग से हो सकेगा।मुजफ्फरपुर-हाजीपुर रेलखंड पर सोनपुर व समस्तीपुर मंडल की नयी क्षेत्राधिकार सीमा मुजफ्फरपुर-रामदयालुनगर स्टेशनों के बीच का किलोमीटर 50 होगा। इसके अलावा समस्तीपुर-बरौनी रेलखंड में उजियारपुर और हाजीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड में रामदयालुनगर इंटरचेंज प्वाइंट के रूप में काम करेगा।


दोनों स्टेशन डिविजनल इंटरचेंज प्वाइंट के रूप में कार्यरत होंगे। पहले समस्तीपुर और सोनपुर मंडल के बीच में समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर जंक्शन इंटरचेंज प्वाइंट स्टेशन के रूप में काम करता था। अब इसे बदल कर उजियारपुर और रामदयालुनगर किया गया है।अमृत भारत योजना के तहत मुजफ्फरपुर को विश्वस्तरीय जंक्शन बनाने का काम चल रहा है। बदले हालात में इसकी मॉनिटरिंग बॉडी भी बदल जाएगी। अब समस्तीपुर मंडल निगरानी करेगा। करीब 450 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत जंक्शन को विकसित किया जा रहा है।

वोटर अधिकार यात्रा : इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता होंगे शामिल

पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी बीच, इंडिया गठबंधन ने 17 अगस्त से शुरू की गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन आज यानी सोमवार को पटना में करने जा रहा है। यह मार्च गांधी मैदान से शुरू होकर हाईकोर्ट के पास बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मूर्ति तक जाएगा। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस मार्च की जोर-शोर से तैयारी की है। पटना की सड़कों पर बड़े पैमाने पर पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि इस यात्रा में भारी जनसमर्थन मिल रहा है, जिसने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और NDA की नींद उड़ा दी है। उन्होंने दावा किया कि आज पटना में इंडिया गठबंधन की एकता का शक्ति प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा। इस कार्यक्रम में झारखंड के CM हेमंत सोरेन, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई बड़े नेता शामिल होंगे।

राजद के प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य ‘वोट की चोरी’ को रोकना है। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इस यात्रा को खूब समर्थन दिया है। तेजस्वी यादव ने संकल्प लिया है कि बिहार में एक भी वोट की चोरी नहीं होने देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने पहले आधार कार्ड को मतदाता पहचान के लिए मानने से इनकार किया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसे स्वीकार करना पड़ा। साथ ही, 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाने की जानकारी भी कोर्ट के दबाव में सार्वजनिक की गई।

यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को बताना चाहिए कि गुजरात के एक नेता का नाम बिहार के मतदाता सूची में कैसे जुड़ा। उन्होंने कहा, “हम वोट की डकैती किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि मार्च गांधी मैदान से डाकबंगला तक जाएगा और इसके लिए प्रशासन से अनुमति मिल चुकी है। इस मार्च में टीएमसी सांसद युसूफ पठान, शिवसेना (उद्धव गुट) के संजय राउत और एनसीपी की सुप्रिया सुले सहित इंडिया गठबंधन के सभी प्रमुख नेता शामिल होंगे।

अब देखना यह है कि इस वोटर अधिकार यात्रा का आगामी विधानसभा चुनाव पर कितना असर पड़ता है और बिहार की जनता इंडिया गठबंधन पर कितना भरोसा जताती है।