रांची :TET मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सर्वोच्चता स्थापित करते हुए किसी भी प्रकार की पद प्रोन्नति में TET को अनिवार्य कर दिया है। यह मामला देश के कई राज्यों में शिक्षकों की प्राथमिक स्तर ( 1 से 5 ) से उच्च प्राथमिक स्तर (6 से 8) और उच्च प्राथमिक स्तर से प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति से संबंधित है। इसमें झारखंड से झारखंड प्रगतिशील शिक्षक संघ भी प्रार्थी के रूप में शामिल रहा।
इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था मामला
संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री आनंद किशोर साहू और महासचिव श्री बलजीत कुमार सिंह ने बताया कि पूरे देश सहित झारखंड राज्य के TET उत्तीर्ण योग्यताधारी शिक्षक देश में RTE अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने की मांग कर रहे थे। इसके लिए NCTE द्वारा पूर्व में भी सभी प्रोन्नति में TET अनिवार्य करने की अधिसूचना जारी की गई है, जिसको राज्य सरकार द्वारा अनदेखा कर बिना TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ग्रेड 4 में प्रोन्नति दी जा रही थी। इस वजह से सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया गया था।
नियुक्त शिक्षकों को 2 वर्ष में पास करनी होगी टेटे
सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रोन्नति में TET अनिवार्य करने के साथ ही RTE अधिनियम से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को भी प्रोन्नति पाने हेतु दो वर्ष के भीतर TET उत्तीर्ण कर लेने की समय सीमा निर्धारित कर दी है। जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष से कम बची है, उन्हें TET उत्तीर्ण करने की बाध्यता नहीं होगी, लेकिन वे प्रोन्नति के हकदार नहीं होंगे। इस आदेश के आने के बाद अब राज्य में ग्रेड 4 और ग्रेड 7 प्रधानाध्यापक की प्रोन्नति का मार्ग प्रशस्त हो गया है और केवल TET उत्तीर्ण शिक्षकों को ही प्रोन्नति मिलेगी। इस मामले के साथ अल्पसंख्यक विद्यालयों की शिक्षक नियुक्ति के TET की अनिवार्यता पर भी सुनवाई हुई जिसे आगे सुनवाई के लिए बड़ी बेंच को सुपुर्द कर दिया गया। उपर्युक्त आशय की पुष्टि झारखण्ड प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव बलजीत कुमार सिंह ने भी की है।
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