रांची : 1 सितंबर 2025 से झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू कर दी गई है, जिससे राज्य की शराब बिक्री व्यवस्था में बड़ा बदलाव हुआ है। इस नई नीति के तहत अब खुदरा शराब दुकानों का संचालन पूरी तरह से निजी हाथों में सौंप दिया गया है। राज्यभर में कुल 1343 शराब दुकानें संचालित होंगी, जिनमें 1184 कंपोजिट (विदेशी और देशी दोनों प्रकार की बिक्री वाली) दुकानें और 159 केवल देशी शराब की दुकानें शामिल हैं।
नई शराब नीति लागू होने के साथ ही शराब की कीमतों में भी बड़ा फेरबदल हुआ है। देश में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) की कीमतों में 300 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है, जिससे आम ग्राहकों की जेब पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। वहीं, विदेश में निर्मित विदेशी शराब की कीमतों में 6000 रुपये तक की कटौती की गई है, जिससे इन ब्रांड्स के शौकीनों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, देशी शराब और बीयर की कीमतों में भी लगभग 20 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रांची जिला खुदरा वाइन एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन प्रसाद साव ने इस नीति पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि निजीकरण से व्यवसाय में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा तो बढ़ेगी, लेकिन कीमतों में बदलाव आम उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को मूल्य निर्धारण के मामले में संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि नीति का लाभ सभी वर्गों तक समान रूप से पहुंचे।
सरकार की इस नई नीति को जहां व्यापारिक समुदाय संभावनाओं के रूप में देख रहा है, वहीं उपभोक्ताओं के बीच इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या यह बदलाव सुविधाजनक साबित होगा या बोझ बढ़ाएगा। अब आने वाला समय ही बताएगा कि यह नीति राज्य के राजस्व और जनता की संतुष्टि के बीच संतुलन बना पाती है या नहीं।
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