सरायकेला: सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष, प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक हस्ती मनोज चौधरी ने भारत सरकार के रेल मंत्रालय (दक्षिण पूर्व रेलवे) के दक्षिण पूर्व रेलवे जोनल के परामर्शदात्री (ZRUCC) द्वारा आहूत बैठक होटल ताज बंगाल कोलकाता में शामिल हुए, बैठक से पूर्व उन्होंने महाप्रबंधक अनिल कुमार मिश्रा को पुष्प गुच्छ भेंट कर शिष्टाचार मुलाकात की बैठक में उन्होंने छऊ कला की नगरी सरायकेला जिला मुख्यालय को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग जोरदार तरीके से रखी इस संबंध में उन्होंने बैठक में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक रहा है। वर्ष 2014 से भारतवर्ष में यात्रा हेतु रेलवे का किफायती, सुरक्षित, सुदृढ़ मजबूत नेटवर्क तैयार हो रहा है। देशवासियों की सुविधा हेतु रेलवे की प्रतिबद्धताओं के अनुसार सभी जिला मुख्यालयों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ना, तेज गति ट्रेनों के संचालन, स्वदेशी निर्माण और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने की जनहितकारी, परिवर्तनकारी संकल्प के साथ भारत ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपने रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर और मजबूत करने की दिशा में निरंतर प्रगति की है भारत के सुदूर इलाकों में भी रेलवे का नेटवर्क पहुंचाने का काम तीव्र गति से किया जा रहा है सरायकेला को रेलवे नेटवर्क से जोड़ना इसलिए आवश्यक है कि सरायकेला खरसावां जिला मुख्यालय का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है परन्तु रेलवे कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण शिक्षण मेडिकल व्यापार से जुड़े सभी कार्य प्रभावित हो रहे हैं सरायकेला झारखंड की कला संस्कृति की राजधानी है सरायकेला से निकला वैश्विक छऊ नृत्य की गुंज देश ही नहीं वरन् विदेशों में भी है।
देश के सर्वोच्च सम्मानों से एक पद्मश्री सम्मान सरायकेला के 7 महान विभूतियों को मिल चुका है। सरायकेला की मूल भाषा ओड़िया है और सरायकेला वासियों के अधिकतर रिश्तेदार ओडिशा से जुड़े हुए हैं। सरायकेला खरसावां जिले में एशिया का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है ओद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले परिवहन सुविधा नहीं होने के कारण मजबूरी में राजनगर, तीतरबिला कोयलाडूंगरी नेगटासाई क्षेत्र से लगभग 25000 मजदूर प्रतिदिन साईकिल की यात्रा कर गम्हरिया आदित्यपुर जाते हैं।
दुसरी मांग सीकेपी मंडल के सबसे अधिक राजस्व देने वाले (13000 करोड़) कोल्हन कमिश्ररी चाईबासा जिला मुख्यालय में रेलवे सुविधाएं कई दशकों से नहीं के बराबर है कोल्हन कमिश्ररी चाईबासा जिला मुख्यालय से देश की कनेक्टिविटी की बात छोड़िए नजदीक के बड़े शहर टाटानगर, राज्य की राजधानी रांची और देश की राजधानी नई दिल्ली जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के लिए भी कोई रेलवे सुविधा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है रेलवे द्वारा यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराना रेलवे मंत्रालय और भारत सरकार की प्रतिबद्धताओं में है इसलिए चाईबासा कमिश्ररी मुख्यालय में पैसेंजर यार्ड (टर्मिनल)का निर्माण अति आवश्यक है। जिससे टाटानगर स्टेशन का लोड भी कमेगा एवं टाटानगर से खुलने वाली कुछ ट्रेनों को री-शेड्यूल करते हुए चाईबासा से चलाया जा सकेगा एवं वर्तमान चाईबासा से सुबह के समय चाईबासा -रांची, चाईबासा -हावड़ा और चाईबासा-पुरी, चाईबासा-नई दिल्ली के लिए ट्रेन की सुविधा मुहैया कराने एवं चक्रधरपुर मंडल में ट्रेनों के लेट चलने, अचानक ट्रेनों का रद्द करने पर होने वाली परेशानी से अवगत कराया एवं दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर, रांची, आद्रा, खड़गपुर मंडलों के स्टेशनों, यात्रियों और आम जनता के हितों में कई मांग रखी बैठक में सांसद विद्युत वरण महतो, प्रताप सारंगी, ज्योतिर्मय सिंह महतो सहित कई सांसद विधायक, रेलवे के अधिकारी एव जेडआरयूसीसी के सदस्य उपस्थित थे।
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