भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ताजा बुलेटिन में कहा है कि मलेशिया और उससे सटे मलक्का स्ट्रेट के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र लगातार मजबूत होता जा रहा है और धीरे-धीरे बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है।
IMD ने कहा है कि कोमोरिन और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के आस-पास के इलाकों में 25 नवंबर के आसपास इसकी वजह से एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटों में इसके दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर एक अवदाब में बदलने की बहुत संभावना है। इसके बाद यह सिस्टम 26 नवंबर के आसपास 'चक्रवात सेन्यार' (Cyclone Senyar) का रूप ले सकता है। इसकी वजह से अंडमान से लेकर ओडिशा के तटीय इलाकों तक 25 से 29 नवंबर के बीच भारी बारिश होने की संभावना है।
IMD ने कहा है कि यह निम्न दबाव का क्षेत्र लगातार पश्चिम-उत्तर और उत्तर दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसके अगले 48 घंटों में दक्षिण बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक, इसकी वजह से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 25-29 नवंबर के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है, जबकि तमिलनाडु में 25-27 के दौरान, केरल और माहे में 24-26, लक्षद्वीप में 24, तटीय आंध्र प्रदेश में 29 नवंबर को भारी वर्षा होने की बहुत संभावना है और तमिलनाडु में 24 और 28-30 नवंबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में 30 नवंबर को बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इस दौरान हवाएं 65 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकती हैं और मूसलाधार बारिश हो सकती है।
*24 घंटों में चक्रवाती तूफान बन जाएगा*
मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र से रविवार को कावेरी डेल्टा, तमिलनाडु के दक्षिणी और दक्षिणी तटीय जिलों में भारी बारिश हुई है और अगले 24 घंटों में यह चक्रवाती तूफान में तब्दील हो जाएगा। IMD ने यह भी कहा है कि मंगलवार से एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की भी संभावना है, जिससे उत्तरी-पूर्वी मानसून की सक्रियता और बढ़ जाएगी। IMD के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व अरब सागर में निचले क्षोभमंडल में भी एक ऊपरी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसकी वजह से दक्षिण के राज्यों में अगले कुछ दिनों में तेज बारिश होने की उम्मीद है।
*अभी मुख्य भूमि से लगभग 1,000 KM दूर*
आईएमडी की तरफ से जारी ताजा अपडेट के मुताबिक, फिलहाल यह सिस्टम मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के आसपास सक्रिय है और धीरे-धीरे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रही है। यह सिस्टम अभी मुख्य भूमि से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर है, इसलिए इसके सटीक रूट और असर के बारे में साफ जानकारी आज शाम तक मिल सकेगी। चक्रवात से निपटने के लिए भी IMD ने चेतावनी जारी की है और कहा है कि दक्षिण अंडमान सागर में में 27 नवंबर तक मछुआरे न जाएं। वहीं दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में 25 से 28 नवंबर तक मछुआरों के जाने पर चेतावनी जारी करते हुए प्रतिबंध लगाने की सलाह दी है। मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु, पुदुचेरी, और श्रीलंका के तटीय इलाकों में 29 नवंबर तक और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों के लिए यह चेतावनी 30 नवंबर तक जारी की गई है।
*Cyclone Senyar नाम का क्या अर्थ*
मौसम वैज्ञानिकों का आंकलन है कि 26 नवंबर के बाद यह तूफान तमिलनाडु-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ेगा या उत्तर की ओर मुड़कर ओडिशा-बांग्लादेश की तरफ मुड़ सकता है। इसीलिए IMD ने कहा है कि अगला 48 घंटा काफी अहम है। चक्रवात का नाम सेन्यार (Cyclone Senyar) संयुक्त अरब अमीरात ने दिया है, जिसका अर्थ 'शेर' होता है।





























