राँची : झारखंड की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी जिलों के DC को निर्देश दिया है कि वे 15वें वित्त आयोग की स्वास्थ्य मद में मिली राशि का 50 प्रतिशत खर्च अक्टूबर के मध्य तक सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जब तक 50 प्रतिशत राशि का उपयोग नहीं होगा, तब तक केंद्र से 1020.27 करोड़ रुपये की बकाया राशि पर दावा नहीं किया जा सकेगा। सोमवार को मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य मद की प्रगति की समीक्षा बैठक की। उन्होंने तमाम DC को मिशन मोड में काम करने और इसके लिए एक्शन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि काम की गति पर लगातार नज़र रखी जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि जहां भवन निर्माण पूरा हो चुका है, वहां तुरंत स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल की जाएं। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि भवन बनकर तैयार है तो उसका उपयोग भी सुनिश्चित होना चाहिए। साथ ही हर सप्ताह इसकी समीक्षा करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन भवनों का निर्माण पूरा हो गया है, उनका भुगतान कर दिया जाए और संबंधित डाटा को समय पर अपडेट किया जाए। जरूरत पड़ने पर संबंधित विभाग से संपर्क कर समस्याओं का समाधान कराने पर भी जोर दिया गया। बैठक के दौरान उपायुक्तों ने बताया कि बारिश की वजह से काम की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन 15 अक्टूबर तक 50 प्रतिशत काम पूरा कर लिया जाएगा।
1344 करोड़ से बन रहे स्वास्थ्य केंद्र
15वें वित्त आयोग की राशि से झारखंड के विभिन्न इलाकों में 1344.08 करोड़ रुपये की लागत से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई (BPHU), शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (UAAM) और पीएम आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना (PM-ABHIM) के तहत स्वास्थ्य ढांचे का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत किया जा रहा है।
अभी और बनेंगे 168 स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि निर्माण के लिए जमीन चयन में अंचलाधिकारियों का सहयोग लें। उन्होंने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लाभुकों का KYC कराने में आपूर्ति और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि राज्य में 168 नए स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की योजना है। इन्हें विशेषकर सुदूर ग्रामीण और आदिम जनजातीय क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा। उपायुक्तों से कहा गया कि वे 15 दिनों के भीतर स्थान चिह्नित कर प्रस्ताव भेजें। इसके अलावा 948 पंचायतों में स्वास्थ्य उप केंद्र भी बहाल करने की योजना है।
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